हिट वेव के बीच मतदान बना जानलेवा !
एसी में बैठकर तुगलकी फरमान जारी करने वाले चुनाव आयोग को हिट वेव से क्या लेना देना? कोई मरे ,कोई जिये ! चुनाव हो ! बस।
चुनाव आयोग को मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए चुनाव की तारीखें तय करना चाहिए था। अंतिम मई और शुरुआत जून में देश में प्रचंड गर्मी पड़ती है। नतीजा, मतदानकर्मी से लेकर मतदाता हिट वेव के शिकार हो रहे हैं। यह चुनाव 7 चरणों के बजाय तीन चार चरणों में भी समाप्त हो सकता था तथा मई के प्रथम सप्ताह तक खत्म हो जाता, लेकिन शायद चुनाव आयोग को मई के अंत तक हिट वेव का अंदाजा नहीं थी या मौसम विभाग से राय मशविरा नहीं किया।नतीजा, दर्जनों मतदानकर्मी हिट वेव के शिकार हुए और अपने प्राण गंवा बैठे। मतदान प्रतिशत कम होने का प्रमुख कारण भी यही है। इस भीषण गर्मी में घण्टों लाइन में लगकर वोट देना जान जोखिम में डालना जैसा हो गया है। बिहार में आसामन से आग बरस रही है. सूर्य की तपिश ऐसी है कि लोग इसको नहीं झेल पा रहे हैं. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिहार में भीषण गर्मी से बीते 48 घंटे में 44 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में चुनाव ड्यूटी में तैनात एक एएसआई और एक जवान भी शामिल है. इधर मौसम विभाग ने सीवियर हीट वेव का अलर्ट जारी किया है.वहीं औरंगाबाद जिले में हीटवेव का असर दिख रहा है. यहां पिछले 24 घंटे में गर्मी से 18 लोगों की मौत हो गई है. 12 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कुछ मृतकों के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है. हालांकि कुछ के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.जिले के अलग अलग थाना क्षेत्र में पिछले 48 घंटे में अब तक तीन की मौत हो चुकी है. बुधवार के दिन सबसे पहले सिकरौल थाना क्षेत्र के सड़क किनारे से यूपी के रहने वाले एक युवक का शव मिला. स्थानीय लोगों ने बताया की धूप लगने के कारण इसकी मौत हो गई है. शरीर पर कहीं भी जख्म के निशान नहीं थे. वही देर रात नावानगर थाना क्षेत्र में एक बीएमपी जवान की मौत हो गई है. जबकि आज इटाढ़ी पीएचसी के एक कर्मी को सदर अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया .मौसम विभाग चेतावनी दे रहा है कि सुबह 10 बजे से शाम 3 बजे तक घरों में रहें ,धूप में न निकलें। क्या यह मतदान कर्मियों व मतदाताओं के लिए संभव है?नहीं।नतीजा, लोग असमय काल के गाल में जा रहे हैं।
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