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Showing posts from March, 2022

टमाटर - टमाटर कहे में जाने चल गया!-प्रसिद्ध यादव।

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           कभी कभी मजाक इतना भारी पड़ जाता है कि आदमी जान से हाथ धो देता है। अगर किसी को टमाटर कह दिया तो इतना  भी बुरा नहीं लगाना चाहिए। पति को सुनने के बाद इतना आग बबूला नही हो जाना चाहिए कि किसी को जान ही ले लेले। बुजुर्ग को भी अपनी उम्र का खयाल रखना चाहिए था। टमाटर मात्र एक सब्जी के नाम मात्र भर नहीं है, इसका मजाकिया में व्यपक अर्थ निकलते हैं। मसलन किसी के साथ मिला दो आदि।   बिहार के मुंगेर जिले में वृद्ध की पीट-पीटकर हत्या  कर दी गयी. हत्या का आरोप उसके पड़ोसी पर ही लगा है. हुआ यूं कि ब्रह्मदेव दास की पत्नी ने अपने पति से कहा कि महेश दास उसे 'टमाटर-टमाटर' कहकर छेड़ रहा था. इस बात को सुनते ही ब्रह्मदेव गुस्से से भर गया. वह तमतामाता हुआ महेश दास के घर पहुंचा. गाली-गलौज शुरू कर दी. महेश ने जब इसका विरोध किया तो उसकी पिटाई कर दी. जिससे वह बेहोश होकर गिर पड़ा. वृद्ध महेश दास को परिजन डॉक्टर के पास ले गए जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.

वक्त आने पर बताया, दम कितना बाजुओं में है!प्रसिद्ध यादव।

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           अगर बेटियों को गरीबों को अवसर मिल जाये तो वे किसी से कम नही है।ऐसा ही सपना पूरी की बेटी रामायणी राय। मैट्रिक परीक्षा में बिहार की टॉपर बनी।वही सफल होता है जो पिजड़े का परिंदा नहीं है, जो इंसान अपनी असफलता पर शर्मिंदा नहीं है. सफलता की राह पर काँटे ही काँटे है, सफल वही होता है जिसने दर्द भरी राते काटे है. जिसे सफलता की चाह है, मुसीबतों में भी उसके लिए राह है.   मिली जो मंजिल तो कारवां भी बड़ा लग रहा था, वरना सफ़र में हर शख्स मुझे ठग रहा था, यूँ ही नहीं पहुंचा हूँ आज मैं इस मुकाम पर जब सो रहा था ये ‘जग’ तब मैं ‘जग’ रहा था।      आन बान शान रामायणी राय को दिल से बहुत-बहुत बधाई 💐💐 गोह भलुआर (औरंगाबाद ) निवासी डॉ भोला यादव की पुत्री  सह राजद के वरीय नेताश्री राम अयोध्या यादव की पौत्री रामायणी  राय को मैट्रिक मे बिहार टॉपर आने पर बहुत बहुत बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं 💐💐💐💐💐💐💐

भारत में सामाजिक- आर्थिक आज भी गहरी -चौड़ी खाईं क्यों?/ प्रसिद्ध यादव ,अध्यक्ष, ओबीसी, पटना।।

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               पिछलगु बनना छोड़ें! अपनी राह मेरे साथ हमसफ़र बनकर चलें। हम क्रान्ति जरूर लाएंगे। जिसकी आबादी देश में 85 फीसदी से अधिक है, उसकी सरकारी नॉकरी में भागीदारी सिर्फ 40.15 फीसदी है। आज इक्कीसवीं सदी में भी इतना भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया है। विधायिका, न्यापालिका, मीडिया, और निजी क्षेत्रों में इसकी खाईं और ज्यादा है। जब प्रोमोशन में आरक्षण के ख़िलाफ़ याचिका दायर किया गया तो केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया और बताया कि देश में बबाल मच जायेगा।पहले ही इतनी  हकमारी हो गया है कि जिसकी भरपाई असम्भव है।अब आगे हुआ तो देश में विद्रोह हो जाएगा। सरकार भी अब जान गई है कि वंचित समाज अब जागरूक हो गया है, अपने हक हकूक के लिए आंदोलन कर सकते हैं।  केंद्र की इस को 2017 में दिल्ली HC ने खारिज कर दिया था। अपनी नीति का बचाव करते हुए केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि यह इस अदालत द्वारा निर्धारित संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप है। सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व अपर्याप्त है। केंद्र सरकार ने यह भी क...

मेरे आलेख में आपकी@ तस्वीर नज़र आयेगी!/ #प्रसिद्ध यादव।

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     # गूगल ने एक खास तकनीक बनाया है कि जो भी पाठक, दर्शक मेरे ब्लॉग को 10 लोगों को शेयर कर के  &दो मिनट तक पढ़ेंगे, इसमें उनकी खूबसूरत तस्वीर नजर आयेगी। | | |  अगर तस्वीर नजर नहीं आई तो दोबारा 20 लोगों को शेयर करें। इसबार आपकी पुरानी प्रेमी प्रेमिका की तस्वीर नजर आयेगी, जरूरत है उसकी छवि आपको मन में बनानी होगी और उसके नाम जोर जोर से 11 बार  लेना होगा।  | | | अब आप एक पैर पर @ 90 डिग्री के कोण पर  झुककर  मोबाइल के सामने देखें ! / / / अब आप तस्वीर देख लिया होगा।मुझे शुक्रिया करें आप क्योंकि आपके चाहने वाले भी आपको याद कर रहे होंगे।🎂 / / अगर इतना के बावजूद भी आपको कुछ दिखाई नही दिया तो एक भागलपुर में मेरे दोस्त आँख के डॉ संजय शर्मा हैं उनसे मिलिये, आंख ठीक कर देंगे।😢 / / / 👌 अब आप मुझे गाली दे रहे होंगें। आपको मुझे गाली देने के वजाय अपनी मंद बुद्धि और इस उम्र में आशिकी पर तरस आनी चाहिए।👍इस पोस्ट में  एक कैमरा लगा हुआ है देखें है।आपकी सारी मनोदशा और हरकत की तस्वीर मेरे पास आ गया।भेज दें। किस मूर्खों ने मेरे ब्लॉग को कितना शेयर किया म...

