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Showing posts from January, 2025

दानापुर रेल मंडल मनाया शताब्दी वर्ष । इस समारोह का मैं भी साक्षी रहा।- प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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  सामाजिक आर्थिक उत्थान का केंद्र बना। मेरे पिता जी और दोनों चाचा दानापुर रेल मंडल के दानापुर में ही कार्यरत थे।अभी एक भाई व पुत्र भी दानापुर में ही रेलवे में कार्यरत हैं।मेरे गांव के 10 0 से अधिक लोग दानापुर रेलवे में ही कार्यरत थे । आसपास के दर्जनों गांवों के लोग इसी रेलवे में नॉकरी कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किये थे। आज भी इस क्षेत्र के लोगों को पहली पसंद रेलवे की नॉकरी ही है।दानापुर के आसपास क्षेत्रों के हजारों  परिवारों  को यह रेलवे कायाकल्प किया है। दानापुर कैंटोनमेंट होने के कारण दानापुर मंडल होने का सौभाग्य रहा होगा। बगल के बिहटा चीनी मिल भी रेल नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। रेल मंडल के निर्माण में आसपास के गांवों जमालुद्दीन चक ,लखनी बीघा ,दल्लूचक ,रामपुर ,गाड़ीखाना ,मखदुमपुर आदि गांवों के किसानों के जमीन अधिग्रहण में चले गए थे । मंडल बनने से आसपास के गांवों के लोगों को रोजगार मिला। दानापुर मंडल का जोनल मुख्यालय कलकत्ता था इसके कारण यहाँ बंगाली अधिकारियों का आगमन शुरू हुआ।यही नही चेन्नई ,बंगलौर आदि नगरों के अधिकारी यहाँ पदस्थापित होने लगे। उनके रहन सहन ,संस्कृति क...

*दानापुर मंडल के शताब्दी वर्ष के अवसर पर प्रदर्शनी सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन*

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दानापुर मंडल के स्थापना के 100 वर्ष पूरा होने पर मंडल की ऐतिहासिक विरासत एवं विकास यात्रा को याद करते हुए इससे रेल उपयोगकर्ताओं को अवगत कराने हेतु आज दिनांक 31.01.2025 को जगजीवन स्टेडियम में दानापुर मंडल का शताब्दी वर्ष समारोह का आयोजन किया गया । महाप्रबंधक श्री छत्रसाल सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया । इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक श्री अमरेन्द्र कुमार, दानापुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री जयंत कुमार चौधरी, अपर मंडल रेल प्रबंधक/दानापुर (ऑपरेशन) श्री आधार राज सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, रेलकर्मी उपस्थित थे । साथ ही पूर्व मध्य रेल महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा श्रीमती सुनीता सिंह, भूतपूर्व महाप्रबंधक एवं मंडल रेल प्रबंधक तथा अतिथिगण उपस्थित रहे । इस अवसर पर दानापुर मंडल के 100 वर्षों के ऐतिहासिक सफर को बेहद ही खूबसूरत और रोचक अंदाज में संजोए एक फोटो प्रदर्शनी लगाया गया जिसका महाप्रबंधक एवं अतिथियों ने अवलोकन किया । फोटो प्रदर्शनी में दानापुर मंडल के स्थापना, उपलब्धि, इतिहास, विकास यात्रा, सुविधाएं सहित 100 वर्षों की गौरवशाली यात्रा को प्रभावशाली रूप से दिखाया गया। ‘‘ऑनर...

के मारल हमरा गांधी के गोली हो, धमाधम तीन गो । - रसूल म‍ियां।

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     कोटि कोटि नमन ।   अह‍िंंसा के पुजारी महात्‍मा गांधी के एक पुजारी हुआ करते थे रसूल म‍ियां। वह हर तरह से गांधी के अभ‍ियान और उनके व‍िचारों को दूर-दूर तक पहुंचाने में जुटे हुए थे। यह वह दौर था जब बापू चरखे को लोकप्र‍िय बनाने का आह्वान कर रहे थे। रसूल म‍ियां भी अपने तरीके से उनके इस आह्वान को सफल अभ‍ियान में बदलने में लगे हुए थे। रसूल म‍ियां लोक कलाकार थे। ब‍िहार के गोपालगंज के रहने वाले थे। उनकी उम्र बापू से दो-तीन साल ही कम थी। लेक‍िन, वह उनसे बेहद प्रभाव‍ित थे। 30 जनवरी, 1948 को गांधीजी को गोली मारी गई थी। रसूल अपनी नाच मंडली के साथ कलकत्ता में थे। वह नाटक खेलने गए थे। बापू की हत्या की खबर आने के बाद फैक्ट्री के मालिक ने कहा- आज की रात नाटक नहीं होगा। लेकिन, दुख से टूटे हुए रसूल ने कहा क‍ि नाटक के जर‍िए ही बापू को श्रद्धांजल‍ि दी जाएगी। इस पर माल‍िक मान गए। दर्द में डूबे रसूल ने ऐसा अभ‍िनय क‍िया क‍ि सब रो पड़े। उनका दर्द इन शब्‍दों में बाहर आया था-   के मारल हमरा गांधी के गोली हो, धमाधम तीन गो । कल्हीये आजादी मिलल, आज चलल गोली , गांधी बाबा मारल गइले द...

