Posts

Showing posts from October, 2020

नये भारत के वास्ते,भगत सिंह के रास्ते!प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
 प्रसिद्ध यादव,फुलवारी शरीफ। बिहार में डबल इंजन नहीं,डबल बुलडोजर की सरकार है- दीपांकर भट्टाचार्य! आज फुलवारी शरीफ में फुलवारी विधानसभा के महागठबंधन के उम्मीदवार गोपाल रविदास के पक्ष में संबोधन करते हुए भट्टाचार्य ने केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बोला की ये सरकार गरीब विरोधी है।महागठबंधन जीते,ये बात बड़ी नही है बड़ी बात है की कम से कम हर क्षेत्र में 1 लाख से ऊपर वोट आना चाहिये।अगर एक वोट भी एनसीए को मिलता है इसका मतलब है कि देश की बर्बादी को मत देना मोदिशाही चार बार गोरों से माफीनामा मांगने वालों की सरकार है।इसके आदर्श सावरकर,गोवलकर, गोडसे हैं,जो अंग्रेजों की मुखबिरी करता था।हम भगत सिंह, बोस,अम्बेडकर, गांधी के मानने वाले हैं।मोदिशाही हिटलरशाही  को जड़ से उखाड़ फेंके।माले के राष्ट्रीय नेत्री कविता कृष्णन ने कहा की  हमलोग शाहीन बाग और निर्भया कांड में हम महिलाओं ने मनुवादी व्यवस्था पर करार चोट किया,नतीजा केंद्र सरकार हमें दिल्ली दंगों में फंसाई है,लेकिन हम गरीबों की हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे।महागठबंधन प्रत्याशी गोपाल रविदास, पूर्व माले विधायक राजाराम सिंह ,देवकिशुन ठ...

रीतलाल यादव लिए दानापुर में लालटेन की लौ तेज! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
kothwan,danapur.  रीतलाल यादव किये राजद कार्यकर्ताओं को सम्मान! कोठवां अपने आवास पर रम्पननी मुखिया की अध्यक्षता में एक महती बैठक हुई,जिसमें राजद के सभी प्रकोष्ठों के नेताओं, कार्यकर्ताओं को रीतलाल यादव द्वारा माला पहनाकर एवम हर गमछा देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर राजद जिला महासचिव नवाब आलम,खगौल नगर अध्यक्ष राजकिशोर गुप्ता, परवेज़ आलम,मो कुरैसी,उदय मुखिया अधिवक्ता महेंद्र यादव सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूदा थे।इस अवसर पर पत्रकारों आर के सिन्हा, पीयूष शर्मा आदि को भी गमछा देकर सम्मानित किया गया। प्रसिद्ध यादव।

सुशील मोदी जी!शेल्टर होम की महापाप की दाग मिटा कर दिखाओ!प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

 बाबूचक, पटना। जनता को बताएं !पटना के सड़को पर फेरी देने वाले मंत्री की कितनी सम्पति है? बांसघाट कफ़न बेचने वाले मंत्री की कितनी सम्पति है? पटना एलिफिस्टन सिनेमा हॉल के पास चाय बेचने वाले मंत्री के पास कितनी सम्पति है? हिंदुत्व के नारा देकर इशाई से इश्क लड़ाने वाले मंत्री के हिंदुत्व प्रेम कितना है? एक साल में 16 हजार गुना मुनाफा कमाने वाला किस मंत्री के बेटा है? क्रिकेट के बॉस किस मंत्री के बेटा बन गया? उम्मीद है काबिल मंत्री जरूर जवाब देंगे।जनता जानना चाहती है। प्रसिद्ध यादव।

तेजस्वी सरकार (कविता) प्रसिद्ध यादव शेयर करें।

Image
बाबूचक, पटना। तेज़ रफ़्तार,तेजस्वी सरकार! अब न रहेगा कोई लाचार युवाओं को मिलेगा रोजगार! तेज रफ्तार, तेजस्वी सरकार!             नही चलेगा जुमलेवाज             नही चलेगा धोखेवाज             नहीं चलेगा  छलवाज़            सबको मिले अपना अधिकार!           तेज रफ्तार, तेजस्वी सरकार! युवाओं के संबल है। गरीबों के बल है । राष्ट्रीय जनता दल है। सारे समस्याओं के हल है! नफ़रत फैलाने वालों  पर प्रहार! तेज रफ़्तार, तेजस्वी सरकार!              अप्रवासी का दर्द न भूलेंगे।             पलायन को न भुलेंगे !              खत्म हुआ रोजी रोटी   ...

दानापुर में कार्यकर्ताओं को देवता की तरह पूजें!तभी होगी सिद्धि की योग।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
 दानापुर में भितरघात से ही जीतते हैं विरोधी! दानापुर के चुनाव परिणाम पर गौर करें तब स्पष्ट दिखाई पड़ती है की यहाँ की जीत विपक्ष में भितरघात से होती है।बात 1977 की है जब देश में जेपी आंदोलन चरम पर था।कोंग्रेस नेता रामलखन सिंह यादव दानापुर चुनाव लड़े थे।अपने साथ हजारों आदमियों को उतार दिए थे,दिनरात भंडारा होता,फिर भी प्रतिद्वंद्वी सुखसागर सिंह पसीना छुड़ाए हुए थे,लेकिन बीच में छबीला की इंट्री से यादव जीत गए।इसमें अनेक लोगों को नॉकरी मिली थी,जो आज भी जे एन एल कॉलेज में,पी डब्ल्यू डी में  कर्मचारी हैं।1985 में बिजेंद्र गोप निर्दलीय कोंग्रेस के पृथ्वीराज को पराजित किये थे,बुद्धदेव सिंह की सहानुभूति गोप के साथ थी।2010 में निर्दलीय रीतलाल यादव जीत के मुकाम तक पहुंच गए थे ,वोटकटवा राजद के सचिदानंद साबित हुए,भाजपा जीत गयी।यही हाल 2015 में हुआ और राजद के राजकिशोर यादव करीब 5 हजार वोट से हार गए और भाजपा जीत गयी।इस बार राजद में कोई वोटकटवा नही है,लेकिन भाजपा में भितरघात कितना होता है,कोई नही बता सकता है।दोनों दल मजबूती से डटे रहेंगे तब मुकाबला नेट टू नेट होगा और अंत समय मे कौन जीत जाये कहना...

