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Showing posts from July, 2022

बिहार पुलिस की अमानवीय चेहरा! शव को रस्सी से बांध कर घसीटा!/प्रसिद्ध यादव।

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         बिहार पुलिस की अमानवीय चेहरा पहली बार देखने को नही मिली है। पुलिस अपने  कर्तव्यों में दंडनात्मक कार्यवाई को सिर्फ याद रखती है, बाकी जनता के साथ कैसे कुशल व्यवहार किया जाता है, याद नहीं रहती है। कोई साधारण सा कोई सामान की गुमशुदगी दर्ज करवाने भी जाये तो लोगों को पसीना छूट जाता है, बाकी एफआईआर दर्ज करवाने में लक्ष्मी की कृपा के बिना असम्भव है और यहाँ की जनता इसे पुलिस के विशेषाधिकार समझकर नजराना देना  वाजिब समझते हैं। हालांकि कुछ पुलिस अपने व्यवहार से जनता के सर आंखों पर रहते हैं।समय समय पर पुलिस अधिकारियों के औचक निरीक्षण से पुलिस चुस्त होती है। सवाल है कि पुलिस को ट्रेनिंग किस चीज की होती है?जब पुलिस की मानवीय संवेदना खत्म हो जाती है और विकृत रूप देखने को मिलती है। बिहार के बेगूसराय में पुलिस की संवेदनहीनता की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. दरअसल लावारिस हालत में एक शव मिलने के बाद जिस तरीके से पुलिस के सामने पैर में रस्सी बांधकर शव को घसीटते हुए सड़क पर लाया गया, उससे मानवता शर्मसार हो गई. लाखो थाना क्षेत्र के लाखो गांव में एक...

सूत्रधार ने प्रेमचंद को याद किया/प्रसिद्ध यादव।

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  "प्रकृति से हम है" नाटक का मंचन खाली हाथ लौट आता है पाटलिपुत्र का विमोचन सम्पन्न खगौल।रविवार को "सूत्रधार",खगौल ने अपने  प्रधान कार्यालय जमालुद्दीन चक,  खगौल में संस्था के महासचिव नवाब आलम की अध्यक्षता में मुंशी प्रेमचंद की 142 वीं जयंती मनाई,। इस अवसर पर इनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया गया।  प्रथम सत्र में संगोष्ठी आयोजित की गई।साहित्यकार प्रसिद्ध यादव ने प्रेमचंद के जीवनी व कृतियों और नाटक पर विस्तार से प्रकाश डाला।मुख्य अतिथि दानापुर रेल मंडल के पूर्व राजभाषा  अधिकारी एवम साहित्यकार राजमणि मिश्रा ने  प्रेमचंद द्वारा पाखण्ड पर प्रहार का बखूबी विस्तार से बताया।  संस्था के महासचिव और वरिष्ठ रंगकर्मी नवाब आलम ने कथा शिल्पी मुंशी प्रेमचंद के नाटककार पक्ष की चर्चा करते हुए उनके नाटक कहानी ईद गाह,सवा सेर गेहूं,काकी, पूस की रात आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला । गोष्ठी को नीरज कुमार,दयानंद राय,अस्तानंद सिंह, अभिषेक कुमार,  पत्रकार और अधिवक्ता क्रांति कुमार ,  लोक गायक संतोष प्रमित, संजय कुमार आदि ने प्रेमचंद को श्रेष्ठ रचनाकार  बताया।...

