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Showing posts from April, 2025

केंद्र सरकार ने लालू ,शरद, मुलायम की चिर परिचित मांग जातीय जनगणना करवाने का निर्णय लिया।

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  सामाजिक न्याय के पुरोधा लालू यादव, शरद यादव, मुलायम सिंह यादव की पुरानी मांग जातीय जनगणना करवाने के लिए मुहर लगा दी। इन मुद्दों को उठाने पर लोग उपहास करते थे और जातीयता का दोषारोपण करते थे लेकिन अब साबित हो गया कि यह एक सामाजिक न्याय की क्रांति थी।शहीद जगदेव बाबू के सपने जिसकी जितनी भागेदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी पर अमलीजामा पहनाया जाएगा।आरक्षण पर कर्पूरी ठाकुर जी को खुलेआम गालियां देने वाले भी इनके चरणों में नतमस्तक हैं। संघर्ष आज नहीं तो कल जरूर रंग लाता है। जातीय जनगणना के लिए लालू प्रसाद यादव, शरद यादव और मुलायम सिंह यादव ने लंबे समय तक संघर्ष किया है। यहाँ उनके प्रयासों के कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं: 1990 का दशक: लालू प्रसाद यादव ने जनता दल के अध्यक्ष के रूप में, संयुक्त मोर्चा सरकार के दौरान 1996-97 की कैबिनेट बैठक में 2001 की जनगणना में जाति गणना कराने का निर्णय लिया था, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में यह निर्णय लागू नहीं हो पाया। 2011:लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव और शरद यादव ने मिलकर संसद में इस मुद्दे को उठाया और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सामाजिक-आर्थिक सर्...

भारत में मजदूरों की संख्या चीन के बाद विश्व में दूसरी सबसे बड़ी है।

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  ख़ून मज़दूर का मिलता जो न तामीरों में न हवेली न महल और न कोई घर होता। मजदूर दिवस पर बधाई!  भारत में सबसे ज़्यादा मजदूर पलायन मुख्य रूप से कुछ राज्यों से होता है। हालांकि पलायन के आंकड़े समय-समय पर बदलते रहते हैं, लेकिन सामान्य तौर पर निम्नलिखित राज्य उच्च मजदूर पलायन दर वाले माने जाते हैं: उत्तर प्रदेश: यह राज्य लंबे समय से देश के विभिन्न हिस्सों में श्रम आपूर्ति करने वाले प्रमुख राज्यों में से एक रहा है। बिहार: बिहार भी एक ऐसा राज्य है जहाँ से बड़ी संख्या में लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं। राजस्थान: इस राज्य के भी काफी लोग बेहतर अवसरों की तलाश में अन्य राज्यों की ओर रुख करते हैं। मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश भी उन राज्यों में शामिल है जहाँ से मजदूरों का पलायन अधिक होता है। इन राज्यों से पलायन के कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं: रोजगार के अवसरों की कमी: इन राज्यों में अक्सर पर्याप्त रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं होते हैं। कृषि पर अत्यधिक निर्भरता: अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि होने और उसमें भी अनिश्चितता के कारण लोगों को अन्य क्षेत्रों में रोजगार खोजना पड़...

जमालुद्दीन चक पंचायत के कोठियां टोला के स्व योगेंद्र राय की पत्नी को न विधवा पेंशन मिली न इंदिरा आवास।

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   @danapur. लालू यादव जी एक बार इनके घर आकर खुद मदद किये थे। सुबह सुबह मैं टहलने जा रहा था ,स्व योगेंद्र राय की पत्नी की आंखों में आंसू थी।मैं पूछा क्या हुआ ? कल कुत्ता आकर एक बकरी के बच्चा को काट कर मार दिया।  काला वाला बच्चा को मेरे पूछने पर वो हाँ बोली। चूंकि हर दिन टहलने के क्रम में हर रोज उसका हालचाल जरूर पूछता था,इसलिए मुझे उसकी मुफलिसी के बारे में पता है।  सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाएं हैं लेकिन इसके लिए कुछ नहीं है ,क्योंकि योजनाओं को पूरा करने में इतनी क्रेटेरिया है कि बिना दौड़ धूप किये,चढ़ावा चढ़ाए कल्याण होने का सवाल ही नहीं है।अब इसके पास न पैसे हैं न समय है कि कहीं जाए। पंचायत के जनप्रतिनिधियों को ऐसे लोगों को सुध लेने की फुर्सत नहीं है।  इसके पास करीब कुल एक कट्ठा जमीन थे,उसमें आधा कट्ठा बेचकर पति की इलायज करवाई और कुछ बचे पैसे से कुछ घर बनाई। जीवन यापन के लिए दूसरों की मजदूरी व बकरी पालन करते हैं। इसकी गरीबी की दुष्चक्र की लंबी कहानी है । संक्षेप में,  इनके पति जब छोटे थे तो घर से सियार उठाकर ले गया था और पूरा लहूलुहान कर दिया था, हल्ला होन...

पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के राम लखन सिंह यादव कॉलेज अनीसाबाद में स्नातक चतुर्थ वर्षीय तीनों संकायों में नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई।

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                        पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी   में नए सत्र 2025-2029 स्नातक में नामांकन की प्रक्रिया 25 मई से शुरू हो गयी। यह नामांकन चार वर्षीय च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत होगी। स्नातक फर्स्ट सेमेस्टर 2025-2029 के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 30 जून है। इसके लिए कुलपति प्रो शरद कुमार यादव की अध्यक्षता में नामांकन कमेटी की बैठक में स्वीकृति प्रदान कर दी थी। वहीं, 4 जुलाई से नए सत्र शुरू कर दिया जाएगा। पीपीयू के  एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार ही सभी काम किए जाएंगे। कुलपति ने एकेडमिक कैलेंडर तैयार कर राजभवन और सरकार को भी भेजा दिया था। शैक्षणिक सत्र को लगातार अपडेट रखते हुए नए सत्र में भी तय सीमा के अंदर सभी परीक्षाएं आयोजित कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस एकेडमिक कैलेंडर में प्रवेश, परीक्षा के समय की भी घोषणा कर दी गई है।       राम लखन सिंह यादव कॉलेज अनीसाबाद ,पटना  2 की विशेषताएं -- यह राजधानी पटना की हृदयस्थली अनीसाबाद  ,पटना 2 में शांत ,प्रकृति एवम   रमणीक शैक्षणिक वात...

भारत में सामाजिक-आर्थिक असमानता एक गंभीर और बहुआयामी समस्या ! प्रो प्रसिद्ध कुमार , अर्थशास्त्र।

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       राजनीति के लोकलुभावन घोषणाओं में भारत की मूल समस्याओं ,जिससे देश की 80 फ़ीसदी से अधिक आबादी प्रभावित है से मुद्दे गौण हैं। इसके जगह पर भड़काऊ बयान व एजेंडे चल रहा है। प्रभावित लोग इसी के मोहफास में है।आज भी आदमी को सम्मानपूर्वक इंसान बनने में जीवन खत्म हो जाता है लेकिन उसे सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार नहीं मिलता है। जिसके कई कारण हैं: असमानता की स्थिति: धन का असमान वितरण: भारत में धन का वितरण बहुत असमान है। एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के शीर्ष 1% लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा है, जबकि नीचे के 50% लोगों के पास बहुत कम संपत्ति है। आय में असमानता: आय के मामले में भी भारत दुनिया के सबसे असमान देशों में से एक है। शीर्ष 10% और शीर्ष 1% आबादी राष्ट्रीय आय का एक बड़ा हिस्सा रखती है, जबकि नीचे के 50% की हिस्सेदारी बहुत कम है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक असमान पहुंच: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में बड़ी असमानता है। यह असमानता लोगों की आर्थिक और सामाजिक गतिशीलता को सीमित करती है और गरीबी के चक्र को बनाए रखती है। रोजगार के अवसरों ...

दुनिया में जापान में औसत जीवन प्रत्याशा सबसे अधिक लगभग 84 वर्ष है।

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         जापान  में औसत जीवन प्रत्याशा  दुनिया में सबसे अधिक है, जो लगभग 84 वर्ष है। अमेरिका में यह 77.5 वर्ष है, और भारत में यह लगभग 70 वर्ष है.  जापान के हिरोशिमा में पहला परमाणु बम 6 अगस्त 1945 को गिराया गया था, और नागासाकी में दूसरा बम 9 अगस्त 1945 को।  अनुमानतः हिरोशिमा में 140,000 से अधिक लोगों और नागासाकी में 74,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।      जापान  और अमेरिका, दोनों में ही भारत की तुलना में जीवन प्रत्याशा अधिक है। जापान में जीवन प्रत्याशा का मुख्य कारण इस्केमिक हृदय रोग और कैंसर से होने वाली कम मौतें हैं, जबकि अमेरिका में जीवन प्रत्याशा की अधिकता के पीछे जीवनशैली और स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच जैसे कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जापान में कम हृदय रोग और कैंसर से मौतें होती है। जापानी लोग कम वसा और अधिक मछली, सोयाबीन और हरी चाय का सेवन करते हैं, जिससे हृदय रोग और कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा कम होता है। जापानी लोग अधिक पैदल चलते हैं, सीढ़ियाँ चढ़ते हैं और 80% तक पेट भरने तक खाते हैं, जिससे मोटापे से बचा जा स...

भारत की यही है रामराज्य ! वंचितों के साथ जानवरों जैसा दुर्व्यवहार !

