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Showing posts from December, 2021

वैष्णो देवी में दुखद घटना! पटना / प्रसिद्ध यादव।

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       माँ के भक्त साल की नई शुरुआत माँ के दर्शन कर शुरू करने की मंशा से माँ की दरबार में हाजिरी लगाने जा रहे थे की बीच में ही यह हादसा हो गई। सुबह सुबह यह मनहूस ख़बर से लोग मर्माहत हो गये। हादसा कैसे हुई, यह जांच का विषय है। यही कारण है कि आज लोग भीड़भाड़ वाले जगहों से बचते हैं।इससे पूर्व भी अनेक धार्मिक स्थलों पर भगदड़ मचने से अनेक लोग हताहत हुए हैं। भगदड़ के शिकार सबसे ज्यादा बूढ़े , बच्चे और औरते होते हैं। भगदड़ मचने पर लोग अपना संतुलन खो देते हैं और गिरते पड़ते एक दूसरे  को रौंदते चले जाते हैं।भक्तों की भीड़ और संकीर्ण रास्ते, रात को समुचित प्रकाश न होना भी हादसे के कारण हो जाते हैं। प्रशासन को ऐसे भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थलों पर विषम परिस्थितियों से निकलने के लिए वैकल्पिक उपाय करना चाहिए। साथ ही लोगों को भीड़भाड़ वाले जगहों से परहेज करना चाहिए खासकर निःशक्त लोगों को। आस्था रखें , अच्छी बात है, लेकिन जीवन रक्षा उससे भी जरूरी है।यह हादसा त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित मंदिर के गर्भगृह के बाहर हुआ है. , जम्मू-कश्मीर के  ''कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर परिसर में 12 ल...

1 जनवरी को कोरेगांव भीमा का युद्ध हुआ था। प्रसिद्ध यादव।

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  पहली बार अछूतों, वंचितों, हर ने अपनी ताकत को लोहा मनवाया था। 500 महार सैनिकों ने 28000 पेशवाओं को धूल चटा दिया था। भारतीय इतिहास में यह युद्ध वंचितों की बड़ी उपलब्धि है। कोरेगांव स्तंभ शिलालेख में युद्ध में मारे गए कंपनी के 49 सैनिकों के नाम हैं। इन नामों में से 22 प्रत्यय के साथ समाप्त  -nac  (या  -nak  ) है, जो के लोगों द्वारा विशेष रूप से इस्तेमाल किया गया था  महार  जाति। भारतीय स्वतंत्रता तक  महार रेजिमेंट  की शिखा पर ओबिलिस्क चित्रित किया गया था । जबकि इसे अंग्रेजों ने अपनी शक्ति के प्रतीक के रूप में बनाया था, आज यह महारों के स्मारक के रूप में कार्य करता है।  समकालीन जाति-आधारित समाज में महारों को  अछूत  माना जाता था। पेशवा, जो 'उच्च जाति' के  ब्राह्मण  थे, अछूतों के साथ दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के लिए कुख्यात थे। ]  इस वजह से,  दलितों  (पूर्व अछूतों) ने आजादी के बाद, कोरेगांव ओबिलिस्क को उच्च जाति के उत्पीड़न पर अपनी जीत के प्रतीक के रूप में देखा।  दलित ...

नाटककार सफ़दर हाशमी के बलिदान दिवस पर नमन। प्रसिद्ध यादव।

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      1 जनवरी 1989 को दिन के 11 बजे सफ़दर " हल्ला बोल" नुक्कड़ नाटक कर रहे थे, तभी गुंडों ने हमला कर दिया। जख्मी हो कर अस्पताल में भर्ती हुए, वहां भी आतताइयों ने हमला किया और इनकी मौत हो गई। दुनिया की पहली घटना थी, जब किसी कलाकार को अभिनय करते हुए मौत के घाट उतार दिया गया है। इनकी मां तीन दिन बाद सफ़दर के अधूरे नाटक को उसी नुक्कड़ पर अभिनय कर पूरा किया। सफ़दर जेएनयू यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी से स्नातकोत्तर कर रहे थे।इनके लिखा नाटक मशीन काफी लोकप्रिय है। दिल्ली में इनकी शव यात्रा में स्वतः लोगे की इतनी भीड़ थी कि आजादी के बाद शायद ही किसी की शव यात्रा में भीड़ होगी। इंसाफ की आवाज दबाने की साजिश रची गई है, लेकिन सफ़दर जैसे क्रान्ति वीर कुर्बानी देकर भी आवाज को बुलंद की। गुंडों की गुंडई जाग गई. उन लोगों ने नाटक-मंडली पर रॉड और अन्य हथियारों से हमला कर दिया. राम बहादुर नाम के एक मजदूर की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. सफ़दर को गंभीर चोटें आई. उन्हें सीटू (CITU) ऑफिस ले जाया गया. शर्मा और उसके गुंडे वहां भी घुस आए और दोबारा उन्हें मारा. दूसरे दिन सुबह, तकरीबन 10 बजे, भारत के जन-कला आंदोलन ...