प्रेमचंद की जीवनी हमें संघर्षशील ,जुझारू व तार्किक बनाता है! /प्रसिद्ध यादव।

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       जिसके जीवन में अंधविश्वास, रूढ़िवादिता,भाग्यवादिता घर कर गया है और भय से भूत नही भाग रहा है, उसे प्रेमचंद की जीवनी और  उनकी रचना पढ़नी चाहिए।जिसे धर्म के नाम पर नफ़रत, द्वेष,घृणा है और मानवता से बड़ा कोई और धर्म समझता है, उसकी भी आंखों की पट्टी खुल जाएगी।जातीय व्यवस्था, छुआछूत, ऊंच नीच का भेदभाव देखना है तो ' ठाकुर का कुंआ 'कहानी पढ़ना चाहिए। ब्राह्मणवादी व्यवस्था की चक्की में कैसे लोग पिसा रहे हैं इसका सजीव चित्रण ' सवा सेर गेंहू'कहानी  पढ़ना चाहिए। नरक का भय दिखाकर विप्र शंकर को सवा सेर गेंहू के बदले 6 मन गेंहू लेता है फिर भी कर्ज नही चुकता हुआ।वह थक हार कर विप्र का बंधुआ मजदूर बन जाता है, इसके मरने के बाद  इसका बेटा भी बंधुआ मजदूर बन जाता है।आज भी अंधविश्वासी लोग बंधुआ मजदूर की तरह ही जी रहे हैं। गोदान,कर्मभूमि, निर्मल,पंच परमेश्वर, नमक का दारोगा, ईदगाह  आज भी प्रासंगिक व प्रेरणादायक है।प्रेमचंद की जिंदगी कितनी फटेहाल,तंगहाल था कि घर चलाने के लिए वे अपना कोट,किताब बेच दिए थे। अल्प समय में माँ की साया खत्म हो गई,13 साल में अपने से उम्रदराज लड़की...

हवस की आग, खाक में मिला दी जवानी ! /प्रसिद्ध यादव।

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    , आदमी की सही पहचान नहीं होने से ,दोस्ती होने पर आदमी क्षण भर में ख़ाक में मिल जाता है। पत्रकार विशाल सिन्हा के साथ यही हुआ।दीघा घाट पर राखी बांधने आई छोटी बहन अपने इकलौते भाई को मुखाग्नि दी और एक समाज को आईना दिखाने वाला समाज का प्रहरी पंचतत्व में विलीन हो गया।लोग गमगीन आंखों से अंतिम विदाई दी। गाड़ीखाना खगौल से जब शव उठा और पिता ने जब जवान बेटा को कंधा दिया, पूरा मोहल्ला चीत्कार कर रहा था, लोगों के आंखों में आंसू थे।जिस घर में हिंसा से रक्तरंजित हो उस घर से कभी कोई नाता नहीं रखना चाहिए।जिसके रग रग में हिंसा ,नफ़रत दौड़ती हो,उसकी साया से भी दूर रहना चाहिए।जो अपनी हवस मिटाने के लिए लोकलाज को भूल जाये,उससे दूर रहना चाहिए।विशाल की मौत एक बहुत बड़ी सबक दे गई।जो अपने पति की नही हुई वो दूसरों की क्या हो सकती है, किसी की चिकनी चुपड़ी बातों में आकर ,,रूप सौंदर्य की जाल में फंसकर किसी के सहारा बनकर अपने जीवन को बर्बाद करना ठीक नहीं है।विशाल सिन्हा की मौत को हर बिंदुओं, परिस्थितियों की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए कि आखिर विशाल की मौत हत्या थी या आत्महत्या!प्रेमिका की उकसावे के कारण उसकी ...

मीडिया चौथा खम्भा या धंधा !/प्रसिद्ध यादव।

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    मीडिया कितनी निष्पक्ष है।अब यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है। खगौल से दैनिक हिंदुस्तान के अखबार के रिपोर्टर विशाल जदयू नेत्री के उकसाने पर आत्महत्या किया,लेकिन इसी अखबार में इसकी आत्महत्या की ख़बर आधे अधूरे छपी और प्रेमिका को जदयू की नेत्री कहीं नही लिखा गया।वही दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से इस खबर को स्पष्ट रूप से छापी।एक अखबार अपने रिपोर्टर के साथ  भी सत्ता के भय से इंसाफ नही कर सका बाकी के साथ क्या कर सकता है।हाँ कार्यालय में श्रद्धांजलि जरूर दी गई होगी।यही है आज के कॉरपोरेट जगत के पूंजीपतियों का अपने कर्मचारियों के साथ व्यवहार।मीडिया सत्ता की रखैल बन कर रह गई है,पूंजीपतियों के हाथों की खिलौने बनकर रह गई है।अखबार का फ्रंट पेज और सम्पादकीय क्या होगा?ये सत्ता तय करेगी।कुछ अखबारों को छोड़कर बाकी में पेड न्यूज और पित्त पत्रकारिता नज़र आती है। अगर किसी को यकीन नही है तो विगत एक सप्ताह के अखबारों के फ्रंट पेज, संपादकीय, आलेख को अवलोकन कर लें।मेरे आरोपों का जवाब मिल जाएगा।टीवी चैनलों की हालत मत पूछिए! मुझे करीब दो साल से अधिक हो गया किसी भी न्यूज़ चैनल को देखे हुए।गलती से कोई ...