नित्यानंद के बिगड़े बोल! कौन कह सकता है की ये हैं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
बाबूचक, पटना।  कौन है बिहार में आतंकी?जवाब देना होगा गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को ! क्या सचमुच में भाजपा जदयू को मिट्टी में मिलाने पर तुली है है।बिहार में अल्पसंख्यक इनके बोल से जदयू को भी आशंका भरी नजरों से देखने लगी है।एक तो लोजपा के बागी तेवर से जदयू की ऐसे ही बीपी बढ़ी हुई है,दूसरा सवर्णों के खत्म होता मोह भी ग्राफ गिरा दिया ।बाकी कसर भाजपा के बिगड़े बोल कहीं,नीतीश कुमार की' मिट्टी में मिलने वाली' हसरतें पूरी करने में तो नही लगी हुई है।जेडीयू के आधार वोट लव कुश,अतिपिछड़ा पर उपेन्द्र, सत्यानंद दांगी कील थोक रहे हैं,अल्पसंख्यक पर भाजपा ज़हर घोल कर ' भोज भात' की बदला तो नहीं ले रही है।लोजपा से अधिकांश प्रत्याशी भाजपा के कद्दावर नेता ही हो रहे हैं।ऐसे में जदयू कितना महफूज है,समय बताएगा,लेकिन अभी महागठबंधन से ज्यादा जदयू पर हमलावर भाजपा है।

आज़ाद गाँधी को पटना स्नातक से महागठबंधन उम्मीदवार को विजयी बनाएं।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
 बाबूचक, पटना। बिहार के आँधी, स्नातकों के मान -सम्मान महागठबंधन के समर्थित राजद प्रत्याशी आजाद गांधी को 22 अक्टूबर 20 को इनके नाम के आगे 1 वरीयता क्रम लिखकर अपना कीमती वोट देकर विजयी बनाये।

दानापुर की भौगोलिक विभिन्नता ही इसकी विडम्बना!लालू के बाद कोई नही लिया गोद! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
बाबूचक, पटना।  कौन बनायेगा दानापुर का पक्का सेतु? दियारा कट जाता है बरसात में सबसे! दानापुर व्यवसायिक प्रतिष्ठान,शिक्षा के केंद्र,आर्मी कैंटोमेंट,रेलवे मंडल,दियारा।अब यहां की भौगोलिक विविधता, शैक्षणिक विविधता, कल्चरल विविधता है शायद बिहार में कहीं नही मिलेगी।जीवन यापन के तौर तरीकों पर गौर करें तब देखेंगे की दानापुर की ग्रामीण और दियारा क्षेत्र के लोगों की जीवन कितना कष्टदायी और जीवन स्तर निम्न है,आय निम्न है।गरीबी रेखा के नीचे बसर करने वाले कि संख्या अधिक है,निम्न शिक्षा,कुपोषण आदि से प्रभावित हैं। दूसरी तरफ व्यवसाय प्रतिष्ठान से जुड़े लोग,आर्मी,रेलवे कर्मचारियों के जीवन उच्च हैं।शहरी क्षेत्र खगौल, दानापुर खूब तरक्की किया ,कुछ अपवादों को छोड़कर,जलजमाव, सड़क,नली गली आदि,लेकिन दियारा से उपरवार को जोड़ने वाला पक्का सेतु कब बनेगा?दियारा से दानापुर पहले सोनपुर के लोग आ जाएंगे।अगर पक्का पुल बन जाये,नदी की कटाव रुक जाए तब कोई क्यों पलायन कर विस्थापित की जिंदगी जियेगा? लालू यादव एक अस्थायी पीपा पुल दिए थे,जिससे बरसात रहित मौसम में लोग गाड़ियों से फर्राटे भरते हैं,वरना सालों नाव ही सहारा रहता...

मंजू वर्मा व नीतीश की होगी हेकड़ी बन्द!सीबीआई कसेगी शिकंजा!शेल्टर होम पीड़िता को मिले न्याय!प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करे।

Image
बाबूचक, पटना।  चेहरे पर नक़ाब लगाने से दाग खत्म नही होते! मंजू वर्मा की हैसियत नही की यादवों को खुलयाम गाली दे! जिनके इशारे पर आग ऊगली,अब उसके मुंह में सीबीआई आग लगायेगी! दुनिया के हृदय द्रवित हो गया था ,मुजफ्फरपुर शेल्टर होम्स कांड से।अगर किसी का दिल नही पसीजा तो वो पत्थर दिल नीतीश कुमार था।कैसे इस कुकर्म पर पर्दा डालकर करोड़ो राज्य के पैसा लुटाते रहा।शुक्र मनाइए टाटा के की इसका उद्भेदन किया।अब सीबीआई के घेरे में सुशासन कुमार आ गए।कहाँ गयी अंतरात्मा की आवाज,नैतिकता!क्या रिजाइन की उम्मीद करें?या 10 नवम्बर की विदाई की प्रतीक्षा में है।बिहार के लोग दुष्कर्मियों को संरक्षण देने वाले को बर्दाश्त नही करेंगे चाहे वो कोई भी हो। प्रसिद्ध यादव।

मैं वोट हूँ! मैं चोट हूँ! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें!जागो वोटर!

Image
👆👰बाबूचक, पटना।   मैं वोट हूँ! मैं पल भर में किसी को अर्स से फर्स पर ला दूं! मैं वोट हूँ!                         सदन में बैठने वाले को                        सड़क पर खड़ा कर दूं!                        किसी की बिगड़ी हुई                        तक़दीर संवार दूं!                      मैं वोट हूँ! अच्छे -अच्छे को अकड़ तोड़ दूं।  ऐसा मैं चोट हूँ! मैं वोट हूँ! मैं मालिक हूँ!           ...

