संविधान की शपथ लेने वाले कितना करते हैं संविधान का पालन !
शपथ का प्रारूप:— “मैं,.... ईश्वर की शपथ लेता हूँ/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूँ कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूँगा, कि मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूँगा, कि मैं संघ के मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और कर्तव्यनिष्ठा से निर्वहन करूँगा तथा मैं संविधान और विधि के अनुसार सभी प्रकार के लोगों के साथ भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना, न्याय करूंगा।”
इधर कुछ वर्षों से केंद्रीय मंत्री द्वारा हिन्दू राष्ट्र बनाने की घोषणा करना ,धार्मिक, जातीय भेदभाव वाली बातें करना ,क्या संविधान का पालन करना है? भारत ही ऐसा देश है, जहाँ हर जाति,वर्ग,धर्म,समुदाय के लिए आपसी तालमेल ,प्रेम पूर्वक रहते हैं लेकिन इधर कुछ वर्षों से धार्मिक उन्माद, जातीय भेदभाव बढ़ गया है ।मणिपुर, प बंगाल की घटनाएं इसी कड़ी में है।
देश में आज भी जातीय ,धार्मिक पूर्वाग्रहों से लोग नहीं उबर रहे हैं।नतीजा, जातीय ,धर्म का दंश झेल रहे हैं।
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