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   कहाँ गया योगी का बुलडोजर ,नीतीश का सुशासन! हिन्दू धर्म व सनातन धर्म के नाम पर पगलाए हुए वंचितों ,बहुजनों सपा संसद रामजी लाल पर जानलेवा हमला, जय भी कहने पर बुरी तरह से पिटाई करना ,आरा में 7  बारातियों को गोली मारने जैसी घटनाएं आंखें खोलने के लिए काफी है।इसके बावजूद भी भगवा -भगवा कहता है तो चुल्लू भर पानी में डूब मर जाना चाहिए।आज उसकी बारी है कल तेरी बारी आएगी। इसके पिछलग्गू जदयू ,हम ,लोजपा है।यही सब मनुवादियों को देश में फलने फूलने दिया है।इसे भी बहुजनों को सबक सिखाने की जरूरत है। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न की समस्या को उजागर करती है जो अभी भी भारत के कुछ हिस्सों में मौजूद है। "जय भीम" का नारा, जो दलितों के उत्थान और सामाजिक न्याय का प्रतीक है, के इस्तेमाल पर इस तरह की प्रतिक्रिया अस्वीकार्य है।  सपा संसद रामजी लाल पर टायर से हमले  उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले पर हमला हुआ है। इस हमले में करणी सेना के कार्यकर्ताओं पर टायर और पत्थर फेंकने का आरोप लगा है।  यह  घटना अलीग...

आज अखिल भारतवर्षीय यादव महिला महासभा बिहार इकाई संगठन की एक कार्यकर्ता सम्मेलन श्री राम उत्सव हॉल बख्तियारपुर में संपन्न हुई।

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  इस सम्मेलन में खासकर नारी शिक्षा, सामाजिक चेतना, कुरीतियों के खिलाफ, बौद्धिक चेतना, एवं जन जागरण पर विशेष चर्चा की गई, साथ ही अहीर रेजिमेंट गठन की मांग, पिछड़े वर्ग की महिलाओं को अलग से तैतीस प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की गई, बीपी मंडल जी को पद्म भूषण देने की मांग किया गया, इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव श्याम नंदन कुमार यादव, ने नारी सम्मान नारी शिक्षा और सामाजिक कुरीतियों पर विशेष चर्चा किया, कार्यक्रम में प्रदेश महासचिव सह प्रमंडल प्रभारी प्रो राजीव रंजन यादव उर्फ संजय यादवेन्दू, प्रदेश महिला अध्यक्ष श्रीमती अंजनी रंजन यादव, प्रदेश प्रधान महासचिव चंद्रावती यादव, प्रदेश कोषाध्यक्ष गुड्डू यादव, शशि प्रभा यादव डिप्टी डायरेक्टर स्टेटिक्स, बिहार, डॉ कादम्बिनी यादव प्रदेश महासचिव महिला, प्रोफेसर शारदा यादव, संगीता यादव, सोनी यादव समीरा यादव, डॉ सुचिता यादव, विपिन यादव, स्थानीय विधायक अनिरुद्ध कुमार यादव, अनिल विद्यार्थी, भरत यादव, सैला देवी, मीरा देवी मीना यादव, भाग्या भारती प्रदेश प्रवक्ता, राजमंती यादव ने सभा की अध्यक्षता की और संचालन प्रो शारदा यादव ने किया, इस कार्यक्रम ...

भारत लंबे समय से आतंकी हमले के दंश झेलते रहा !😢😢

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       बुद्ध, महाबीर यानी ज्ञान ,अहिंसा की धरती लंबे समय से आतंकी हमले झेलने के लिए मजबूर है। हजारों निर्दोष लोगों की जान चली गई। अब तक कोई ऐसा माकूल जवाब नहीं मिला जिससे आतंक रुके । आतंकी संगठन का संरक्षण देश के अंदर परोक्ष रूप से जरूर मिलता है । कुछ स्लीपर सेल के रूप में कार्य करते हैं तो कुछ ड्रग्स आदि की सप्लाई कर आतंकी संगठन को फंडिंग की जाती है। मुंद्रा पोर्ट पर करोड़ों का ड्रग्स पकड़ाया लेकिन उसके तह तक परिणाम नहीं मिला ।  भारत में कई स्थानों पर आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हमले इस प्रकार हैं: जम्मू और कश्मीर: यह क्षेत्र लंबे समय से आतंकवाद से प्रभावित रहा है। हाल ही में, 22 अप्रैल, 2025 को, आतंकवादियों ने पहलगाम के पास एक रिसॉर्ट में हमला किया, जिसमें कम से कम 26 पर्यटक मारे गए। यह वर्षों में नागरिकों पर सबसे घातक हमला था। दिल्ली: 1996 लाजपत नगर बम विस्फोट: 21 मई 1996 को दिल्ली के लाजपत नगर बाजार में हुए इस बम विस्फोट में 13 नागरिक मारे गए और 39 अन्य घायल हो गए। 2000 लाल किला हमला: 22 दिसंबर 2000 को आतंकवादियों ने लाल किले पर हमला किया। 2001 भा...

