बूथ एजेंट हर हाल में मतदान समाप्ति के बाद फॉर्म 17 c पीठासीन अधिकारी से जरूर लें।-प्रसिद्ध यादव।
0612 -2219545 पटना डीएम ,9431822967 एसएसपी पटना ,8235991725 ऑब्ज़र्वर को वोटिंग के समय किसी गड़बड़ी को शिकायत कर सकते हैं। डरे नहीं,निर्भीक होकर अपने वोट को दें।याद रखें !यह इक्कीसवीं सदी है।यहां कोई भय ,लोभ देकर अपने पक्ष में मतदान नहीं करवा सकता है।
फॉर्म 17 c अवश्य लें ।ऐसा करने से टोटल वोट ,एवीम का यूनिट नम्बर, पीठासीन अधिकारी हस्ताक्षर रहते हैं।ऐसे में गिनती के समय मिलान करने में आसान होती है। अगर एवीम में छेड़छाड़ या बदलने का शक हो तो पकड़ा जा सकता है। कपिल सिब्बल ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हर मशीन में एक ऑपरेटिंग सिस्टम होता है, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में भी यह सिस्टम है। ईवीएम के इस लॉग को सुरक्षित रखा जाना चाहिए। यह हमें बताएगा कि मतदान किस समय समाप्त हुआ और कितने वोट अवैध थे। यह हमें बताएगा कि किस समय वोट डाले गए। इसलिए, यह सबूत है जिसे सुरक्षित रखा जाना चाहिए।
सिब्बल ने कहा कि चुनाव आयोग आम तौर पर मतदान का डेटा को 30 दिनों तक रखता है। चुनाव आयोग ना तो फॉर्म 17सी को वेबसाइट पर अपलोड करना चाहती है। चुनाव आयोग हमें यह जानकारी नहीं देना चाहती है कि मतदान के दौरान कितने वोट पड़े। हम यह भी जानना चाहते हैं कि जब मतदान के कुछ घंटे बाद चुनाव आयोग मतदान प्रतिशत का खुलासा कर देती है तो कुछ दिनों बाद वो मतदान प्रतिशत बढ़ कैसा जाता है।
इससे पहले 24 मई मतदान के पूरे आंकड़े देरी से जारी होने पर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत के आंकड़े उसकी वेबसाइट पर अपलोड करने के संबंध में कोई निर्देश देने से इनकार कर दिया है।
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