1 वर्ष में 900 ब्लॉग मैं पोस्ट किया- प्रसिद्ध यादव

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30000 से अधिक वियूर  7 देशों इंडिया, अमेरिका, जापान, पाकिस्तान सहित  अन्य देशों के लोगों ने पढ़ा। सबसे ज्यादा राजनीति पर 150 ब्लॉग लिखा, साहित्य में कविता, कहानी, नाटक, फ़िल्म, क्राईम, जीवनी  आदि विषयों पर बखूबी लिखने का प्रयास किया। हर रोज करीब औसतन ढाई ब्लॉग लिखा। करीब 1000 पन्नों की एक किताब हो गई है। ये विशुद्ध रूप से बिना पैसा कमाने वाला काम है, लेकिन हर काम पैसों के लिए नही होता है। अगर मेरे ब्लॉग पढ़ने से मन मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ा और कुछ बदलाव हुआ तब मेरा ये कठोर श्रम सार्थक है। इस काम को करने के लिए मेरे पास कोई हैंड नही है, क्योंकि मै इतना समर्थवान नही हूँ। मैं ग्रामीण परिवेश में रहता हूँ, इसके बावजूद खुद से सीखकर दुनिया के साथ टेक्नोलॉजी के दुनिया में साथ चलने का दुःसाहस किया है। 55 साल में भी इतनी ऊर्जा आपके स्नेह से मिलता है।मैं ब्लॉग से एक स्वरूप गढ़ रहा हूँ और आप सभी इसके सहचर हैं। आप सभी पाठकों को कोटि कोटि प्रणाम!

नववर्ष में नई प्रतिज्ञा! प्रसिद्ध यादव

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 आप सभी  को नववर्ष 2022 मंगलमय हो! आप स्वस्थ्य, सुखमय, सदाचारी, संवेदनशील, सहनशील, शांतचित्त, सौम्य, सामर्थ्य, शुचिता वाहक,श्रेष्ठ, श्रीयुत, सत्कारी ,सत्यचित ,स्नेही और श्रीकांत हों! नये वर्ष में सिर्फ  कैलेंडर ही नही बदले ,बल्कि जो बुरी आदतें हैं, उसे भी छोड़ें।  जिसके पास जितना सामर्थ्य है, शक्ति है, अधिकार है, उससे दूसरों को कितना भला हो रहा है? ये विचारणीय प्रश्न है न कि सिर्फ नये वर्ष पर शुभकामनाएं देना। अगर  बीतते हुए समय से सीख लिए होते, जो हर क्षण आखरी सांस की ओर ले जा रहा है, तब भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, हत्या, लूट , डकैती, बेईमानी कभी नहीं करते। हम समय की महत्व के गहराइयों को नही समझते हैं, नतीजा हम जश्न मना कर खुश हो जाते हैं। एक दूसरे से खुशी बांटना अच्छी बात है, लेकिन आपके कुकृत्यों से किसी को दिल दुखाना कहाँ तक उचित है? बीते हुए साल में बहुत काम छूट गए होंगे या पूरा नहीं हुए होंगे, उसे प्राथमिकता से पूर्ण करें। अगर कोई गलती हुई है तब उस पर विराम लगाएं। हर आदमी की प्रथमिकता उनके दायरे के हिसाब से होता है और हर आदमी को सकारात्मक काम करना चाहिए। दिन , मह...

इत्र की खुशबू से कुबेरपति विराजमान हुए पीयूष जैन के घर- प्रसिद्ध यादव।

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       क्या इत्र की सुगंध है कि खुद कुबेरपति , लक्ष्मी सभी पीयूष जैन के मुरीद हो गये। नोट गिननेवाले 8 मशीन को लगाया गया तब जाकर  सैंकड़ों करोड़ रुपये की गिनती हुई। न खाएंगे , न खाने देंगे फार्मूले का पालन करते हुए इतना रुपये जमा हो गया। देश में कुपोषण है, भुखमरी है, बेरोजगारी है और जैन के यहां धन का अंबार लगा हुआ था।  देश में धन संग्रह के नये नये कारनामे से  आम आदमी का दिमाग ठनक रहा है की कैसे लोग इतना पैसा बना रहे हैं। इनकी काबलियत कहें  कि देश को चुना लगाने वाले टैक्स चोर।  यही कारण है कि अब देश में नामी गिरामी डकैत पैदा नही हो रहे हैं। अब डकैत  रईस हो गए,अब जंगलों में नही, फार्महाउस में रहते हैं, घोड़ों पर नही, मर्सिडीज गाड़ियों में घूमते हैं , किसी सदन या संसद के शोभा बढ़ाते हैं ।यूपी में कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन को टैक्स चोरी के आरोप में कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है. जीएसटी इंटेलिजेंस ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. आरोपी को आगे की कार्रवाई के लिए कानपुर से अहमदाबाद ले जाने की संभावना है. अब तक की छाप...

एक व्यक्ति गांजा पीकर चिलम दिया लाहकाय जी - प्रसिद्ध यादव

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     नीतीश जी समाज सुधार यात्रा में नीतीश के समक्ष यह गीत अभी काफी धूम मचा रहा है। नीतीश जी इस गीत को बड़ी ध्यान से सुन रहे हैं, पीछे से जनता जिओ जिओ बोल रही है। इस गीत की इतनी लोकप्रियता क्यों हुई। मुझे समझ नहीं आ रहा है। कोई गाने वाले को 21 तोपों की सलामी देने की बात कह रहे हैं। अगर गांजा पीने से गीत में मना कर रही है तो अच्छी बात है, लेकिन गाना लिखने वाले एक व्यक्ति को गांजा पीने की बात कह रहा है, यही मुसीबत की जड़ है। शेक्सपियर का   एक नाटक था, जिससे घटित घटना को अभिनय में दिखाया गया और जो घटना को अंजाम दिया था वो मुख्य अतिथि था। आधा नाटक हुआ तो वो नाटक बन्द करवा दिया। नाटककार को असलियत पता करना था, जो चेहरे के हावभाव से दर्शकों को मालूम हो गया और मुख्य अतिथि रूपी राजा को  राजपाट छीना गया और दंडित भी हुआ। मुझे इन गीतों और शेक्सपियर के नाटकों से कुछ लेना देना नही है, लेकिन इस गीत की लोकप्रियता पर शक हो रहा है कि कही  जनता जनार्दन इस गीत के मायने अलग तो नही निकाल रहे हैं। खैर, आइये सब मिलकर नीतीश जी की नशाबंदी जैसी लोककल्याणकारी कार्य को सफल बनाने में...