सुध बिसरा गयो मेरी रे । शोक -शांति सभा में नीतीश दे ताली ।

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   ठोको ताली  सिद्धू की प्रचलित कहावत है । कब कहाँ ताली बजाना है और कहां नहीं ,सामान्य व्यक्ति भी जनता है।  हर्ष ,विषाद में व्यक्ति के  भाव भंगिमा किस तरह की होनी चाहिए ? यह सामान्य बात है।  जानवर भी भाव और परिस्थितियों के अनुसार अपनी मनोदशा को रखते हैं। मा नीतीश कुमार कोई जानबूझकर या बापू को अपमानित करने के लिए भी नहीं किये हैं या ऐसा भी नही है कि इसकी समझ उनकी नहीं है ? इसके बावजूद लगातार उनकी ऐसी हरकतें चिंता का विषय है ।  नीतीश कुमार फिर से अजीबोगरीब हरकत के लिए चर्चा में हैं। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उन्होंने कथित तौर पर 2 मिनट के मौन के बाद ताली बजाने लगे। तभी उनके बगल में खड़े बिहार विधानसभा के स्पीकर नंद किशोर यादव ने उन्हें ऐसा करने से रोका।  किसी भी बीमारी को छुपाने से बीमारी और बढ़ती ही जाती है। इसलिए नीतीश जी को अविलंब किसी चिकित्सक से मिलकर इलायज करवाना चाहिए। 

महाकुंभ में वायरल हुई लड़की मोनालिसा को साइन करने वाले डायरेक्टर सनोज मिश्रा को घर वाले मृतक मान लिए थे .

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मुंबई 30 जनवरी 2025 ! महाकुंभ में वायरल हुई लड़की मोनालिसा को डायरेक्ट सनोज मिश्रा अपनी फिल्म में 'डायरी ऑफ मणिपुर' के लिए उनके गांव जाकर साइन किया। महाकुंभ में अपनी कजरारी आंखों और प्यारी सी मुस्कान के चलते वायरल हुई मोनालिसा अब अपने घर यानी मध्य प्रदेश के महेश्वर लौट चुकी हैं।  पूरे महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में ही रूक कर रुद्राक्ष माला बेचने वाली थीं लेकिन 15 दिनों के अंदर ही उन्हें महाकुंभ छोड़ना पड़ा। क्योंकि वायरल होने के कारण न तो वह माला बेचने का अपना काम ठीक से कर पा रही थी और न ही चैन की सांस ले पा रही थी. पूरे वक्त उनके आगे पीछे कैमरे घूमने लग गए थे। अब जब वह अपने घर वापस आ चुकी हैं। डायरेक्टर सनोज मिश्रा आज मोनालिसा के गांव पहुंचे और अपनी फिल्म डायरी ऑफ मणिपुर के लिए साइन किया। इस फिल्म में मोनालिसा लीड भूमिका में नजर आएगी। फिल्म की शूटिंग से पहले उन्हें मुंबई में एक्टिंग की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।   बता दें कि कुंभ में अचानक इंटरनेट पर वायरल होने के बाद मोनालिसा की सुंदरता और आकर्षक व्यक्तित्व ने मेले में आने वाले लोगों का ध्यान खींचा। तभी सनोज मिश्रा ने सोच लिया क...

तात । लाज शर्म - त्याग ,भोगहूं सत्ता सुख । - प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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    श्रम करने में शर्म आये तो राजनीतिक शरण में जाये ।अगर सत्ता सुख भोगना है तो सत्ता में जाये। चाहे जितनी बार दलबदल क्यों न करना पड़े। जहां सत्ता वहां शरीर ।  नश्वर काया और झूठी माया का क्या भरोसा ? कब शिखर से शून्य हो जाये । जनता की सेवा करने से अच्छा , सुप्रीमो की गणेश परिक्रमा है। सुप्रीमो के नाम का माला जाप करना है। अपनी तो कोई हैसियत है नहीं ,बाबा नाम केवलम के तर्ज पर यशोगान करना है। बात बात पर सफाई से झूठ बोलने की आदत होनी चाहिए।  ताकतवर को चरणपादुका उठाएं और कमजोर को डराएं।  ऐसा रंग बदले की गिरगिट भी शरमाये । नियत साफ हो न हो ,कपड़ा साफ पहनें । चेहरे पर डेंटिंग पेंटिंग चकाचक हो , इससे उम्र छुप जाती है।कब्र में पांव लटके हुए भी चिर यौवन लगे। कठफोड़वा की तरह कठजीव हो । कोई मरे , कोई जिये ,अपनी दुकान चले । सिद्धान्त को सुदामा की तन्दुल की गठरी जैसे कांख में छुपा कर रखें । आंखों में घड़ियाली आंसू हो या आधुनिक युग में आंखों में कुछ केमिकल लगायें।यकीनन आंसू की धारा बह जाएंगे। विज्ञान का जड़त्व का नियम लागू नहीं होता ,गतिशील बने रहे ,अंगद की तरह एक ही जगह पांव जमाये ...

आस्था की डुबकी लगाने के चक्कर में दर्जनों की मौत ।😢

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  अमृत स्नान बना काल.😢 मौनी अमावस्या को कुम्भ में डुबकी लगाने गये दर्जनों श्रद्धालु भगदड़ मचने से मौत के मुंह में चले गए और  50 से अधिक घायल हुए। वीआईपी कल्चर व सही प्रबंधन नहीं होने के कारण  श्रद्धालु भगदड़ के शिकार हो गये। एक ही दिन में करोड़ों लोगों को संगम में स्नान करने की छूट क्यों दी गई?  कुम्भ क्षेत्र में करोड़ों लोगों को करीब एक ही समयावधि में  जुटना क्या खतरे की घण्टी नहीं थी ? घटना घटने के बाद अब बताया जा रहा है कि गंगा सभी जगह पवित्र है, कहीं भी डुबकी लगाई जा सकती है। सवाल है कि इससे पहले बड़े बड़े विज्ञापनों में मौनी अमावस्या के स्नान को अमृत स्नान बताकर भोलेभाले लोगों को  आकर्षित किया गया।  अमृत स्नान कोई तर्कसंगत या वैज्ञानिक दृष्टिकोण है?केवल आस्था व धर्म के नाम पर आंखें बंद कर भरोसा दिलाया गया। जिसके परिवार उजड़ गये ,उसकी पीड़ा को कौन समझेगा ? घर से खुशी -खुशी मोक्ष की प्राप्ति के लिए प्रयोग गये थे,उल्टे सुरधाम चले गए। महाकुंभ भगदड़ में 35 से 40 मौतें:करीब 20 शव परिजनों को सौंपे गए हैं ।प्रयागराज के सभी एंट्री पॉइंट बंद, मेला क्षेत्र नो-व्हीक...

