चंदा के करने वाले धंधा ! ( कविता )- प्रसिद्ध यादव।
चोर ..है या चोरों का सरदार !
देश का विक्रेता है या है चंगेज खान ?
क्या समझा है जनता को अंधा?
चंदा के करने वाले धंधा !
चोर ..है या चोरों का सरदार !
ईडी का भयादोहन करके
माल खूब बनाया है
देश के हर शहर में
दफ़्तर आलीशान बनाया है।
चंदा के करने वाले धंधा !
चोर ..है या चोरों का सरदार !
चुनावों में करता पैसों का खेल
विरोधी को भेजता केवल जेल
संवैधानिक संस्थाओं को बनाया रखैल
चंदा के करने वाले धंधा !
चोर ..है या चोरों का सरदार !
देश का कैसा अमृत काल है?
साहेब के यार मालामाल है ।
देश की 40 फ़ीसदी जनता कंगाल है ।
ये तो विष काल है।
चंदा के करने वाले धंधा !
चोर ..है या चोरों का सरदार !
चंदा के बदले ईडी से राहत
बड़े - बड़े ठेके ,ऊंचे - ऊंचे ओहदे
जुबां पर सिर्फ़ नफरत ही नफ़रत
जुमले और फर्जी बात ।
चंदा के करने वाले धंधा !
चोर ..है या चोरों का सरदार !
कैसा आया रामराज्य ?
राज के लिए राम का ब्यापार
फूंकता शंख करता ढोंग
भोलेभाले से करता जोक ।
चंदा के करने वाले धंधा !
चोर ..है या चोरों का सरदार !
जनता सब देख रही है
तेरी करनी से सिसक रही है।
उल्टा टांगने वाले
उल्टा टंगवाने की बात कह रहा है।
कालचक्र घूम जायेगा
एक दिन खुद ही उल्टा टंग जाएगा।
चंदा के करने वाले धंधा !
चोर ..है या चोरों का सरदार !
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