बिहार में एक सप्ताह में 3 पुल गिरे ! मंगलराज में मंगलगीत ही गाएं!
बिहार में लगातार पुलों के गिरना आश्चर्यजनक व चिंतनीय है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? जांच कमेटी बनेगी ,जांच होगी चलती रहेगी । अब तो पुल गिरने का कारण नदी की चाल चलन बताया जा रहा है। अगर नदी नदी की चाल चलन ठीक नहीं है, चरित्रहीन बता रहे हैं तो फिर वहां पुल निर्माण क्यों? भ्रष्टाचारियों ने अपने बचाव में ऐसे ऐसे तर्क कुतर्क गढ़ रहे हैं कि सामान्य व्यक्ति भी समझ जाता है कि जबरदस्त झूठ बोला जा रहा है। नीट, यूजीसी आदि पेपर लीक में इसी तरह के दिग्भ्रमित करने वाले बयान मंत्रियों के आ रहे थे। जिस राज्य में चूहों के काटने से बांध टूटू जाते हैं, मालखाना से लाखों लीटर शराब पी जाते हैं ।ऐसे मंगलराज पर शोक गीत नहीं मंगल गीत ही आंखें बंद कर गाएं। शनिवार की रात मोतिहारी जिले के घोड़ासहन प्रखंड के अमवा से चैनपुर स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क पर बनाया जा रहा करीब 45 फीट लंबा पुल गिर गया। एक हफ्ते के अंदर यह तीसरा पुल है जो गिर गया। इससे पहले अररिया और सिवान में निर्माणाधीन पुल गिर चुका है। इस पुल का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कराया जा रहा था।
इसकी कुल लागत एक करोड़ 59 लाख 25 हजार 602 रुपए की है। शनिवार को इसकी ढलाई होने के कुछ देर बाद रात में यह गिर गया। हालांकि पुल निर्माण के लिए जिम्मेदार अफसर इसे अपने विभाग की लापरवाही मानने की बजाए असामाजिक तत्वों की करतूत बताई। मोतिहारी में बन रहे इस पुल का शिलान्यास बीजेपी की पूर्व सांसद रमा देवी ने 10 मार्च किया।भ्रष्टाचारियों के लिए कितने पुल अभी कुर्बान होगी ,देखते जाइये।
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