प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त के साथ उद्यमियों एवं व्यवसायियों की हुई बैठक
पटना। बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इण्डस्ट्रीज की ओर से प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त जयंत मिश्र के साथ चैम्बर प्रांगण में राज्य के उद्यमियों एवं व्यवसायियों की एक बैठक हुई ।
चैम्बर अध्यक्ष सुभाष पटवारी ने अपने स्वागत उद्बोधन में बताया कि राज्य के उद्यमियों एवं व्यवसायियों का बराबर आयकर विभाग से कार्य होने के कारण चैम्बर की यह परम्परा रही है कि जब भी आयकर विभाग के सर्वोच्च पद पर जो भी अधिकारी आते हैं उनके साथ पारस्परिक विचारों का आदान-प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले साल की तुलना में नये करदाताओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। बिहार एवं झारखंड में जो भी बड़ी कंपनियां हैं उनका मुख्यालय दूसरे राज्यों में अवस्थित होने के कारण उनका आयकर का भुगतान भी उसी राज्य में होता है। इस प्रकार बिहार के हिस्से में जो आयकर का संग्रह होना चाहिए वह दूसरे राज्यों के हिस्से में चला जाता है। गत वर्षों में टैक्स संग्रह भी बढ़ा है।
पूर्व अध्यक्ष पी० के० अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि पहले हमलोगों को दिनभर आयकर कार्यालय में रहना पड़ता था। परन्तु आज के समय में काफी सुविधाएँ बढ़ी है। चैम्बर एवं आयकर विभाग का बराबर बहुत ही अच्छा सम्बन्ध रहा है आयकर के सभी योजनाओं को सफल बनाने में चैम्बर ने सहयोग किया है।
चैम्बर के जीएसटी सब कमिटी के चेयरमैन ने बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज की ओर से प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त को एक ज्ञापन समर्पित किया गया जिसके प्रमुख बिन्दु निम्न
हैं :- (1) धारा 154 के तहत करदाता द्वारा दायर सुधार याचिकाओं को प्राथमिकता के आधार पर उचित समय के भीतर निपटारा किया जाना चाहिये।
(2) अपील के निपटान का कार्य उचित समय के भीतर पूरा किया जाना चाहिए जिससे कि मांग को संशोधित किया जा सके/या यदि कोई रिफंड हो तो जारी किया जा सके।
(3) मांग के अनुसार कर/ब्याज का भुगतान कर दिए जाने के बाद भी आयकर अधिनियम के तहत करदाताओं को नोटिस प्राप्त होता है और पोर्टल पर भी दिखाया जाता है। अतः आयकर के पोर्टल पर आवश्यक सुधार कराया जाना चाहिये।
(4) बिहार राज्य के वैसे करदाता जो वैसी कंपनियों का कार्य अनुबंध सेवाएं प्रदान करते हैं जिनका मुख्यालय बिहार के बाहर है उन्हें टीडीएस की कम/शून्य कटौती के लिए प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए यह विभाग एवं करदाता दोनों के लिए फायदेमंद है।
(5) उचित समय के भीतर रिमांड रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाना चाहिए जिससे कि अपीलों का निपटारा में विलंब से बचा जा सके और करों के संग्रह में तेजी लाई जा सके ।
(6) प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त करने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाना चाहिए जिससे कि बगैर किसी मैनुअल हस्तक्षेप के अपेक्षित शुल्क के भुगतान के बाद ऑनलाइन आवेदन कर इसे प्राप्त किया जा सके।
(7) अस्पतालों द्वारा दायर लंबित आवेदनों का शीघ्र अनुमोदन किया जाना चाहिए क्योंकि देरी होने से इलाज करा रहे रोगियों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
(8) एनजीओ/एनपीओ द्वारा यदि फार्म 10 निर्धारित समय सीमा में नहीं भरा जाता है तो करदाता को तीन साल के भीतर देरी की माफी के लिए अनुरोध दायर कर सकता है। क्षमादान देने में देरी के कारण उन पर भारी कर लगाया जाता है जिससे उन्हें वित्तीय कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। अतः ऐसे मामलों का शीघ्रातिशीघ्र निपटारा किया जाना चाहिए।
(9) पिछले कुछ वर्षों से रिटर्न प्रणाली पूरी तरह से स्वचालित कर दिया गया है लेकिन इस स्वचालन के कारण कुछ व्यावहारिक कठिनाईयां भी उत्पन्न हुई है जिसका समाधान किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त जयंत मिश्र ने कहा कि टैक्सपेयर हमारे एम्बेसडर हैं। उनकी समस्या के समाधान के लिए विभाग प्रयत्नशील है और हमारी भी अपेक्षा है कि सही टैक्स सही समय पर भुगतान करें। बिहार राज्य के वैसे करदाता जो वैसी कंपनियों का कार्य अनुबंध सेवाएं प्रदान करते हैं जिनका मुख्यालय बिहार के बाहर है उन्हें टीडीएस की कम/शून्य कटौती के लिए प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए। यह विभाग एवं करदाता दोनों के लिए फायदेमंद है, इसका कार्यान्वयन होगा। आयकर महानिदेशक ने कहा कि पुरे देश में जितना टैक्स संग्रह होता हैं उसका बिहार से मात्र 1 प्रतिशत होता है उसे अवश्य बढ़ाने की आवश्यकता है ।
इस अवसर पर आयकर महानिदेशक, सैयद नासिर अली, तुषार धवन सिंह, कन्हैय लाल कनक, सदाब अहमद, पल्लवी, सौरव उपाध्याय, विजय रंजन सिंह, हिमांशु कुमार के साथ-साथ अन्य वरीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे ।
इस कार्यक्रम में काफी संख्या में राज्य के उद्यमियों एवं व्यवसायियों के साथ-साथ विभिन्न व्यवसायिक संगठन तथा प्रोफेशनल संगठन यथा-भोजपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स, बिहार केमिस्टस एंड ड्रगिस्टस एसोसिएशन, पटना केमिस्टस एंड ड्रगिस्टस एसोसिएशन, पाटलिपुत्रा सर्राफा संघ, न्यू मार्केट दुकानदार कल्याण समिति, इंस्टीच्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट ऑफ इंडिया पटना चैप्टर, इंस्टीच्यूट ऑफ कम्पनी सेक्रेटरी पटना चैप्टर, कमर्शियल टैक्सेज बार एसोसिएशन, बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, बिहार इनकम टैक्स बार एसोसिएशन आदि के प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में भाग लिया एवं आयकर संबंधी समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया ।
कार्यक्रम में उपाध्यक्ष श्री प्रदीप चौरसिया, महामंत्री पशुपति नाथ पाण्डेय, कोषाध्यक्ष सुबोध जैन, पूर्व अध्यक्ष पी० के० अग्रवाल, एन० के० ठाकुर, मुकेश कुमार जैन, विशाल टेकरीवाल, सुनिल सराफ, सीए अरुण कुमार, आशीष अग्रवाल, ए० के० पी० सिन्हा, पवन भगत, अजय गुप्ता, बिनोद कुमार, आशीष प्रसाद के साथ-साथ काफी संख्या में उद्यमियों एवं व्यवसायियों ने भाग लिया ।
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