अपने मिशन पर ध्यान दें! फालतू बकवास पर नहीं!

  


" एक घर छूटे नहीं, एक वोटर छूटे नहीं" मेरा पंच लाईन है।-प्रसिद्ध यादव।

एक कप चाय पिलाने में आपका 1 घण्टा समय बर्बाद कर देगा।अलूलजलूल सवालों में अफवाहों में फंसा कर आपका समय नष्ट कर देगा।आप सभी को नहीं समझा सकते हैं।अगर वो समझ भी गया तो आपके साथ नहीं होगा। आप अपने लक्ष्य को भेदें।जब झूठ ,फरेब चरम पर हो तब समझिए कि आप अपने मिशन के करीब हैं। कहीं न कहीं आपके प्रतिद्वंद्वी में पराजय का बौखलाहट है। यकीन मानिए पैरों के तले के जमीन खिसक गया है।बस अंतिम चरण तक न रुकना है, न थकना है। आपके प्रतिद्वंद्वी के पास ढोंग,झूठ के सिवाय कोई जवाब नहीं है।इस बार धूर्तता, लफ्फाजी लोग समझ गए हैं।जिसके घर में बेरोजगार युवा बैठा है, चार साल के मजदूर जैसा अग्निवीर को,महंगाई को, नोटबन्दी को आदि को लोग समझ गए हैं। koyta से लेकर साहिब तक हालत पतली है, बाकी का हश्र क्या होगा ? मालूम हो गया है। एक संसदीय क्षेत्र में सैंकड़ों बूथ होते हैं।याद रखिए अगर एक बूथ पर 50 वोटर्स  आलस में वोट नही दिए और इतने ही वोटर्स ट्रेंड नहीं होने से गलत वोट डाल दिया तो कम से कम एक लाख वोट्स का नुकसान होता है और देश में 90 फीसदी सीटों पर इससे कम अंतर पर हार जीत होती है। " एक घर छूटे नहीं, एक वोटर छूटे नहीं" मेरा पंच लाईन है।अगर इस लक्ष्य को ईमानदारी से साध ली तो मेरा दावा है कि आप क्योटा से लेकर साहिब तक जीत की परचम लहरा सकते हैं।न लोभ,न लालच,न भय होना चाहिए।याद रखिए! आप मे इतना दम है कि आप न किसी से कम है।आपसे ज्यादा कोई स्मार्ट नहीं है। अपने अंदर कभी हीन भावना नहीं आने दें। आप अकेला 10 पर भारी हैं। जय हो!विजय हो!

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