मेरे दिल में रहियो फ़िल्म लाजवाब / प्रसिद्ध यादव।

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     यह काफी लोकप्रिय और कर्णप्रिय गीत है, इसे एकबार जरूर सुनना चाहिए। गीत आनंद बक्शी ,गायक  पंकज उदास । कलाकार राजबब्बर।    तुम संग हमने साजन ऐसी बांधी अपनी प्रीत की डोर किसी दिशा भी जाओगे तुम लौटोगे अपनी और ओ मितवा....... ओ मितवा....... मितवा रे मितवा पूरब ना जइयो पच्छिम ना जइयो मेरे दिल में रहियो पूरब ना जइयो पच्छिम ना जइयो मेरे दिल में रहियो मेरे दिल में रहियो मेरे दिल में रहियो उत्तर ना जइयो दखिन ना जइयो मेरे दिल में रहियो मेरे दिल में रहियो मेरे दिल में रहियो ओ मितवा....... मितवा रे मितवा पूरब ना जइयो पच्छिम ना जइयो मेरे दिल में रहियो चरों दिशाए परदेश जाए चरों दिशाए परदेश जाए परदेशी वापस आए ना आए परदेशी वापस आए ना आए घर से निकस के धोखा ना खइयो पूरब ना जइयो पच्छिम ना जइयो मेरे दिल में रहियो मेरे दिल में रहियो मेरे दिल में रहियो ओ मितवा....... मितवा रे मितवा उत्तर ना जइयो दखिन ना जइयो मेरे दिल में रहियो मेरे दिल में रहियो मेरे दिल में रहियो जमना के तट पर....... जमना के तट पर मिलने का वादा पनिया भरन को आएगी राधा पनिया भरन को आएगी राधा बंसी बजईया....... ब...

बाबू कुंवर सिंह के प्रपौत्र की हत्या! आजादी के अमृत महोत्सव में हलाहल विष!

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        पटना/ प्रसिद्ध यादव।        जानता हूँ  ये क़ुरबानी, मेरी व्यर्थ जानी है| गुमनामी में जायेगी मेरी पीड़ी, यही हमारी कहानी है| तलवे चाट अग्रेजो के लोग राजा रह जायगे, और ९० साल बाद आजादी पे उनके पूत बिजनेस मैन बन जायगे| वही बनगे सांसद विधायक, अग्रेजो का काम वही बढ़ाएगे| खून पीयगे वो जनता का और शोषण करते जायगे| आज मुझे मरवाने पे है जो लगे, उनके बच्चे मेरी मूर्ति लगाएगे| हर साल में दो बार माला भी चढ़ाएगे| मै आज खड़ा हू तब भी खड़ा ही रहूगा| खूब गिरगे ओले पत्थर पर शीश न झुकाउगा | नयी पीड़ी से आख मैं मिलाऊगा| जब आख न झुकाई अब मैने, न कभी झुकाउगा| एक फक्र हमेशा रहेगा, मा का वादा पूरा कर जाऊगा| चाहे हो जाये कुछ भी मुझे, भारत माँ का सच्चा सपूत कहलाऊगा| बाबू कुंवर सिंह पर लिखी गयी कविता बाबू कुंवर सिंह की मनोदशा को प्रकट करती थी जो आज सुशासन की राज में सच साबित कर दिया। इस ख़बर को जो भी सुनें हतप्रभ रह गए। 80 साल की उम्र में जो अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिये थे। बाँह में गोली लगने पर बाँह काट कर गंगा माँ को अर्पित कर दिए थे, उनके वंशज का हश्र ऐसा होगा ...

शराबी के साथ गंजेड़ी पर भी कार्यवाही हो !- भाई बीरेंद्र। / प्रसिद्ध यादव।

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       अक्सर शराबियों को लोग हेय दृष्टि से देखते हैं, लेकिन गंजेड़ी अपने आप को सभ्य और ज्ञानी माने जाते हैं। गंजेड़ी कौन हैं और कहां कहां पीते हैं, सर्वविदित है। शराब पीने से 200 बीमारियां होती है और गांजा पीने से पूरा दिमाग ही खराब हो जाता है और इसी मानसिक असुंतलन में लोग क्या क्या फैसला ले लेते हैं।बिहार में बुधवार को शराबबंदी संशोधन विधेयक 2022 विधानसभा में पेश किया गया है। नए संशोधन में सबसे खास बदलाव यह है कि शराब पीते हुए पकड़े जाने के बाद जुर्माना देकर छोड़े जाने का प्रावधान है। इस बीच विपक्ष ने शराबबंदी को लेकर बिहार सरकार को घेरने की कोशिश की है और नीतीश सरकार से यह मांग की है कि गांजा पीने वालों पर भी एक्शन होना चाहिए। लालू यादव  की पार्टी आरजेडी के विधायक भाई वीरेन्द्र ने कहा है कि बिहार को नशामुक्त करने की कोशिश होनी चाहिए। गांजा पीने वालों भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बड़े लोग इसके आदी हैं।

बाबू कुंवर सिंह के प्रपौत्र बबलू सिंह की पुलिस पिटाई से हुई मौत शर्मसार करनेवाली घटना है, इसकी उच्चस्तरीय जांच तथा दोषी पर कार्रवाई हो- एजाज अहमद।

