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Showing posts from September, 2020

मनीषा!हम अंधों की दुनिया में रहते है।जलता है यहां इंसाफ!प्रसिद्ध यादव ।शेयर करें।

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बाबूचक, पटना,बिहार। अंधों,बहरों की दुनियां में न तेरी चीख सुनाई  दी,न कोई छटपटाहट, बेवसी और लाचारी दिखाई दी।इंसाफ धूं-धूं कर आधी रात को जल गई।हम माटी के पुतले टूटने पर बखेड़ा खड़े करने वाले लोग है।किसी धार्मिक स्थल की एक ईंट गलती से खिसक जाये, टूट जाये तो आसमान टूट पड़ते हैं,कोहराम मच जाते हैं,एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं,लेकिन यहां एक दलित की बेटी की इज्ज़त गयी,जान गई।ऐसे लग रहा है जैसे कोई सामान्य घटना घटी है।मनीषा!इस देश में दलित,गरीब होना ही सारे गुनाहों की जड़ है।सीबीआई को भी सबूत नही मिल सकता है।ऐसे भी देश अभी बाबरी मस्जिद के ढहने में सभी आरोपियों की बरी होने की जश्न से छूटी मिले तब न।28 साल में एक सबूत भी नही जुटाई पाई।ये है हमारे देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी।हां, कुछ मामलों में इसकी दिमाग खूब चलती है,गड़े मुर्दे कबार लेती है,थर्ड डिग्री की भी इस्तेमाल करती है,लेकिन सबकी अपनी मजबूरी है। 10 दिन लग गए मनीषा कांड की कार्यवाई करने में।जब सारा देश सो रहा था तब योगी राज में रात के दो बजे इंसाफ जल रहा था।ऐसे भी देश सोया हुआ है।कलम की स्याही सूख गई है।टीवी एंकर के गले में आवाज गाय...

महिलाओं पर अत्याचार बर्दास्त नही-डॉ करिश्मा राय।

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  दानापुर, पटना,बिहार। महिलाओं पर अत्याचार बर्दास्त नहीं।-डॉ करिश्मा राय। आज दानापुर में प्रखंड के नजदीक डॉ राय ने समर्थकों सहित हाथरस कांड की जोरदार विरोध की और मनीषा विल्मीकि के आरोपितों की फांसी की मांग की।डॉ राय मोमबत्तियां जलाकर श्रधांजलि दी।गरीबों, दलितों पर हो रहे अत्याचार के आरोपित को कानून का कोई भय नही है।हमारी लड़ाई जारी रहेगी। प्रसिद्ध यादव।

मनीषा वाल्मीकि हम शर्मिंदा हैं!झूठी है 'बेटी बचाओ' की स्लोगन!प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।हृदय को झकझोर देने वाली आलेख।

  बाबूचक, पटना,बिहार । हाथरस की घटना से डूब मरो! किस बेटी को बचाने की बात ढोंगी करता है ? दलित की इज्जत और जान आज भी कितना सुरक्षित है? हाथरस की घटना ने साबित कर दिया है।21 वर्षीया मनीषा वाल्मिकी 700 ऊंचे लोगों के गांव में मात्र 15 घर दलित सुरक्षित नही रह पाई।नोच डाला गिद्धों और कुत्तों के मनबड़ू शोहदे ने।मनीषा के साथ अमानवीय अत्याचार की पराकाष्ठा है।चार रईसजादों ने दुष्कर्म किया,जीभ काट डाली, रीढ़ की हड्डी तोड़ी और गला दबा दिया ।और तो और एक आरोपी का दुःसाहस देखिये की लड़की के भाई से कहता है की," खेत में तेरी बहन मरी पड़ी है,जा उसकी लाश उठा ला।" उस गांव में दलित बच्चीयों के साथ छेड़खानी करना मानो मौलिक अधिकार मिला हुआ है।अगर कोई थाने में रपट लिखाने जाता तब कोई डर से रपट नही लिखता है।कितना असंवेदनशील समाज है? क्या दलित होना इतना गुनाह है?किस लोकतंत्र और हिन्दू समाज की बात करते हैं. सच तो यह है की भारतीय समाज की ज़मीर अभी जगी नही है।लोगों की संवेदनशीलता शून्य होती जा रही है।या ये समझकर घर में मुँह छुपा कर बैठे हैं कि जब अपनी बारी आएगी तब सोचेगे।अगर यही कायरता रही तब वो दिन भी दूर नही...