यूपी में भूख की तड़प से आत्महत्या !😢

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   छः रोटियों  की टुकड़ी कर आठ लोग खाये । बच्चे सहित सभी भूखे रह गए। कुम्भ मेला से भले ही देश की जीडीपी 1 फ़ीसदी बढ़ने की और यूपी की खुशहाली की दावे किये जा सकते हैं लेकिन एटा की घटना मानवता को  शर्मसार कर दिया है। लोककल्याणकारी राज्य में कहां चूक हो रही है कि आज भी लोग भूखे पेट सोने के लिए मजबूर हैं और भूख से व्याकुल होकर आत्महत्या कर रहे हैं। रामराज्य की कल्पना करने वाले को अपनी व्यवस्था को सुधार करने की जरूरत है।   उत्तर प्रदेश के एटा जिले से दिल को झकझोरने वाली घटना घटी है। यहां आठ सदस्यों के परिवार के भरण-पोषण का पूरा भार पति की मौत के बाद पत्नी सुमन पर था। स्कूल जाते थे तो मध्याह्न भोजन से पेट भर जाता था लेकिन रविवार को स्कूल बंद होने पर बच्चे भूखे ही रह गए।  घर में जितना आटा था, उससे कुल छह रोटियां बनीं। सभी आठ सदस्यों में ये रोटियां टुकड़ों में बंटी तो मां का कलेजा भर आया। यहीं से उसके जीने की चाह खत्म हो गई। नगला पवल निवासी रामबेटी ने बताया कि बेटे की दो वर्ष पूर्व हुई मौत के बाद पुत्रवधू सुमन (35) काफी परेशान रहने लगी थी।  रविवार होने के...

झकझोर दुनिया हो झकझोर दुनिया व समाजवाद बबुआ, धीरे-धीरे आई -जनवादी कवि गोरख पांडेय ।

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      29 जनवरी को इनके पुण्यतिथि पर कोटि कोटि नमन ! गोरख सिजोफ्रेनिया से परेशान रहते थे, यह परेशानी धीरे-धीरे इतना बढ़ गई कि 29 जनवरी 1989 को इस कवि ने आत्महत्या कर ली। उस समय वह जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में रिसर्च एसोसिएट थे।  जनता की चले पलटनियां हिले ले झकझोर दुनिया।  हिले ले पहड़वा हिले ले नदी तलवा  सगरे में उठे रे हिलोरवा  हिले ले झकझोर दुनिया।   विज्ञापन लड़े ले गुलमवा लड़े ले मज़लुमवा  लड़े ले गुलमवा लड़े ले मज़लुमवा  लड़े ले ग़रीबवा-बेकमवा  हिले ले झकझोर दुनिया लड़े ले किसनवां लड़े ले मजदूरवा  लड़े मिलि खुनवां-पसीनवां हिले ले झकझोर दुनिया  लड़े ली बहिनियां, लड़े महतरिया लड़े ली बहिनियां, लड़े महतरिया लड़े सब दिख के संघतिया  हिले ले झकझोर दुनिया  ढहे जमींदरवा, ढहेला पूंजीपतिया  ढहे लूटमार के कानूनवां  हिले ले झकझोर दुनिया समाजवाद बबुआ, धीरे-धीरे आई समाजवाद बबुआ धीरे-धीरे आई । हाथी से आई, घोड़ा से आई अँगरेजी बाजा बजाई। नोटवा से आई, बोटवा से आई बिड़ला के घर में समाई।...

नेता की तरह कुत्ते को काटने का क्षेत्र निर्धारित हो ! - प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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   कुत्ता फुलवारी शरीफ व दानापुर के कितने - कितने  लोगों को काटा है  ! क्या एक ही कुत्ता दोनों क्षेत्रों के लोगों को काटा ? ये नर्स के  सवाल सुनकर मेरा माथा चकरा गया।मैं फुलवारी से आये नर्स से पूछा ? कुत्ता क्षेत्र देखकर थोड़े काटा है, जो सामने आया, उसे काटा । ये कुत्ता पूरा समाजवादी होता है।यह न जात, न धर्म,न उम्र ,न लिंग देखता है।समदर्शी है ।न ऊंच न नीच ,न डर न भय ,जो सामने आया ,उसे ही दर्द दिया राजनेताओं की तरह।  सभी को सुई दवाई दीजिए।नर्स ने कहा - ऐसा थोड़े होता है। जिस क्षेत्र के लोगों को काटा है, उस क्षेत्र के अस्पताल इलायज करेगा। मैडम ! इसमें गलती किसकी है? कुत्ता की या पीड़ित की ? मेरा इतना पूछते ही वह मुझ पर झल्ला गयी और बोली - दानापुर वाला मर गया क्या ? जहाँ जाना है वहां जाइये ।फुलवारी वाले को इलायज कर दानापुर वाले को अपने रहमोकरम पर छोड़ मेडिकल टीम एम्बुलेंस से फुलवारी लौट गई।  ये सारी बातें फुलवारी के चिकित्सा प्रभारी चौधरी जी को मैं फोन से सुनाया । उन्होंने कहा कि ऐसा कैसे होगा ?आप कोई कहानी कह रहे हैं।नहीं सर।यही हकीकत है ।मैं बताया। इसके बाद...

