संघियों का सनातन धर्म पर ढोंग ! रघुपति राघव राजा राम गाने के बाद देवी सबसे माफ़ी मांगी !

   


देश का दुर्भाग्य ही कहे कि राष्ट्रपति के प्रिय गीत पर भी संघियों, ढोंगियों के कारण देवी को माफ़ी मांगनी पड़ी।  अश्विनी चौबे सहित कई संघी ढोंग ,पाखंड के लिए जाना जाता है।  इसका काम है आग लगाना । ऐसे पाखंडियों को पता नहीं है कि ये देश ऐसे लोगों की मर्जी से नहीं चलने वाली है । एक शब्द भी किसी भाजपाई ने इसके विरोध में कुछ नहीं बोला है।  रघुपति राघव राजा राम गाने के बाद देवी सबसे माफ़ी मांगते हुए कहती हैं, ''अगर आप हर्ट (आहत) हुए हैं तो मैं उसके लिए सबको सॉरी कहती हूं"

देवी के ये कहने के बाद वो पोडियम के पास से हटती हैं और बीजेपी नेता अश्विनी चौबे 'जय श्री राम' का नारा लगवाते हैं.

   कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''बापू का प्रिय भजन गाने पर भाजपा नेताओं ने लोकगायिका देवी जी को माफी मांगने पर मजबूर किया. "रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीताराम" उनसे नहीं सुना गया.''

उन्होंने लिखा, ''दुनिया को दिखाने के लिए बापू को फूल चढ़ाते हैं, लेकिन असल में उनके प्रति कोई आदर नहीं है. दिखावे के लिए बाबासाहेब अंबेडकर का नाम लेते हैं, लेकिन असल में उनका अपमान करते हैं. भाजपा को हमारी सहिष्णु और समावेशी संस्कृति-परंपरा से इतनी नफ़रत है कि वे हमारे महापुरुषों को बार-बार अपमानित करते हैं.''


वहीं राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,'' संघियों और भाजपाइयों को "जय सियाराम, जय सीताराम" के नाम एवं नारे से शुरू ही नफ़रत है क्योंकि उसमें माता सीता का जयकारा है. ये लोग शुरू से ही महिला विरोधी हैं तथा "जय श्री राम' के नारे के साथ आधी आबादी महिलाओं का भी अपमान करते हैं.''

उन्होंने लिखा, '' गायिका देवी ने कल कार्यक्रम में बापू के नाम पर निर्मित सभागार में बापू का भजन गाकर "सीताराम" बोल दिया तो भाजपाइयों ने माइक पर उससे माफ़ी मंगवाई तथा माता सीता के जय सीताराम की बजाय जय श्रीराम के नारे लगवाए. ये संघी "सीता माता" सहित महिलाओं का अपमान क्यों करते हैं?''


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