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         बिहार प्रदेश राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने  भोजपुर के जगदीशपुर  में बाबू वीर कुंवर सिंह के पपौत्र बबलू  सिंह  की पुलिस पिटाई से हुई मौत पर गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि जिस परिवार ने देश की आजादी का मार्ग प्रशस्त करने के लिए और  देश के सबकुछ न्यौछावर कर दिया हो उस परिवार के साथ ऐसी घटना शर्मनाक है।         इन्होंने ने कहा जगदीशपुर की धरती पर कुकर्म, बेईमानी और भ्रष्टाचार के बोलबाला के खिलाफ आवाज बुलंद करने पर बाबू कुंवर सिंह  के प्रपौत्र बबलू सिंह की पीट - पीट कर  पुलिस- अपराघी  गठजोड के द्वारा हत्या कर  दिया जाना ,  दुर्भाग्यपूर्ण घटना है इससे बड़ा जघन्य अपराध हो ही नही सकता ।      एजाज ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषी  पुलिस पदाधिकारियों पर करवाई की मांग की है। साथ ही साथ देश की आजादी तथा उनके वीरगाथा के योगदान मेरे अहम भूमिका निभाने वाले परिवार के साथ ऐसी  घटना  कही न कही बिहार को शर्मसार करने वाली घटना है।

युवाओं की जवानी में घुन लगाती सरकार ! / प्रसिद्ध यादव।

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            जब युवा क्रांति करते हैं, तब सरकार की नींद खुलती है! देश में एक जनव्यापी आंदोलन की जरूरत है! थाली और ताली पीटने वाली सरकार की मंशा को जानने की जरूरत है !  जिस देश के युवा हताश, निराश, बेरोजगार हो जाये, उस देश की खुशहाली की कल्पना भी नहीं कि जा सकती है। सार्वजनिक संस्थाओं का निजीकरण, ठेका प्रथा का बढ़ावा, नियक्तिओं में  टालमटोल -लम्बा समय , भर्ती परीक्षा में मोटी रकम युवाओं के भविष्य खराब करने के लिए पर्याप्त है। कोरोना के कारण सरकार भर्ती प्रक्रिया में देर होने की रोना रोती है। क्या कोई ऐसा राज्य है जहाँ कोरोना के कारण चुनाव नहीं हुए और राष्ट्रपति शासन लागू हो गया? नहीं। सेना में और  एसएससी की भर्ती  तो सरकार भूल ही गई। जो भर्ती होनी है, उसमें इतनी देर हो रही है कि युवाओं की उम्र ढलने लगी। कुछ विद्वान दलील देते हैं कि सभी को सरकारी नौकरी देने सम्भव नहीं है। बिल्कुल सही, लेकिन 9 लाख रिक्तियां रखकर सरकार युवाओं के प्रति कौन सा उपकार कर रही है। देश के ऐसे ज्वलंत मुद्दे गौण हो जाता है और कोई फिल्मों पर या घटनाओं पर चर्चा का नया रा...

फिल्म चुहिया के अभिनेता हैदर काजमी के गांव में सड़क व ATM का निर्माण हो - रामबली सिंह यादव/ प्रसिद्ध यादव।

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  कहते हैं फिल्मे समाज का आईना होता है. बात सही भी है, लेकिन फिल्म बनने के क्रम में अगर फिल्म की वजह से किसी क्षेत्र के लिए विकास की बातें उठनी लगे तो यह सिनेमा की सार्थकता में ही गिना जाएगा. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि आज बिहार विधान सभा में अवार्ड विनिंग फिल्ममेकर हैदर काजमी की अपकमिंग फिल्म 'चुहिया' के माध्यम से जहानाबाद जिले के काको पाली में विकास कार्य की बात हुई. इस दौरान घोषी के माले  विधायक राम बली सिंह यादव ने काको में सड़क, एटीएम व अन्य बुनियादी सुविधाओं को कायम करने की मांग सदन के पटल पर चुहिया फिल्म का हवाला देते हुए की.  रामबली सिंह यादव ने आसन के समक्ष खड़ा होकर कहा कि जहानाबाद जिला अंतर्गत काको पाली  प्रखंड के पाली गांव में बीते दिनों चुहिया समेत कई फिल्मों का निर्माण हुआ है एवं फिर से दुसरे अन्य फिल्मों की शूटिंग होने वाली है. बॉलीवुड के नामचीन कलाकार यहाँ रहेंगे. इसलिए गांव में सड़क की मरम्मती और बैंक एटीएम लगाने की मांग हम सरकार से करते हैं. मालूम हो कि बीते दिनों हैदर काजमी ने  फिल्म ‘चूहिया’ की शूटिंग इसी गांव में की थी, जो भारत में एजुकेशन सिस्‍...

उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता- साहिर लुधियानवी/ प्रसिद्ध यादव।

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              यह एक देशभक्ति गीत है जो काफी कर्णप्रिय और अर्थपूर्ण है।      फ़िल्म- आँखें (1968) संगीत  रवि गीत : साहिर लुधियानवी गायक   मोहम्मद रफ़ी कलाकार धर्मेंद्र, माला सिन्हा। उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता जिस मुल्क की सरहद की निगेहबान है आँखें हर तरह के जज़्बात का ऐलान हैं आँखें शबनम कभी, शोला कभी, तूफ़ान है आँखें आँखों से बड़ी कोई तराज़ू नहीं होती तुलता है बशर जिसमें वो मीज़ान है आँखें आँखें ही मिलाती हैं ज़माने में दिलों को अनजान हैं हम-तुम, अगर अनजान है आँखें लब कुछ भी कहें, उससे हक़ीक़त नहीं खुलती इंसान के सच-झूठ की पहचान है आँखें आँखें न झुकें तेरी किसी ग़ैर के आगे दुनिया में बड़ी चीज़, मेरी जान है आँखें उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता जिस मुल्क की सरहद की निगेहबान है आँखें " https://www.youtube.com/embed/egYgN40Py1g "

दानापुर के अनमोल रत्न दीपक मेहता को खो दिया- सनोज यादव। प्रसिद्ध यादव।

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       जदयू नेता व दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष की निर्मम हत्या पर दानापुर में शोक की लहर है। सुबह से ही स्व  मेहता की आवास  नासरीगंज पर नेताओं सहित आम लोगों को आना जाना लगा रहा और लोग अपने चहेते को अंतिम दर्शन करते रहे। साथ ही शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया। जदयू संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा अस्पताल से लेकर अंतिम यात्रा तक शामिल हुए। वही बिहार भाजपा नेता सनोज यादव दानापुर मेहता के आवास पर जाकर शोक प्रकट किया। सनोज यादव ने बताया कि दीपक मेहता दानापुर के एक अनमोल रत्न थे। इन्होंने मुख्यमंत्री से अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार एवम कानूनी कार्यवाही की मांग की है।मेहता एक कुशल व्यवहार के नेता थे। इनकी भरपाई असम्भव है।