जमालुद्दीन चक ग्राम कचहरी में सरपंच वंदना देवी और ग्राम पंचायत भवन में मुखिया अरुणा देवी पैरामीटर प्लस इंटरनेशनल स्कूल मेंकारी शमशाद साबरी एवं मशहूर फनकार नवाब आलमकिये झंडोत्तोलन।

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 खगौल। गणतंत्र दिवस के मौके पर दानापुर प्रखंड के जमालुद्दीन चक ग्राम कचहरी में सरपंच वंदना देवी और ग्राम पंचायत भवन में मुखिया अरुणा देवी ने ग्रामीणों के बीच झंडोतोलन किया। मौके पर पंचायत सचिव अभिषेक कुमार सूत्रधार के महासचिव सह अधिवक्ता नवाब आलम, उप सरपंच विकास कुमार पप्पू, कृषि सलाहकार सुधीर कुमार ,मनीष कुमार,गुड्डू कुमार, पप्पू पासवान, पैक्स अध्यक्ष जोगेंद्र यादव सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे। दूसरी तरफ पैरामीटर प्लस इंटरनेशनल स्कूल में जमालुद्दीन च क में झंडोतोलन कारी शमशाद साबरी एवं मशहूर फनकार नवाब आलम, अधिवक्ता ने संयुक्त रूप से झंडोतोलन किया। मौके स्कूल के संस्थापक इंजी आफताब आलम,निदेशक राजीव कुमार सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

कुरथौल की घटना के प्रतिवाद में महागठबंधन का फुलवारी में निकला आक्रोश मार्च !

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       नीतीश सरकार में  कोई सुरक्षित नहीं है -  गोपाल रविदास।  नया  स्कूल भवन के उदघाटन तथा संविधान की  शिलापट्ट  लगाये जाने पर कुर्थौल में  सामन्ती अपराधियों के द्वारा विधायक गोपाल रविदास को जाति सूचक शव्द कहकर अपमानित किये जाने के खिलाफ़   इशोपुर नहर से थाना फुलवारी शरीफ तक   विरोध मार्च निकाला गया।इसमें बड़ी संख्या में महागठबंधन के नेता कार्यकर्ता व आमजन शामिल हुए।  विधायक गोपाल रविदास ने बताया कि नीतीश सरकार में कोई सुरक्षित नहीं है। सिवान में पासवान को मूंछ रखने के लिए हत्या कर दी जाती है ,मोकामा में खुलेआम गोली चलाई गई और मारने का ऐलान किया गया है । गणतंत्र दिवस के 76 वां वर्षगांठ के दिन मुझे जाति सूचक शब्द के साथ अपमानित किया गया और विद्यालय व संविधान की प्रस्तावना के शिलापट्ट को उद्घाटन नहीं करने दिया। इस मार्च में माले नेता कॉम शरीफा मांझी ,कॉम गुरुदेव दास, कॉम जयप्रकाश पासवान , राजद नेता ध्रुव यादव, संतोष यादव ,  कैश अनवर सहित अन्य लोग मौजूद थे। राजद नेता कैश अनवर ने बताया कि उक्त शिलापट्ट में व...

जब नीतीश ही एक दलित सीएम को जलील कर सकते हैं तो इनके समर्थकों को क्या कहना है?

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      आज भी वंचित समाज हिंदू धर्म की ढकोसला राज में सम्मान पूर्वक जीवन जीने के लिए तरस रहे हैं और तो और एक विधायक वो भी गणतंत्र दिवस के दिन अपने ही क्षेत्र में जातीय सूचक शब्दों की ज़हर पीने के लिए विवश हैं।  वो भी बिहार की राजधानी पटना में ,बाकी सुदूर इलाके में क्या हश्र होता होगा ,समझ सकते हैं। डूब मरना चाहिए सभ्य समाज के दम्भ भरने वाले को। जो आज वंचित समाज के हिन्दू सनातन धर्म के नाम पर चुतर पर ताली बजा रहे हैं उन्हें ऐसी घटनाओं से सबक लेने की जरूरत है । सामंत वर्ग वंचितों के वोट लेने के लिए झूठा प्यार दिखा सकते हैं लेकिन दिल में आज भी छुआछूत की भावना है। कुछ वंचित समाज के दलाल नेता इसकी चाकरी कर खुद राजनेता होने के भ्रम में जी रहे हैं।  दलितों के ख़िलाफ़ बढ़ रहा है जुल्म! सीएम नीतीश कुमार ने मांझी को  कहा था कि उनकी मूर्खता की वजह से ही वो सीएम बने थे। नीतीश कुमार ने मांझी के साथ तू-तड़ाक की भाषा में भी बात की थी । जीतन राम मांझी ने  इसकी प्रतिक्रिया में लिखे थे  "नीतीश कुमार अगर आपको लगता है कि आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाया यह आपकी भूल है। ज...

कुरथौल में विधायक गोपाल रविदास को विद्यालय के उद्घाटन करने से दबंगों ने रोका व जाति सूचक शब्दों का किया प्रयोग !

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  कहाँ है सुशासन!😢 देश 76 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, इसके बावजूद आज के दिन भी दबंगों की इतनी हिम्मत कि एक स्थानीय विधायक को अपने क्षेत्र के विधायक को विद्यालय के उद्घाटन करने से सिर्फ रोका नहीं, बल्कि जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया और दुर्व्यवहार भी किया।विधायक वहाँ से वापस लौट कर परसा थाना में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया।विधायक के साथ राजद के वरिष्ठ नेता और कुरथौल निवासी ध्रुव यादव ,दिलीप यादव भी मौजूद थे। पूर्व में भी फुलवारी प्रखंड राजद के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव यादव के घर पर चढ़कर दबंगों ने मारपीट किया था तब पूरे राजद परिवार कुरथौल जाकर दबंगों को मन ठंढा किया था।  फुलवारी शरीफ विधायक को अपमानित किये जाने की निंदा भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य जय प्रकाश, प्रखण्ड सचिव गुरुदेव दास ने भाकपा माले विधायक गोपाल रविदास के साथ आज  के अपमान और दुर्भावाहर की निंदा की है l विदित हो की आज 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्क्रमिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुर्थाल के नये भवना का जिसे विधायक की अनुशंसा द्वारा बनाई गयीं है जिसे उद्धघाटन किया जाना था  भारी ...

जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रस-धार नहीं।- सुमित्रानंदन पंत।

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      वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं॥ जो जीवित जोश जगा न सका, उस जीवन में कुछ सार नहीं। जो चल न सका संसार-संग, उसका होता संसार नहीं॥ जिसने साहस को छोड़ दिया, वह पहुँच सकेगा पार नहीं। जिससे न जाति-उद्धार हुआ, होगा उसका उद्धार नहीं॥ जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रस-धार नहीं। वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं॥ जिसकी मिट्टी में उगे बढ़े, पाया जिसमें दाना-पानी। है माता-पिता बंधु जिसमें, हम हैं जिसके राजा-रानी॥ जिसने कि खजाने खोले हैं, नवरत्न दिये हैं लासानी। जिस पर ज्ञानी भी मरते हैं, जिस पर है दुनिया दीवानी॥ उस पर है नहीं पसीजा जो, क्या है वह भू का भार नहीं। वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं॥ निश्चित है निस्संशय निश्चित, है जान एक दिन जाने को। है काल-दीप जलता हरदम, जल जाना है परवानों को॥ है लज्जा की यह बात शत्रु— आये आँखें दिखलाने को। धिक्कार मर्दुमी को ऐसी, लानत मर्दाने बाने को॥ सब कुछ है अपने हाथों में, क्या तोप नहीं तलवार नहीं। वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं॥

राम लखन सिंह यादव कॉलेज अनिसाबाद में 76 वां गणतंत्र दिवस मनाया गया !

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     जदयू एमएलसी  गुलाम गौस ने  कॉलेज में झंडोत्तोलन  किया । गौस ने अपने सम्बोधन में संविधान की महत्ता को बताया। इन्होंने बताया कि अगर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर संविधान का निर्माण नही किया होता तो आज भी वंचित समाज शिक्षा व विकास से दूर होता। देश से गोरे अंग्रेज चले गए लेकिन काले अंग्रेज आज भी हैं ।   अतिथियों के द्वारा एनसीसी स्टूडेंट्स को मेडल व बैज देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर   प्रचार्य प्रो सुरेंद्र प्रसाद, यूनिवर्सिटी प्रतिनिधि   प्रो डॉ प्रमोद कुमार सिंह ,प्रो रामबीनेश्वर सिंह ,  प्रो बीडी यादव , प्रो  अशोक यादव ,प्रो अनिल कुमार  ,  डॉ प्रो महेंद्र सिंह  , प्रो वीरेन्द्र प्रसाद यादव ,प्रो रणविजय सिंह,  प्रो राय श्रीपाल सिंह , प्रो शंकर साह , प्रो घनश्याम चौधरी   प्रो अवधेश सिंह , प्रो रामजीवन यादव ,इंदुभूषण प्रसाद , प्रो प्रसिद्ध कुमार ,  डॉ आनंदी प्रसाद यादव , प्रो कुमारी सुंदरम , प्रो उस्मानी ,प्रो संतोष चौधरी, प्रो एस एन राय  ,  डॉ प्रो राजकिशोर प्रसाद , प्रो...

कॉरपोरेट व पूंजीपतियों मित्रों की मोदी सरकार ! पी चिदंबरम।

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      पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार को  इस पर टैग किया है। अगर मौजूदा सरकार के पास सतत् और सुसंगत आर्थिक दर्शन होता, तो किसी चकित करने वाले पैकेज को छोड़ कर आने वाले बजट की मुख्य विशेषताओं का पूर्वानुमान लगाना संभव होता। मगर दुर्भाग्य से, ऐसा नहीं है। यह अब अतीत के पूंजीवाद से भाई-भतीजावाद, उदारीकरण से व्यापारिकता, प्रतिस्पर्धा से कुलीनतंत्र, रेवड़ी से मुफ्त अनाज और किसान सम्मान से कानूनी रूप से बाध्यकारी एमएसपी का विरोध करने की ओर बढ़ चुका है। अब अर्थव्यवस्था की स्थिति की व्याख्या करने और यह तय करने की जिम्मेदारी नागरिकों पर छोड़ देनी ही समझदारी है कि बजट 2025-26 वर्तमान चुनौतियों का पर्याप्त जवाब है या नहीं। गिरती विकास दर जहां तक मौजूदा स्थिति का सवाल है, यह आमतौर पर स्वीकार किया जाता है कि आर्थिक विकास दर गिर रही है। जबकि हम छह से सात फीसद के बीच की विकास दर पर गर्व कर रहे हैं, दावा करते हैं कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है- जो सच भी है। अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाएं धीमी दर से बढ़ रही हैं: संयुक्त राज्य अमेरिका 2.7 फीसद और चीन 4.9 फीसद ...

अभिनेत्री ममता कुलकर्णी बनीं कुंभ में महामंडलेश्वर !

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    मायानगरी की मोह माया त्यागकर  शांति की खोज में सन्यासिन बन गई। एक समय कुलकर्णी की डांस की चर्चा बिहार से लेकर पूरे देश में थी।   प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 के दौरान शुक्रवार, 24 जनवरी, 2025 को पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को के साथमहामंडलेश्वर के रूप में नियुक्त करतीं किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी।  फिल्मी दुनिया से अध्यात्म की दुनिया में कदम रखीं बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज महाकुंभ मेले में पहुंचकर सांसारिक मोह-माया का त्याग कर दिया। उन्होंने शुक्रवार को किन्नर अखाड़े में संन्यास ग्रहण कर लिया और संत बन गईं। किन्नर अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी दे दी। आमतौर पर महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया अखाड़ों में कठिन मानी जाती है। व्यक्ति को पहले दीक्षा लेनी होती है और कठोर तपस्या के बाद यह पद मिलता है, लेकिन किन्नर अखाड़ा, जो सनातन धर्म के 13 प्रमुख अखाड़ों से अलग है, अपने अलग नियमों के लिए जाना जाता है। यहां संन्यास लेने और पदवी पाने की प्रक्रिया थोड़ी सरल है। इस घटना ने महाकुंभ में मौजूद श्रद्...