नेताओं के तरह -तरह के स्वांग ! चुनाव की आहट है।

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     जय हो ! स्वांग महाराज की!  बिना बुलाये नेता आपके क्षेत्र में, मोहल्ले में ,घर पर पधार रहे हैं तो समझ लें कि निकट भविष्य में चुनाव आने वाला है। लंबी चौड़ी बातें ,डिंग हांकना ,तीसमारखाँ बनना ,चुनाव लड़ने की तैयारी है। कभी अपनी कमाई नहीं बताएगा,राजा महाराजा की तरह विलासिता पूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे है का जिक्र नहीं करेगा । उसकी फिक्र तो अभी सिर्फ जनता जनार्दन की है, इसीका दिन रात स्वांग रचेगा।  चुनाव के समय, नेता जनता को लुभाने के लिए कई तरह के स्वांग रचते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं: भावनात्मक अपील: वे लोगों की भावनाओं को छूने वाले भाषण देते हैं, जिसमें देशभक्ति, धार्मिक भावनाएं या क्षेत्रीय गौरव जैसे मुद्दे शामिल होते हैं। वे पीड़ितों के प्रति सहानुभूति जताते हैं और उनकी समस्याओं को हल करने का वादा करते हैं। लोकप्रियता का प्रदर्शन: वे बड़ी-बड़ी रैलियाँ आयोजित करते हैं और अपने समर्थकों की भीड़ दिखाते हैं। वे मशहूर हस्तियों या प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ मंच साझा करते हैं। वादे और घोषणाएँ: वे लुभावने वादे करते हैं, जैसे कि मुफ्त सुविधाएँ, रोजगार और विकास पर...

जब धरती पर था अंधेरा,जय ज्योतिबा फुले! फुले फ़िल्म की हिट गीत।

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        फुले फ़िल्म की यह कास्टिंग गीत है और यह गीत पूरी फिल्म की सार बता देती है।इस फ़िल्म को सभी को देखना चाहिए। हालांकि इस फ़िल्म को एक तबका विरोध कर रहा है। अब कहाँ गया धर्म ? अज्ञान के अंधकार में,सच्चाई का दिया जलाया     जय ज्योतिबा फुले! जब था समाज में विषमता,जय ज्योतिबा फुले! भेदभाव की आग में,समानता का बीज बोया    जय ज्योतिबा फुले! जब थी नारी शिक्षा से वंचित,जय ज्योतिबा फुले! उन्होंने ही सावित्रीबाई को,अंधकार से बाहर निकाला    जय ज्योतिबा फुले! जब था दलितों का शोषण,जय ज्योतिबा फुले! उन्होंने ही उन्हें हक दिलाया,समानता का अधिकार दिया   जय ज्योतिबा फुले! जब था अंधविश्वास का बोलबाला,जय ज्योतिबा फुले!सत्यशोधक समाज बनाया,अंधविश्वास से मुक्त किया  जय ज्योतिबा फुले!

पत्नी द्वारा पति की हो रही हत्याएं चिंताजनक !

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        पुरुष उत्पीड़न कानून व्यवस्था हो।   अभी अधिकांश पति पत्नी की भय से भयभीत हैं। हाल ही बढ़ती घटनाओं से पति सुरक्षित नहीं समझ रहे हैं। नारी सशक्तिकरण का मतलब यह कतई नहीं है कि पति को थोड़ी सी बात के लिए सुरधाम ही पहुंचा दें। नारी अबला नहीं सबला है का मतलब इतनी भी सबल नही हो जाये कि पति के नाक में नकेल डालकर गदहे की तरह घुमाए। पति पत्नी की हिंसा से  इस कदर दहशत में है  जैसे कोई नक्सली, आतंकी से।  घर के बाकी सदस्यों की औकात नहीं है कि वो अपनी बहू से कहे ,आदेश की बात भूलकर भी मन में न लाये। कर्नाटक के पूर्व डीजीपी को पत्नी ने ही चाकू मारकर हत्या कर दी। ,कहीं कुल्हाड़ी से काट रही है तो तो कहीं पति को टुकड़े टुकड़े कर नीले ड्रम में बन्द कर रही है।नीला ड्रम तो एक मार्क बन गया है।  कई पति पत्नी की उत्पीड़न से आत्महत्या कर लिये हैं।  महिला उत्पीड़न का का कानून है लेकिन पुरूष उत्पीड़न का कोई कानून नही है। हाल ही में कुछ प्रमुख घटनाएं पर गौर करें -  अप्रैल 2025: मध्य प्रदेश में एक महिला ने कथित तौर पर अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्...

पहलगाम आतंकी हमले में सरकार व ख़ुफ़िया तंत्र से कैसे व कहाँ चूक हुई ?

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        पुलवामा घटना के बाद पहलगाम में हुए दुखद आतंकी हमले में सरकार और खुफिया तंत्र की चूक कई स्तरों पर दिखाई देती है: दोनों घटनाओं में मौके वारदात पर कोई मुठभेड़ नहीं हुई। यानी आतंकी बिल्कुल सुरक्षित तरीके से घटनाओं को अंजाम दिया और सरकार तथा ख़ुफ़िया तंत्र को भनक तक नहीं लगी । खुफिया तंत्र की चूक: पूर्व सूचना की कमी: सूत्रों के अनुसार, हमले से कुछ दिन पहले पाकिस्तान स्थित एक आतंकवादी ने हमले का संकेत दिया था, लेकिन खुफिया एजेंसियां इस पर कार्रवाई करने में विफल रहीं। पर्यटन स्थल पर निगरानी की कमी: पहलगाम एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, फिर भी वहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी का अभाव था। घटनास्थल के पास सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे, जिससे हमलावरों की पहचान और हमले के क्रम को समझने में मुश्किल हो रही है। आतंकवादियों की पहचान में विफलता: हमलावरों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने और उनकी गतिविधियों पर नज़र रखने में चूक हुई। हमले के बाद पांच आतंकवादियों की पहचान हुई है, जिनमें तीन पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं, जो पहले भी कई हमलों में शामिल रहे बताए जा रहे हैं। सरकार की ...

