बढ़ती रेल दुर्घटनाएं चिंताजनक!
रेलवे में रेलकर्मियों की कमी के कारण रेलकर्मी तनाव में काम करते हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन को बताया था कि 1 जुलाई 2023 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देश भर में कुल 3,04,143 पद खाली हैं। इनमें ग्रुप ए में 1965, ग्रुप बी में 105 पद और ग्रुप सी में 248895 पद खाली हैं। इनके अलावा ऑपरेशनल सेफ्टी श्रेणियों में 53,178 पद खाली हैं।
भारतीय रेलवे ने रेल सुरक्षा के लिए ₹1,78,012 करोड़ आवंटित किए, जो वित्त वर्ष 2024 के बजट अनुमान को कवर करता है। औसत वार्षिक व्यय ₹17,801 करोड़ था, जो 2014 से पहले सुरक्षा व्यय की तुलना में 2.5 गुना की वृद्धि दर्शाता है। 2004-14 की अवधि के दौरान प्रतिवर्ष 171 रेल दुर्घटनाएं हुई हैं. जबकि 2015 से 2023 तक 449 रेल दुर्घटना हुई हैं. 2014-23 की अवधि के दौरान प्रतिवर्ष 71रेल दुर्घटनाएं हुई हैं.
बंगाल के दार्जिलिंग जिले में निजबाड़ी स्टेशन के पास सोमवार सुबह करीब नौ बजे सिग्नल तोड़कर तेजी से आगे जा रही मालगाड़ी ने अगरतला से सियालदह जा रही कंचनजंघा एक्सप्रेस ट्रेन को पीछे से टक्कर मार दी।
इससे कंचनजंघा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से की चार बोगियां मालगाड़ी के ईंजन के ऊपर और आसपास उछल गईं। इस दुर्घटना में मालगाड़ी के चालक और पैसेंजर ट्रेन के गार्ड समेत तीन रेल कर्मचारियों और छह यात्रियों की मौत हुई है जबकि 41 लोग घायल हुए हैं। घायलों को सिलीगुड़ी के अस्पताल में दाखिल कराया गया है। इनमें नौ की हालत गंभीर है। हादसे की वजह से इस रेल मार्ग पर दर्जनों ट्रेनें रद कर दी गईं, जबकि दो दर्जन ट्रेनों के रूट बदले गए। प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रत्येक मृतक के स्वजन को दो लाख रुपये व प्रत्येक घायल को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मारे गए यात्रियों के परिवार को दस-दस लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है। गंभीर रूप से घायलों के लिए ढाई लाख और मामूली चोट वाले यात्रियों को 50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।रेल मंत्रालय रेलवे में कम से कम दुर्घटना हो इसके लिए गंभीरता से विचार करना चाहिए।
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