दानापुर में रीतलाल को देनी होगी राजद की अग्निपरीक्षा!काफ़ी मशक्कत के बाद मिला लालटेन!प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
 बाबूचक, पटना। अन्तोगत्वा राजद के रीतलाल! अंतिम समय में खत्म हुई डॉ करिश्मा की दावेदारी! दानापुर से राजद रीतलाल यादव जिताऊ उम्मीदवार के रूप में भरोसा किया।यादव के लिये यह अग्निपरीक्षा से कम न होगी।डॉ करिश्मा की नेतृत्व क्षमता और व्यक्तित्व अनुकरणीय थी,लेकिन क्षेत्र के बाहरी होने और दानापुर क्षेत्र इनके लिये नया होने के कारण राजद रिस्क लेना मुनासिब नही समझा।भाजपा के अभेद्य दुर्ग को भेदना राजद के लिये आसान नही होगा।दानापुर में भाजपा को भाजपा के सहयोग के बिना मात नही दिया जा सकता हैं।अब देखना है की भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा प्रत्याशी नही बदलने से नाराज़ लोग राजद को कितना मदद मिल सकता है।राजनीति संभावनाओं का खेल है।कुछ भी किसी के लिये भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी।समरभूमि में नब्ज को पकड़िये, मालूम हो जाएगा।कल किसका होगा। प्रसिद्ध यादव।

दानापुर का विस्थापितों के दर्द!कही छलक न जाये evm पर! जलजमाव का डंक, लग गया कलंक! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
बाबूचक, पटना।  दानपुर के कटाव पीड़ित व विस्थापितों के दर्द कौन सुनेगा? कभी कांग्रेस की गढ़ रही दानापुर राजद होते भाजपा की अभेद्य किला बन गयी है।1977 में जेपी आंदोलन में कांग्रेस सफाया हो गया था,लेकिन यहाँ रामलखन सिंह यादव कोंग्रेस की लाज बचाई थी।सीतराम केसरी कोंग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे,जो यही के थे।सीपीआई नेता रामवतार शास्त्री भी यही के थे।लालू यादव यहां से 1995 और 2000 में विधायक हुए थे।2010 में यहां से निर्दलीय रीतलाल यादव राजद,कोंग्रेस को पीछे छोड़ते 41506 वोट लाये थे,भाजपा के आशा सिन्हा 59425,राजद सचिदानंद 11495 कोंग्रेस के विजय यादव 3608 वोट लाये थे। भारतीय थल सेना की छावनी और भारतीय रेल का मंडल कार्यालय इसकी पहचान है,तो गंगा नदी के कटाव से पतलापुर, गंगहरा, हेतनपुर,कसिमचक, पानापुर,मानस पंचायत की हालत ठीक नही है।मोबारकपुर कृषि फॉर्म,उसरी,चांदमारी नहर पर विस्थापित अपना बसेरा बनाये हुए हैं।यहां नये मोहल्ले अपार्टमेंट बहुत बने हैं लेकिन विकास के नाम पर भर कमर पानी,डेंगू,कालाजार के डर से लोग लाखों के फ्लैट खाली कर के भागे हुए हैं।यहां के मूलनिवासी वही तंगहाली, फटेहाली में ह...

लालू नाम केवलं!देवमुनि सिंह यादव।बने रहेंगे राजद के सिपाही! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
बाबूचक, पटना।  देवमुनि सिंह यादव राजद में बने रहेंगे। अभी राजद कार्यालय में ही बैठे हुए हैं। मोबाइल से हुई मेरी बात।कल की खबर जाप में जाने का हुआ खंडन। घर में नाराजगी होती है,लेकिन घर छोड़कर नही जा सकते। लालू तेजस्वी में जताई आस्था! पटना जिला राजद के कप्तान रहेंगे बने हुए।

वोटर,कार्यकर्ता जानें अपनी हैसियत,तब नेता देखे दिन में तारे।जाड़े में भी छूटे पसीने।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
बाबूचक, पटना। नीतीश 77 में तो श्याम रजक 90 में टिकट लेकर पराजित हुए थे। लालू,राबड़ी,अटल,इंदिरा गांधी ,राहुल भी हो चुके हैं पराजित।  टिकट मिलना ही सफलता की गारंटी है क्या? आज जो टिकट के लिये राजनीति दलों में टिकट के लिये सर फुरौअल हो रहा है,बोली लग रही है,जुगाड़ लग रहा है।टिकट ही सबकुछ है क्या? नेता जितना टिकट के लिये मसक्कत करते हैं,उतना क्षेत्र के विकास के लिये करते तब कोई बिना राजनीति दल के टिकट के भी जीत जाते हैं और कोई हवा होने के बावजूद भी हवा में उड़ जाते हैं।दलगत टिकट मिलने का फायदा होता है की बैठे बैठाये हजारों कार्यकर्ता मिल जाते हैं,दल के प्रति प्रतिबद्धता ही टिकटार्थी को जीत आसान बना देता है।कार्यकर्ताओं की प्रतिबद्धता की कीमत राजनीति दल उम्मीदवारों से टिकट के लिये करोड़ो के डील होता है।यही कार्यकर्ता के बदौलत पार्टी के विधायकों की संख्या बल बढ़ाता है और यही संख्या बल सरकार, एमएलसी,राज्य सभा भेजती है।इसका शुद्ध मुनाफ़ा किसे होता है?शीर्ष नेतृत्व को और कार्यकर्ता छोटे छोटे काम के लिये जनप्रतिनिधियों से चिरौरी करते रहते हैं।कार्यकर्ता अपनी हैसियत को समझते नही है।अगर कोई उपेक्षा...

देवमुनि करने लगे लालू के बदले पप्पू की जाप!मनेर की लड्डू जो न करवा दे!प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
बाबूचक, पटना।  पटना जिला राजद के कप्तान देवमुनि सिंह यादव को रास आया पप्पु का जाप! मनेर से टिकट नही मिलने पर किया राजद से बगावत! बीच में भी राजद छोड़ गए थे जदयू में। लम्बे समय से काबिज है अध्यक्ष पद पर। इनके अनुभव का कितना लेगा लाभ जाप! लोजपा से जैसे परेशान है जदयू वैसे ही जाप से राजद!

