बिहार पुलिस की अमानवीय चेहरा! शव को रस्सी से बांध कर घसीटा!/प्रसिद्ध यादव।

बिहार पुलिस की अमानवीय चेहरा पहली बार देखने को नही मिली है। पुलिस अपने कर्तव्यों में दंडनात्मक कार्यवाई को सिर्फ याद रखती है, बाकी जनता के साथ कैसे कुशल व्यवहार किया जाता है, याद नहीं रहती है। कोई साधारण सा कोई सामान की गुमशुदगी दर्ज करवाने भी जाये तो लोगों को पसीना छूट जाता है, बाकी एफआईआर दर्ज करवाने में लक्ष्मी की कृपा के बिना असम्भव है और यहाँ की जनता इसे पुलिस के विशेषाधिकार समझकर नजराना देना वाजिब समझते हैं। हालांकि कुछ पुलिस अपने व्यवहार से जनता के सर आंखों पर रहते हैं।समय समय पर पुलिस अधिकारियों के औचक निरीक्षण से पुलिस चुस्त होती है। सवाल है कि पुलिस को ट्रेनिंग किस चीज की होती है?जब पुलिस की मानवीय संवेदना खत्म हो जाती है और विकृत रूप देखने को मिलती है। बिहार के बेगूसराय में पुलिस की संवेदनहीनता की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. दरअसल लावारिस हालत में एक शव मिलने के बाद जिस तरीके से पुलिस के सामने पैर में रस्सी बांधकर शव को घसीटते हुए सड़क पर लाया गया, उससे मानवता शर्मसार हो गई. लाखो थाना क्षेत्र के लाखो गांव में एक...