देश के शहीदों पर राजनीति क्या उचित है ?

 


 


नीचता की पराकाष्ठा ही है जो देश की शहीदों पर राजनीति कर रहे हैं। शहीदों के परिजनों पर क्या बिता ? इनके घर कोई सुध लेने गया ? नहीं । देश के वीरों के मां ,बहनों की सिंदूर सुरक्षित नहीं रख पाए, उल्टे सिंदूर ऑपरेशन के नाम पर हर दिन नॉटंकी ! कुछ तो शर्म करो।

रक्षा बलों के बलिदान को स्वीकार करना और उनका सम्मान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। राष्ट्र की सुरक्षा में उनके योगदान को कभी कम नहीं आंका जाना चाहिए।

शहीदों के परिवारों की देखभाल और उन्हें उचित मुआवजा प्रदान करना सरकार का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है। यह सुनिश्चित करना कि उन्हें आवश्यक सहायता मिले, प्राथमिकता होनी चाहिए।

ऑनलाइन ट्रोलिंग, खासकर उन लोगों के खिलाफ जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है, बिल्कुल अस्वीकार्य है। ऐसी गतिविधियों की निंदा की जानी चाहिए और इसे रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।

पहलगाम/पुंछ जैसे  घटनाओं की गंभीरता को समझना और इसमें शामिल सभी पहलुओं की जांच करना आवश्यक है, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था और पीड़ितों के लिए समर्थन शामिल है।

यह एक आम चिंता है कि राजनीतिक लाभ के लिए घटनाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है और जनता के वास्तविक मुद्दों जैसे महंगाई, बेरोजगारी से ध्यान भटकाया जा सकता है।

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