ट्विस्ट खत्म करें।जल्द दें दानापुर में लालटेन।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
 बाबूचक, पटना।  फुलवारी की तरह न करें ।  न तोको न मोको माले को झोंको! निर्णय लेने में विलंब से बढ़ती धड़कनें! किसी भी अत्यावश्यक कार्य में निर्णय लेने से कार्य के परिणाम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की अंदेशा रहती है।आखिर दानापुर में राजद के टिकट देने में विलंब क्यों हो रहा है? कौन बाधक बना हुआ है निर्णय लेने में।अगर शीर्ष नेतृत्व को कोई रास्ता नही दिख रहा तो वो सीधे क्षेत्र में अपने प्रतिनिधि भेजकर फीडबैक ले।आखिर,अंतिम फैसला किसका होता है।संसदीय दल में जो लोग हैं अब क्या वेट एंड वाच कर रहे हैं।कहीं न कहीं दाल में काला लग रहा है।इतना तय है की अर्द्ध रात्रि या सुबह में ये ट्विस्ट खत्म हो जाएगा और कल से दानापुर का फिजा बदला - बदला नजर आएगा।इस टिकट के लिये जितना इंतजार राजद के लोगों को है उससे ज्यादा विरोधी खेमे को भी है।अब बस! कल सुबह की खबरों में जरूर हो कि किसके हाथ में मिला लालटेन!

बाहुबल नहीं,संख्या बल है!

Image
 बाबूचक, पटना। आरती श्री बाहुबली की! अब राजनीति दलअपने -अपने हिसाब से  बाहुबली को चिन्हित और परिभाषित करती है।जब तक गले लगा के रखते हैं,तब तक दूध के धुले और जैसे ही विरोधी खेमे में गया,दबंग की मुहर लग जाती है।अनंत सिंह,रामा सिंह,हुलास पांडेय,राजबल्लभ यादव,कौशल यादव,मंजू वर्मा ,पप्पू यादव,रीतलाल यादव,अरुण यादव,शहाबुद्दीन, मुन्ना शुक्ला, आनंद मोहन ,धूमल सिंह,भगवान सिंह कुशवाहा  जैसे अनेक नाम हैं जो दल के हिसाब से दबंग कहा जाता है।ये सत्ता पक्ष और विपक्ष का अधिकार है की किसे क्या कहें! अगर वो किसी को दागदार बताता है तब उसे अपराधी साबित करे।बहुत से नेता परिस्थिति वश और बहुत फंसाये गए हैं।अगर ये समाज के दुश्मन है तब जनता क्यों विजयी बनाती है?राजनीति दल को चाहिए संख्या बल और इसलिए हर दल जिताऊ उम्मीदवार खोजता है,चाहे दाग कितना भी गहरा क्यों न हो?चलेगा।यह लोकतंत्र है यहां हर रोज नया प्रयोग होता है और बाहुबली भी राजनीति की एक प्रयोग है।ये सरकार बनवा सकती है,जरूरत पड़ने पर दो -चार की व्यवस्था भी कर सकती है या किसी से दो चार करने में संकोच नही होता है।अब बाहुबल नहीं,संख्या बल कहिये। ...

कौन बनेगा दानापुर के देव? प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें

Image
बाबूचक, पटना। किसके सर पर होगा ताज!  रक्तरंजित भूमि!दानापुर की!   दुनिया को शून्य देने वालेआर्यभट्ट,, राजनीति के पुरोधा,ज्ञानी  चाणक्य, शिक्षाविद हरिनारायण मिश्रा,पेंटर की दुनिया के हस्ताक्षर  सुबोध गुप्ता,रंगकर्मियों, तपन घोष,नवाब आलम,जे पी मिश्रा, अनिल सिन्हा,चर्चित लेखक,उदय कुमार ,साहित्यकारों,पत्रकारों,अधिवक्ताओं,अधिकारियों,किसानों ,मजदूरों की पावन भूमि पर किसकी लग गयी नज़र!देश दुनिया में विख्यात दानापुर कैंटोमेंट, दानापुर रेल मंडल,गुरु गोविंद सिंह की हांडी, दियारा क्षेत्र,गांधी जी के ,भगत सिंह के,सुभाष चन्द्र बोस की, डॉ राजेन्द्र प्रसाद के पावन चरण यहां स्पर्श हुए थे। यहाँ राजनीति और वर्चस्व में सैकड़ों लोग कालकलवित हो गए।पुराने दिनों की याद करने मात्र से सिहरन होने लगता है।यहां हत्या के प्रमुख शिकार हुए लोगों में से निवर्तमान विधायक आशा सिन्हा के पति सत्यनारायण सिन्हा, आरएसएस भाजपा के स्तम्भ प्रोफेसर हृदयानंद पांडेय,जनता दल के नेता मास्टर अशोक यादव,परमानंद यादव,जनु यादव,रामइकबाल राय, एमएलसी रीतलाल यादव के बड़े भाई विजय यादव,गणेश यादव,पुकार यादव,विजय गोप,सोडा गो...

