नीट में धांधली पर नरेन्द्र मोदी इस पर मूकदर्शक क्यों बने हुए हैं? -खड़गे ।

   


    कांग्रेस ने चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश से जुड़ी परीक्षा ‘नीट-स्नातक’ में कथित धांधली के लिए इसे ‘व्यापम 2.0’ करार दिया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस पर मूकदर्शक क्यों बने हुए हैं।

मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि इस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में फोरेंसिक जांच होनी चाहिए।

इधर बिहार में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा थोथी दलील देकर तेजस्वी यादव को बदनाम कर अपनी नाकामियां छुपा रहे हैं। केंद्र से लेकर राज्य तक सरकार है फिर अपनी जिम्मेदारियों से क्यों भाग रहे हैं।यही हाल जदयू के नेता नीरज कुमार जो बिना सिर पैर के उटपटांग बयान देने के लिए  सोहरत हासिल करते रहता है। 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बयान में आरोप लगाया कि मोदी सरकार और शिक्षा मंत्री व राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने नीट घोटाले की लीपापोती चालू कर दी है।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘अगर नीट में पेपर लीक नहीं हुआ तो बिहार में 13 आरोपियों को पेपर लीक के चलते गिरफ़्तार क्यों किया गया? क्या रैकेट में शामिल शिक्षा माफिया व संगठित गिरोह को पेपर के बदले 30-50 लाख रुपये तक के भुगतान का पटना पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पर्दाफ़ाश नहीं किया? गुजरात के गोधरा में नीट-स्नातक में धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ नहीं हुआ है? ’’

उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘अगर मोदी सरकार के मुताबिक़ नीट में कोई पेपर लीक नहीं हुआ तो ये गिरफ़्तारियां क्यों हुई? इससे क्या निष्कर्ष निकला? क्या मोदी सरकार देश की जनता की आंखों में पहले धूल झोंक रही थी या अब?’’

खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 24 लाख युवाओं के अरमानों का गला घोंटा है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘इन एक लाख सीट (एमबीबीएस की) में से क़रीब 55,000 सरकारी कॉलेज की सीट हैं जहां एससी, एसटी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए सीटें आरक्षित होती हैं। मोदी सरकार ने एनटीए का दुरुपयोग कर स्कोर और रैंक की ज़ोरदार धांधली की है जिससे आरक्षित सीटों का कटऑफ भी बढ़ गया है।’’ ये सब योजनाबद्ध तरीके से वंचितों, बहुजनों समाज को आगे बढ़ने से रोकने का उपाय है और कुछ नहीं।


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