कायर आतंकियों पर कड़ी कार्यवाई हो !😢😢😢..

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     इंसान मात्र एक संख्या नहीं ,अपितु एक राष्ट के परिवार के जिम्मेवार व्यक्ति होते हैं। आतंकी ,नक्सली हिंसा फैला कर अपनी कायरता दिखता है। पर्यटन के ख्याल से घूमने गए सात जन्मों के साथ निभाने वाले आतंकियों की बर्बरता के कारण 7 दिन भी साथ नहीं निभा पाये।  कई युगल जोड़ी ,परिवार धरती की जन्नत में, कश्मीर की घाटियों में फुर्सत के क्षण में प्रकृति के साथ सकूं के साथ समय बिताने गये थे ,लेकिन आतंकियों की कुदृष्टि ने घर ,परिवार उजाड़ दिया।        मृतकों में कई ऐसे नवविवाहित भी शामिल हैं, जो अपनी खुशहाल जिंदगी की शुरुआत के लिए इस शांति और शांति वादी में हनीमून मनाने आए थे। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है।    ख़ुफ़िया एजेंसी भी एलर्ट नहीं थी, नहीं तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती।   जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में टूरिस्‍ट पर हुए आतंकी हमले में 27 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में दो विदेशी भी शामिल हैं. एक शख्‍स इजरायल और एक इटली का रहने वाला है. कुल  चार आतंकियों ने इस वारदात को अंजाम दिया, जिसमें से तीन पाकिस्‍तान...

उत्कर्ष यादव ने संघ लोक सेवा परीक्षा 2024 में 32वीं रैंक हासिल की है।

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   शिक्षा में ही ताकत है, पद, प्रतिष्ठा सब कुछ है। साधारण परिवार से आने वाले उत्कर्ष यादव ने अपने मेहनत ,संघर्ष के कारण आज संघ लोक सेवा जैसी परीक्षा में सम्मान जनक स्थान लाकर एक नजीर पेश किया है।  अब तो पाखंड,ढोंग,अंधविश्वास को छोड़ें ।जीवन भर गुलामी करते करते मर जायेंगे और आने वाली पीढ़ियों को भी इसी में धकेल देंगे। कोई चमत्कार ,किसी मूर्ति ,किसी तंत्र मंत्र से कुछ नहीं होता है सिर्फ लोगों को पागल बनाया जाता है और खुद बनता है। आडम्बर को लात मारिये और जो ऐसा करता है, उसे भी।     उत्कर्ष यादव  के बारे में जानें - वह राजस्थान के बहरोड़ क्षेत्र के हमीदपुर गांव के रहने वाले हैं। यह उनका चौथा प्रयास था जिसमें उन्हें सफलता मिली। उन्होंने 2021, 2022 और 2023 में भी परीक्षा दी थी लेकिन सफल नहीं हो पाए थे। उनके बड़े भाई देवेंद्र यादव 2016 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में दौसा के जिला कलेक्टर के रूप में कार्यरत हैं। उत्कर्ष ने आईआईटी रुड़की से कंप्यूटर साइंस में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने कुछ समय तक एक निजी कंपनी में भी काम किया। वह दिल्ली में रहकर ...

राजेश कुमार का नाटक "लोकतंत्र के मुर्गे" समसामयिक!

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       अभी गिरगिट क्षेत्रों में रंग बदलकर आएंगे और आपके बहुत बड़े हितैषी, शुभचिंतक नज़र आएंगे। ऐसे गिरगिटों को पद और पावर में रहते हुए भी देखें होंगें।कल्पना कीजिए उस समय का , क्या जो चुनाव के समय दिखता है वैसा पद पर रहते दिखता है? हुजूर के मूड देखकर लोग मिलते हैं।अगर मूड खराब है तो बिना मिले अपनी बातें कहे बैरंग लौट आते हैं। ऐसे ही पटना में जन्मे महान नाटककार राजेश कुमार राय की समसामयिक  नाटक   " लोकतंत्र के मुर्गे" से अवगत करा रहा हूँ।नाटककार आपसे कुछ कह रहे हैं, इसे समझें। यह नाटक समकालीन भारतीय लोकतंत्र में व्याप्त विसंगतियों और खोखलेपन पर तीखा व्यंग्य करता है। नाटक का केंद्र एक गाँव है जहाँ पंचायत चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव में दो मुख्य उम्मीदवार हैं - एक दबंग और भ्रष्ट व्यक्ति, और दूसरा एक साधारण और ईमानदार दिखने वाला व्यक्ति। नाटक दिखाता है कि कैसे चुनाव जीतने के लिए दोनों उम्मीदवार हर तरह के हथकंडे अपनाते हैं - धन का लालच, जाति और धर्म का दुरुपयोग, और यहाँ तक कि हिंसा का सहारा भी लेते हैं। "लोकतंत्र के मुर्गे" शीर्षक स्वयं ही एक व्यंग्यात्मक ट...