सिरमौर या कांटे ! प्रसिद्ध यादव।

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     पटना जिला अध्यक्ष के चुनाव में जिसतरह पटना जिला  जिला परिषद के अध्यक्ष के चुनाव में राजद विधायकों और नेताओं ने अपनी प्रतिष्ठा बनाकर अध्यक्ष पद पर काबिज़ करवाये, इसके लाभ की बात करना बेमानी होगी, श्रेय भी मिल जाये तो बहुत है। अध्यक्ष की प्रतिक्रिया थी कि सभी दलों का साथ मिला। यानी दिग्गज नेता ये नही कह सकते हैं कि अध्यक्ष राजद की कृपा से बनी है। कहना भी नहीं चाहिए , जिसे लोग सिरमौर समझ रहे हैं वो कही उल्टे राजनीति की कब्र न बन जाये। विधायक जब अपनी ताक़त को दिखाते हैं तब संगठन के अध्यक्ष या अन्य पदाधिकारी की कोई वजूद नही समझते हैं। यही कारण है कि राजद के इतने कार्यकर्ता रहते हुए , नेता रहते हुए भी  बलहीन है, जिसे जो मन आता है वही रणनीति तैयार करने लगते हैं। एक बूथ के कार्यकर्ता से जिला के नेताओं तक कोई दिल की बात पूछ लें वो इस चुनाव में जीत का जश्न मनाये की हार का गम। खैर, ये सब समरथ को नही दोष गुसाईं के तर्ज पर चलता रहेगा। यहां कोई किसी को देखने सुनने वाला नही है, अपनी अपनी डफली, अपनी अपनी राग सुनाई पड़ती है।  कहने  को समाजवादी की , सामाजिक न्याय, अंत...

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के संस्थापक विक्रम साराभाई- प्रसिद्ध यादव।

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     30 दिसम्बर को इनके पुण्यतिथि पर कोटि कोटि नमन! देश दुनिया में अंतरिक्ष के क्षेत्र में नाम ऊंचा करने वाले ऐसे महान वैज्ञानिक पर हमें गर्व है। वैज्ञानिक रूप से समृद्ध हमारा अतीत आज अंधविश्वास, आडम्बर, ढोंग, भाग्यवादी और धर्म की अंधभक्ति के दलदल में फंसते जा रहे हैं। अपने महान विभूतियों के जीवन से सीखें और आत्मसात करें। भारत में अंतरिक्ष विज्ञान के पालने के रूप में जाना जाता है,  भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला  (PRL) की स्थापना 1947 में विक्रम साराभाई द्वारा की गई थी। पीआरएल की शुरुआत उनके निवास, "रिट्रीट" से हुई, जिसमें  कॉस्मिक किरणों  पर शोध किया गया था । संस्थान औपचारिक रूप से एमजी साइंस इंस्टीट्यूट, अहमदाबाद में 11 नवंबर 1947 को कर्मक्षेत्र एजुकेशनल फाउंडेशन और  अहमदाबाद एजुकेशन सोसाइटी के  समर्थन से स्थापित किया गया था । प्रो.  कल्पनापति रामकृष्ण रामनाथन  संस्थान के पहले निदेशक थे। प्रारंभिक ध्यान पर शोध था  ब्रह्मांडीय किरणों  और  गुण  के  ऊपरी वायुमंडल . बाद में परमाणु ...

सिर्फ कैलेंडर ही नही बदलते,कुछ खोये और पाये भी। प्रसिद्ध यादव

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          एक अवलोकन करें वर्ष 2021 का। 2021 गणतंत्र दिवस पर  हिंसा इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों ने अपनी मांग को लेकर एक ट्रैक्टर मार्च निकाला था। लेकिन ये जल्द ही हिंसक हो गया। उग्र प्रदर्शनकारियों की एक भीड़ पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिकेड्स को तोड़ते हुए लाल किले की प्राचीर तक पहुंच गए और वहां पर एक धार्मिक ध्वज फहरा दिया। अधिकतर किसान संगठनों ने इस घटना के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। इस घटना ने तब दो महीने से शांतिपूर्वक चल रहे किसान आंदोलन पर एकबारगी सवालिया निशान खड़े कर दिए थे। 2- बंगाल चुनाव और उसके बाद हुई हिंसा इस साल पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की शिकस्त इस साल की सबसे प्रमुख राजनीतिक घटना मानी जा सकती है। लेकिन ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस के लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद राज्य में हिंसा भड़क गई। विपक्ष ने इस हिंसा के लिए टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं,टीएमसी ने इस घटना को विपक्ष की साजिश बताया। बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा देने में विफल रहने ...

अपनी उद्देश्य से भटकती मीडिया! प्रसिद्ध यादव

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     दुर्भाग्य की बात है कि खोजी पत्रकारिता अब मीडिया के कैनवास से गायब होती जा रही है. कम से कम भारत के बारे में तो इसे सच कहा ही जा सकता है. चीफ जस्टिस एनवी रमण ने कहा कि पहले अखबार पढ़ते हुए हम बड़े-बड़े घोटालों के उजागर होने की उम्मीद करते थे और समाचार पत्रों ने हमें कभी निराश नहीं किया था. लेकिन हाल के वर्षों में पत्रकारिता का स्वरूप बदल गया है और यह खोजी पत्रकारिता नहीं रही. चीफ जस्टिस ने कहा कि समाचार पत्रों की रिपोर्टिंग से कई घोटाले और कदाचार को उजागर किया गया, लेकिन आजकल ऐसी खबरें इक्का-दुक्का ही मिलेंगी.    इक्कीसवी सदी के वैज्ञानिक युग में अनेक चैनल दर्शकों को सदियों से चली आ रही रूढ़ियों , ढोंग एवं आडम्बर की विचारधारा से युक्त सामग्री प्रस्तुत करते हैं .कुछ चैनल और समाचार पत्र नित्य रूप से ज्योतिष आधारित भविष्य वाणी जनता के सामने रखते हैं ,तो कहीं पर टेरो कार्ड की चर्चा होती है ,कहीं पर पंडित जी स्वयं आकर अपने अनर्गल उपायों से दर्शकों के भाग्य बदलने का दावा करते हैं ,किसी चैनल पर कोई बाबा टी .वी . दर्शकों पर कृपा बरसाते हुए देखे जाते हैं,चैनल संचालक...

