आस्था की डुबकी लगाने के चक्कर में दर्जनों की मौत ।😢

  अमृत स्नान बना काल.😢


मौनी अमावस्या को कुम्भ में डुबकी लगाने गये दर्जनों श्रद्धालु भगदड़ मचने से मौत के मुंह में चले गए और  50 से अधिक घायल हुए। वीआईपी कल्चर व सही प्रबंधन नहीं होने के कारण  श्रद्धालु भगदड़ के शिकार हो गये। एक ही दिन में करोड़ों लोगों को संगम में स्नान करने की छूट क्यों दी गई?  कुम्भ क्षेत्र में करोड़ों लोगों को करीब एक ही समयावधि में  जुटना क्या खतरे की घण्टी नहीं थी ? घटना घटने के बाद अब बताया जा रहा है कि गंगा सभी जगह पवित्र है, कहीं भी डुबकी लगाई जा सकती है। सवाल है कि इससे पहले बड़े बड़े विज्ञापनों में मौनी अमावस्या के स्नान को अमृत स्नान बताकर भोलेभाले लोगों को  आकर्षित किया गया।  अमृत स्नान कोई तर्कसंगत या वैज्ञानिक दृष्टिकोण है?केवल आस्था व धर्म के नाम पर आंखें बंद कर भरोसा दिलाया गया। जिसके परिवार उजड़ गये ,उसकी पीड़ा को कौन समझेगा ? घर से खुशी -खुशी मोक्ष की प्राप्ति के लिए प्रयोग गये थे,उल्टे सुरधाम चले गए।

महाकुंभ भगदड़ में 35 से 40 मौतें:करीब 20 शव परिजनों को सौंपे गए हैं ।प्रयागराज के सभी एंट्री पॉइंट बंद, मेला क्षेत्र नो-व्हीकल जोन घोषित हुआ।

प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर भगदड़ में मरने वालों की संख्या अब तक 35 से 40 हो चुकी है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

हादसा मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे हुआ। भगदड़ उस वक्त मची जब लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या के स्नान लिए इंतजार कर रहे थे।

 मेडिकल कॉलेज में रिपोर्टर्स ने 20 शव गिने। यहां आखिरी डेडबॉडी पर 40 नंबर लिखा हुआ था। इससे पहले मेडिकल कॉलेज में 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए थे। फिर मेले से 8-10 एंबुलेंस से कुछ और शवों को लाया गया। इन्हें मिलाकर करीब 20 शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। वे उन्हें लेकर चले भी गए थे।


Comments

Popular posts from this blog

डीडीयू रेल मंडल में प्रमोशन में भ्रष्टाचार में संलिप्त दो अधिकारी सहित 17 लोको पायलट गिरफ्तार !

जमालुद्दीन चक के पूर्व मुखिया उदय शंकर यादव नहीं रहे !

यूपीएससी में डायरेक्ट लेटरल एंट्री से बहाली !आरक्षण खत्म ! अब कौन धर्म खतरे में है !