हे परीक्षाओं के रहस्य बताने वाले ! परीक्षाओं के पेपर लीक पर मौन क्यों हैं? ( कविता ) - प्रसिद्ध यादव।
हे अवतारी पुरूष ! ये असाध्य रोग नही दिखता ।
सिंहासन पर बैठे धृतराष्ट्र हो गए क्या?
मणिपुर में महिलाओं को नग्न घुमाई गयी
रेवन्ना दुष्कर्मो के शतक लगा दिया ।
हे परीक्षाओं के रहस्य बताने वाले !
परीक्षाओं के पेपर लीक पर मौन क्यों हैं?
हे योग पुरूष ! बिहार में धराधर पुल गिर रहे
डबल इंजन ,मंगलराज में अमंगल क्यों?
कैसी है तेरी सुरक्षा कवच ? आपस में भिड़ती ट्रेनें
हे परीक्षाओं के रहस्य बताने वाले !
परीक्षाओं के पेपर लीक पर मौन क्यों हैं?
हे चाय पुरूष ! इतनी महंगी हो गई अब
चाय की मिठास खत्म हो गई ।
कुछ भी हो देश में !
जिम्मेवारी नहीं लेने की कसम खाई है ।
हे परीक्षाओं के रहस्य बताने वाले !
परीक्षाओं के पेपर लीक पर मौन क्यों हैं?
हे उद्घाटन पुरूष ! जैसे झंडी दिखाते हैं
वैसे जिम्मेवारी भी लें।
ये देश चार यार भर नहीं
एक सौ चालीस करोड़ का नाम है ।
देश से व्यापार नहीं,प्यार होता है
देशवासियों को तंगहाल, बदहाल नहीं
खुशहाल रखना पड़ता है ।
जनता बड़ी ताकतवर होती है।
इस बार रस्सी जली है
अबकी ऐंठन भी छूट जाएगी ।
हे परीक्षाओं के रहस्य बताने वाले !
परीक्षाओं के पेपर लीक पर मौन क्यों हैं?
हे अहंकारी! अहंकार छोड़
जन जन से प्यार करो
यही लोकतंत्र, समाजवाद ,दर्शन है।
हे परीक्षाओं के रहस्य बताने वाले !
परीक्षाओं के पेपर लीक पर मौन क्यों हैं?
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