तू ड्रोन उड़ाएगा ,हम पतंग से काट देंगे!
एक निवाला मुँह में डालते समय किसानों के चेहरे को देख याद करना चाहिए।
सभ्यता के सबसे सभ्य मानव किसान हैं। इनके पास ज्ञान का असीम भंडार है ,सिवाय बेईमानी को छोड़कर। इसे जो छलता है, उसे वे नहीं छोड़ते हैं। सबसे अधिक कठिन परिश्रम करने वाले किसान ही होते हैं ,जाड़ा ,गर्मी बरसात में भी वे खेतों में ही रहते हैं। यही कारण है कि वे सभी आपदाओं को सह लेते हैं। शारीरिक बल में कोई जोर नहीं है, इसके अलावा कुश्ती,लाठी चलाने में भी कोई मुकाबला नहीं कर सकता है। किसानों के जुगाड़ के भी कोई तोड़ नहीं है। आसमान देखकर मौसम को मालूम कर लेते हैं । हस्तकला का कोई जोर नहीं है ।रस्सी ,पगहा , बीज भंडारण ,बीज रोपण ,पशुपालन करना ,हर तरह की खेती,सब्जी ,फल,बाग ,बगीचा ,कपड़े के लिए कपास, ईख से गुड़ ,दूध,दही,घी ,मिठाई सब किसानों से आते हैं। जब थाली में खाते हैं वो सब किसानों के खून पसीने हैं। किसानों पर मारी गई एक एक लाठी का हिसाब ब्याज सहित वसूल हो जाएगा।सरकार किसानों के विरोध से बचने के लिए क्या क्या तरकीब नहीं अपना रही है? ड्रोन किसानों के खेतों में नैनों खाद छिड़काव के लिए बढ़ावा दे रही थी लेकिन इसका प्रयोग किसानों को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं।किसान पतंग उड़ाकर ड्रोन को गिरा दे रहे हैं। पुलिस की लाठी के प्रहार को किसान लाठियों से रोक रहे हैं । देश में किसानों, मजदूरों की हक की बात करने वाले कोई नहीं है । देश की अर्थव्यवस्था व आर्थिक विकास में किसानों की देन को अनदेखी नहीं कर सकता है।किसान इतने ताकतवर हैं कि किसी भी सरकार को धूल चटा सकते हैं।देश के बेरोजगार युवाओं व किसानों का आंदोलन इसी तरह कायम रहा तो निरंकुश सरकार को जाते देर नहीं लगेगी। किसानों के हित की लिये लच्छेदार भाषण देने वाले की कमी नहीं है लेकिन जब सरजमीं पर काम करने की बात आती है तो तारे गिनने लगते हैं। राजनेताओं को सारी सुख सुविधा चाहिए । देश के नेता स्वर्गलोक में रहते हैं भले नॉटंकी गरीबों के लिए करें,आंखों से आंसू बहाए ,भावनात्मक कहानियां कह कर देश को धोखे में रखता है। निकम्मे राजनेताओं को बोझ देश कैसे झेल रहा है कभी देशवासियों से जाकर पूछ लें कोई।
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