तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं / शब्दों के कमाल।-प्रसिद्ध यादव।
फ़िल्म दिल ही तो है, गीतकार साहिर लुधियानवी, संगीत रोशन गायक मुकेश। प्रेमी प्रेमिका के बीच संवाद, दर्द को लुधियानवी साहेब ने कितनी बारीकी से लिखा है। ये शब्दों की चित्रकारी का कमाल है कि इसे पढ़ते ही तस्वीरे बन जाती है।राजकपूर पर फिल्माया गया गीत नूतन को अपने दर्दे दिल बयान किया था।
तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं
तुम किसी और को चाहोगी तो मुश्किल होगी
अब अगर मेल नहीं है तो जुदाई भी नहीं
बात तोड़ी भी नहीं तुमने बनाई भी नहीं
ये सहारा भी बहुत है मेरे जीने के लिये
तुम अगर मेरी नहीं हो तो पराई भी नहीं
मेरे दिल को न सराहो तो कोई बात नहीं
गैर के दिल को सराहोगी, तो मुश्किल...
तुम हसीं हो, तुम्हें सब प्यार ही करते होंगे
मैं तो मरता हूँ तो क्या और भी मरते होंगे
सब की आँखों में इसी शौक़ का तूफ़ां होगा
सब के सीने में यही दर्द उभरते होंगे
मेरे ग़म में न कराहो तो कोई बात नहीं
और के ग़म में कराहोगी तो मुश्किल..
. फूल की तरह हँसो, सब की निगाहों में रहो
अपनी मासूम जवानी की पनाहों में रहो
मुझको वो दिन न दिखाना तुम्हें
अपनी ही क़सम मैं तरसता रहूँ
तुम गैर की बाहों में रहो तुम
अगर मुझसे न निभाओ तो कोई बात नहीं
किसी दुश्मन से निभाओगी तो मुश्किल...
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