शेबरी के बेर खाने वाले ,निषाद-हनुमान-सुग्रीव के मित्र , जटायु को पिता कहने वाले श्री राम चाहिए! -प्रसिद्ध यादव।
सियाराम मय भये जग जानी ! करहुं प्रणाम विमल युग वाणी !
दलितों-वंचितों-पिछड़ो-वनवासियों-मूल निवासियों को गले लगाकर साथ रहने वाले राम, निषाद-हनुमान-सुग्रीव के मित्र राम, जटायु को पिता कहने वाले राम, माँ शबरी के झूठे बेर खाने वाले राम चाहिए। कबीर के घट घट में रमणीय राम चाहिए। दुष्टों द्वारा बापू को गोली लगने पर बापू के अंतिम शब्द " हे राम!" चाहिए। राजपाट की न चाहने वाले, पितृभक्त ,अपने शत्रु रावण की हत्या के बाद भी अपने अनुज लक्ष्मण को ज्ञान लेने के सलाह लेने वाले, गुरु विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा करने वाले राम चाहिए।राम के नाम पर नफरत फैलाने वाले ,राजनीति करने वाले, इनके नाम के दुरुपयोग करने वाले नहीं चाहिए।सूर्य जैसे तेजस्वी ,चांद जैसे शीतल,समुद्र जैसे गहराई, धरती जैसे धैर्य धारण करने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम चाहिए।
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