जननी जन्मभूमि प्रिय अपनी, जो स्वर्गादपि है गरीयसी! - सुमित्रानंदन पंत।

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      जिसका गौरव भाल हिमाचल, स्वर्ण धरा हँसती चिर श्यामल, ज्योति ग्रथित गंगा यमुना जल, वह जन जन के हृदय में बसी! जिसे राम लक्ष्मण औ' सीता बना गए पद धूलि पुनीता, जहाँ कृष्ण ने गाई गीता बजा अमर प्राणों में वंशी! सीता सावित्री सी नारी उतरीं आभा देही प्यारी, शिला बनी  तापस  सकुमारी जड़ता बनी चेतना सरसी! शांति निकेतन जहाँ तपोवन ध्यानावस्थित हो ऋषि मुनि गण चिद् नभ में करते थे विचरण, जहाँ सत्य की किरणें बरसीं! आज युद्ध जर्जर जग जीवन, पुनः करेगी मंत्रोच्चारण वह वसुधैव बना कुटुंबकम्, उसके मुख पर ज्योति नव लसी! जननी जन्मभूमि प्रिय अपनी, जो स्वर्गादपि है गरीयसी!

ईमानदारी की मिसाल थे कर्पूरी ठाकुर !

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  आज भ्रष्टाचार की युग में कर्पूरी जी और प्रासंगिक हैं। एक सूबे के मुख्यमंत्री के पास पुस्तैनी झोपड़ी के अलावा कुछ नहीं था । वे वंचितों के लिए जितना किये । शायद दूसरा कोई इतना ईमानदारी से नहीं किये। बिहार के राजनीति के शीर्ष पर होने के बावजूद भी इनका जातीय भेदभाव कम नहीं था । आज इनको अपमानित करने वाले भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और अपने आप को भारी मन से ही  इनका वारिश कहने पर गर्व महसूस करते हैं। उनके ज्ञान और सादगी को जितना पसंद किया जाता था, उतना ही उनकी छोटी-मोटी चालबाज़ियों को भी लोग ख़ूब पसंद करते थे. ये सब करना उनकी कलाकारी नहीं, मजबूरी थी क्योंकि विचारों के अलावा समाजवादी धारा ने कभी उनको ठोस राजनीतिक आधार नहीं दिया. बिहार का पिछड़ा आंदोलन उनकी पीढ़ी के साथ ही परवान चढ़ा. इस जमात में भी दबंग यादवों-कोइरियों-कुर्मियों के आगे नाई जाति के एक व्यक्ति की क्या बिसात हो सकती थी, जिनकी आबादी हर गाँव में एक-दो घर से ज्यादा नहीं होती. दूसरी ओर, जनता पार्टी लगातार टूटती-बिखरती रही और अक्सर कर्पूरी ठाकुर को बेमन से किसी पक्ष में साथ होना पड़ता था. पार्टी के विभाजन में उन्होंने बढ़-चढ़क...

भ्रष्ट डीओ के यहाँ नोटों का अंबार ! काली कमाई से घर से लेकर ससुराल तक गुलजार !

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     पत्नी से लेकर साली तक सोती थी  नोटों की बिस्तर पर! बिहार को भ्रष्ट राज्य के रूप में कहा जाये तो कोई  अतिश्योक्ति नहीं है। अभी बेऊर के जेलर व पुल निर्माण के इंजीनियर की भ्रष्टाचार की आग खत्म नहीं हुई कि शिक्षा विभाग के बडे अधिकारी की करतूत सामने आ गई। बिहार में बढ़ते भ्रष्टाचार को देखते हुए नोट गिनने की मशीन और जेलखाने की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। अगर भ्रष्टाचार की सोशल ऑडिट किया जाये तो बिहार के कोई ऐसा विभाग नहीं है जहाँ भ्रष्टाचार में लोग डूबे हुए नहीं है। पंचायत, प्रखंड, जिला से लेकर सचिवालय तक का यही हाल है। अब लगता है कि सरकारी नौकरी या जनप्रतिनिधि इसी के लिए ही बनते हैं। भ्रष्ट लोगों को अब जनता के न्यायालय में सुपुर्द करना चाहिए।  एक तरफ आम आदमी के पॉकेट में अगर एक 500 का नोट होता है तो वो फुले नहीं समाता है, भले ही वो पॉकेट मनी न होकर घरेलू खर्च के लिए ही क्यों न हो ! अगर कोई 500 का खुदरा मांग दे भले खुदर न हो ,लेकिन वो व्यक्ति गर्व महसूस करता है कि कम से कम 500 के लायक तो समझा। इतना संतोष से रहने वाले लोग होते हैं। दूसरी तरफ नोटों से मन नहीं भरत...

जलगांव में जान बचाने के चक्कर में जान चली गई !😢😢

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      अफवाह ऐसी वायरस है कि इससे मनुष्य की विवेक खत्म हो जाता है। न कुछ सोचता, न समझता है और कही सुनी बातों में लोग आ जाते हैं।नतीजा , दुर्घटना ,जान जोखिम में और मौत। रेलवे ने विषम परिस्थितियों के लिए हेल्प नम्बर जारी किए गए हैं ।यात्रियों को असुविधा होने पर ,अचानक बीमार होने पर रेलवे तुरंत एक्शन लेती है । इसके बावजूद लोग अपना दिमाग लगाकर दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं।   महाराष्ट्र के जलगांव में  एक बड़ा ट्रेन हादसा  इसी की परिणीति है ।  ट्रेन में चाय बेचने वाले ने ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैलाई ,ट्रेन की चेन पुलिंग हुई और लोग बदहवास ट्रेन से कूदकर इधर उधर भागने लगे। लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह फैल गई। इससे ट्रेन में सफर कर रहे यात्री इतना डर गए कि वह चलती ट्रेन से ही कूदने लगे। इसी बीच बगल की पटरी से कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन आ रही थी। ट्रेन से कूदने वाले कई लोग कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गए। इस घटना में 13 लोगों की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, 30 से 40 लोग ट्रेन से कूद पड़े थे। यह हादसा जलगांव की पाचोरा...

तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा : नेताजी सुभाष चंद्र बोस

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  ‘दोस्तों! मैं चाहता हूं कि आप एक बार फिर महसूस करें कि आपके पास आजादी हासिल करने का एक सुनहरा मौका है। ब्रिटिश दुनियाभर के संघर्ष में उलझे हुए हैं और संघर्ष के दौरान उन्हें कई मोर्चों पर हार के बाद हार का सामना करना पड़ा है। दुश्मन इस तरह काफी कमजोर हो रहा है, आजादी की हमारी लड़ाई पांच साल पहले की तुलना में बहुत आसान हो गई है।  हमारी मातृभूमि को ब्रिटिश काल से मुक्त करने के लिए इस तरह का दुर्लभ और ईश्वर का दिया यह अवसर एक सदी में एक बार आता है। इसीलिए हमने प्रण लिया है कि हम इस अवसर का पूरा फायदा अपनी मातृभूमि को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करने में उठाएंगे। इस आधुनिक युग में हथियारों और आधुनिक सेना के बिना निहत्थे लोगों के लिए आजादी पाना असंभव है। ईश्वर की कृपा से और उदार जापानियों की मदद से, पूर्वी एशिया में मौजूद भारतीयों के लिए हथियार पाकर आधुनिक सेना खड़ी करना संभव हो गया है।  आजादी हासिल करने के प्रयासों में पूर्वी एशिया के भारतीय एकता में बंधे हुए हैं और धार्मिक और अन्य भिन्नताओं का, जिन्हें ब्रिटिश सरकार ने भारत के अंदर हवा देने की कोशिश की, यहां पूर्वी एशिया ...

सादगी व निश्छलता को लोग बेवकूफी समझते हैं।-प्रसिद्ध

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   सादगी व निश्छलता मनुष्य का गहना है, चरित्र एवम मानवता है।बदलते समय में लोगों के कोपभाजन के कारण ये गुण लोग त्याग रहे हैं और आज के सबसे होशियार, चतुर और आधुनिक बनने के दौड़ में शामिल होने लगे हैं। नतीजा, विश्वसनीयता का खत्म होना। निश्छल लोग ढूंढे नहीं मिलते हैं ।हाँ , इसके नॉटंकी करने वाले लोग जरूर मिल जाएंगे। आज अर्थोपार्जन से लोगों की सफलता आंकी जाती है, चाहे वो अर्थोपार्जन गलत तरीके से ही क्यों न हो ? यह प्रचलन समाज को कितना नीचे धकेल देगा ,इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। मुँहफट लोग हर चीज के विशेषज्ञ बनते हैं लेकिन सच्चाई है कि वो नीम हकीम खतरे जान होते हैं। ऐसे लोग चरित्रहीन के साथ खजाने पर डाका डालने वाले होते हैं और किसी काम के नहीं होते हैं।  सादगी व निश्छलता रूपी गहने को अपने साथ बनाये रखें ।कौन क्या कहता है, उसकी परवाह न करें। ऐसे लोगों को चाहने वालों बहुत होते हैं।

भ्रष्टाचारियों ने भारतीय रेलवे को दीमक की तरह खा गया !

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     रेलवे विभाग में घोटाले की कितनी छेद है ,गिनती करना असम्भव है।  सही काम करवाने के लिए लोगों के चप्पल घिस जाते हैं, कुछ लोगों के काया बदल गया लेकिन उनके समस्याओं का समाधान नहीं हुआ।  रेलवे भारत सरकार की बहुत बड़ी नियोक्ता वाली विभाग है।यह सीधे देश की जनता की सेवा से जुड़ा हुआ है। एक अधिकारी की भी मनमानी से लाखों जनता प्रभावित होती है और हजारों रेलवे कर्मचारी भी। अब सवाल है कि ये बात किसे समझाया जाये ?  प्रायः बड़े ओहदे पर बैठे लोग  ऑल इंडिया सर्विसेज कम्प्लीट कर आते हैं । न्यायाधीश यानी न्याय के देवता की ऐसी करतूतें देखकर लगता है कि भले ही हम अदम युग में अच्छे थे ,जहां भ्रष्टाचार नाम की कोई चीज नहीं थी। ईडी ने रेलवे क्लेम घोटाले में छापेमारी की है। यह घोटाला लगभग 100 करोड़ रुपये का है। इसमें फर्जी दस्तावेजों के जरिए रेलवे कर्मचारियों के नाम पर पैसे हड़पे गए हैं।  ईडी  ने पटना, नालंदा और मैंगलूरु में पांच ठिकानों पर छापे मारे हैं। इस मामले में कई बड़े नाम जांच के दायरे में हैं। शक है कि इस घोटाले में कई बड़े नाम शामिल हैं। रेलवे के पूर्व न्याय...

यशपाल रचित कहानी ' मक्रील ' - बुढ़ापे में इश्क की चाहत !