साल के सबसे बेस्ट एक्टर रहे सुपर स्टार प्रदीप पांडेय चिंटू* -प्रसिद्ध यादव।

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 * भोजपुरी सिनेमा के सुपर स्टार प्रदीप पांडे चिंटू को उनकी फिल्म 'विवाह 2' के लिए ग्रीन सिनेमा अवार्ड 2022 में बेस्ट एक्टर ऑफ़ द ईयर का अवार्ड मिला है. बताया जा रहा है कि बेस्ट एक्टर ऑफ़ द ईयर अवार्ड की रेस में कई और नाम थे, लेकिन ज्यूरी मेम्बर ने उन सब पर प्रदीप पांडेय चिंटू को इस अवार्ड के लिए चुना. उन्हें यह अवार्ड उनकी फिल्म विवाह 2 के लिए दिया गया, जिसे दर्शकों और फिल्म क्रिटिक्स ने भी खूब सराहा था.  अवार्ड पाकर प्रदीप पांडेय चिंटू ने अपनी ख़ुशी का इजहार किया और कहा कि यह अवार्ड भोजपुरी सिनेमा के सुधि दर्शकों को समर्पित करता हूँ, जिन्होंने इस फिल्म को सफल बनाया. आभार मैं ग्रीन सिनेमा अवार्ड का करता हूँ, जिसने हमारी मेहनत को सम्मान दिया. धन्यवाद मैं फिल्म के निर्माता - निर्देशक का करता हूँ, जिनकी वजह से मैं इस खुबसुरत फिल्म का हिस्सा बना. चिंटू ने कहा कि भोजपुरी सिनेमा और यहाँ के कलाकार ने वक्त के साथ चलना सीख लिया है. इस वजह से हमारी फ़िल्में समृद्ध हुई हैं. दर्शकों की पसंद को सार्थक सिनेमा का विकल्प मिल रहा है और सबसे बड़ी बात ये है कि भोजपुरी सिनेमा अपनी खोयी पहचान को पुनः त...

दीपक मेहता की हत्या! अनसुलझे गूथियाँ!/ प्रसिद्ध यादव।

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     दानापुर के आसपास करीब एक-  दो  साल में पिछड़े वर्ग के कोइरी जाति के कई जनप्रतिनिधियों ,नेताओं की हत्या से दहशत का माहौल बन गया है। कुछ समय पहले खगौल में रालोसपा नेता मनोज महतो की हत्या, बगल में रामपुर फरीदपुर के मुखिया जदयू नेता नीरज मुखिया की हत्या, नॉबतपुर में वार्ड पार्षद इसी समुदाय के एक कि हत्या , नॉबतपुर के दबंग पंचम महतो की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत  और कल दानापुर में नासरीगंज पुलिस चौकी के नजदीक घर पर दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष दीपक मेहता की गोलियों से निर्मम हत्या कर दी गई। आखिर एक जाति विशेष को टारगेट कर के क्यों हत्या की जा रही है? हत्या के आरोपित जो गिरफ्तार हो रहे हैं, वे कौन लोग हैं? पुलिस को सारे बिंदुओं पर और आरोपियों के कनेक्शन को भी ढूंढना होगा। जिनलोगों की हत्या हुईं, वे कोई दबंग या अपराधी प्रवृत्ति के नही थे, जिनसे किसी को कोई जानमाल का खतरा हो? फिर यह हत्या का सिलसिला क्यों? कौन रोकेगा? इसका जवाब चाहिए। दीपक मेहता से मेरा व्यक्तिगत सम्बन्ध था और यह मेरी व्यक्तिगत क्षति है।नीरज मुखिया भी छोटा भाई की तरह थे और इनसे पारिवारिक सम...

जब प्यार किया तो डरना क्या- शकील बदायुनी/ प्रसिद्ध यादव।

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            फ़िल्म : मुग़ल-ए-आज़म (1960)  संगीत: नौशाद गीत : शकील बदायुनी  गायक  लता मंगेशकर इंसान किसी से दुनिया में एक बार मोहब्बत करता है इस दर्द को लेकर जीता है इस दर्द को लेकर मरता है प्यार किया तो डरना क्या जब प्यार किया तो डरना क्या प्यार किया कोई चोरी नहीं की छुप छुप आहें भरना क्या जब प्यार किया तो डरना क्या प्यार किया तो डरना क्या आज कहेंगे दिल का फ़साना जान भी ले ले चाहे ज़माना मौत वही जो दुनिया देखे घुट घुट कर यूँ मरना क्या जब प्यार किया तो डरना क्या प्यार किया तो डरना क्या उनकी तमन्ना दिल में रहेगी शम्मा इसी महफ़िल में रहेगी इश्क में जीना इश्क में मरना और हमें अब करना क्या जब प्यार किया तो... छुप ना सकेगा इश्क हमारा चारों तरफ़ हैं उनका नज़ारा परदा नहीं जब कोई खुदा से बन्दों से परदा करना क्या जब प्यार किया तो... https://youtu.be/FzVG01dDTCA - इस गाने को शकील बदायुनी ने 105 बार लिखा था जिसके बाद ही वे नौशाद साहब को उनकी पसंद तक पहुँचा सके | - इस गाने को बनाने और शूट करने में 100 लाख रूपए लगे थे | - इस गीत को सुप्रसिद्ध शीश-महल में श...

दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष दीपक मेहता को गोली मारी!प्रसिद्ध यादव।

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    तस्वीर में मै मेहता से इंटरव्यू लेते हुए।गमछी रखे हुए दीपक मेहता। दीपक मेहता विगत विधानसभा चुनाव में दानापुर विधानसभा क्षेत्र से रालोसपा से चुनाव लड़े थे। इनसे चुनाव के दौरान खगौल में संगम सलिल चैनल में मैं साक्षात्कार लिया था ।मेरे साथ अरविंद कुमार भी थे।मेहता बेवाकी से दानापुर की समस्याओं पर अपनी बात रखी थी। सूत्रों से ज्ञात हुआ कि मेहता काफी गंभीर हालत में पटना पारस हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इनके चाहने वालों की अस्पताल में भीड़ लगी हुई है। अपुष्ट खबर है कि इनकी मौत हो गई है।

पैसे के आगे रिश्ते- नाते भी शर्मशार हो रहे हैं- नाटक अनाथ।/प्रसिद्ध यादव।

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             फुलवारी शरीफ। गुरु रविन्द्र नाथ टैगोर की कहानी आज भी कैसे हकीकत बन कर हमारे सामने आती है यह फुलवारी शरीफ के शाहीन इंटरनेशनल स्कूल के कला मंच नाटक देख रहे लोगों के मन में उभरा, जब नाटक अनाथ के कलाकारों ने उसे जीवंत किया। पैसे के आगे रिश्ते -नाते भी शर्मशार हो रहे हैं। खगौल की चर्चित नाट्य संस्था  सूत्रधार  द्वारा सोमवार को स्थानीय शाहीन इंटरनेशनल स्कूल के उद्घाटन समारोह में  रविंद्र नाथ टैगोर की मूल कहानी एवं नुपुर चक्रवर्ती द्वारा नाट्य रूपांतरण एवं नीरज कुमार द्वारा निर्देशित नाटक "अनाथ" की प्रस्तुति हुई। नाटक की कहानी समसायिक है। पारिवारिक एवं सामाजिक दृष्टिकोण से ये कहानी अति दुर्लभ रचना है। जयगोपाल, अपने शादी के बाद ससुर के कहने के बाद ससुराल में हीं बस जाता है, उसके ससुर और सास मरने से पहले अपनी बेटी के गोद में नीलमणि को देते हैं, और उसके बाद अच्छी परवरिश का वचन अपनी बेटी शशिकला, और दामाद जयगोपाल से लेते हैं। नीलमणि धीरे-धीरे बड़ा होता है। शशिकला भाई के परवरिश में पति को प्यार देना भूलने लगती है। जयगोपाल के मन में लालच ...

हमें भी याद रखें जब लिखें तारीख़ गुलशन की, के हमने भी जलाया है चमन में आशयां अपना. / प्रसिद्ध यादव।

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              28 मार्च को फतुहा में शहीद हुए अब्दुल बारी जी को कोटि कोटि नमन! फतुहां रेलवे स्टेशन का नाम अब्दुल बारी हो !        महान मज़दूर नेता, जंग ए आज़ादी के क़द्दावर नेता और 1937 में बिहार विधान सभा के सदस्य रहे प्रोफे़सर अब्दुल बारी 1940 के दशक मे बिहार के सबसे बड़े कांग्रेसी और मज़दुर लीडर थे; जिनके बारे मे यहां तक कहा जाता है कि अगर 28 मार्च 1947 को फ़तुहा के पास उन्हे शहीद नही किया जाता तो आज़ादी के बाद बिहार के पहले मुख्यमंत्री प्रोफ़ेसर अब्दुल बारी ही होते। हद तो तब हो गई जब हम मज़हब मुसलमानो ने इन्हे पहचाने से इंकार कर दिया. वैसे इनकी समाजिक और सियासी पहुंच का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है के इनके नमाज़ ए जनाज़ा मे महात्मा गांधी जैसे क़द्दावर लोग शरीक हुए थे। प्रोफ़ेसर अब्दुल बारी वही शख़स हैं जिनके एक क़ौल पर अक्तुबर 1946 को पुरा पटना शहर जलने से बच गया, जब बिहार के मगध का पुरा इलाक़ा मुस्लिम मुख़ालिफ़ फ़सादात (दंगा) से जुझ रहा था जिसमे सिर्फ़ आठ दिन के अंदर तक़रीबन तीस हज़ार से भी ज़्यादा लोग क़त्ल...

शहीदों के प्रतिमा एवम सम्मान के लिए जयगोविंद प्रसाद यादव के नाम को चयन समिति में नामित करें- प्रसिद्ध यादव।

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       शहीदों के सम्मान में  भेदभाव बर्दाश्त नही होगा! करो या मरो का सिंहनाद होगा!         सेवा में, महामहिम राष्ट्रपति महोदय भारत सरकार, नई दिल्ली।          विषय-     शहीदों के प्रतिमा एवम सम्मान के लिए जयगोविंद प्रसाद यादव के नाम को चयन समिति में  नामित  करने के लिए। महाशय, उक्त संदर्भ में आग्रह है कि देश में अभी आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा है।ऐसे में देश के लिए सरहद पर शहीद होने वाले कि उपेक्षा कहाँ तक उचित है?     शहीदों के प्रतिमा एवम सम्मान के लिए जयगोविंद प्रसाद यादव के नाम को चयन समिति नामित करे। वीर अमर शहीद   जय गोविंद प्रसाद यादव पिता का नाम स्व   मिसरी प्रसाद यादव ग्राम - बाबूचक पो महम्मदपुर थाना फुलवारी शरीफ,  जिला - पटना( बिहार)    801105   7  वीं बटालियन बिहार रिजिमेन्ट दानापुर के सिपाही संख्या  4237755  था। 27 अगस्त 1965 को  छमजूरिया, जम्मू कश्मीर में अदम्य साहस, सूर्यवीरता के साथ राष्ट्र ह...