अच्छे दिन में डिरेल होती रेल !प्रसिद्ध यादव।शेयर करें।

 बाबूचक, पटना,बिहार। निजीकरण ने किया बंटाधार। अच्छे दिनों के दिवास्वप्न में डिरेल होती रेल! कभी भारतीय रेल की सवारी सबसे सुगम और सस्ता हुआ करती थी।देश की सबसे बड़ी नियोक्ता सरकारी उपक्रम थी।यह देश की लाईफ लाइन कही जाती थी।एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी इसमें काम करने पर अपना सौभाग्य समझते थे।कर्मचारी से लेकर उनके परिजनों की यात्रा,चिकित्सा  आवास शिक्षा  आदि की जिम्मेवारी रेलवे उठाती थी। कर्मचारियों और रेलवे में चोली दामन के सम्बंध रहते थे।समय बदला और रेलवे पर भी अच्छे दिन के ग्रहण लगने लगे।स्टेशन, रेल गाड़ियां भी निजी हाथों में जाने लगी।रेल कर्मचारी के ऊपर छंटनी के बादल मंडराने लगे।इस साल मार्च से अगस्त तक 42.3 फीसदी यातायात राजस्व घट गया है।रेलवे को पेंशन और अन्य मदों में पैसों की कमी होने लगी है।अब जो लोग स्टेशन पर आएंगे ,उनसे यूजर चार्ज लिया जाएगा।यह रेल टिकट के साथ प्लेटफार्म टिकट पर भी होंगे जो 10 रुपये से लेकर 50 रुपये तक होंगे।गाड़ियों के नम्बर के आगे 0 लगाकर स्पेशल ट्रेन,प्रीमियम ट्रेन की शुल्क अलग से ली जा रही है।ये सारे बोझ यात्रियों के सर पर होगी।इतना होने के बा...

हमारे नेता कैसा हो? प्रसिद्ध यादव के साथ करे परिचर्चा।

 बाबूचक, पटना,बिहार। हमारे जनप्रतिनिधि कैसा हो ? हम चुनाव के समय उम्मीदवार को किस कसौटी पर आंकते है? जाति, धर्म,क्षेत्र आदि पर।तब कुछ बताने से कोई लाभ नही है।उम्मीदवार शिक्षित,ईमानदार, समाजसेवी, चरित्रवान, निष्ठावान, लगनशील हो।आज के बदलते माहौल में धन,बल,बाहुबल,जातिवाद का बोलबाला है।उम्मीदवार के गुण गौण होते जा रहे हैं और हावी हो रहे हैं ताकतवर।ऐसे में आमजन की बातों को कौन सुनेगा?अगर दबंग कोई जीतता है तब चलती रहती है उनके लठैतों की।ठेकेदारी, कमीशनखोरी, रंगवाजी शुरू हो जाती है और दोष देते हैं सरकार को।जैसा जनप्रतिनिधि,वैसी सरकार बनती है।राजनीति अब एशोआराम, धन संग्रह का अड्डा बनकर रह गया है।राजनीति में अच्छे लोग तभी आएंगे,जब उनका चयन करेंगे।पहले लोग चन्दा कर के चुनाव लड़वाते थे,जितवाते थे।अब नेताओं से मोटी रकम लेते हैं।अब राजनीति दल से टिकट लेना भी बिना पैसा के दूभर हो गया।कर्मठ और संघर्षशील कार्यकर्ता  राजनीति छोड़  दिए या निष्क्रिय हो गए।नेता के व्यक्तित्व को परखिये,उनसे उनके विजन के बारे में पूछें।अगर संतुष्ट हुए तब ठीक है नही तो दूसरे को देखिये।अगर कोई नही मिलता तब नोटा ...

राजनीति की धारा !(कविता) प्रसिद्ध यादव शेयर करें।

 बाबूचक, पटना,बिहार। राजनीति की धारा कोई पार उतरा कोई लगा किनारा।                        कोई डूबे बीच मंझधार।                        किसी की टूट गयी पतवार।                       किसी की नैया में हुई सूराख़।                       कोई नही बचाया साख। किसी के धोखा दिया मांझी। किसी को डुबोया आँधी। कोई बहती धार में बहा।                        कोई लहरों से टकराया ।              ...

