संजीव हंस व गुलाब यादव ने मिलकर बिहार को दीमक की तरह खोखला किया।

 


अधिक धन की लालच आदमी को कहीं के नहीं छोड़ता है।अवैध रूप से अकूत सम्पति बनाने की भूत सवार होना न केवल अनैतिक है बल्कि देशद्रोह भी है। सबसे ताज्जुब है नीतीश सरकार पर की हंस जैसे भ्रष्ट अधिकारी पर इतना भरोसा क्यों और कैसे किया गया। एक भ्रष्टाचारी का सरकार में इतनी पैठ कैसे बना लिया?

ईडी ने शुक्रवार को दिल्ली और बिहार स्थित संजीव हंस के कई ठिकानों पर पहले छापेमारी की. दिल्ली में संजीव हंस के करीबी प्रवीण चौधरी समेत दो अन्य के ठिकानों पर भी रेड हुई. जांच एजेंसी को इस दौरान संपत्ति में निवेश के कई दस्तावेज हाथ लगे. बैंक में जमा नकदी की भी जानकारी मिली. प्रवीण चौधरी मूल रूप से मधुबनी का रहने वाला है. वह संजीव हंस और गुलाब यादव का करीबी है. संजीव हंस को ईडी उनके आवास से पहले ईडी दफ्तर लेकर गयी. उसके बाद ईडी दफ्तर में ही गिरफ्तार कर लिया

वहीं दूसरी तरह पूर्व विधायक गुलाब यादव को भी को ईडी ने रिसॉर्ट से ही गिरफ्तार कर लिया.  गुलाब यादव और संजीव हंस, संजीव हंस की पत्नी समेत अन्य के खिलाफ मनी लॉंड्रिंग का केस दर्ज किया गया है. पिछले साल संजीव हंस और गुलाब यादव पर यौन शोषण का भी मामला दर्ज हुआ था. वहीं ईडी की रिपोर्ट पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने भी अलग मामला दर्ज किया है.


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