प्रदेश भाजपा नेता भाई सनोज यादव के नेतृत्व में दानापुर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने पटना में जे पी नड्डा का स्वागत एवं अभिनन्दन किया। /प्रसिद्ध यादव।

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          भाजपा के विभिन्न प्रकोष्ठों की दो दिवसीय संयुक्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा आज बिहार की राजधानी पटना पहुंचे हैं। पटना एयरपोर्ट पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के अलावा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, मंत्री मगल पांडेय और सांसद रामकृपाल यादव ने गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। इसके बाद नड्डा ने बी आर अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया फिर वहां से जेपी गोलंबर तक रोड शो में भाग लेकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। देश के करीब 750 नेता इसमें शरीक हुए हैं।30 और 31 जुलाई को  बैठक होगी।भाजपा बिहार में और मजबूत करने के लिए योजना बना रही है। शायद बिहार में भी एकल चलो की राह बना रही है।

शिक्षा में सरकार की दृष्टि जीरो बट्टा जीरो -दीपक मांझी।/

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     प्रसिद्ध यादव। शिक्षा देश की रीढ़ है। फुलवारी पश्चिमी के जिला पार्षद दीपक मांझी,गोनपुरा पंचायत के मुखिया सुधीर शर्मा प्रमोद,प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी गोनपुरा बुनियादी स्कूल के निरीक्षण करने जब स्कूल में गये तब हेडमास्टर अर्जुन कुमार कुर्सी पर बैठे बच्चों के किताब रखे बेंच पर पैर में चप्पल पहने झुलासन मुद्रा में बैठे थे, एक और टीचर कुर्सी पर बैठे पाया में पैर अटकाये, पयासन मुद्रा में बैठे थे। जनप्रतिनिधियों के आगमन के बाद भी ये आसन नही छोड़ रहे थे। यह वही गोनपुरा है जहाँ के दलित प्रेम मांझी को अमेरिका में पढ़ने के लिए 2.5 करोड़ स्कॉलरशिप मिला।क्या ऐसे विद्यालय में पढ़कर मिलता?जी नही ये बच्चा दलितों के उत्थान के लिए उडान टोला, दानापुर में मंथन में पढ़ा था। दीपक मांझी लगातार फुलवारी के विद्यालयों में निरीक्षण कर रहे हैं।गोनपुरा के टीचर से जब दीपक बात किये तो बताया कि हेडमास्टर महिला टीचर से बोलते हैं कि महीना में कितने दिन मासिक आता है, टीचर्स के साथ व अभिभावकों के साथ अच्छा वर्ताव नही करते हैं।जनप्रतिनिधियों ने विद्यालय में अनेक कुव्यवस्था देखे,जिसकी शिकायत जिला शिक्षा पदाधिका...

तेरे इश्क़ में दिल दिया था, अब जान दे रहा हूँ- विशाल! /प्रसिद्ध यादव।

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      जमाना भी क्या याद करेगी ,तेरी वेवफाई  तू नागिन बनकर डंस ली मेरी तरुणाई। रहना खुश!तुझे चाहने वाले कम न होंगे । तेरी हुस्न पर मर मिटने वाले कम न होंगे। विशाल जैसा कोई शायद जान हथेली पर न लिए होगें।  इश्क  नहीं  आसां , बस इतना  तो  समझ  लीजे, एक  आग  का  दरिया  है , और  डूब  के  जाना  है .. मासूम  सी  मोहब्बत  का  बस  इतना  सा   फ़साना  है  कागज  की  हवेली  है , बारिश  का  ज़माना  है  क्या  शर्त-ए-मोहब्बत  है , क्या  शर्त-ए-ज़माना  है   आवाज़  भी  जख्मी  है  और  गीत  भी  गाना  है  उस  पार  उतरने  की  उम्मीद  बहुत  कम  है  कश्ती  भी  पुरानी  है , तूफ़ान  भी  आना  है  समझे  या  न  समझे  वो  अंदाज़ -ए -मोहब्बत  को, इक शख्श को आँखों  से , ...