मालिक !बेटिया के लौटा दी ! ( कहानी) - प्रसिद्ध यादव।

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     जुगनी पर दबंगों की नजरें गिद्ध की तरह रहती थी और फिराक में रहता था कि कब मौका अकेले में मिले की अपनी हवस बुझा लें। दबंग जानते थे कि जुगनी के घर में शौचालय नही है। सरकार की रिकॉर्ड में शौचालय का निर्माण किया गया है, लेकिन यह सारा पैखाना सुशासन की मुंह में चला जाता है।जुगनी शाम में शौच के लिए घर से बाहर गयी। पहले से घात लगाए दबंग रोहन सिंह अपने कब्जे में लेकर घर आ गया। रोहन के घर में सभी परिवार थे, लेकिन किसी ने इस जोरजबरदस्ती का विरोध नही किया, क्योंकि दबंगों के यहां यह दानवीय काम पहली बार नही हो रहा था। इसके यहाँ देश का कानून नही , अपनी मर्जी की कानून चलती है। सरकार से भी किसी तरह का डर भय नहीं था, क्योंकि सरकार के नुमाइंदे को इन राजदरबार में खूब खातिर होती है। स्थानीय पुलिस , प्रशासन भी सलामी ठोकते रहते हैं और सदा नतमस्तक रहते हैं। अब ऐसे में भला दबंगों के मन क्यों न बढ़े? देर तक जुगनी घर वापस नही आई तो उसकी माँ खोजने गयी, तब मालूम हुआ कि गांव के ही दबंग मालिक के बेटा रोहन सिंह उठा कर ले गया है। माँ की ममता हिलोर मारी, जिसे अपनी कोख़ में 9 महीने पाली फिर जन्म से लेकर ...

चुल्लू भर पानी में डूब मरे सरकार ! प्रसिद्ध यादव।

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                 सुशासन की राग अलापने वाली बिहार सरकार स्थिपा तो नैतिक रूप से नही दे सकती है, लेकिन कही चुल्लू भर पानी में डूब मर जाना चाहिए। बिहार के लोगों को इस घटना से सिर्फ इसलिए गुस्सा नही है कि हत्या हुई, दुष्कर्म हुआ, बल्कि दो दिनों से कमजोर तबके की बेटी को दबंगों ने घर में ले जाकर रखा, दुष्कर्म किया और फिर हत्या कर के शव को तालाब में फेंक दिया। इस बीच सीएम समाज सुधार की यात्रा पर नॉटंकी करती  रही। इतना बड़ा हृदय विदारक घटना घटती रही  और पुलिस प्रशासन सोती रही।इस जघन्य कांड को रोकने में विफलता पर सीएम , डीजीपी और बिहार के मुख्य सचिव को जवाब देना होगा की दबंगों की इतनी दुःसाहस कहाँ से आई? क्या गरीबों को अब दबंगों की रहमोकरम, दयादृष्टि पर ही  बहन बेटियों की इज्ज़त देकर जिंदा रहना होगा ? जहां घटना घटी उसी पंचायत के भाजपा के क्षेत्रीय विधायक हैं, लेकिन इसकी भी हैसियत अपने आकाओं की चाकरी करने से ज्यादा नही है। इसकी मुंह में जुबान नही है कि न्याय की मांग कर सके। वैशाली जिले में शाहपुर गांव के एक पोखर में  20 साल की ल...

अन्याय के खिलाफ हमेशा लड़ने वाले डेसमंड टूटू ! प्रसिद्ध यादव

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         आज देश में धर्म संसद के नाम पर महात्मा गांधी जी को गाली देने वाले और गोडसे को जयकारा लगाने वाले को थोड़ी भी शर्म आती तो धर्म की ठेकेदारी नही करता। डेसमंड गांधी जी से प्रभावित थे और इनके विचारों को देश दुनिया तक पहुंचाया।रंगभेद के खिलाफ और मानवीय गरिमा के लिए आजीवन संघर्षरत रहे।आज मानवता की बात भूलकर पाखंडी दिनरात धर्म की दुहाई देकर देश के बेड़ा गर्क करने में लगा हुआ है। आंखों पर ऐसी पट्टी बंध गयी है की मानो देश में अब सबकुछ शुरू हुआ है। यहां मानवीय संवेदना और पीड़ा नही महसूस होता है ,केवल पाखण्ड , ढोंग से लोगों को मूर्ख बना या जा रहा है। ऐसे में डेसमंड के संघर्षों से सीखने की जरूरत है। नस्लवादी रंगभेद शासन के खिलाफ टूटू हमेशा मुखर रहे थे. वे कभी भी अन्याय से लड़ने में नहीं कतराते थे। रंगभेद के खिलाफ संघर्ष करने वाले दक्षिण अफ्रीका के डेसमंड टूटू का रविवार को निधन हो गया.  इनके निधन से एक अध्याय समाप्त हो गया है. उन्होंने हमें एक मुक्त दक्षिण अफ्रीका दिया है. टूटू को दक्षिण अफ्रीका में श्वेत अल्पसंख्यकों के शासन का मुकाबला करने के लिए 1984 में नोबेल ...

