बड़े भाई सुरेंद्र प्रसाद यादव के पहल पर पटना पूर्व एडीएम (भूमि सुधार) मैत्री सिंह हुई निलंबित !

 



  फुलवारी शरीफ़ अंचल में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है और कार्यवाही के नाम पर टालमटोल किया जा रहा है। खुद मेरे मामले में भी फुलवारी के पूर्व अंचलाधिकारी ,कर्मचारियों व भूमाफिया द्वारा मेरे जमीन पर डबल जमाबंदी कर दिया गया है ।मेरे काफ़ी मशक्कत के बाद अंचल से जांच रिपोर्ट में साबित हुआ कि फर्जी तरीके से जमाबंदी किया गया है और संबंधित व्यक्ति अधिकारी ,कर्मचारियों पर जालसाजी के जुर्म में अब तक कार्यवाही हो जाना चाहिए।इस संदर्भ में मैं फुलवारी अंचलाधिकारी व sdo को पत्र भेजा लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है ना ही मुझे कोई जवाब मिला है।
ऐसे ही भ्रष्ट लोगों से जंग करने वाले फुलवारी कुरकुरी के राजद के वरिष्ठ नेता बड़े भाई सुरेंद्र यादव ने  सुशासन के दम्भ  भरने वाले को कील ठोक दिया है। बिहार की राजधानी पटना में एडीएम (भूमि सुधार) मैत्री सिंह एक भूमि घोटाले में फंसती नजर आ रही है. उनके ऊपर आरोप लगने के बाद पिछले महीने 22 अक्टूबर को उनका ट्रांसफर हो गया तो वह संबंधित फाइलों को लेकर गायब हो गई हैं. यहां तक कि कई बार कहने के बाद भी उन्होंने अब तक ना तो फाइलें लौटाई हैं और ना ही इस संबंध में कोई जानकारी दी है. अब तो उनसे संपर्क भी नहीं हो पा रहा है.

जानकारी के मुताबिक पटना सदर की डीसीएलआर यानी एडीएम (भूमि सुधार) रहीं मैत्री सिंह पर जमीनों के खारिज दाखिल में भारी गड़बड़ी के आरोप लगे थे. इसके बाद 22 अक्टूबर को उनका तबादला हो गया था. इसके बाद भी उन्होंने करीब 255 फाइलों का बैक डेट में निस्तारण कर दिया. यही नहीं, ट्रांसफर होकर जाते समय वह अपने साथ सरकारी दस्तावेज भी उठा ले गईं.

बैक डेट में फाइलों का किया निस्तारण

आरोप है कि मैत्री सिंह ने बडे पैमाने पर और गलत मंशा से फाइलों पर बैकडेट में आदेश पारित किए हैं और इन सभी फाइलों को अपने पास रख लिया है. इनमें से 28 फाइलों को 14 और 15 नवंबर को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा ऑफिस में लौटा दिया गया है. मामले का खुलासा होने के बाद अब पटना के डीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. राजधानी के एसडीएम सदर के मुताबिक इस जांच में पता चला है कि अभी भी 451 फाइलें और भूमि विवाद के 36 अभिलेख गायब हैं.

एडीएम के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम ने लिखा पत्र

अब इस मामले में डीएम ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने एडीएम के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है. मिली जानकारी के अनुसार आठ महीने पहले ही मैत्री सिंह ने नौकरी ज्वाइन की थी. फिलहाल वह विश्वविद्यालय सेवा आयोग में विशेष कार्य पदाधिकारी के पद पर तैनात हैं.
फुलवारी अंचल में भ्रष्टाचार के शिकार अधिवक्ता मित्र नवाब आलम हँ, शायद मेरे और  इस मामले में भी अंचल बड़ी कार्यवाही की ताक में है और अगर समय रहते कार्यवाही नहीं हुई तो  कार्यवाही  होना तय है।
धन्यवाद बड़े भाई सुरेंद्र यादव जी!

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