मिलावट से ज़हर खाते - पीते लोग।प्रसिद्ध यादव

2018 के रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर दिन 14.68 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है, जबकि दूध की खपत यहाँ प्रति व्यक्ति 480 ग्राम है यानी 135 करोड़ की आबादी में 64 करोड़ लीटर दूध की खपत है। उत्पादन से चार गुणा अधिक। 70 फ़ीसदी लोग मिलावट के दूध खाते हैं। 70 फ़ीसदी लोगों को कैंसर बिना नशा करने वाले को हुआ है। Who को मानें तो अगर यहाँ मिलावट का खेल चलता रहा तो 2025 तक 87 फ़ीसदी लोग कैंसर के चपेट में आ जायेंगे। जान-बूझकर जहरीली चीजें मिलाई जाती हैं मिलावट के लिहाज से उत्तर भारत की हालत ज्यादा बुरी है. यहां के मुकाबले दक्षिण भारत में ये चलन कम है. नैशनल सर्वे ऑफ मिल्क अडल्ट्रेशन (अडल्ट्रेशन यानी मिलावट) ने कुछ साल पहले एक सर्वेक्षण किया था. उसमें मालूम चला कि साफ-सफाई की कमी की वजह से अक्सर पैकेजिंग के वक्त दूध और इससे बने सामानों में डिटर्जेंट जैसी चीजें मिल जाती हैं. जैसे मान लीजिए कि दूध रखने के लिए इस्तेमाल होने वाले बर्तन धुलते वक्त डिटर्जेंट का इस्तेमाल किया. मगर बर्तन को ठीक से नहीं धुला. फिर जब उसमें दूध रखा, तो बर्तन में लगा डिटर्जेंट उसी दूध में मिल गया. ये तो ऐसी मिलावट हु...