पानी से दूध सस्ता ! देश में पशुपालकों के उत्पाद की मिले उचित मूल्य । प्रो प्रसिद्ध कुमार, विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र।

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      "दूधो नहाओ, पूतो फलो" एक पारंपरिक भारतीय आशीर्वाद है।  इसी से दूध की महत्ता को समझा जा सकता है।यह आशीर्वाद किसी व्यक्ति के लिए समृद्धि, स्वास्थ्य और वंश वृद्धि की शुभकामना व्यक्त करता है। यह अक्सर बुजुर्गों द्वारा छोटों को दिया जाता है। दूध माँ की गर्भ से लेकर जीवन की अंतिम समय तक परमावश्यक है। बच्चे,  बीमार, युवा ,बुजुर्ग सभी की पहली पसंद दूध होती है। पहलवानी करनी हो,दौड़ लगानी हो या चुस्त दुरुस्त ,निरोग रहना हो तो दूध पहली आवश्यकता है ।इसके बावजूद इसके उत्पादक ,उपेक्षित व दीन - हीन हैं तो सरकार को इसे सुदृढ़ करने का उपाय ढूंढना चाहिए।  एक तरफ बन्द बोतल की एक लीटर पानी की लागत व एक लीटर दूध की लागत की तुलना कर लें तो मालूम हो जाएगा कि बढ़ती महंगाई के हिसाब से दूध की कीमत और अधिक होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है ,क्योंकि पशुपालक संगठित नहीं है। इसे एक जाति विशेष ग्वाला के पेशा के रूप में देखा जाता है लेकिन सच्चाई है कि आज हर जाति ,वर्ग,धर्म के लोग पशुपालन कर रहे हैं। पशुपालन एक व्यवसाय के रूप में किसी विशेष जाति तक सीमित नहीं है, और विभिन्न सामाजिक औ...

बिहार में लूटो जितना लूट सको की नीति पर डबल इंजन सरकार चल रही है: राजद

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सरकार के खुद के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में संस्थागत भ्रष्टाचार और संगठित लूट के कारण राज्य में वित्तीय अराजकता फैली हुई है: तेजस्वी प्रसाद यादव राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय के कर्पूरी सभागार में संवाददाता सम्मेलन को संबाधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार के खुद के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में संस्थागत भ्रष्टाचार और संगठित लूट के कारण वित्तीय अराजकता फैली हुई है।  इन्होंने कहा कि सरकार ने आनन-फानन में विगत सात कैबिनेट में 76 हजार 622 करोड़ की योजनाओं को स्वीकृति दी, जिनमें से अधिकांश योजनाएं निर्माण से संबंधित है। इसमें भवन निर्माण विभाग, पथ निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग और अन्य वैसे विभाग शामिल हैं जहां ग्लोबल टेंडर और ठेकेदारी के माध्यम से मंत्रियों को 30 प्रतिशत तक कमीशन मिलता है। ये भ्रष्ट सरकार चुनावी वर्ष में निर्माण संबंधित योजनाओं में तत्काल टेंडर निकाल और तत्काल कमीशन प्राप्त कर चुनावी खर्च निकाल रही है। बिना सोचे-समझे निर्माण और भवन का ढांचा खड़ा कर लूट करना ही सरकार का मकसद रह गया है।  श्री तेजस्वी ने आगे कहा कि वित्ती...

पटना में गोरेलाल यादव की नेतृत्व में अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर निकाली जा रही रेजांगला के शहीदों की कलश यात्रा का किया गया भव्य स्वागत!

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        प्रसिद्ध यादव पटना!  पाटलिपुत्र की पावन धरा पर गंगा तट पर वीर शहीदों की याद में बनी कारगिल चौक अहीर रेजिमेंट होना चाहिए कि मांग से गूंज रही थी। क्या बूढ़े क्या जवान सभी का एक ही नारा था।  पटना में  अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर निकाली जा रही रेजांगला के शहीदों की कलश यात्रा बिहार के  गया जहानाबाद होते कल शाम में पटना  पहुंची. जहां  गाँधीमैदान के कारगिल चौक पर कलश यात्रा वाले रथ का भव्य स्वागत  गोरेलाल यादव  ( पूर्व आईएस व अखिल भारतीय यादव महासभा बिहार के अध्यक्ष ) , के  पी यादव, रूबी यादव, आभा यादव ,सुरेश कुमार ,राजेंद्र राय ,प्रो डॉ महेंद्र सिंह आदि द्वारा  किया गया. शहीदों के प्रतीकात्मक कलश के साथ रथ जैसे ही वहां पहुंचा स्थानीय लोगों ने पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। आज भारी बारिश के बावजूद श्रद्धालु एकत्रित होकर इस रथ को बेगूसराय की ओर  रवाना किया गया है।  इस यात्रा का उद्देश्य 1962 में भारत-चीन युद्ध में रेजांगला की लड़ाई में शहीद हुए 120 अहीर जवानों की वीरता और बलिदान को जन-जन तक पहुं...