जिसका डर था बेदर्दी, वही बात हो गयी- आनंद बक्शी / प्रसिद्ध यादव।

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         कितना खूबसूरत रचना है, शिकायत भी और तारीफ भी ।दोनो साथ ।ये काम साहित्य के रसधार बहाने वाले ही कर सकते हैं।       फ़िल्म  दो रास्ते (1969)   संगीत  लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल  गीत : आनंद बक्षी  गायक : मो.रफ़ी, लता मंगेशकर कलाकार राजेश खन्ना, मुमताज। छुप गये सारे नज़ारे, ओये क्या बात हो गयी तूने काजल लगाया, दिन में रात हो गई मिल गये नैना से नैना, ओये क्या बात हो गयी दिल ने दिल को पुकारा, मुलाक़ात हो गयी कल नहीं आना, मुझे ना बुलाना कि मारेगा ताना ज़माना तेरे होठों पे रात ये बहाना था गोरी तुझको तो आज नहीं आना था तू चली आई दुहाई, ओये क्या बात हो गयी मैंने छोड़ा ज़माना, तेरे साथ हो गयी तूने काजल लगाया... अम्बवा की डाली पे गाए मतवाली कोयलिया काली निराली सावन आने का कुछ मतलब होगा बादल छाने का कोई सबब होगा रिमझिम छाए घटाएँ, ओये क्या बात हो गयी तेरी चुनरी लहराई, बरसात हो गयी दिल ने दिल को... छोड़ ना बैयाँ, पडूँ तेरे पईयां तारों की छैय्याँ में सईयाँ इक वो दिन था मिलाती ना थी तू अँखियाँ इक ये दिन तू जागे सारी-सारी रतियाँ बन...

व्यापारी को चाहिए धन भाड़ में जाए वतन- कवि गोरख प्रसाद मस्ताना।

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  अखबार या विज्ञापन विज्ञापनों से ढका चेहरा मानो सत्य पर पड़ा पर्दा किसी बुर्के से ढकी नारी की तरह या कफ़न में लिपटा कोई मुर्दा हाँ! मुर्दा हो तो हैं जहाँ केवल खबर है, हत्या, बलत्कार न कोई चिंतन न सामाजिक सरोकार सम्पादकीय या अरण्यरोदन साफ दिखत हैं लाचारी क्योंकि इसके मालिक है आदमी नहीं व्यापारी आदमी तो दूसरों का दुःख महसूसता है व्यापारी को चाहिए धन भाड़ में जाए वतन आठ पन्नों में विज्ञापन दो पन्नों में बाज़ार और बाकिर बचे पृष्ठों में तन उघारु चित्रों की भरमार भूल से भी कुछ जगह बच गयी तो मांसल शारीर को बेचने के साधन का प्रचार यही है प्रजातंत्र का चौथा खम्भा या अचम्भा लंगड़ा कर चलता है बीमार की तरह हमारा अख़बार विज्ञापन के चश्मे से झाँकने वाला जो स्वयं विद्रूप और विखंडित है क्या गढ़ेगा नया भारत?

सीएम पर हमला निंदनीय ! सुरक्षा व्यवस्था की लापरवाही!/ प्रसिद्ध यादव।

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                 बख्तियारपुर बिहार में एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार पर एक अंजान शख्स ने हमला करने की कोशिश की. इस हमले का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें एक शख्स तेजी से नीतीश कुमार की तरफ बढ़ता है और उन्हें मुक्का मारने की कोशिश करता है कि तभी मुख्यमंत्री के गार्ड उसे घेर लेते हैं. इस घटना के बाद से ही नीतीश कुमार की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है.    नीतीश कुमार पर अपने ही घर में हमला की घटना स्तब्ध करने वाली है। राजनीति में किसी से वैचारिक मतभेद हो सकता है लेकिन हमला करना, हिंसात्मक रुख अपनाना कतई बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। इतनी सख्त सुरक्षा के घेरे को तोड़कर युवक सीएम के पास कैसे पहुंच गए। कहीं न कहीं सुरक्षा में भी चूक है। कानून का इकबाल कहाँ है?  आम आदमी का क्या हाल होगा? हमलावर युवक पुलिस गिरफ्त में है और अब पूछताछ के बाद ही पता चलेगा कि आखिर वो हमला क्यों और किसके इशारे पर किया? बिहार में हर रोज बदलती घटनाक्रम के बीच  सीएम पर हमला  करना दुःसाहस ही है। पूर्व में भी बिहार के एक नेता सीएम को छाती तोड़न...

शिक्षक को शराब की सूचना देना महंगा पड़ा ! प्रसिद्ध यादव।

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             शराब माफिया से पुलिस टकराने में डरती है, जिनके पास हथियार, पावर सबकुछ है। कई जगह पुलिस पर हमले हुऐ, जान बचाकर भागे। फिर ये कलमवीर किस खेत की मूली हैँ। सरकार सचिवालय में बैठकर फरमान जारी करती है। फरमान सुनाने वाले के पास बॉडीगार्ड है, लेकिन ये निरीह शिक्षक ! खुद तो हाल बुरा हुआ ही साथ में परिवार वाले को भी मार पड़ी। सरकार शराब के चक्कड़ में शिक्षकों को क्यों बलि की बकरा बना रहा है। हर क्षेत्र में विधायक, सांसद होते हैं।यह जिम्मेदारी उन्हें क्यों नहीं दे देते? ये लोग के पास बॉडीगार्ड भी होते हैं। शिक्षक दहसत में हैँ, कब कौन शिक्षक किस शराब माफिया के निशाने पर आ जाये कहना मुश्किल है। पटना सिटी शराब की सूचना पुलिस को देना गोपालपुर थाना क्षेत्र के कर्णपूरा हरि टोला के एक शिक्षक को काफी भारी पड़ गया.  शराब माफिया को जैसे ही इस बात का पता चला उसने अपने गुंडे भेजकर शिक्षक समेत उसके पूरे परिवार की पिटाई करबा दी. गुंडों की पिटाई से शिक्षक और उनकी मां गंभीर रूप से घायल हो गये हैं. दोनों को इलाज के लिए एनएमसीएच में भर्ती कराया गया है. घटना की सूचना...