ईमानदार व चरित्रवान को चुनें जनप्रतिनिधि! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
 बाबूचक, पटना। लोकतंत्र को भीड़तंत्र नहीं,नीति तंत्र बनाएं। ये जिम्मेवारी राजनीति दल और मतदाता की है।भेड़िये की चाल से हो सकता है कई लोग विजयी हो जायें, लेकिन नतीजा?जिसके पास कोई अपना विज़न नही हो,चाल चरित्र न हो,उसके गले में विजयी की हार पहनाने से क्या मिलेगा?उत्सव इसलिए न मनाएं की कोई स्वजातीय जीत गया,बल्कि इसलिए कि कोई अच्छा आदमी जीत गया।अब अच्छा बुरा का पहचान क्या है? सीधा जवाब है की आप अपने संतान को कैसा बनाना चाहते हैं?चोर,उचक्का,अपराधी,अनपढ़,ज़ाहिल, गंवार ,संस्कारहीन, उदंड!जवाब होगा नहीं।फिर जनप्रतिनिधि ऐसा क्यों?लोगों के साथ हुजूम देखकर,भीड़ देखकर या स्वजातीय समझ कर?अगर कोई भी ऐसी मानसिकता रखते हैं वो निश्चित रूप से लोकतंत्र की गला घोंट रहे हैं।राजनीति नीति से चलती है,भले ही ऊपरी दिखावा में यह न लगे,लेकिन अंदर से बिना नीति के एक कदम नहीं चल सकते।प्रौढ़ लोकतंत्र में अनेक उठापटक देखे,लेकिन लोग हवा की तरह आये और चले गये।नेता होने की गुण बिरले में होती है।हम विधायक, सांसद को नेता होने की भूल कर लेते हैं।नेता बिना पद के भी लोग बने हैं।लोकनायक जयप्रकाश नारायण ,मदर टेरेसा, विनोबा भावेऔर...

गोपाल रविदास 13 को भरेंगे पर्चा!फुलवारी से माले के महागठबंधन उम्मीदवार!प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
 बाबूचक, फुलवारी शरीफ,विधानसभा। 13 अक्टूबर 20 को माले उम्मीदवार कराएंगे नॉमिनेशन! क्रांतिकारी नेता गोपाल रविदास किसी परिचय के मोहताज नही हैं।आप अखबार देखते होंगे तब इनकी संघर्स की लंबी गाथा छपती थी।कहीं भी सरकार की मनमानी ,जुर्म होती रविदास अपनी लड़ाई लड़ते। प्रसिद्ध यादव।

पोझी सड़क पर नही पहुंची आशा की किरण!दीपक तले अंधेरा! गोरगावां में भी माँ भगवती से भगवा दूर! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
बाबूचक, पटना।  अपनी सतीत्व खोती जमालुद्दीन चक की सड़क! करीब आधा किमी से भी कम दूरी की सड़क मोहम्मदपुर गोरगावां को जोड़ने वाली पोझी सड़क की पहचान मुश्किल हो गयी है।सड़क पर पेड़ पौधे उग गए हैं।पैदल भी कोई नही आ जा सकता है।चोर उचक्के की शरणार्थली बन गयी है।गोरगावां जाने के लिये महमदपुर,बाबूचक अंडा पकौली के लोग जमालुद्दीन चक नहर से आते जाते हैं।नहर से भी जाते समय ऊपर वाले के नाम लेकर चलते हैं या फिर गोरगावां के देवी माँ के ध्यान लगाते हैं।संयोग से स्थानीय विधायक पड़ोसी हैं,विकास की लंबी सूची होगी ,विकास गीत गाते नही थकती होंगी,लेकिन इस सड़क पर नज़र क्यों नही गयी ताज्जुब होता है। 2003 के आसपास इस सड़क पर ईँट सोलिंग लगी थी पंचायत समिति के अनुशंसा पर,लेकिन ईँट कहाँ गयी सड़क पर लगे पेड़ बता रहे हैं।जमालुद्दीन चक खगौल, गोरगावां, नवरत्नपुर की सड़कों की सेहत अच्छी नही है,लेकिन कोई बात नहीं,जनप्रतिनिधियों के सेहत नही बिगड़ना चाहिए, तभी तो झोली भर के वोट के उपहार मिलती है।वोटर सवाल पूछने की बात दूर फूलमाला लेकर पलकें बिछाएं खड़े  रहते हैं।ऐसे में सड़कें अपनी सतीत्व खो दे तब आश्चर्य क्यों?चुनाव आ गया है,व...

फुलवारी में बोलें-लाल सलाम!

Image
बाबूचक, फुलवारी शरीफ ,विधानसभा, पटना  फुलवारी में बोलें लाल सलाम! तीर को करें काम तमाम ! न हो जनमतचोर की नामनिशान! बटन दबाएं,जहां तीन तारा निशान।                         सबकी आस ,गोपाल रविदास !                         युवाओं को मिले रोजगार                         नहीं रहेगा कोई बेरोजगार! फुलवारी में हर फूल खिले! मज़हब, नहीं कोई जाति सब एक दूसरे से गले मिले! सूफ़ी -संतों की धरती पावन।                         कितना सुन्दर, है मनभावन!               ...

कभी गीत भी सुनिये! कौन किसी को बांध सका है?तूफान रुकती नहीं।लालू जी को मिला बेल।

Image
 बाबूचक, पटना। मैं सुनता हूँ और आप?  लालू जी को मिल गया बेल!

राजनीति के सितारा खो गया!रेलवे की परीक्षा में हिंदी के विकल्प देकर किया था उपकार!प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
 बाबूचक, पटना।राजनीति क्षैतिज से एक चमकता सितारा गुम हो गया।पासवान जी भारतीय राजनीति को अपने हिसाब से चलाए,बिल्कुल अपनी मर्जी से।सामाजिक नब्ज पकड़ते थे,इसलिए इन्हें मौसम वैज्ञानिक की संज्ञा दिया जाता रहा ।इनकी दूरदर्शिता के लोग कायल थे।रेलमंत्री रहते परीक्षा में अंग्रेजी के जगह हिंदी के विकल्प रखे।नतीजा,लाखों हिंदी भाषी क्षेत्र के लोग रेलवे की नॉकरी में गये।हाजीपुर अपना बेटा से कम प्यार नही दिया, रिकॉर्ड वोट से जीतने का खिताब मिला ,बदले में इन्होंने भी पूर्व मध्य रेलवे के मुख्यालय,होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की व्यवस्था दिया।जेपी के अनुयायी और लालू,नीतीश, शरद यादव के गहरे मित्र थे।राजनीति में जितना नया नया प्रयोग इनके द्वारा किया गया ,अन्यत्र दुर्लभ है।दलित सेना की स्थापना कर दलितों में नई राजनीति चेतना जगाई।बाबा चूहड़मल की जयंती बाढ़ में धूमधाम से मना कर अपनी विरासत को लोहा मनवाया।एक वोट से बाजपेयी की सरकार को गिर जाना, इनके जिद्दी स्वभाव का धोतक था।जनता दल से अलग होकर लोजपा पार्टी बनाई जो सत्ता की सीढ़ी थी।पासवान जी को चले जाना अपूर्णीय क्षति है। प्रसिद्ध यादव।

साम्प्रदायिकता की बीज बोती मीडिया!सरकार देती है संरक्षण!