सत्ता संरक्षित है शिक्षा माफिया ! निजी स्कूलों की मनमानी पर सरकार मौन !

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       शिक्षा माफियाओं पर सरकार कड़ी कार्यवाई करे। सरकार को बालू माफिया, शराब माफिया दिखती है लेकिन शिक्षा माफिया नहीं। ये शिक्षा माफिया बड़े बड़े राजनीतिज्ञ या इसे सहयोग करने वाले हैं। ये सत्ता संरक्षित है। क्षेत्रों में राजनेता, अधिकारी भ्रमण करते हैं लेकिन कभी भी इस पर जनता से कुछ नहीं पूछते हैं और ना ही निजी स्कूलों से ही। सरकार की छूट के कारण ही निजी विद्यालय मुनाफाखोरी पर उतारू है।  नियम कानून फ़ाइलों में दब कर रह गई , जनता कराह रही है।   20 से 30 पेज की प्रथम, केजी कक्षा की किताबों पर 149 से 230 रुपए तक रेट अंकित है। ये किताबें उसी जगह मिलेंगी, जिसका पता स्कूल बताता है। वही सरकारी व केंद्रीय विद्यालयों की वर्ग प्रथम की सभी पुस्तकें 200 से 250 में हो जाती है। नर्सरी की नई किताबें तो ऐसी है, जिनमें एक पेज पर केवल 'ए फॉर एपल' ही लिखा है। सरकार भले ही नई शिक्षा नीति से तमाम परिवर्तन का ढिंढोरा पीट रही हो, लेकिन इन स्कूलों की निगरानी का कोई तंत्र नहीं है। कक्षा 1 से 8 तक की मान्यता होने के बावजूद यहां पर अवैध रुप से  एलकेजी व यूकेजी की कक्षाएं संचाल...

ये अक्कड़ किस बात की ? -प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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      न पहले था ,न आगे रहेगा । न राज रहेगा ,न सर पर ताज रहेगा  मिट्टी का बना है ,मिट्टी में मिल जायेगा। क्यों समझता है ? सर्वशक्तिमान !  ये ढोंग ,पाखंड ,  ये मान - अभिमान ! इंसान को इंसान से जुदा कर  क्या मिल जाएगा ?  न अविनाशी है, न अमर है ।  एक दिन खाक में मिल जाएगा ।  ये  अक्कड़  किस बात की ?   न पहले था ,न आगे रहेगा । तन  उजला पर मन है  मैला । जुबान चलती कटार जैसा  बड़बोलेपन के कारण  पहले मुँह को खाई है अब देर नहीं है ,सब्र कर  फिर मुँह को खानी है  जागीर समझा है बाप का  औकात समझ में आएगा ।  ये  अक्कड़  किस बात की ?   न पहले था ,न आगे रहेगा ।

वक़्फ़ बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में सरकार की दलीलें कमजोर होती।

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            केन्द्र सरकार समय रहते कृषि बिल मजबूरन वापस लेकर  स्याह पोछने की काम की थी लेकिन वक़्फ़ बोर्ड बिल में जो आज सुप्रीम कोर्ट में बहस हुई, उसमें सरकार की दलीलें कमजोर होते दिखी। बिल पर आज कोर्ट का अंतरिम आदेश मिल  जाता लेकिन सरकारी वकील ने अपनी पूरी बात बताने के लिए और समय मांगा ,जिसकी सुनवाई कल होगी और कुछ न कुछ अंतरिम आदेश जारी होने की संभावना है। कोर्ट के निर्णय का पूर्वानुमान लगाना ठीक नहीं है, निर्णय कुछ भी हो सकता है लेकिन कल्पना कीजिए कि अगर कोर्ट का निर्णय बिल के खिलाफ गया तो सरकार की स्थिति क्या हो सकती है?  इनके सहयोगी को कहीं मुँह छुपाने की जगह नहीं मिलेगी।  आज की दलील की मुख्य अंश को देखें - मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि कैसे “उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ” को अस्वीकार किया जा सकता है, क्योंकि कई लोगों के पास ऐसे वक्फ पंजीकृत कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज नहीं होंगे। अंतरिम आदेश, जिसे न्यायालय ने सुझाया था...

अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा का राष्ट्रीय शताब्दी समारोह छपरा में आयोजित हुआ।

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        भिखारी ठाकुर प्रेक्षागृह छपरा में यादव सर  पर पीली  पगड़ी बांधे, कोई गले में पट्टा लगाये ,  लोगों की उत्साह गजब की थी।   लोग एक दूसरे से बड़ी अदब के साथ मिलते,एक दूसरे के कुशलक्षेम पूछते । 12 और 13 अप्रैल, 2025 को अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा का राष्ट्रीय शताब्दी समारोह छपरा में आयोजित किया गया था।    सभी अनुशासित व उत्साहित थे । जय यादव !जय माधव !की गूंज से प्रेक्षागृह गूंज रही थी।महासभा  के आयोजक पूर्व सांसद  लालबाबू यादव  थे । महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष  स्वप्न  घोष , एमएलसी डॉ वीरेंद्र नारायण यादव ,पूर्व मंत्री उदित राय , पूर्व बिहार विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी , परसा विधायक छोटे लाल राय , गोरेलाल यादव, राजेंद्र  राय, राम लखन सिंह यादव कॉलेज, अनीसाबाद के राजनीतिशास्त्र के विभागाध्यक्ष ,प्रो डॉ महेंद्र सिंह , मंजू यादव, झारखंड महासभा के अध्यक्ष कैलाश यादव ,,आभा यादव , प्रदीप यादव, प्रो विनोद यदुवेन्दु  ,  प्रो रूबी यादव सहित देश के कोने कोने से आये प्रबुद्ध जनों ने अपने अपने...