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   " यौवन !यौवन " जैसे शब्द इस कहानी में यशपाल ने लिखकर जर्जर शरीर में जवानी की आह की दर्द को भी बताया है।बहुत ही प्रेम की अनुपम कहानी को लिखे हैं । इस कहानी के अंतिम  भाग को मैं बताने का प्रयास किया हूँ।    सौ क़दम पर मक्रील का पुल था। दो पहाड़ियों के तंग दर्रे में से उद्दाम वेग और घनघोर शब्द से बहते हुए जल से ऊपर तारों के रस्सों में झूलता हल्का-सा पुल लटक रहा था। वे दोनों पुल के ऊपर जा खड़े हुए। नीचे तीव्र वेग से लाखों-करोड़ों पिघले हुए चाँद बहते चले जा रहे थे, पार्श्व की चट्टानों से टकराकर वे फेनिल हो उठते। फेनराशि से दृष्टि न हटा, कवि ने कहा- सौंदर्य उन्मत्त हो उठा है। युवती को जान पड़ा, मानो प्रकृति मुखरित हो उठी है। कुछ क्षण पश्चात कवि बोला- आवेग में ही सौंदर्य का चरम विकास है। आवेग निकल जाने पर केवल कीचड़ रह जाता है। युवती तन्मयता से उन शब्दों को पी रही थी। कवि ने कहा- अपने जन्म-स्थान पर मक्रील न इतनी वेगवती होगी, न इतनी उद्दाम। शिशु की लटपट चाल से वह चलती होगी, समुद्र में पहुँच वह प्रौढ़ता की शिथिल गंभीरता धारण कर लेगी। अरी मक्रील! तेरा समय यही है। फूल न...

भगवतीचरण वर्मा रचित ' चित्रलेखा' हिंदी साहित्य की अनुपम भेंट !

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   पाप और पुण्य की समस्या पर आधारित है.  इस उपन्यास में लेखक ने समाज में स्थापित नैतिक मूल्यों को चुनौती दी है और उनका पुनर्मूल्यांकन किया है .  इस उपन्यास में कर्म और भोग को समानांतर रूप में दिखाया गया है.    भारतीय परंपरा और चिंतन की विराट संकल्पना में ऐसे ढेरों उपन्यासों की महती भूमिका रही है। मानक के तौर पर, हम ‘गोदान’ (प्रेमचंद), ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ (हजारी प्रसाद द्विवेदी) ‘मैला आंचल’ (फणीश्वरनाथ रेणु), ‘तमस’ (भीष्म साहनी), ‘काला जल’ (शानी), ‘बहती गंगा’ (रुद्र काशिकेय), ‘झूठा सच’ (यशपाल) के साथ भगवतीचरण वर्मा की ‘चित्रलेखा’ का स्मरण कर सकते हैं। इन चुनिंदा औपन्यासिक कृतियों की पड़ताल भी सामयिक बन जाती है। आज का स्तंभ ‘चित्रलेखा’ पर एकाग्र है, जो भगवतीचरण वर्मा की रचनाओं में मील स्तंभ माना जाता है। उपन्यास, पाप और पुण्य की समस्या को केंद्र में रखकर इन शाश्वत प्रश्नों का सामाजिक और व्यावहारिक समाधान खोजने में विन्यस्त है। बेहद लोकप्रिय और्  हिंदी सिनेमा की दुनिया में दो बार फिल्मायी जा चुकी इसकी कथा भी ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य के साथ एक सुंदर कथानक का ...

फुलवारी शरीफ पीएचसी में जिला पार्षद दीपक मांझी के हाथों एमएमडीपी किट का किया गया वितरण।

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   इस अवसर पर  DVDBCO डॉ सुभाष चन्द्र प्रसाद , DVDBC कल्याणी ,मनीष , पिरामल स्वास्थ्य से प्रदीप कुमार, तेज नारायण गुप्ता ,प्रभारी चिकित्सक पदाधिकारी डॉ आर के चौधरी ,अम्बिका कुमार, प्रसिद्ध यादव उपस्थित रहे।  दीपक मांझी ने बताया कि फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसका समय पर इलाज नहीं होने से लोग दिव्यांग बन सकते हैं. इसलिए फाइलेरिया को मिटाने के लिए सरकार की ओर से हर संभव प्रयास जारी है.  सुभाष चन्द्र प्रसाद  ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से नाइट ब्लड सर्वे के माध्यम से फाइलेरिया के संदिग्ध मरीजों की पहचान की जा रही है. वहीं, फाइलेरिया से संक्रमित मरीजों के लिए निःशुल्क उपचार की व्यवस्था भी की गई है. इस दौरान 10 लाभुकों को  फाइलेरिया के मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया एवं दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया गया।इस किट में मग, तौलिया, साबुन, गरमपट्टी आदि जरूरी चीजों के अलावा दवा भी उपलब्ध है. इस किट की मदद से साफ-सफाई कर संक्रमण से बचा जा सकता है. लाभार्थी जोगेश्वरी देवी ,लालबाबू पासवान, जय गोविंद सिंह, फुलपति देवी ,शाइजहा, वंश रोपण राम आदि मौजूद...

नीतीश कुमार के अजीबोगरीब हरकतों से लोग संशय में है !

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      नीतीश कुमार कब क्या बोल दें और कब क्या कर दें ? ये कोई नहीं जानता है। इनके साथ रहने वाले हमेशा चौकस रहते हैं । हाथ घूमना ,मुँह चमकना आम बात है। इससे भले कोई आवाज नहीं आती है लेकिन कोई सामान्य भाव प्रकट नही होता है। कुछ समय से इनकी हरकतों को देखें तो वो असमान्य दिखता है। मैं मानसिक विक्षिप्त तो नहीं कह सकता हूँ, क्योंकि यह अवगुण राजनीतिक रूप से किसी पद की अयोग्यता का पहला कारण है और ये कोई साधारण विधायक नहीं सदन के नेता और बिहार के सीएम हैं। नीतीश कुमार की पहले की गम्भीरता और आज की बाल लीला को देखें तो सहज ही कोई भी समझ सकता है। जब नीतीश कुमार सदन में बोले कि लड़का लड़की शादी के बाद क्या करता है, नहीं मालूम है... इस बयान पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहाथा  कि नीतीश कुमार ने लोकतंत्र की गरिमा और मर्यादा को तार-तार किया है। इनका बयान किसी गली के लफंगों जैसा है और महिला विरोधी है। विधानसभा में ऐसा वक्तव्य देना बहुत शर्मनाक है। ऐसा लगता है वह मानसिक रूप से बीमार हैं। उन्हें इस्तीफा देकर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेनी चाहिए। हाल ही बोले कि पहले महिलाए...