बीपीएससी अभ्यर्थियों को दौड़ा - दौड़ा कर पिटाई की पुलिस !

 


  सत्याग्रह ,प्रार्थना, अनुग्रह, विनय का जवाब नीतीश सरकार देश के भविष्य को लाठियों से दी है। लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात हर व्यक्ति को रखने का अधिकार है। महात्मा गांधी भी बर्बर ब्रितानिया सरकार के सामने सत्याग्रह करते थे लेकिन इस तरह का दुर्व्यवहार नहीं करता था।नीतीश खुद छात्र आंदोलन की उपज है लेकिन सत्ता की मद में इतना चूर हो गए हैं कि इनसे काबिल अब बिहार में कोई नहीं है। अगर स्टूडेंट्स खिलाफ हो गया तो सरकार कहीं मुँह छुपाने के लायक नहीं रहेगी।  बिहार लोक सेवा आयोग का घेराव करने बुधवार की शाम पहुंचे अभ्यर्थियों को पुलिस ने लाठीचार्ज कर इधर-उधर कर दिया। अभ्यर्थी गर्दनीबाग धरनास्थल पर सात दिनों से अनशन के बावजूद आयोग व प्रशासन की ओर से बातचीत की पहल नहीं किए जाने से आक्रोशित थे। गर्दनीबाग धरनास्थल से सैकड़ों अभ्यर्थियों हनुमान मंदिर राजवंशी नगर के पास एकत्रित होकर आयोग कार्यालय के लिए हाथ जोड़कर मार्च की।

ललित भवन के पास अभ्यर्थियों को पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया। अभ्यर्थी वहीं पर धरना देने के लिए बैठ गए। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर सभी को भगा दिया। छात्रों के साथ कई कोचिंग संस्थान के शिक्षक भी मौजूद थे।

ऐसी घटनाओं की घोर निंदा होनी चाहिए।


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