देश में बिहार में सबसे ज्यादा 7.50 फीसदी महंगाई है।-प्रो प्रसिद्ध कुमार।
महंगाई आमजन के लिए अभिशाप बन गई है। इसमें बिहार जैसे आर्थिक,सामाजिक, शैक्षणिक रूप से पिछड़े राज्य में देश में सबसे अधिक महंगाई हो तो यहां के लोगों की हालात कैसी होगी ? सहज समझा जा सकता है । बेरोजगारी ,बाढ़ ,सुखाड़ से जूझते लोग अब महंगाई की मार से त्रस्त हैं। बिहार से पलायन का कारण भी बेरोजगारी है। देश में सितंबर महीने के महंगाई के आंकड़ें आ गए हैं. देश में खुदरा महंगाई 9 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गई है. सितंबर में महंगाई 5.49 फीसदी देखने को मिली है. जो कि आरबीआई के टॉलरेंस लेवल से अभी मामूली रूप से कम है. लेकिन देश में अभी आधा दर्जन राज्य ऐसे हैं, जहां पर महंगाई 6 फीसदी से ज्यादा देखने को मिली है. जिनमें उसे दो राज्य 7 फीसदी से ऊपर टाप गए हैं. जी हां, बिहार और छत्तीसगढ़ ऐसे राज्य हैं, जहां सितंबर के महीने में सबसे ज्यादा महंगाई देखने को मिली है. अगर बात सितंबर महीने में सबसे कम महंगाई वाले राज्य की करें तो दिल्ली है. जहां पर अभी 4 फीसदी से कम की महंगाई दर देखने को मिली है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार बिहार और छत्तीसगढ़ में 7 फीसदी से ज्यादा खुदरा महंगाई दर देखने को मिली है. बिहार में सबसे ज्यादा 7.50 फीसदी और छत्तीसगढ़ में 7.36 फीसदी महंगाई दर देखी गई. वहीं दूसरी ओर उत्तरप्रदेश 6.74 फीसदी, ओडिशा 6.56 फीसदी, हरियाणा 6.20 फीसदी और गुजरात में 6.05 फीसदी महंगाई देखी गई.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में 8 राज्यों की लिस्ट ऐसी है, जहां पर 6 फीसदी से कम लेकिन 5 फीसदी से ज्यादा महंगाई दर देखने को मिली है. सितंबर के महीने में मध्यप्रदेश में 5.94 फीसदी महंगाई दर देखी गई. वहीं केरल में ये आंकड़ा 5.52 फीसदी देखने को मिला. राजस्थान 5.31 फीसदी, पंजाब 5.25 फीसदी, तमिलनाडु 5.19 फीसदी, झारखंड 5.15 फीसदी, महाराष्ट्र 5.04 और जम्मू कश्मीर में 5.02 फीसदी देखने को मिली है.
इस महंगाई की दुष्चक्र में फंसे लोगों का हाल बेहाल है।सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को 3 फ़ीसदी महंगाई भत्ता देने की घोषणा कर अपनी कर्तव्य पूरी कर ली लेकिन आमजन के बारे में कोई नीति नहीं है।
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