देवमुनि सिंह यादव जी की प्रथम पुण्यतिथि मनाई गई !

  




श्री कृष्ण चेतना परिषद, पटना!

यादव के संगठन क्षमता से प्रेरणा लेना चाहिए- तेजस्वी यादव।

हर किसी के दुःख सुख में शरीक होते थे - संजीव चौरसिया।

मेरे सूत्रधार नाट्य संस्था के संरक्षक थे।मैं इनकी स्मृति में नाट्य संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा। रंगकर्मी नवाब आलम 


मैं पुण्यतिथि पर उनके क्रियाकलापों पर मंच से संस्मरण बताया - प्रसिद्ध यादव।

आज श्री कृष्ण चेतना परिषद पटना में स्व देवमुनि सिंह यादव की राजद नेता राजदेव यादव की अध्यक्षता में प्रथम पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में नेता ,कार्यकर्ता मौजूद रहे और स्व यादव के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया। पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव, भोला यादव ,संजीव चौरसिया, उदय नारायण चौधरी ,देवकिशुन ठाकुर,आजाद गांधी,नवाब आलम, मो कौसर खान , पृथ्वीराज चौहान,  शैलेश कुमार, संजीव कुमार, अम्बेडकर विद्यार्थी, ललन यादव , मदन मोहन शर्मा ,विक्की यादव, प्रमोद यादव, प्रमोद ठाकुर, कृष्णा ठाकुर ,निराला यादव ,रिंकू यादव , दिनेश पासवान आदि मौजूद थे।

  देवमुनि जी के बिना राजनीति में जो शून्यता आई है, उसे भरपाई करना असम्भव है। वे कार्यकर्ताओं से हमेशा लगाव रखे। आज से करीब  दो साल पूर्व ही वे बिहार पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य मनोनीत हुए थे।कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर थी

मनेर छियान्तर दियारा गांव से जहाँ शहर आने जाने की मुक्कमल रास्ते नही ।6 महीना बाढ़ के पानी से जल मगन रहने वाला क्षेत्र एक किसान मजदूर के युवा छात्र नेता देवमुनि अपनी भारतीय पोशाक धोती कुर्ता धारण किये 1974 के जेपी आंदोलन में कूद पड़े। लोकदल ,दमकीपा जैसे समाजवादी विचारधारा के साथ बह गए। उस वक्त राजनेताओं के साथ रहने वाले को एक अदद सी नॉकरी आसानी से मिल जाती, लेकिन चौधरी चरण सिंह, लोहिया ,कर्पूरी, लालू यादव, मुलायम सिंह, रामबिलास पासवान,, वीपी सिंह, चंद्रशेखर सिंह,रघुवंश प्रसाद के सान्निध्य में रहकर प्रखर समाजवादी नेता बने ।पटना जिला जनता दल और राजद के अध्यक्ष पद पर रहते हर प्रखंडों ,गांवों  के दौड़ा करते रहे ।यही कारण है कि वे सभी जगह लोकप्रिय रहे। अनुशासन प्रिय और लालू यादव जी के अन्योन्य भक्त भी थे।जब लालू जी रेल मंत्री थे तब  मैं भी साथ हाजीपुर जाकर  लेटर दिया था।वब भी ये हाजीपुर जोनल रेलवे में  यात्री परामर्शदात्री के सदस्य थे। इसके बाद रेल मंत्रालय में सदस्य बने थे। यादव लम्बे समय से बीमार रह रहे थे और अन्तोगत्वा हमलोगों के साथ छूट गया।साधन विहीन होकर भी दल को सफलतापूर्वक संचालन किये। पटना जिला के हर प्रखंड में किसी भी धरना प्रदर्शन में पहुंकर कार्यकर्ताओं को जोश भरते थे। पटना में दल का कोई भी कार्यक्रम होता उसकी जिम्मेदारी इनके कंधे पर होती थी। भले ही इनका नश्वर शरीर नहीं रहा, लेकिन इनकी कृतियाँ हमेंशा अमर रहेगी।

 इस अवसर पर यादव की धर्मपत्नी ,चारो पुत्र सहित पूरे परिवार मौजूद थे।

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