फुलवारी में प्रमुख उपप्रमुख की कुर्सी पर राजद का कब्जा।प्रसिद्ध यादव।

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     ज्योति देवी  प्रमुख व संजीत यादव उपप्रमुख बने।  आज भी फुलवारी शरीफ प्रखंड में राजद का दबदबा और लालू यादव की हुंकार है। युवा राजद के अध्यक्ष की भाभी ज्योति देवी चंद्रवंशी प्रमुख की कुर्सी पर काबिज़ हुई ये शोरमपुर पंचायत के अधपा की निवासी हैं, वही भुसौला पंचायत के चकमुसा निवासी संजीत यादव उपप्रमुख की कुर्सी पर दोबारा काबिज हुए।  इस अभियान की कमान फुलवारी के राजद नेता और दोनों पूर्व बीस सूत्री अध्यक्ष सुरेंद्र यादव और अशोक यादव संभाले हुए थे। रणनीति राजद की सफल रही। राजद कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है, लोग एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं।

नीतीश की शराबबंदी या जेल भरो अभियान! प्रसिद्ध यादव

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    कभी बिहार में शराब को बढ़ावा देने वाले नीतीश कुमार को एकाएक अंतरात्मा जाग उठी और एक पल आपातकाल की तरह पूर्ण शराबबंदी की तुगलक फरमान जारी कर दिया। अपनी पीठ थपथपाने लगे, नतीजा, बिहार पुलिस, प्रशासन, अधिकारी, कर्मचारी इसी एक सूत्री काम मे लग गए। सरकारी मुलाजिम के अलावा अभी पंचायत के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भी शराब न पीने की शपथ दिलाई गई। हास्यास्पद यह है कि सुबह  कुछ लोग शपथ ली और शाम में जाम छलकाये। कुछ गिरफ्तार भी हुए। शराबियों से जेल भर गया। स्थिति अफरातफरी की हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्‍यायाधीश एनवी रमना ने कहा है कि बिहार में शराबबंदी क़ानून के बाद हालत यह है कि पटना हाइकोर्ट में ज़मानत की याचिका एक-एक साल पर सुनवाई के लिए आती है, उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार , जो शराबबंदी के समर्थन में अपनी समाज सुधार यात्रा पर निकले हैं , ने कहा है कि शराब पीने वाले बिहार न आएं. बिहार में अवैध शराब को जब्‍त करने और इसके आरोप‍ियों पर कार्रवाई  को लेकर मुहिम चली है लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह भी हैं कि शराबबंदी से सम्बंधित लाखों मुक़दमे भी दर्ज हुए हैं जिसका दबाव न्य...

गोपाल दास नीरज की कविता- प्रसिद्ध यादव।

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      मौसम कैसा भी रहे कैसी चले बयार बड़ा कठिन है भूलना पहला-पहला प्यार बिना दबाये रस न दें ज्यों नींबू और आम दबे बिना पूरे न हों त्यों सरकारी काम  कवियों की और चोर की गति है एक समान दिल की चोरी कवि करे लूटे चोर मकान जहाँ मरण जिसका लिखा वो बानक बन आए मृत्यु नहीं जाये कहीं, व्यक्ति वहाँ खुद जाए टी.वी.ने हम पर किया यूँ छुप-छुप कर वार संस्कृति सब घायल हुई बिना तीर-तलवार आँखों का पानी मरा हम सबका यूँ आज सूख गये जल स्रोत सब इतनी आयी लाज ज्ञानी हो फिर भी न कर दुर्जन संग निवास सर्प सर्प है, भले ही मणि हो उसके पास राजनीति शतरंज है, विजय यहाँ वो पाय जब राजा फँसता दिखे पैदल दे पिटवाय दूध पिलाये हाथ जो डसे उसे भी साँप दुष्ट न त्यागे दुष्टता कुछ भी कर लें आप तोड़ो, मसलो या कि तुम उस पर डालो धूल बदले में लेकिन तुम्हें खुशबू ही दे फूल।

फुलवारी के तीन युवकों की दुर्घटना में मौत दो घायल- प्रसिद्ध यादव

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            इस  संबंध में  फुलवारी आलमपुर निवासी राजद नेता सुखदेव यादव, कुरकुरी निवासी राजद नेता सुरेंद्र यादव और यही के पूर्व मुखिया  शैलेंद्र यादव ने खबरों की पुष्टि की , जब मैंने मोबाइल से विस्तृत जानकारी ली।पालीगंज और रानी तालाब लखपर के बीच सोमवार की शाम एक कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकराते हुए गहरे गड्‌ढे में जा गिरी। इस हादसे में कार सवार 5 युवकों में से 3 की मौके पर ही मौत होगई। जबकि दो बुरी तरह घायल हैं। पेड़ से टकराने के बाद गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल भिजवाया और तीनों मृतक के शव को गड्‌ढे से निकाल पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। 2 लोगों की हालत गंभीर, इलाज जारी मृतकों की पहचान फुलवारीशरीफ आलमपुर निवासी दुधेस कुमार, फुलवारी शरीफ के कुरकुरी निवासी नीतीश कुमार और कन्हैया कुमार के रूप में की गई। जबकि आलमपुर के विकास कुमार और दीपू कुमार बुरी तरह घायल हो गए। घायलों को पालीगंज के अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां डॉक्टरों ने उन्हें इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया है। टाय...