Image
 बाबूचक, पटना। इसकी आजादी की कितना सदुपयोग हो रहा है,किसी से छिपी नही है।मीडिया द्वारा एकपक्षीय रिपोर्टिंग करना,सरकार की चौथे खम्भे में गहन लगना है।तब्लीगी जमात पर मीडिया रिपोर्टिग को लेकर दिये गए हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लताड़ लगाई है।सरकार के हलफनामे को 'जवाब देने से बचने वाला'और'निर्लज्ज'करार दिया है।मीडिया के एक वर्ग कोविड 19 महामारी फैलाने के शुरुआती दिनों में तब्लीगी जमात को धार्मिक आयोजन को लेकर साम्प्रदायिक घृणा फैलाने का आरोप लगाया।क्या मीडिया अपनी आजादी का दुरुपयोग नही कर रही है?महामारी में भी साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने से मीडिया बाज नही आई और सरकार सुर में सुर मिलाती रही।भाजपा और आरएसएस देश में साम्प्रदायिक ज़हर घोलने के लिये जानी जाती है।संवेदनशील मुद्दों पर बड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है।सरकार सभी की होती है,सभी को एक नजर से देखने की जरूरत है। प्रसिद्ध यादव।

रामबिलास पासवान जी नही रहे! प्रसिद्ध यादव।

Image
 बाबूचक, पटना। स्तब्ध रह गए पासवान जी के निधन से! ऐसे समय में चले गये जब देश और दुनिया को इनकी बहुत जरूरत थी।चुनाव में अधिक मत से जीतने वाले नेता थे।निर्णय के पक्के थे,समाज की नब्ज को पकड़ते थे।देश में रेल,सेल की मंत्रालय को सफलता पूर्वक चलाये।पूरा देश शोकाकुल है।

गठबंधन धर्म का करें पालन!प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
बाबूचक, पटना।  राजनीति में रखें धैर्य! राजनीति में जितनी उथलपुथल रहती है,उतनी ही गंभीरता भी होती है।राजनीति सतत संघर्ष की खेल है।भले ही कोई बाढ़ की पानी की तरह सराबोर हो जाये वो अलग बात है,लेकिन जो पतझड़ में भी खिलना नही छोड़े ,वही बसंत में मनमोहक होते हैं।चाहे किसी को टिकट मिले या नहीं मिले,या कोई सीट गठबंधन में चला जाये,कार्यकर्ता को हमेशा गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए।इससे विचारों में प्रवाह और लक्ष्य की प्रप्ति होती है।हर काम हर किसी की इच्छा से नही होती,फिर भी समायोजन होना चाहिए।थोड़ा सा भी किंतु परन्तु गाड़ी गढ़े में चली जाती है।राजनीति में भी यही होता है।आशा है बिहार के प्रबुद्ध मतदाता अपने विचारधारा के साथ अपने सहयोगियों को दिलोजान से मदद करें,आपके स्वप्न अवश्य साकार होंगे।

सात निश्चय योजना मैनपुर अंडा पंचायत, लूट की चढ़ी भेंट!प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
 बाबूचक, पटना। ध्वस्त हुआ गांधी के ग्रामस्वराज्य! खत्म हुआ सत्ता का विकेंद्रीकरण! ऐसे पूरे में सात निश्चय योजना लूट की भेंट चढ़ गई।सीएम की ड्रीम योजना थी,लेकिन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की यह ड्रीम गर्ल बनकर रह गयी।फुलवारी शरीफ प्रखंड के मैनपुर अंडा पंचायत लूट में सम्भवतः बिहार में अव्वल होगा।चाहे जल जीवन हरियाली की बात करें ,या नाली ,गली के ढलाई की सब काम अधूरा या कोई पूरा भी हुआ तो उसकी गुणवत्ता निम्न है।बसन्तचक में मुकेश कुमार के घर के पास अर्ध  निर्मित नाला और गढ़े नुमा गली अपनी किस्मत पर रो रही है।मुकेश कुमार सीएम,डीएम,बीडीओ को 4 नवम्बर 19 को आवेदन दिया,जेईई निरक्षण किये, आश्वाशन दिया लेकिन नतीजा शून्य।जल नल योजना पर सरकार ताल ठोक रही है,पंचायत के प्रायः हर जगह सिंचाई विभाग के चाट में टावर ग़ार के टंकी बैठा दिया है।अब यह टावर और टंकी मानक के हिसाब से कितना सही है,बीडीओ ही बता सकते हैं,क्योंकि कही भी इसके प्राक्कलन की बोर्ड नही लगी हुई है,जबकि ऐसा होना चाहिये।सिंचाई विभाग से कोई एनओसी नही लिया गया है,कभी भी यह उखड़ सकता है।धर्मपुर,अंडा,पकौली,मंझौली सभी जगह सिंचाई विभाग के जम...