बॉलीवुड के बाद अब भोजपुरी में भी हो रहा है फ़िल्म 'ओमकारा' का निर्माण, आज 27 मार्च से शूटिंग शुरू* /प्रसिद्ध यादव।

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* साल 2006 में आई बॉलीवुड की चर्चित फिल्म 'ओमकारा' का निर्माण अब भोजपुरी में भी किया जा रहा है। फ़िल्म को शिखा मिश्रा अपने प्रोडक्शन हाउस शिखा ग्लोबल एंटरटेनमेंट के बैनर से लेकर आने वाली हैं। शिखा ग्लोबल एंटरटेनमेंट की पहचान कथा प्रधान फिल्में बनाने की रही है, जो अब फ़िल्म 'ओमकारा' लेकर आ रही है। इस फ़िल्म की शूटिंग आज 27 मार्च से शुरू हो गया है गोरखपुर मे   ।  इस बारे में प्रोड्यूसर शिखा मिश्रा ने बताया कि हमारी फ़िल्म का टाइटल सिर्फ 'ओमकारा' है। इसकी पटकथा बेहद फ्रेश और मनोरंजन वाली है। हम 27 मार्च से इस फ़िल्म की शूटिंग शुरू कर दिये हैं। फ़िल्म की शूटिंग उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हो रही  है। फ़िल्म के बारे में अभी मैं बस इतना ही कहूंगी कि यह फ़िल्म दर्शकों को इतना एंटरटेन करेगी कि वे हमारी फ़िल्म को बार - बार देखेंगे। तभी हमने इसकी पटकथा से लेकर दूसरे अन्य पहलुओं पर मजबूती से काम किया है। अब फ़िल्म का निर्माण भी बड़े स्तर पर होगा। बहुत मजा आने वाला है फ़िल्म में।  शिखा ने फ़िल्म 'ओमकारा' की कास्टिंग को लेकर कहा कि हमारी फ़िल्म में प्रिंस सिंह राजपूत और शुभी शर्मा...

भोजपुरी फ़िल्म 'सती नागिन' को लेकर अभिनेता राहुल सिंह राजपूत ने कहा - रोमांच से भरपूर होगी फ़िल्म* - प्रसिद्ध यादव।

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 * भोजपुरी फ़िल्म केहू दीवाना बा नैहर में फेम अभिनेता राहुल सिंह राजपूत ने 'तेरे इश्क में मरजावां' के बाद अब अपनी नई फिल्म 'सती नागिन' की शूटिंग भी पूरी कर ली है। इस फ़िल्म की शूटिंग जमशेदपुर में सम्पन्न हुई है, जो नागों की कहानी पर आधारित है। इस फ़िल्म की शूटिंग पूरी करने के बाद वे अब अपनी दूसरी अन्य फिल्मों की तैयारी में जुट गए हैं।  लेकिन उससे पहले हम ये बता दें कि राहुल सिंह राजपूत को अपनी इस फ़िल्म से बेहद उम्मीदें हैं, जिसको लेकर वे एक्साइटेड भी बेहद हैं। उन्होंने कहा कि फ़िल्म बेहतरीन है। सबों को बहुत मजा आने वाला है इसमें। फ़िल्म में रोमांच का बूस्टर डोज मिलने वाला है। बेहद कमर्सियल और साफ सुथरी फ़िल्म हमने बनाई है। इसमें ग्राफिक्स का भी बेहद इस्तेमाल किया जाएगा। मैं ये दावे के साथ कह सकता हूँ कि फ़िल्म जब पर्दे पर आएगी, तो हर कोई इसे देखना चाहेगा। हमारी फिल्म में गाने से लेकर संवाद सब कुछ नायाब हैं। तो आपसे अपील है कि फ़िल्म सिनेमाघरों में जाकर देखिएगा जरूर।  आपको बता दें कि फ़िल्म 'सती नागिन' के गानों की शूटिंग डिमना डैम्प, चांडिल डैम्प और झील के अति मनमोहित स्थ...

मैं चल भी नहीं सकता हूँ और तुम दौड़ जाते हो ! - आनंद बक्शी / प्रसिद्ध यादव।

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               फ़िल्म खिलौना, गीत आनंद बक्सी, संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, अभिनेता संजीव कुमार, मुमताज गायक मो रफी, 1970 की बनी फिल्म के गाने में दर्द गजब की है। आज भी आंखें भर आती है। खिलौना जान कर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो खिलौना जान कर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो क्यूं मुझे इस हाल में  किसके सहारे छोड़ जाते हो खिलौना जान कर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो खुदा का वास्ता देकर मन लुन दूर हूँ लेकिन तुम्हारा रास्ता में रोक  लूं  मजबूर हूँ लेकिन के  मैं चल भी नहीं सकता हूँ  और तुम दौड़ जाते हो  खिलौना  जान कर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो  https://youtu.be/xFUYO0CI6xc?t=16

साजन साजन पुकारू गलियों में- आनंद बक्शी/ प्रसिद्ध यादव।

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                 फ़िल्म साजन गीत आनंद बक्शी कलाकार आशा पारिख, मनोज कुमार गायक लाता मंगेशकर 1969 में बनी ।  साजन साजन साजन साजन पुकारू गलियों में साजन साजन पुकारू गलियों में कभी फूलों में धुंडु कभी कलियों में साजन साजन पुकारू गलियों में साजन साजन आ  हा के साजन साजन पुकारू गलियों में ऐसे रूठा है बेदर्दी कहा न माने ऐसे रूठा है बेदर्दी कहा न माने मेरे दिल की मेरी जान की कदर न जाने मैं उसी जुलमी के नैना मस्ताने कभी फूलों में धुंडु फूलों में धुंडु कभी कलियों में साजन साजन पुकारू गलियों में साजन साजन आहा के साजन साजन पुकारू गलियों में मुझसे कहती है परबत पे घटा छा छा के मुझसे कहती है परबत पे घटा छा छा के ओ रामा हसती है पूरब से हवा आ आ के वह छिपा है दिल में और न जान जान के कभी फूलों में धुंडु हाँ फूलों में धुंडु कभी कलियों में साजन साजन पुकारू गलियों में साजन साजन आ  हा के साजन साजन पुकारू गलियों में.      https://youtu.be/IMb1UZ1dXjU