खगौल के पत्रकार विशाल ये क्या कर लिये!😢/प्रसिद्ध यादव।

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   विशाल! आशिकी में जीवनलीला ही खत्म कर लिया!  कभी मिलता मुझे आदर के साथ सर कहकर अभिवादन किया करता था। मैं बहुत मिस कर रहा हूँ।  कभी विशाल के लिए ऐसी मनहूस खबर मुझे लिखना होगा सोचा भी न था।ॐ शांति!😢  पटना खगौल के एक प्रतिभावान पत्रकार विशाल अपनी प्रेमिका के कहने पर खुद गोली मारकर जीवनलीला खत्म कर ली और प्रेमिका की वादे को पूरा कर लिया।प्रेमिका जदयू नेत्री वंदना  मोबाईल से बोली की तुम गोली मारो हम टीवी के  पास तेरी खबर देखने के लिए बैठे हुए हैं और वो सर में गोली मार लिया। खगौल का पत्रकार विशाल का एक जदयू नेत्री वंदना सिंह से साथ अफेयर चल रहा था. पत्रकार के घर वाले और दोस्त भी बराबर उसे इस रिश्ते से अलग हटने को कह रहे थे लेकिन वह जदयू नेत्री सह गर्लफ्रैंड के चंगुल से खुद को आजाद नही कर सका. एक दिन ऐसा भी आया कि जब उसे उसकी गर्लफ्रेंड ने कहा कि वह अपने घर पर अपनी मां के साथ मौजूद है और उसमें दम है तो अपने सुसाइड का खबर मुझे टीवी पर अभी दिखाएं. इतना सुनने के बाद आवेश में आकर पत्रकार ने अपने पास रहे एक पिस्टल से कनपटी में सटाकर गोली मार ली. खगौल सहित पटना ...

प्रेमचंद किसानों व मजदूरों तथा लाचारों के कथाकार थे।/प्रसिद्ध यादव।

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    सच्चे मानवतावादी थे। पाखण्ड,आडम्बर ,ब्राह्मणवादी व्यवस्था के विरोधी थे।   पुरोहिती-कर्मकांडी नगर काशी-बनारस से कुछ ही किलोमीटर दूर उनका गांव लमही था। बनारसी साड़ियों के लिए मशहूर बनारस में कभी कबीर जैसा बौद्धिक हुआ था, और बगल के सारनाथ में ढाई हज़ार वर्ष पूर्व बुद्ध ने अपने क्रान्तिकारी धर्म-दर्शन का पहला उद्घोष किया था; लेकिन प्रेमचंद के समय का बनारस पण्डे-पुरोहितों का नगर था – सुस्त, काहिल और विचारशून्य। प्रेमचंद इस विचारशून्यता को गहराई से समझ रहे थे। उनकी यही समझ उनके साहित्य का आधार है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसकी वाजिब समीक्षा अब तक हिंदी साहित्य में नहीं हुई है।  हिन्दू-मुस्लिम सद्भाव के कहानीकार के रूप में प्रेमचंद बेमिसाल हैं। वे ऐसे हिन्दू और मुस्लिम पात्रों का निर्माण करते हैं जिनमें असाधारण धार्मिक सहिष्णुता होती है। "मंदिर और मस्जिद"(1925) में चौधरी इतरअली ऐसे ही उच्चवर्गीय जागीरदार पात्र हैं वे न तो मुसलमानों द्वारा हिन्दू मंदिर पर हमले को बरदाश्त करते हैं और न ही हिंदुओं द्वारा मस्जिद पर किए गए आक्रमण को। वे मानते हैं कि "किसी के दीन की तौहीन करने...