पांडेय जी!चिराग जलाइये, झोपड़ी में आइये!टिकट पक्का!सेवा से निहाल होइए!थैला मत भूलिए!प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
बाबूचक, पटना।  सड़क पर क्यों झोपड़ी में शरण लीजिए! विधायक बने बिना जनता की सेवा होती नहीं। आज फण्ड और सुविधा हो जाये बन्द,बिल में छुप जाए विधायक उम्मीदवार!  सीधे सीधे ये क्यों नही कहता कि नेतागिरी में माल बनाने का अच्छा अवसर मिलता है,नाला बना दिया,सड़क,गली,स्कूल, मैदान।ये सब अपने बाप के पैसा से बना दिया।अभी नार्को टेस्ट हो जाये जनप्रतिनिधियों के मालूम हो जाएगा कि कितना पैसा जनता के खाया है।ऐसे ही चर्बी नही चढ़ी हुई है।टिकट नही मिलने पर जान दे रहे हैं। एक सज्जन डीजीपी पद त्याग के आये और कोई पूछ नही रहा है।कट गया टिकट।जानते हैं क्यों?पुलिसिया रौब के कारण।जब नीतीश के दरबार में टीआई परेड में गये तब बता दिया कि हमें नीतीश ने फोन कर के बुलाया है।बस,बात यही बिगड़ गयी।सीएम के इतना भी दिन नही घट गया कि किसी को फोन से बुलाये की आइये दर्शन दीजिये, प्रकट होइए पांडेय जी!अभी से चक्कड़ काटिये, गणेश परिक्रमा करिए,टिकट कॉन्फॉर्म।दल जॉइन करने में भी भूल हुई।भाजपा को कस के पकड़ते!

रीजनिंग करें रिवाइज !प्रसिद्ध यादव के साथ।

Image
बाबूचक, पटना।  1 कथन भाजपा जदयू लोजपा एनडीए है। 2 कथन बिहार में जदयू भाजपा सरकार में है 3 कथन केंद्र में भाजपा लोजपा सरकार में है 4 कथन भाजपा जदयू बिहार चुनाव में साथ है 5 कथन लोजपा भाजपा के साथ है। उक्त पांचों कथन सत्य हैं। अब इन्हीं कथनों में से उत्तर दें। 1 भाजपा के नजदीक लोजपा है। 2 भाजपा के नजदीकी जदयू है। 3 तीनों साथ हैं। 4  सब अलग हैं। 5 सारे कथन गलत हैं। ये रीजनिंग के जो सही उत्तर देंगे,उन्हें मेरे तरफ से सीएम के शपथग्रहण समारोह में vip पास दिये जायेंगे।

आख़िर !पकड़ा गया जनमतचोर!सजा की फैसला 10 नवम्बर को मुकर्रर हुई। क्या होगी सजा? प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
बाबूचक, पटना। राजद की हाय किसे लगेगी? कहाँ फंस गई तीर! दुनिया जलाने के लिये एक चिराग ही काफी! कमल ने किया कमाल!बिछाया ऐसा जाल! 10 नवम्बर को क्या होगा?उसकी बुनियाद पड़ गयी।कौन होगा सदा के लिये पटाक्षेप? इसकी पटकथा लिखा गयी।बिहार में बदलती राजनीति चक्र कोई अचानक नही है,बल्कि योजनाबद्ध तरीके से बिछाई गई बिसात है,चक्रव्यूह है।:नीतीश 2020 में फिनिश :इसी थीम पर विपक्ष से ज्यादा भाजपा कर रही है।जनमत अपहरण की संज्ञान भाजपा ले रही है।प्रतिपक्ष एनडीए पर कुछ भी बोलने से परहेज करें,काम सुलभ हो जाएगा।

हमदर्द की गोली चिराग!सड़क पर क्यों झोपड़ी में लें पनाह!सत्ता की चाबी ,मौसम विज्ञान !प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
 जिसका कोई नही रखवाला!लोजपा है दिलवाला! बिहार विधानसभा चुनाव में कैसे दूध से क्रीम निकाल लिया जाये।ये कोई लोजपा से सीखे।पूर्व से लेकर निवर्तमान बाबूचक, पटना। टिकट के लिये कहाँ गयी विचारधारा! माननीय इनके झोपड़ी में पनाह ले रहे हैं।हमदर्द हैं,दीनदुखियों नेताओं के आँसू पोछे जा रहे हैं।आंसू तो हमसे भी देखा नही जा रहा है,लेकिन हर कोई चिराग नही हो सकता।इसके लिये बड़ा दिल के साथ सटीक मौसम वैज्ञानिक होना भी जरूरी है।लोजपा की जनाधार कितनी बढ़ेगी,ये नही मालूम,लेकिन हताश,निराश नेताओं की जमावड़ा लगेगा,कोई शक नहीं।कितने लोग इनके जीतेंगे ये अलग बात है,लेकिन कितनों के खेल बिगड़ेंगे ये बड़ी बात है।राजनीति में अगर काम बनने से दूसरों के खेल बिगड़ गया तब बड़ी बात है।ऐसे भी चिराग के हाथों सत्ता की चाबी हाथ लग गयी तब क्या होगा?उथलपुथल, भूचाल आ जायेगी।पहली बार देश जानेगा, दलित की ताकत!भोला पासवान शास्त्री बन जाये तो कोई आश्चर्य नही होगा।राजनीति संभावनाओं का खेल है। प्रसिद्ध यादव।

समर्पण, निष्ठा से मिलेगी प्रतिष्ठा!प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
बाबूचक, पटना। समर्पित कार्यकर्ता हाशिये पर! चुनाव इतना खर्चीला और राजनीति दल के टिकट पाना संजीवनी बुटी जैसा हो गया है।वाम दलों को छोड़ दें तब आज सभी दलों में पैराशूट से उतरे नेता,लक्ष्मी पुत्र,बाहुबली या राजनीति विरासत के लोग किसी भी दल से टिकट पाने में कामयाब हो जाते हैं।राजनीति दलों की एक ही आदर्श है जीतने वाला आदमी चाहिये,क्योंकि संख्या बल से बहुमत मिलती है,बहुमत से सरकार और सरकार से जनता को सेवा करने का अवसर।यही नैतिकता, नीति और नियत है।अब कौन दागी है और दूध के धुले हैं,यह बुद्धिजीवी के तर्क वितर्क के मसाला से ज्यादा कुछ नही है।समर्पित कार्यकर्ता को समर्पण होने के लिये कौन कह रहा है? अगर कोई है तो उसकी इच्छा या मजबूरी है।कोई राजनीति दल समर्पण होने के लिये थोड़े कह रहा है।अगर कोई समर्पित होकर टिकट की उम्मीद करता है ,तब उसे चमक दमक वाले पार्टी से दूर वाम दलों के कार्यकर्ता बनें,मुरादें पूरी हो सकती है,बाकी जगह ट्रैफिक जाम है।राजनीति कोई पेशा नहीं,सेवा का क्षेत्र है।फिर टिकट के लिये मारामारी क्यों? निष्ठा रखिये,समर्पित रहिये,दल के विचार धारा के साथ चलिये,बस!कभी न कभी नम्बर आ ही जायेगा,...

