राज किशोर गुप्ता 'बबलू' पंचतत्व में विलीन: एक मर्माहत विदाई !😢😢-प्रो प्रसिद्ध कुमार।
आज खगौल ने एक प्रिय शख्सियत को नम आँखों से अंतिम विदाई दी. राज किशोर गुप्ता 'बबलू' जी दीघा के जनार्दन घाट पर गंगा नदी के तट पर पंचतत्व में विलीन हो गए. यह क्षण संत कबीर दास जी के अमर वचनों की याद दिला गया: "क्या लेकर तू आया बन्दे, क्या लेकर तू जायेगा?" वास्तव में, जीवन की क्षणभंगुरता और नश्वरता को इससे बेहतर और कोई पंक्ति व्यक्त नहीं कर सकती.
बबलू जी के अंतिम दर्शन के लिए खगौल के गणमान्य व्यक्तियों, कलाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा. हर आँख में उनके जाने का ग़म और उनके प्रति गहरा सम्मान साफ झलक रहा था. सूत्रधार के महासचिव नवाब आलम, सामाजिक कार्यकर्ता चंदू प्रिन्स, मोहम्मद शाहनवाज उर्फ रिंकू, वार्ड पार्षद पिंटू कुमार, भरत पोद्दार, गोपी कुमार, चंद्रशेखर कुमार उर्फ गुड्डू, अरुण कुमार सिन्हा उर्फ छोटू, रंजन कुमार सिन्हा, सुजीत कुमार सिन्हा, और अर्जुन प्रसाद गुप्ता सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति इस दुःखद घड़ी में उपस्थित थे.
बबलू जी ने जीवन में जो भी कार्य किए, जो संबंध बनाए, और जो प्रेम अर्जित किया, वही उनकी सच्ची पूँजी है. कबीर दास जी ने हमें सिखाया कि इस संसार में हम खाली हाथ आते हैं और खाली हाथ ही जाते हैं, लेकिन जो कुछ हम पीछे छोड़ जाते हैं वह हमारे कर्म और हमारी यादें हैं. बबलू जी ने निश्चित रूप से अपने कार्यों और अपने स्वभाव से लोगों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ी है.
उनकी कमी हम सभी को खलेगी. इस दुःखद घड़ी में, हम उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. बबलू जी को हमारी भावभीनी श्रद्धांजलि. उनका जीवन हमें सिखाता है कि महत्वपूर्ण यह नहीं कि हम क्या इकट्ठा करते हैं, बल्कि यह है कि हम कैसे जीते हैं और दूसरों के जीवन को कैसे स्पर्श करते हैं.
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