डॉ आंबेडकर न सिर्फ संविधान के शिल्पकार बल्कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नींव भी रखे थे। - प्रो प्रसिद्ध कुमार , विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र।

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डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके विचारों और सिद्धांतों ने RBI की स्थापना की नींव रखी। 1920 के दशक में, डॉ. आंबेडकर ने अपनी पुस्तक "द प्रॉब्लम ऑफ द रुपी - इट्स ओरिजिन एंड इट्स सॉल्यूशन" (The Problem of the Rupee - Its Origin and Its Solution) में भारतीय मुद्रा और वित्त से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस पुस्तक में उन्होंने एक केंद्रीय बैंक की आवश्यकता पर जोर दिया जो मुद्रा की स्थिरता बनाए रखने और ऋण को नियंत्रित करने में सक्षम हो।यह पुस्तक  हमें डॉ आंबेडकर के न सिर्फ राजनीतिज्ञ, कानूनविद बल्कि एक अर्थशास्त्री के रूप में भी जाने जाते हैं। मानवतावादी, समतावादी के रूप में विश्व विख्यात हैं। 1 अप्रैल सन् 1935 को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इण्डिया  की स्थापना ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई। भारत के महान अर्थशास्त्री डॉ भीमराव  आम्बेडकर ने भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धान्त के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक बनाई गई । रुपए की सम...

मंझौली, बाबूचक व खगौल में आज बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती समारोह मनाई गई।

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     आज प्रतिकूल परिस्थितियों में भी दिन भर मैं बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती में व्यस्त रहा। मैं सबसे पहले अपने गांव बाबूचक मुशहरी में इसके बाद अपने ही पंचायत के मंझौली में और अंत में गाड़ीखाना, खगौल में बारिश के बीच  बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती मनाया।   आज जिस तरह बाबा साहेब को गली गली में याद किया जा रहा है, उससे लगता है कि अब बहुजनों को उनके अधिकार से कोई वंचित नहीं कर सकता है। अब तो बाबा साहेब को उल्टा सीधा कहने वाले भी इन्हें स्वांग रच कर ही ,लेकिन याद कर रहे हैं।  संविधान शिल्पकार डॉ भीमराव अंबेडकर की 134 वीं जयंती समारोह 14 अप्रैल को डाकबंगला ,खगौल में धूमधाम से मनाया गया।  कार्यक्रम के अध्यक्ष सौरभ कुमार, अध्यक्ष एनेसवाई ,मंच संचालन करते हुए प्रो प्रसिद्ध यादव ने बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों को विस्तृत जानकारी दी। अनिता पासवान, पूर्व प्रत्याशी, अध्यक्ष, नगर परिषद, खगौल यूनिटी ऑफ मूलनिवासी, मोहन पासवान ,लक्ष्मी पासवान , समाजसेवी ,चंदू प्रिंस सरारी पंचायत के पूर्व मुखिया विजय पासवान,भोला राम ,मनीष कुमार आदि ने अपने विचार रखें। द...

एआईओबीसीआरईए एसोसिएशन दानापुर के मंडल कार्यालय में मंडल अध्यक्ष, प्रदीप कुमार जी के नेतृत्व में भारत रत्न डाॅ.बाबासाहेब भीम राव अम्बेडकर जी की जयंती मनाई गई एवं भावभीनी श्रद्धान्जली दिया गया।

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 आज भारत के कोने कोने में व विश्व के कई देशों में महामानव की जयंती श्रद्धापूर्ण मनाई जा रही है। यह शताब्दी बाबा साहेब व उनकी अनुयायियों की होगी ,इसमें कोई दो राय नहीं है। इस अवसर पर रविन्द्र कुमार, कुमार अविनाश यादव,बिनोद कुमार यादव,मंजय यादव,तनबीरूल हक,अनिल कुमार,अखिलेश कुमार चंचल,पुष्पेन्द्र कुमार, भईया जी राजेश कुमार, शौकत मियाँ,आर.के.सिंह, सी. बी.सिंह, नीरज कुमार,नुरूल होदा,हजारी यादव,अजय कुमार,प्रेम रंजन,अजीत कुमार, रवीश कुमार, उपेंद्र कुमार, प्रमोद कुमार, सरफराज,निधि राय, सिम्पी सिंह एवं बहुत सारे रेलकर्मी मौजूद हुए। जय भीम !