मिर्जा गालिब के कुछ शायरी को जानें। प्रसिद्ध यादव।

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          वक्ताओं  ने सबसे अधिक ग़ालिब की शायरी को कोट किया है। यही है आज़माना तो सताना किसको कहते हैं, अदू के हो लिए जब तुम तो मेरा इम्तहां क्यों हो हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन,  दिल के खुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है उनको देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक, वो समझते हैं के बीमार का हाल अच्छा है इश्क़ पर जोर नहीं है ये वो आतिश 'ग़ालिब', कि लगाये न लगे और बुझाये न बुझे तेरे वादे पर जिये हम, तो यह जान, झूठ जाना, कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर एतबार होता तुम न आए तो क्या सहर न हुई हाँ मगर चैन से बसर न हुई मेरा नाला सुना ज़माने ने एक तुम हो जिसे ख़बर न थी  न था कुछ तो ख़ुदा था, कुछ न होता तो ख़ुदा होता, डुबोया मुझको उन्होंने  ने , मैं होता तो क्या होता ! हुआ जब गम से यूँ बेहिश तो गम क्या सर के कटने का, ना होता गर जुदा तन से तो जहानु पर धरा होता! हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया पर याद आता है, वो हर इक बात पर कहना कि यूँ होता तो क्या होता ! हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है न शोले में ये करि...

ग़ालिब भूल ये उम्र भर करता रहा , धूल चेहरे पर थी ,आइना साफ करता रहा.- प्रसिद्ध यादव

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 . जन्मदिन पर नमन! गालिब ने जिस दौर में अपना लेखन किया उस दौर में भारत की राजनीतिक धार्मिक हालात में भारी उथल पुथल मची हुई थी …लेकिन इसके बावजूद मिर्जा की शख्शियत में खासा फर्क नही पड़ा …गालिब वही रहे जो वे थे ….गालिब की जिन्दगी के इस अनछुए पहलू पर डालते हैं एक नजर …… गालिब के बारे में एक किस्सा बहुत मशहूर है …कई लेखकों ने इस वाकये का जिक्र कई बार किया है …एक रोज कुछ अंग्रेज सिपाही मिर्जा के मकान में घुस आए थे …राजा के सिपाहियों ने उन्हे रोका लेकिन भला निर्दयियों ने कोई दया न की …गालिब ,उनके परिजनों और नौकरों को कर्नल ब्रोन के सामने पेश किया गया …जब मिर्जा कर्नल ब्रोन के सामने पेश किया गया तो एक विशेष प्रकार की पगड़ी उनके सिर पर थी …मिर्जा का यह रंग देखकर कर्नल ने पूछा –“वेल तुम मुसलमान “…मिर्जा ने कहा-“ आधा “।कर्नल ने कहा “इसका क्या मतलब” ….मिर्जा ,–“शराब पीता हूँ सुअर नही खाता ….” मिर्जा के स्वाभाव की ये खासियत थी कि वो आदत के बंदी और धर्म से स्वतंत्र थे … जाहिर है गालिब का ये मिजाज था …गालिब को अपने जीते जी खूब शोहरत मिली लेकिन शायद वह नही जिसकी कल्पना उनको थी लेकिन गालिब को उम्...

मुज्जफरपुर बॉयलर बिस्फोट चिंता का विषय।प्रसिद्ध यादव

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       7 से अधिक हुए हताहत!   बिहार के मुजफ्फरपुर में बड़ा हादसा हो गया है. यहां बेला इंडस्ट्रियल एरिया के फेज-2 में एक नूडल्स की फैक्ट्री में बॉयलर फट गया. हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 5 लोग घायल हो गए हैं।विस्फोट इतना भीषण था कई फैक्टरियों की छत उड़ गईं. विस्फोट की आवाज सुनकर आसपास के इलाके के लोग जुट गए. घटना की सूचना पुलिस को दी गई. मौके पर भारी संख्या में पुलिस मौजूद है. हादसे के बाद कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि बचाव दल की टीम ने रेस्क्यू का काम शुरू कर दिया है. हालांकि विस्फोट के बाद मौके पर अफरातफरी मच गई.सुबह करीब 9:45 बजे फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ था. घटना की सूचना मिलते डीएम, एसएसपी, एसडीआरएफ औऱ फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई. सभी फिलहाल रेस्क्यू में लगे हुए हैं. धमाके के बाद फैक्ट्री भरभराकर गिर गई. इसके चलते मलबा काफी ज्यादा हो गया है. इसके नीचे दबे लोगों को निकालने के लिए जेसीबी को लगाया जा रहा है। सुबह से रेस्क्यू जारी है. अभी तक 7 लोगों की बॉडी निकाली जा चुकी है. घायलों को अस्पताल भेजा जा चुका है. ...

सांसद रामकृपाल यादव ने दानापुर दियारा के बीच पक्के पुल की निर्माण के लिए संसद में उठाया आवाज।

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 प्रदेश भाजपा नेता भाई सनोज यादव की पहल पर छः दिसंबर को सांसद रामकृपाल यादव जी ने दानापुर दियारा के लिए लोकसभा में पक्का पुल बनाने हेतु सवाल उठाए। रामकृपाल यादव ने दियारा के 8 पंचायतों की करीब 80000 हजार आबादी की पक्का पुल नही होने के कारण दुर्दशा बताई। यादव ने राजधानी से सटे होने के बावजूद भी दियारा वासी विपरीत परिस्थितियों में सुविधा विहीन होने के कारण असमय मौत की मुँह में चले जाते हैं। दियारा वासी की पीड़ा , कराह को संसद में मार्मिक ढंग से अवगत करवाया। भाजपा नेता सनोज यादव दियारा से दानापुर के बीच पक्का पुल के लिए सांसद और सरकार से लगातार गुहार लगाई और यह गुहार रामकृपाल यादव की आवाज बनकर संसद में सरकार को सुनाई दी। अब देखना है कि सरकार कितनी  तत्परता से  कायाकल्प करती है।