युद्ध अन्तःपुर की! हास्य व्यंग्य।प्रसिद्ध यादव।

Image
 बाबूचक, पटना। बुरे फंसे पिलर! सोचा की चलें मुरेठा  जी के यहां ख़ातिर होगी।पदवी जो जिला पार्षद का है।जैसे ही मुरेठा  जी के दर पर दस्तक दिये, उधर से मुरेठी  की आवाज आई।आज कोई से  नही मिलेंगे,न बात करेंगे। मुरेठीपति  बगल में खड़े थे,सामाजिक और मस्त आदमी हैं,भगवान की कृपा से हरदम मस्त भी रहते हैं वो पार्षद को बुला कर बैठा दिया।इसके बाद कपल  मुरेठी और मुरेठा जी चपल जंग करने लगे।पार्षद जी के मजबूत काया घायल होने से बचा दिया।इसके बाद शुरू हो गया वक्य्युद्ध। चरित्र पर कीचड़ उछलने लगा।गर्व से दोनों कहने लगे हम तुमसे बीस हैं,तभी तो खीस है।तुलसीदास जी की एक चौपाई याद आ गयी-घन, घमण्ड नभ गर्जत घोड़ा,प्रिय विहीन डरपत मन मोरा'!ऐसे भी कलियुग की माया है,जो जितना पतीत, वो उतना पावन। रघुपति राघव राजाराम।ये अन्तःपुर की बात को कोई कैसे जान सकता है,जब कि बात बाहर आई ही नहीं।दीवारों के भी कान होते हैं।खैर,अभी कोरोना काल है,कोई काम नही है,टाइम पास करने के लिये दूसरे के गार्डेन में चल ही गये तब क्या हुआ?फूल सुरक्षित है,देखने का नजरिया अलग है।यही से चरित्रवान लोगों पर बेवजह शक कर...

राजनीति की शुचिता, भाई, भतीजा,पिता! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
 बाबूचक, पटना। आंख बंद डिब्बा गोल! आखिर राजनीति किसकी? यह एक अहम सवाल है। देश,राज्य,जनता के लिये या सत्ता के लिये,सेवा के लिये या मेवा के लिये! जब हम इसका उत्तर ढूंढते हैं तब बहुत निराश हाथ लगती है।अपवादों को छोड़कर अब राजनीति सत्ता धन,बल,सत्ता के केंद्र बन गया है।यही इसका चाल चरित्र बनकर रह गया है।परिवारवाद, राजनीति का अपराधीकरण पुरानी बात हो गयी या अब यह चलन में आ गया है।फर्क है तब बस इतना की किसके दाग ज्यादा हैं या अच्छे हैं,दागदार सभी पार्टी है।नैतिकता, नियत,नीति लोकलुभावन शब्द बनकर रह गये हैं।शिक्षित, युवा,आधी आबादी जैसे नेतृत्व को आगे आना चाहिए, लेकिन इसमें भी कोई अदृश्य शक्ति काम करती है।राजनीति में आकर्षण क्यों है?यह बताने की जरूरत नही है।राजनेताओं के ठाठ, रौब से समझ आ जाती है ।राजनीति अब मध्य वर्गीय, निम्न वर्गीय लोगों के बुते के चीज नही रही।चुनाव में धनवर्षा होती है,जो ज्यादा बरसाए,अधिक वोट पाये।जो,जितना दबंग ,वो उतना लोकप्रिय! जन-जन के प्यारे,धरती पुत्र,चौकीदार आदि शब्दों से अलंकृत होते हैं।राजनीति करते -करते कितने समाजवादी, लोहिया वादी,गांधीवादी,नेहरूवादी, अम्बेडकरवादी ...

इतना डर भी ठीक नहीं! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

Image
 जबरदस्ती के बोझ, नहीं ढोया जाता ! राजद अपनी परम्परागत सीटें कर रही कुर्बान! बाबूचक,  फुलवारी ।  कौन है  षड्यन्त्रकारी? सौतन के भरोसे सुहागिन,कहीं डस न ले नागिन! कार्यकर्ता कोमा में,चाटुकारों की चांदी! अभी बिहार में नीतीश सरकार के खिलाफ जनाक्रोश चरम पर है,लेकिन विपक्ष इसे अपनी झोली में कैसे ले?ये अहम सवाल है।राजद अपनी जनाधार और सिटींग सीटें गठबंधन के खाते में डालकर क्या हासिल करेगी,ये तो राजद के नीति नियन्ता और प्रवर बुद्धिजीवी ही बता सकते हैं।धूप छांव में दिन रात लालटेन ढोने वाले कर्मठ कार्यकर्ता  को राजनीति की समझ कुछ नही है,भले ही ये जमीन पर ही क्यों नही हो? राजद की 80 जीती हुई सीट है और इससे पूर्व कुछ अन्य सीटों पर लगातार जीतती रही है।अब जीती हुई और परम्परागत सीटें सहयोगी को देकर हारी हुई सीटें लेकर कौन चमत्कार करेगी ये शीर्ष नेतृत्व जानें,लेकिन इतनी भी क्या मजबूरी है?क्या राजद 80 से कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी?नहीं!ये 125 सीटों से अधिक पर है।किसके भरोसे ?कार्यकर्ताओं के!कार्यकर्ता कहाँ है?किस हाल में है?क्या सोचता है?उसकी इच्छा,उसकी जानकारी का उपयोग राजद कि...