शत प्रतिशत मतदान करें!

 

    



  स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए शत प्रतिशत मतदान जरूरी है। आपके मत से जनप्रतिनिधि चुने जाते हैं और उन  जनप्रतिनिधियों के द्वारा    बहुमत की सरकार बनती है।  इसके बाद जो सरकार बनती है, उस सरकार की नीति व अन्य क्रिया  - कलापों से जनता प्रभावित होती है।  अगर ऐसे में कोई मतदान नहीं करता फिर भी उसे सरकार की फरमानों को मानने के लिए बाध्य होना पड़ता है। ऐसे में क्यों न शत प्रतिशत मतदान कर अपने मन की सरकार को चुनें। निर्वाचन आयुक्त के अनुसार  दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में 95 करोड़ से ज्यादा वोटर हैं. इनमें 45 करोड़ से ज्यादा महिला मतदाता हैं. पहले चुनाव में 45 फीसदी से बढ़कर वोट प्रतिशत अब 80 फीसदी तक पहुंच गया है.  30 फीसदी वोटर औसतन वोट नहीं कर पाते. उनको वोटिंग की सुविधा देने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत है।
    इस लोकसभा चुनाव में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का नतीजा बताता है कि छह फीसदी नए वोटर्स जुड़े हैं. इनमे महिलाओं की हिस्सेदारी ज्यादा है. देश की कुल आबादी का 66.76 फीसदी युवा हैं यानी वोट देने वाले बालिग लोग हैं.
आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 18 से 29 साल उम्रवर्ग में दो करोड़ नए मतदाताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. देश में कुल मतदाताओं का ग्राफ 96.88 करोड़ तक पहुंचा है जो 2019 के आम चुनाव के बाद से छह फीसदी इजाफे की तस्दीक करता है. स्पेशल समरी रिवीजन यानी मतदाता सूची का सामयिक पुनरीक्षण 2024 के तहत महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले बाजी मारी है. एसएसआर  2024 के मुताबिक 2.63 करोड़ नए मतदाताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. उनमें से 1.41 करोड़ महिला मतदाता हैं. जबकि इनमें पुरुष मतदाताओं की हिस्सेदारी सिर्फ 1.22 करोड़ ही है. वोटर्स का लैंगिक अनुपात भी 2023 में 940 था, जो इस साल 2024 में  948 हो गया है. यानी हजार पुरुषों के मुकाबले 948 महिला वोटर हैं
आज भी बहुमत की सरकार को 50 फीसदी से अधिक वोट नहीं मिलती है। इसका मतलब है कि देश के आधे से अधिक लोगों के इच्छा के बिना देश में सरकार बन जाती है।

Comments

Popular posts from this blog

डीडीयू रेल मंडल में प्रमोशन में भ्रष्टाचार में संलिप्त दो अधिकारी सहित 17 लोको पायलट गिरफ्तार !

जमालुद्दीन चक के पूर्व मुखिया उदय शंकर यादव नहीं रहे !

यूपीएससी में डायरेक्ट लेटरल एंट्री से बहाली !आरक्षण खत्म ! अब कौन धर्म खतरे में है !