सरकार की चाकरी करती मीडिया! बन गयी सरकारी प्रवक्ता! प्रसिद्ध यादव।

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बाबूचक ,पटना, बिहार। मीडिया ही है सरकार की प्रवक्ता! लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया अन्य दायित्व निभाये न निभाये,लेकिन सरकार की भक्ति करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रही है।चुनाव आते ही ये अपना रंग दिखाने लगती है।इधर दो महीनों से एक ही मुद्दे को इतना उठाया कि बाकी देश की मुद्दे गौण हो गए। किसी खबर को बिना जांच पड़ताल किये हुए इसकी हेड लाइन बन जाती है।आमजन के मन मस्तिष्क पर इसके दुष्प्रभाव होते हैं।कैसे एक नेता के जीवन के अंतिम क्षण में भी रिजाइन और दूसरे दलों में जॉइन की खबरें प्रमुखता से चलती रही और ठीक सुबह दिवंगत हो गए।क्या यह मीडिया का दायित्व नही था की सम्बन्धित नेता से बात करें। देश में लाखों किसान आंदोलनरत थे,लेकिन पड़ोसा जा रहा था कंगना।देश  में मंदी और महंगाई चरम सीमा पर है,दिखाया जा रहा है एक्जिट पोल।युवा रोजगार के लिये आंदोलन कर रहे हैं,दिखाया जा रहा है,सबका साथ,सबका विकास, बेचे जा रहे हैं सरकारी उपक्रम,दिखाया जा रहा है 70 साल बनाम 6 साल।मीडिया समीक्षा कर यह बताती की सरकार ने जो वादे किए थे वो कितना पूरे हुए।अगर नही तो क्यों?ये सही मायने में जनता की आवाज होती,लेकिन ये बतात...

एक्जिट पोल या सत्ता की दलाली!!प्रसिद्ध यादव की बेवाकी !शेयर करें!

बाबूचक, पटना।27 सितंबर 20. एग्जिट पोल या सत्ता की दलाली ! भारत में अपनी विश्वसनीयता खोती मीडिया की सच्ची खबरें भी झूठ नजर आती है।यह लोकतंत्र की चौथा खंभा पर काला धब्बा है।आज मीडिया की प्राथमिकता क्या है? और क्या होना चाहिये? एक समय था जब मीडिया पर सरकार तरह -तरह की अंकुश लगाती थी,लेकिन ये अपना पत्रकारिता धर्म नही भूलते थे।अब पेड न्यूज और पीत पत्रकारिता का दौर शुरू हो गया ।अब प्राइम टाइम पर डिबेट बदल गया।एंकर विरोधी को ऐसे डाँटता है मानो कोई पुलिस चोर को।अखबारों में स्तम्भ सरकार के मंत्री,चहेतों के छपती है।चुनाव आया नही की एक्जिट पोल के खेल शुरू हो जाता है।सर्वे करने वाले कभी ये नही बताते की सरकार की वादाखिलाफी क्या है?आमजन सरकार से कैसे संतुष्ट है? बेरोजगारी, भूखमरी की फौज , तीन दर्जन से अधिक एक साथ प्रायोजित ढंग से महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ है,गरीबों के शौचालय के करोड़ों रुपए गटक गए,लॉक डाउन में अप्रवासी मजदूरों को अपने घर आने से पहले बॉर्डर पर रोका गया आदि।क्या इसके दुष्परिणाम नही होंगे? चुनाव में जनता जरूर सवाल सरकार के लोगों से पूछेगी।देश में मंदी और महंगाई एक साथ चल रही है।लोगों...

मतदाता की भी बीमा करे चुनाव आयोग!! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

बाबूचक, पटना । बिहार में चुनाव करवाना आयोग के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं है।70 देशों में कोरोना के कारण चुनाव टाल दिए गए,लेकिन बिहार एक नज़ीर पेश करेगी।यह आयोग की इच्छाशक्ति और साहस ही है।मतदानकर्मियों के लिए जिस तरह कुछ अनहोनी होने पर बीमा योजना का प्रवधान किया है वैसे ही मतदाता को भी होना चाहिए ताकि लोग निर्भीक होकर मतदान कर सके।यहां दो तरह की आपदाएं हैं एक कोरोना ,दूसरा बाढ़।दोनो आपदाएं घर से निकलने में मजबूर कर रहे हैं।राजधानी पटना में ही करीब 10 फ़ीसदी लोग जलजमाव और तालाबन्दी में किराया नही देने के कारण छोड़कर चले गए हैं। खैर, गये जो गए बाकी प्रभावित लोग मतदान केंद्र पर सुरक्षित पहुंच जाए और रहें इसकी भी जिम्मेवारी तय होनी चाहिए।मतदाता के भी बीमा कवर हो ।

बैठे हो किसके गोद में?प्रसिद्ध यादव द्वारा क्रांतिकारी कविता शेयर करें।

  अधिकार का हो हनन फिर भी रहे मगन। निःसंदेह! वो गुलाम है।                          कुत्ते भी हैं भौंकते!                           अगर छीन ले उसकी रोटी                           मर -मिट गये गिद्ध जटायू! किया था रावण अपहरण! जब रो रही थी नंदनी बेटी । बनते  हैं वीर- वांकुरे !                    सत्ता के जूठन चाटते।                    अपने जड़ कटवाते              ...