विदुर व चाणक्य जैसे हो राजनीति सलाहकार !/प्रसिद्ध यादव।

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  किसी भी राजनेता को अपना राजनीतिक सलाहकार ऐसा रखें जो भविष्य दृष्टा हो,रचनात्मक दृष्टिकोण रखता हो,स्पष्टवादी और सही को सही और गलत को गलत कहने की क्षमता रखता हो।लेकिन आज स्थिति इसके उलट हो गया है।चापलूस, चाटुकार लोग राजनीति सलाहकार बन बैठे हैं।नतीजा राजनेताओं की नैया डुबोने में कोई कसर नहीं रह जाता है। भ्रष्टाचार के दलदल में ऐसे फंस जाते हैं कि वहां से निकलना नामुमकिन हो जाता है और जीवन नारकीय बन जाता है।ऐसे सलाहकार मृदुभाषी, कपटी होते हैं जो राजनेताओं के आर में अपना भी स्वार्थ सिद्धि करता है। राजनेताओं को हमेशा याद रखना चाहिए कि उनकी निष्ठा जनता के प्रति हो न कि परिवार के प्रति। इस नीति में विदुर की ओर से बताए गए राजा और प्रजा के दायित्वों की विधिवत नीति की व्याख्या है. कहा जाता है कि विदुर-नीति वास्तव में महाभारत युद्ध से पूर्व युद्ध के परिणाम के प्रति शंकित हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र के साथ उनका संवाद है. विदुर नीति जीवन-युद्ध की नीति ही नहीं, जीवन-प्रेम, जीवन-व्यवहार की नीति के रूप में अपना विशेष स्थान रखती है. इसमें राज्य-व्यवस्था, व्यवहार और दिशा निर्देशक सिद्धांत आदि का...

राजनीतिक शुचिता के बिना राजनीति व्यर्थ ! /प्रसिद्ध यादव।

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      राजनीति में भले ही कोई ऊंचे मुकाम हासिल कर लें,लेकिन उसके अंदर राजनीति शुचिता नही है तो वह व्यर्थ है।आज  सांसदों, विधायकों को  जानवरों की तरह खरीद फरोख्त होती है। राजनेताओं के घर से इतने नोट बरामद हो रहे हैं कि नोट गिनने वाला मशीन भी हाँफ रहा है। जब ईडी, विजिलेंस राजनेताओं को पकड़ती है तो सीधे आरोप सरकार पर लग जाती है कि उन्हें तंग, बदनाम ,बदल लिया जा रहा है और उनके समर्थक ऐसा माना कर हंगामा खड़ा करते हैं। यह भी सही है कि सत्ता पक्ष के भ्रष्ट नेताओं को भी टारगेट करना चाहिए इससे जांच संस्थाओं की साख बनी रहेगी। भ्रष्टाचारी को जांच एजेंसियां बाद में पकड़ती है इससे पहले करीबी जनता  स्केन कर समझ जाती है कि भ्रष्टाचार जम कर हुआ है और इससे करोड़ो अरबों का माल बना है। यक्ष प्रश्न है कि  कुछ राजनेताओं के पास राजनीति उद्योग से इतना पैसा हो गया है कि हर रोज दोनो हाथों से ऐय्याशी में लुटा रहे हैं फिर भी खत्म नही हो रहा है लेकिन इसे राजनेता बनाने वाले कार्यकर्ताओं को दो जून की रोटी मयस्सर नही हो रही है।ऐसे समाजवाद के चोला पहने भेड़िये को पहचानना होगा और इसका अच्छी...

कैलाश, हिमाचल और तिब्बत चीन की असुरी शक्ति से मुक्त हो, इस मंत्र का जाप से चीन हार जायेगा-आरएसएस!/प्रसिद्ध यादव।

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         अब देशवासी इस मंत्र को 5 बार रट्टा मारे या तोते की तरह रट लगाए भारत चीन से जीत जाएगा। जब विदेशी भारत पर आक्रमण कर रहे थे ऋषि मुनि जंगलों में, पहाड़ों के कंदराओं में छुपकर मन्त्र को जप करते थे ।कहते थे जगत मिथ्या ब्रह्म सत्य।ये लोग छुपकर ब्रह्म को खोज रहे थे और देश गुलाम हो गया था। अब चीन भारत की सीमा में घुस रहा है तो मन्त्र जाप की सलाह दी जा रही है। ये मन्त्र से फूंक से पहाड़ उड़ाने की बात कर रहे हैं और लोग मानेगे भी। आजतक ये जंतर मंतर का फेर हमें समझ में नही आया। हालांकि मैट्रिक तक बच्चों को संस्कृत अच्छी तरह से पढ़ाया।मुझे संस्कृत की जानकारी है लेकिन इस पचड़े में कभी न पड़ा।  आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने कहा कि कैलाश, हिमाचल और तिब्बत चीन की असुरी शक्ति से मुक्त हो, इस मंत्र का जाप हर भारतीय को फिर चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान पूजा-अर्चना या नमाज से पहले करना चाहिए। इससे चीन को नुकसान होगा और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा पैदा होगी। इंद्रेश कुमार ने चीनी सामान के बहिष्कार की बात भी कही। उन्होंने कहा कि चीनी वस्तुओं के भारतीय बाजार में आने ...

