रानी रासमणि* को अपेक्षित सम्मान क्यों नहीं दिया? प्रसिद्ध यादव की कलम से।
*क्या आप ऐसी किसी महिला के बारे में जानते हैं जिसने*-
*1.* हावड़ा में गंगा पर पुल बनाकर कलकत्ता शहर बसाया
*2.* अंग्रेजों को ना तो नदी पर टैक्स वसूलने दिया और ना ही दुर्गा पूजा की यात्रा को रोकने दिया
*3.* कलकत्ता में दक्षिणेश्वर मंदिर बनवाया
*4.* कलकत्ता में गंगा नदी पर बाबू घाट, नीमतला घाट बनवाया
*5.* श्रीनगर में शंकराचार्य मंदिर का पुनरोद्धार करवाया
*6.* मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि की दीवार बनवाई
*7.* ढाका में मुस्लिम नवाब से 2000 हिंदुओं की स्वतंत्रता खरीदी
*8.* रामेश्वरम से श्रीलंका के मंदिरों के लिए नौका सेवा शुरू किया
*9.* कलकत्ता का क्रिकेट स्टेडियम इनके द्वारा दान दी गई भूमि पर बना है।
*10.* सुवर्ण रेखा नदी से पुरी तक सड़क बनाया
*11.* प्रेसिडेंसी कॉलेज और नेशनल लाइब्रेरी के लिए धन दिया
क्या इस महान हस्ती को *नेहरू, मौलवी, पादरी,वमियों* ने आपके सिलेबस में शामिल किया ?
मुझे पूरा विश्वास है कि 99% भारतीय इस महिला को नहीं जानते होंगे 😢
इन महान हस्ती का नाम है *रानी रासमणि* । ये कलकत्ता के जमींदार की विधवा थी। 1793 से 1863 तक के जीवन काल में रानी ने इतना यश कमाया है कि इनकी बड़ी बड़ी प्रतिमाएं दिल्ली और शेष भारत में लगनी चाहिए थी।
*रानी रासमणि* कैवर्त जाति की थी जो आजकल अनुसूचित जाति में शामिल है।
भारत के कांगियों , वमियों ,रोम के चाटुकार इतिहासकारों ने *रानी रासमणि* को अपेक्षित सम्मान क्यों नहीं दिया
यह तो समझ आता है किंतु देश के दलित नेताओं ने *रानी रासमणि* को नायिका क्यों नहीं बनाया यह समझ के परे है 🤔
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