आज पिता जी की 26 वीं पुण्यतिथि है। प्रसिद्ध

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  25 दिसम्बर 1995 को दानापुर रेलवे अस्पताल में दिन के करीब 12 बजे पिता जी हम 6 भाइयों एवम एक बहन को सदा के लिए छोड़ गये थे।  आपके बिना जो जीवन में रिक्त हुआ, सुनापन हुआ, विरक्ति हुई, मन वैरागी हुआ, कभी मैं दिल से खुश नही हुआ, जीवन में दुखों  पहाड़ टूट गया, काली घटाएं छा गई। आपकी यादें आंखों में आँसू ला देते हैं। आपके बिना कोई सर पर हाथ रखने वाले नही है।इस विषम परिस्थिति में हम और माँ साथ थे। कड़ाके की ठंड  में जेयष्ठ पुत्र होने के नाते  मैं काफी तनाव और मर्माहत था। आंखों के सामने अंधेरा , लगा अब कुछ शेष नही बचा। लेकिन यह शाश्वत है, सत्य है, इसे कौन टाल सकता है। आप दैहिक स्वरूप में हमारे पास नहीं हैं, लेकिन आपकी सीख, ईमानदारी, स्पष्टवादिता, अनमोल ज्ञान, गीत संगीत से बेहद लगाव, आपके फैसले के  हमलोग कायल हैं।आपके मेरे प्रति लगाव , प्रेम मेरा सौभाग्य था। यही कारण है कि मेरा बचपन किसी राजकुमार से कम न था, कभी अभावग्रस्त नही रहे और आपके शिक्षा के प्रति लगाव ही मुझे उच्च शिक्षा ग्रहण करवाया। आप कभी अन्याय , जुर्म को बर्दाश्त नहीं किया, तो कभी किसी के दिल नही दुखाया, ...

धर्म संसद में जहरीली बयान पर मोदी मौनी बाबा! प्रसिद्ध यादव

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       हिन्दू धर्म के ठेकेदारों और पाखंडी गुरुओं की जहरीली बयान से आपसी एकता , अखंडता, सौहार्द पर गहरा आघात लगा है। ऐसे मूर्खों को मालूम नहीं है कि देश की आजादी के लिए सभी धर्मों, जाति, क्षेत्रों के लोग अपनी कुर्बानी दी है, फिर ये   आजादी के जंग में बिल में छुपने वाले और अंग्रेजों से माफ़ी मांगने वाले देशभक्ति के पाठ कब से पढ़ाने लगे। पाखंड ,ढोंग के सहारे मुफ्तखोर लोगों के विरुद्ध अविलंब कार्यवाई करना चाहिए। देश के प्रधानमंत्री को इस पर अपना मौनव्रत तोड़ना चाहिए। देश बेरोजगारी, अशिक्षा, गरीबी, कुपोषण से कराह रहा है, लेकिन ये धर्म की राग अलाप कर देश को गर्त में धकेल रहे हैं। ऐसे विष घोलने वालों को कहीं भी सभा करने की इजाजत नही देना चाहिए। ये ढोंगी भारतीय संविधान को नही, मनुस्मृति को मानते हैं, जिसमें कोल कल्पित बातें और इंसान को नीच बताने से ज्यादा कुछ नहीं है।उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई तीन दिवसीय धर्म संसद को लेकर विवाद जारी है. धर्म संसद में शामिल लोगों द्वारा विवादित भाषणों का मामला तूल पकड़ चुका है. खुद को धर्मगुरु कहने वाले लोग अनापशनाप बयानबाजी करके देश क...

डॉ धर्मवीर भारती की रचनाओं में मानवता सर्वोपरि- प्रसिद्ध yadav

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         आज जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन! वे मूल रूप से व्यक्ति स्वातंत्र्य मानवीय संकट एवं रोमानी चेतना के रचनाकार हैं। तमाम सामाजिकता एवं उत्तरदायित्वों के बावजूद उनकी रचनाओं में व्यक्ति की स्वतंत्रता ही सर्वोपरि है। रोमानियत उनकी रचनाओं में संगीत में लय की तरह मौजूद है। उनका सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यास गुनाहों का देवता एक सरस और भावप्रवण प्रेम कथा है।  डॉ धर्मवीर भारती को 1972 में  पद्मश्री  से सम्मानित किया गया। उनका उपन्यास  गुनाहों का देवता  सदाबहार रचना मानी जाती है।  सूरज का सातवां घोड़ा  को कहानी कहने का अनुपम प्रयोग माना जाता है, जिस पर  श्याम बेनेगल  ने इसी नाम की फिल्म बनायी,  अंधा युग  उनका प्रसिद्ध नाटक है।।  इब्राहीम अलकाजी ,  राम गोपाल बजाज ,  अरविन्द गौड़ ,  रतन थियम , एम के रैना, मोहन महर्षि और कई अन्य भारतीय रंगमंच निर्देशकों ने इसका मंचन किया है। जीवन परिचय धर्मवीर भारती का जन्म 25 दिसंबर 1926 को  इलाहाबाद  के अतर सुइया मुहल्ले में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। ...

