' बिहार का विकास : किस रास्ते ? ' लघु पुस्तिका । समीक्षक - प्रो प्रसिद्ध कुमार।
" बिहार के विकास के लिए चिंतन !"
इस पुस्तिका में बिहार की विभिन्न आर्थिक, राजनीतिक सामाजिक समस्याओं एवम इसके समाधान को लेखक ने रखने का प्रयास किया है लेकिन तथ्यों व आंकड़ों के अभाव में निराशा हुई। बिहार के अतीत को बताने का प्रयास किया गया है लेकिन नाकाफ़ी है।युवाओं के बेरोजगारी पर चिंता व्यक्त की गई है।प्रबुद्ध वर्ग को बार - बार जिम्मेवारी का एहसास दिलाया गया है, राजनीति में अपराधीकरण पर भी लेखक चिंतित हैं।कृषि , उद्योग ,पर्यटन ,जनसंख्या विस्फोट क्षेत्रों में अर्थशास्त्र के अध्याय रखा गया है तो राजनीति में राजनीति शास्त्र के, जो प्रश्नोत्तरी की तरह लगा। छोटी सी पुस्तिका में तथ्यों व आंकड़ों का समावेश होता तो पुस्तिका ज्यादा उपयोगी साबित होती।लेखक पुस्तिका के अंतिम पृष्ठ पर महात्मा गांधी के विचार " मेरे सपनों का भारत "को उद्धरित किया है।
लेखक सामाजिक तानाबाना, पाखंड अंधविश्वास से दूर रहने का संदेश दिया है तो युवाओं को क्रांतिकारी आंदोलन करने का सुझाव दिया है।वैचारिक क्रांति ,युवा शक्ति ,प्रबुद्ध वर्ग,स्वास्थ्य क्रांति ,लेबर पावर ,नॉलेज पावर को जिक्र किया है।इसमें पर्यावरण ,आतंकवाद, अध्यात्म,न्यायपालिका ,तकनीक, जनसंख्या, पर्यटन, उद्योग आदि विषयों के शीर्षक पढ़कर संतोष करना पड़ा। कुरियन,शास्त्री जी को भी याद किया गया है।
इसमें अध्याय व इंडेक्स की कमी रह गई।लेखक का परिचय विस्तार से होना चाहिए था।
' बिहार का विकास : किस रास्ते ? ' लघु पुस्तिका [हिंदी]
लेखकः डॉ महेंद्र सिंह
राजनीतिशास्त्र विभाग
राम लखन सिंह यादव कॉलेज ,अनीसाबाद, पटना - 2
विधाः चिंतन
प्रकाशकः धन श्री प्रिंटर
दरियापुर, पटना -3
पृष्ठ संख्याः 16
मूल्यः सप्रेम भेंट ,सहयोग श्रद्धा से।
समीक्षक - प्रो प्रसिद्ध कुमार
हेड ऑफ डिपार्टमेंट इकोनॉमिक्स
राम लखन सिंह यादव कॉलेज ,अनीसाबाद, पटना।
ब्लॉगर https://prasidhyadavviews.blogspot स्वतंत्र पत्रकार, समीक्षक ( फ़िल्म ,नाटक ,पुस्तक ) ,रचनाकार ।
पोस्ट ग्रेजुएट इन इकोनॉमिक्स , मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म ।
Prasidh 2010@gmail.com
बाबूचक, फुलवारी शरीफ़, पटना।
20 अक्टूबर 2024
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