हमें तुम से प्यार कितना, ये हम नहीं जानते - मजरूह सुल्तानपुरी।/ प्रसिद्ध यादव।

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        मैं अपने धरोहर को गीतों में ढूंढता हूँ तो लगता है कि कितना उच्च विचार के कवि गीतकार हमारे देश में हुए हैं। सुल्तानपुरी यूपी सुल्तानपुर के थे। इन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया गया था।    फ़िल्म कुदरत , गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी, संगीत आर डी वर्मन गायक किशोर परवीन  हमें तुम से प्यार कितना, ये हम नहीं जानते  मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना  हमें तुम से प्यार ...  सुना गम जुदाई का, उठाते हैं लोग  जाने ज़िंदगी कैसे, बिताते हैं लोग  दिन भी यहाँ तो लगे, बरस के समान  हमें इंतज़ार कितना, ये हम नहीं जानते  मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना  हमें तुम से प्यार ...  तुम्हें कोई और देखे, तो जलता है दिल  बड़ी मुश्किलों से फिर, सम्भलता है दिल  क्या क्या जतन करतें हैं, तुम्हें क्या पता  ये दिल बेक़रार कितना,  ये हम नहीं जानते  मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना  हमें तुम से प्यार ...   हमें तुम से प्यार कितना, यह हम नहीं जानते  मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना  हमें तुम से प्या...

दोनों पत्नियों के साथ रहने के लिए 15 -15 दिनों का पति का लगा हरभंजिया ! /प्रसिद्ध यादव।

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                     हरभंजिया शब्द किसानों को, गांवों में रहने वाले को मालूम है ।इसलिए मुझे बताने की जरूरत नहीं है।   एक मुश्किल है कि जिसके भांजे में पति पर गया और कोई जरूरी काम से घर से बाहर गया, वो एब्सेंट होगा कि जिसके पास थी उसे सहना पड़ेगा। यहां लोग एक वीबी से इतना परेशान है कि कितना लोग घर छोड़कर अयोध्या, काशी, वृंदावन धूमि रमा के साधु फकीर बन गया है और कुछ को डबल ट्रिपल की सवारी चाहिए।तो भुगतो। जिंदगी तुम्हारे सिवा कटती नहीं, तुम्हारी सब यादे दिल से मिटती नही, तुम इस कदर बस गए हो मेरी आँखों में, की अब इन निगाहो से तुम्हारी तस्वीर हटती नहीं. मेरे लिए हर ख़ुशी का एक ही मतलब हे, और वो हे तुम्हारा साथ होना. हर कोई कहता हे, बीवी सिर्फ तकलीफ देती हे, कभी किसी ने यह नहीं कहा की , तकलीफ में हमारा साथ भी वह देती हे. नही चाहिए सोना चाँदी, नही चाहिए मोतियों के हार, चाहूँ तो बस इतना चाहूँ, मेरे साजन बस थोड़ा सा प्यार. न जाने कौन सा, विटामिन है तुझमे, एक दिन याद न करू तो, कमजोरी सी महसूस होती हे. हम तुमसे लड़ते हे तो, इसका य...

रेत का एक - एक कण सामाजिक न्याय क्रांति की बात करता है - सीएम स्टालिन ।/ प्रसिद्ध यादव।

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    द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कांग्रेस, अपनी धुर प्रतिद्वंद्वी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), वाम दलों और तृणमूल कांग्रेस सहित देश भर के 37 राजनीतिक दलों से शोषित लोगों के हितों की रक्षा के लिए अखिल भारतीय महासंघ में शामिल होने की अपील की। स्टालिन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़कर सभी अहम दलों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हमारे अनूठे, विविध, बहु-सांस्कृतिक परिसंघ को कट्टरता और धार्मिक आधिपत्य के कारण खतरा है।’’ उन्होंने कहा कि इन ताकतों से तभी लड़ा जा सकता है, यदि समानता, आत्मसम्मान और सामाजिक न्याय पर भरोसा करने वाले सभी लोग एकजुट हों। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक लाभ का प्रश्न नहीं है, बल्कि यह ‘‘हमारे गणराज्य की उस बहुलवादी पहचान को पुन: स्थापित करने से जुड़ा है, जिसका सपना हमारे संस्थापक पूर्वजों ने देखा था।’’द्रमुक प्रमुख ने कहा कि उन्होंने गणतंत्र दिवस पर सभी नेताओं, नागरिक समाज के सदस्यों और समान विचारधारा वाले लोगों और संगठनों का एक 'साझा मंच' स्थापित करने के लिए...

तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं / शब्दों के कमाल।-प्रसिद्ध यादव।

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            फ़िल्म दिल ही तो है, गीतकार साहिर लुधियानवी, संगीत रोशन गायक मुकेश। प्रेमी प्रेमिका के बीच संवाद, दर्द को लुधियानवी साहेब ने कितनी बारीकी से लिखा है। ये शब्दों की चित्रकारी का कमाल है कि इसे पढ़ते ही तस्वीरे बन जाती है।राजकपूर पर फिल्माया गया गीत नूतन को अपने दर्दे दिल बयान किया था। तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं  तुम किसी और को चाहोगी तो मुश्किल होगी  अब अगर मेल नहीं है तो जुदाई भी नहीं  बात तोड़ी भी नहीं तुमने बनाई भी नहीं  ये सहारा भी बहुत है मेरे जीने के लिये  तुम अगर मेरी नहीं हो तो पराई भी नहीं  मेरे दिल को न सराहो तो कोई बात नहीं  गैर के दिल को सराहोगी, तो मुश्किल...  तुम हसीं हो, तुम्हें सब प्यार ही करते होंगे  मैं तो मरता हूँ तो क्या और भी मरते होंगे  सब की आँखों में इसी शौक़ का तूफ़ां होगा  सब के सीने में यही दर्द उभरते होंगे  मेरे ग़म में न कराहो तो कोई बात नहीं  और के ग़म में कराहोगी तो मुश्किल.. . फूल की तरह हँसो, सब की निगाहों में रहो  अपनी मासूम जवानी की पना...