केंद्र सरकार ने तोड़ा कानून!-कैग। एक और कारनामे।पढ़े प्रसिद्ध यादव के ब्लॉग और करें शेयर।

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 केंद्र सरकार ने तोड़ा कानून!- कैग। अबतक सरकार पर मनमानी का आरोप विपक्ष और आमजन लगा रहे थे,लेकिन  जीएसटी की राशि के गलत उपयोग के लिये कैग ने ही उंगली उठा दी।मोदी सरकार की एक और कारनामे सामने आई। जीएसटी मुआवजे को 47,272 करोड़ रुपये की गलत तरीके से रोककर कानून का उल्लंघन किया।इस राशि का उपयोग ,राज्यों के होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किया जाना था, लेकिन जीएसटी के पहले दो साल क्षतिपूर्ति राशि का अन्यत्र इस्तेमाल हुआ ।कैग ने कहा है कि इससे राजस्व प्राप्तियां बढ़ गयी और राजकोषीय घाटे को कम कर दिखाया गया। ऐसा करना जीएसटी क्षतिपूर्ति कानून 2017 का उल्लंघन है।केंद्र ने राज्यों से राजस्व में कमी की भरपाई को पूरा करने के लिये कर्ज लेने को कहा है।कांग्रेस, वामदल,तृणमूल, आप शासित राज्यों में इस कदम का विरोध करते हुए कहा है की केंद्र खुद कर्ज लेकर राज्यों को दे।वित्त मंत्री निर्मला ने संसद में इसके उलट जवाब दी है।अब सवाल है की जब सरकार ही हेराफेरी करेगी तब और अन्य से क्या उम्मीद करे। प्रसिद्ध यादव।

सामाजिक न्याय चाहिए!

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 ए टू जेड चाहिए बिहार में तेजस्वी सरकार चाहिये। गरीबों के मान -सम्मान चाहिए युवा को रोजगार चाहिए।                   माथे पर पगड़ी चौड़ी छाती                  हँसते चेहरा, कमर में धोती                 बिरहा गाते किसान चाहिए।                 ए टू जेड चाहिए। न हो किसी का शोषण न हो किसी का दोहन गरीबों के चेहरे पर मुस्कान चाहिए। तेजस्वी सरकार चाहिए।                  न मनमानी हो नोककरशाहों की                 न दुष्कर्म हो अबलाओं की              ...

किसान बिल के ख़िलाफ़ आंदोलन

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 कृषि बिल का हुआ विरोध! विपक्ष आज देश भर में नए कृषि बिल को काला कानून ,किसान विरोधी और पूंजीपतियों के मुनाफे वाला बिल बताया।पटना में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ट्रैक्टर चलाकर अपने आवास से राजद कार्यालय होते डाकबंगला चौराहे तक गए।साथ में जगदानंद सिंह, विधायक रामानंद यादव,बबन यादव,देवमुनि सिंह यादव,डी एन यादव,ध्रुव यादव,विधायक रेखा पासवान,नवाब आलम,हरिनारायण यादव ,सतीश चन्द्रवंशी, ओमप्रकाश चौटाला, अशोक यादव,इक़बाल अहमद सहित हजारों कार्यकर्ता विरोध में शामिल हुए। प्रसिद्ध यादव।

बिहार का चुनाव

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 *पहले चरण का मतदान – 28 अक्टूबर* भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, खगड़िया, बेगूसराय, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार *दूसरे चरण का मतदान – 3 नवंबर* उत्तर बिहार के जिलों मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, पश्चिमी चंपाण, पूर्वी चंपारण, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले में  *तीसरे चरण का मतदान – 7 नवंबर* पटना, बक्सर, सारण, भोजपुर, नालंदा, गोपालगंज, सिवान, बोधगया, जहानाबाद, अरवल, नवादा, औरंगाबाद, कैमूर और रोहतास *चुनाव के नतीजे – 10 नवंबर*