बेलगाम भ्रष्टाचारी को मिले कड़ी सजा। प्रसिद्ध यादव

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           बिहार सरकार जितनी जीरो टॉलरेंस भ्रष्टाचार की रट्टा मार रही है, भ्रष्टाचारी उतनी तेजी से भ्रष्टाचार कर रहा है। निगरानी ,ईडी, आयकर लगातार छापेमारी कर रही है, माल बरामद हो रही है, लेकिन भ्रस्टाचारी निर्भीक होकर सरकार को ठेंगा दिखा रही है। अगर चीन , कोरिया आदि जैसे देशों में मौत की सजा मुकर्रर कर दे तब परिणाम सुखद मिलेगा।  हर रोज नये नये चेहरे सामने आ रहे हैं। छपरा जेल सुपरिटेंडेंट के ठिकानों पर विजिलेंस का छापा:सरकारी आवास, पटना के फ्लैट, गया के पुश्तैनी घर पर रेड; आय से 1.21 करोड़ संपत्ति अधिक आय से 1.21 करोड़ रुपए अधिक संपत्ति का दर्ज हुआ है केस। छपरा के जेल सुपरिटेंडेंट रामाधार सिंह सरकारी नौकरी में रहते हुए करोड़पति बन गए हैं। आरोप है कि सरकारी पद का दुरुपयोग कर ये भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं। इस बात के ठोस सबूत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम को मिले। जिसके बाद कल ही यानी गुरुवार को इनके खिलाफ पटना में आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया गया। अब शुक्रवार को निगरानी की टीम ने इनके तीन ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर दी है। गुपचुप तरीके ...

ईशा मसीह को जानें। प्रसिद्ध यादव।

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         करीब पौने दो हजार साल पहले की बात है। फिलिस्तीन में उन दिनों हिरोदका राज था। सम्राट आगस्ट्स के हुक्म से रोमन जगत की मर्दुमशुमारी हो रही थी। उसमें शामिल होने के लिए यूसुफ नाम का यहूदी बढ़ई नाजरेत नगर से वेथलहम के लिए रवाना हुआ। वहीं पर उसकी पत्नी मरियम (मेरी) के गर्भ से ईसा का जन्म हुआ। संयोग ऐसा था कि उस समय इन बेचारों को किसी धर्मशाला में भी ठिकाना न मिल सका। इस लाचार बच्चे को कपड़ों में लपेटकर चरनी में रख दिया गया। आठवें दिन बच्चे का नाम रखा गया, यीसु या ईसा। सौरी से निकलने के बाद मरियम और यूसुफ बच्चे को लेकर यरुशलम गए। उन दिनों ऐसी प्रथा थी कि माता-पिता बड़े बेटे को मंदिर में ले जाकर ईश्वर को अर्पित कर देते थे। इन लोगों ने भी इसी तरह ईसा को अर्पित कर दिया। ईसा दिन-दिन बड़े हो रहे थे। यूसुफ और मरियम हर साल यरुशलम जाते थे। ईसा भी साथ जाते थे। ईसा जब बारह वर्ष के हुए, तो यरुशलम में दो दिन रुककर पुजारियों से ज्ञान चर्चा करते रहे। सत्य को खोजने की वृत्ति उनमें बचपन से ही थी। प्रभु ईसा ने जब से होश संभाला, तभी से उन्हें लगा कि उनके यहूदी समाज में नाना प्रक...

ई रामास्वामी पेरियार एक क्रांतिकारी सुधारवादी- प्रसिद्ध यादव।

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     पेरियार को  24 दिसम्बर को पुण्यतिथि पर कोटि कोटि नमन!   देश को  एक नई राह दिखाने वाले थे। 1924 में केरल में त्रावणकोर के राजा के मंदिर की ओर जाने वाले रस्ते पर दलितों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने का विरोध हुआ था. इसका विरोध करने वाले नेताओं को राजा के आदेश से गिरफ़्तार कर लिया गया और इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए कोई नेतृत्व नहीं था. तब, आंदोलन के नेताओं ने इस विरोध का नेतृत्व करने के लिए पेरियार को आमंत्रित किया. इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने के लिए पेरियार ने मद्रास राज्य काँग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफ़ा दिया. वो गांधी के आदेश का उल्लंघन करते हुए केरल चले गए. त्रावणकोर पहुंचने पर उनका राजकीय स्वागत हुआ क्योंकि वो राजा के दोस्त थे. लेकिन उन्होंने इस स्वागत को स्वीकार करने से मना कर दिया क्योंकि वो वहां राजा का विरोध करने पहुंचे थे. उन्होंने राजा की इच्छा के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया, अंततः गिरफ़्तार किए गए और महीनों के लिए जेल में बंद कर दिए गए. केरल के नेताओं के साथ भेदभाव के ख़िलाफ़ उनकी पत्नी नागमणि ने भी महिला विरोध प्रदर्शन का आयो...

महात्मा बुद्ध के विचारों को समझें। प्रसिद्ध यादव।

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   इनके सत्य अनवेषण और विचारों से दुनिया  ऊंचाइयां छू रही है और जहाँ ज्ञान के द्वीप प्रज्वलित किये  वहीं  अंधविश्वास, पाखंड, ढ़ोंग से अंधेरा छा गया। पाखंड फैलाने वाले का जीवन यापन हो रहा है, उसके बढ़ावा देने का मकसद समझ में आता है, लेकिन जो सर्वस लुटा रहा है और ढो रहा है, यह समझ नहीं आता। अनपढ़ की कौन कहे पढ़े लिखे और बड़े बड़े राजनेताओं की नोटंकी देखकर उनकी बुद्धि पर तरस आती है। अगर बुद्ध के विचारों को जीवन में आत्मसात नही किया, नही समझे तो समझिए कि जीवन व्यर्थ है। सत्य से मुँह मोड़ लेना कैसी बुद्धिमत्ता है? गौतम बुद्ध के 10 अनमोल विचार जानिए गौतम बुद्ध कहते हैं कि-  * जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो। फिर जीत हमेशा तुम्हारी होगी, इसे तुमसे कोई नहीं छीन सकता।  * किसी भी हालात में तीन चीजें कभी भी छुपी नहीं रह सकती, वो है- सूर्य, चन्द्रमा और सत्य।  * जीवन में किसी उद्देश्य या लक्ष्य तक पहुंचने से ज्यादा महत्वपूर्ण उस यात्रा को अच्छे से संपन्न करना होता है।  * बुराई से बुराई कभी खत्म नहीं होती। घृणा को तो क...