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा उठाए गए सवालों पर भाजपा नेता चुप क्यों हैं ? देश जवाब चाहता है-एजाज अहमद

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   बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि मौजूदा राजनीति व्यवस्था को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जो बातें कहीं है  वह साहसिक और भाजपा के चाल -चरित्र को स्पष्ट रूप से उजागर करने वाला वक्तव्य है । जिसमे उन्होंने ने कहा है कि सिर्फ सत्ता के लिए ही राजनीति की जा रही है या देश के लोगों की सेवा के लिए, क्योंकि उन्होंने जो सवाल केंद्रीय मंत्री के रूप में उठाए हैं ये बहुत ही गंभीर है और वर्तमान परिस्थिति में इसका दूरगामी असर स्पष्ट रूप से दिखेगा।         एजाज ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लगातार बयानवीर बनकर कर कहीं ना कहीं अपना नंबर बढ़ाने की राजनीति कवायद मे लगे हुए हैं अब उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह समाज और राष्ट्र के प्रति जवाबदेह हैं तो नितिन गडकरी के सवालों पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं ? क्या सिर्फ सत्ता के लिए ही भाजपा की राजनीति चल रही है।         एजाज ने आगे कहा कि नितिन गडकरी ने जिस बेबाकी से बातें रखकर  महात्मा गांधी के समय की राजनीति और आज की राजनीति में हुए  बदलाव पर...

वेलकम टू माई न्यू हसबैंड पतिवीर ! /प्रसिद्ध यादव।

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  जैसे कोई पुरानी गाड़ी बेचकर नई गाड़ी खरीदता है और दोस्तों को बड़े गर्व से कहता है ' ये है मेरी पसंद की नई गाड़ी" और मेकेनिकल इंजीनियर की तरह सैंकड़ों फीचर गुण बताने लगता है।यहां तक तो लोग झेल लेता है क्योंकि इसमें बताने वाले का हया लज्जा की कोई बात नहीं है।अब बदलते युग में कुछ औरतें पति छोड़कर नया पति खोज रही है और मिलने पर अपनी मित्रों से स्वाभिमान से कहती है "ये मेरे नये हसबैंड हैं। अभी बिहार में एक पति पत्नी को दारोगा बनाने के लिए तन मन धन सब लगा दिया।पत्नी दारोगा बन गई।जब पति पत्नी से मिलने ट्रेनिंग सेंटर में गया तो पत्नी पहचानने से इनकार ही नही की, बल्कि पति भी नहीं मान रही है।बेचारे का रो रो कर बुरा हाल हो गया।ऐसा भी होता है क्या? होता नही जनाब हो रहा है।पत्नी अब पति को कॉन्टेक्ट वाली नॉकरी की तरह कॉन्टेक्ट वाला पति समझ रही है। अब आने वाले समय में कोर्ट का शपथ पत्र देना होगा कि स्थाई पति है कि अस्थायी? कुछ तो सखियों की पति को हड़प ले रही हैं तो कुछ अंतरंग गुल खिलाकर सहेलियों की जीवन में तूफ़ान ला रही हैं। अब बहुत पैसे वाले हैंडसम लुक वाले पति को पत्नी सहेलियां परिचय करवान...

