आईजीएमेस के डॉ को उसकी औकात में ला दिया ! -प्रसिद्ध यादव।
पैसों के बल पर शातिराना हरकत करने से कुछ पैसे वाले बाज नहीं आते हैं। अंत में सबसे कमजोर कड़ी जाति का ले आता है कि शायद जाति वर्ग के नाम पर उल्लू सीधा कर लें।
Igms में चंदन यादव हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं और इनकी पत्नी कान की। मेरे गांव में आहर पर 5 कट्ठा जमीन लेकर बॉउंड्री कर सम्सेबल भी करवाये हुए हैं।कभी कोई व्यवधान उत्पन्न नही हुआ। आहर से मुख्य सड़क से जाने के लिए एक रास्ता कनेक्ट है। अब ये शातिर डॉ सिंचाई विभाग से पैरवी करवाकर उस रास्ते के समानांतर रास्ता बनवाने के लिए छठ घाट को ध्वस्त कर पुलिया डालकर भरवा रहा था।मैं शाम में गया उस काम को रुकवा दिया। जब ठीक बगल में एक रास्ता है तो दूसरा रास्ता क्यों।दूसरे रास्ते से 10 गांव की पानी निकासी बन्द हो रही थी, छठ घाट ध्वस्त हो रहा था वो अलग से। कुछ देर बाद डॉ चंदन अपने अमला फमला को लेकर आए, साथ में पंचायत के मुखिया यादव जी को भी। मैं डॉ से घाट ध्वस्त करने का परमिशन मंगा। वो सिंचाई विभाग का हवाला दिया।हम बोले जब कोई इंजीनियर आयेग तब बात होगी। इसके बाद खुद पहले से रास्ता बनाये जाने की बात करने लगा,जो आहर सफाई में कट गया है और यही बोलकर पुनः रास्ता बनाने का कुचक्र रच दिया। " झूठ बोलते हुए थोड़ी शर्म नहीं आती है?आप रास्ता बनाये थे ?" इतना मेरे बोलने पर उसकी बोलती बंद हो गई। मुझसे अपने पलॉट जाने का विकल्प पूछा ? मुखिया जी वहां से हटकर पहले रास्ते का सुझाव दिया, लेकिन इसे बाईपास चाहिए था। कभी अपने डॉक्टरी पेशे का धौंस देने लगा कभी स्वजातीय का। मैं एक लाइन में बोल दिया-असम्भव ।10 गांव को डुबाकर नही हो सकता।मैं इतना कहकर जाने लगा तो तंज कसते हुए वो मुझे बोला - भागिये मत ! इतना सुनते ही मेरा तेवर बिगड़ गया।मैं भागने वाले में से नहीं भगाने वाले में से है।अब तक एक डॉ का लिहाज कर कुछ बोला ही नहीं।इसके बाद जो शुरू किया तो सर से पांव तक पानी पानी कर दिया। बेईमान ने जमीन खरीद कृषि योग्य भूमि की सरकार को टैक्स दिया और साल भर में यह आवासीय हो गया। आवासीय का टैक्स सरकार को दिया है।जहाँ जाकर ,जो करना है कर लो लेकिन तेरी कुटिल चाल हम नहीं चलने देंगे।मैं उसे वही पर मुखिया जी के साथ छोड़कर चला आया। मुखिया जी भी समांतर सड़क बनाने से मेरे फैसले पर सहमति दिए।डॉ मुझसे मेरा परिचय जानना चाहा।मैं बताया और उसे टास्क दिया जितनी एरिया से आगे पुल से पानी का बहाव होता है, उतना ही एरिया से पानी का बहाव होना चाहिए।इसके लिए दोनों पुल के ब्यास को नाप कर मुझे बताये।एक डॉ को ब्यास,त्रिज्या,क्षेत्रफल निकलना चुटकी बजाने जैसा है।हम किसान लोग बेईमानों के मन का गणित जानते हैं। संघर्ष जारी है।
Comments
Post a Comment