भारतीय निशानेबाज मैराज अहमद खान ने इतिहास रचा !/प्रसिद्ध यादव।

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  बधाई देना तो बनता है! बधाई! ऐसे अन्य सिल्वर मेडल जीतने वाले को बधाइयों का तांता लगा हुआ है, लेकिन गोल्ड मेडल को लोग कैसे नही याद कर रहे हैं, वो भी देश के लिए जीता है।    भारतीय निशानेबाज मैराज अहमद खान (Mairaj Khan) ने इतिहास रचा है। उन्होंने देश की झोली में पहला गोल्ड मेडल डाला है। मिराज आईएसएसएफ विश्व कप प्रतियोगिता के लिए (skeet gold in World Cup) गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। इससे पहले यह कामयाबी किसी भी भारतीय निशानेबाज ने नहीं हासिल की थी। उत्तर प्रदेश के रहने वाले मैराज ने कोरिया के मिंसू किम और ब्रिटेन के बेन लेवेलिन को हराकर 40 शॉट फाइनल इवेंट में गोल्ड मेडल हासिल किया। इस इवेंट में दूसरे स्थान पर रहने वाले कोरियाई खिलाड़ी को सिल्वर और तीसरे नंबर पर रहे ब्रिटिश खिलाड़ी को ब्रांज मेडल मिला है। दो बार के ओलिंपियन और इस बार चांगवान में भारतीय दल के सबसे उम्रदराज सदस्य मैराज ने 2016 में रियो डि जिनेरियो विश्व कप में रजत पदक जीता था। इससे पहले अंजुम मोदगिल, आशी चौकसी और सिफ्ट कौर सामरा ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन टीम स्पर्धा में कांस्य पदक...

किसानों को दगा दे रहा सावन ! /प्रसिद्ध यादव।

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      जब सावन आग लगाए तो फिर उसे कौन बुझाये! किसान शायद दगा खाने के लिए ही बने हैं।हां इनकी बातें करने वाले, इनके खुशहाली के वादे करने वाले, इनके दुर्दशा पर आँसू बहाने वाले बड़े बड़े सदनों में पहुंच कर सत्ता में जरूर आ गए। किसान अपने दुर्दिन को नियति का खेल मानकर आँसू पीकर रह जाते हैं या आत्महत्या कर जीवनलीला समाप्त कर लेते हैं।  भारतीय किसान आज भी प्रकृति पर निर्भर हैं और किसान खेती पर। प्रकृति दाग दिया तो फ़सल गया और फसल गया तो किसान गया। इसलिए किसानों को प्रकृति का साधु कहा गया है।  आधा सावन खत्म होने वाला है और धान के  बिचरे बचाने भर भी न अषाढ़ में बारिस हुई न सावन में हो रही है। कुछ किसान बोरिंग से धान की खेती कर रहे हैं ,लेकिन इससे  पूर्ण धान की रोपनी की संभावना कम है। अगर रोपाई हो भी गई तो अकाल का भय बना हुआ है। किसानों के फसल बीमा के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू है ।इसमें खरीफ़ फसल के लिए  फसल मूल्य के 2 फीसदी और रबी फसल के लिए 1.5 फीसदी निर्धारित है।खरीफ फसल की बीमा की अंतिम समय 10 अगस्त है। इसकी जानकारी कृषि सलाहकार, कृषि पदाधिकारी,...

महिलाओं के मध्य छिपी है।-कवि नागार्जुन।

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    " आज  फूलन देवी18वीं शहादत दिवस पर शत शत नमन। सौ-सौ डाके डाले उसने एक-एक की नाक तराशी एक-एक की कुतर गई है कान दसियों की तो आंखे फोड़ीं बदल-बदलकर घोड़े उड़ती जिला बदलती ही रहती फूलन देवी दुर्गामाता की बेटी है कौन सामना कर सकता है ! दाएं-बांए बीसों को ठंडा करती है कारतूसों की मालाओं से हमने उसको पहचाना था मैनपुरी के एक गांव में ठाकुर के घर डटी हुई थी फूलन देवी लगता था, हां, सिंहवाहिनी प्रकट हुई है मैनपुरी के एक गांव में !" (नागार्जुन की कविता 'फूलन देवी')

शराब पीना भी एक कला है !-जीतन राम मांझी।प्रसिद्ध यादव।

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    शराब पीने की कलाकारी अमीरों से सीखें-जीतन राम मांझी। बिहार में शराब निषेध है! अगर कोई इसका सेवन करता है या लोगों को सेवन करने के लिए प्रेरित करता है तो जुर्म है। पूर्व सीएम  जीतन राम मांझी ने बताया कि शराब पीना भी एक कला है, जो अमीरों से सीखना चाहिए।अमीर लोग रात के चुपके से दो तीन पैक मार लेते हैं और सो जाते हैं।वे कभी नहीं पकड़े जाते हैं।वही गरीब मध्यम वर्गीय पीते कम हैं,दिखावा ज्यादा करते हैं, बवाल करते हैं।नतीजा पुलिस आती है और सांस को सूंघकर जेल भेज देती है। मांझी ने बताया कि हार्ड वर्क करने वाले थकान मिटाने के लिए शराब पीते हैं तो इससे उन्हें फायदा है, रात को अच्छी नींद भी आती है। शराब के फायदे का कितने आलेख भी छपे हैं। बहराल कुछ भी हो।चाहे शराब कोई कलाकारी से ही क्यों न पिएं।यह राज्यद्रोही कार्य है और ऐसी कलाकारी किसी को सीखने की जरूरत नहीं है और न सिखाने की। अगर कोई इसके गुरु बने तो उसपर भी कार्यवाई होनी चाहिए।

19 वर्षीया छात्रा बरसाश्री बुरागोहाईं कविता लिखने के जुर्म में जेल गई थी! प्रसिद्ध यादव।

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          पुलिस ने ली थी स्वतः संज्ञान! सोशल मीडिया पर अनाप शनाप लिखने वाले को यह एक खतरे की घण्टी है!    बरसा श्री की कविता पर पुलिस संज्ञान ली जो फब पर डाला गया था।कविता कितनीं आपत्तिजनक थी,ये जाँच का बिषय है। देश में अपनी दर्द को, नाइंसाफी को अनेक लोग सोशल मीडिया पर डालते हैं, यहां तक कि खबरें भी बनती है, सम्बंधित विभाग को मेल करते हैं, संज्ञान लेने की बात तो दूर विभाग माकूल जवाब भी देना जरूरी नहीं समझता है।आखिर क्यों? कानून की सम्यक दृष्टिकोण क्यों नहीं है? अगर उक्त छात्रा प्रतिबंधित संगठन के पक्ष में अपनी कविता लिख दी तो इससे किसको कितना नुकसान हुआ?बताना चाहिए।भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े गए अधिकारी जेल में नहीं जाकर उसी कार्यालय में रुतवा दिखा रहा है। आखिर ये दोहरा मापदंड क्यों? प्रतिबंधित संगठन उल्फा (आई) के समर्थन में कविता लिखने के आरोप में मई में गिरफ़्तार की गईं 19 साल की छात्रा बरसाश्री बुरागोहाईं को ज़मानत दे दी है। पुलिस ने बरसाश्री को गोलाघाट ज़िले के सरूपथार से तब गिरफ़्तार किया था, जब वो अपनी एक सहेली के घर घूमने गई थीं। असम पुलिस ने बर...

सनोज यादव सांसद सुशील मोदी से मिलकर दियारा की समस्याओं से करवाया अवगत ! /प्रसिद्ध याद

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      सांसद व पूर्व उप मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन!  दियारा के दर्द को समझे सरकार - सनोज यादव।  2017 के पहले दानापुर के दियारा के 6 पंचायत कोर्ट कचहरी ,डीएसपी कार्यालय दानापुर में ही था,लेकिन अब तीन पंचायत कासिम चक,पानापुर  और कासिम चक पंचायत का कोर्ट कचहरी दानापुर से हटकर सोनपुर और छपरा चला गया। दियारा से दानापुर की दूरी 10 किमी थी, लेकिन अब सोनपुर  और छपरा की दूरी क्रमशः करीब 30 किमी और 45 किमी हो गया। विधानसभा, प्रखंड दानापुर और लोकसभा पाटलिपुत्र ही है। ऐसा करने से सरकार को क्या लाभ हुआ वो सरकार ही जानें,लेकिन तीनों पंचायत के लोग  बन डमरू बन गए हैं। जो काम दो घंटे में 100 रुपये के खर्च में होता था अब वही काम दिनभर और 1000 रुपये में होता है। बदलते समय  में थाना, जिला,अनुमंडल लोगों के नजदीक होता जा रहा है, लेकिन दानापुर दियारा के साथ उल्टा हो रहा है।यथास्थिति से बदस्थिति में लाकर छोड़ दिया। ऐसा करते समय क्षेत्रवासियों से राय ,सलाह भी नहीं लिया गया और सीधे तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है। दियारा में रहना सबके वश की बात नहीं है।एक खास समुदाय, ...

खगौल बना ठग का अड्डा !/प्रसिद्ध यादव।

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    भोले भाले लोगों को ,महिलाओं को ठग अपने मायावी रूप से झांसे में ले लेता है और जब पीड़ित को मालूम होता है तबतक लूट गया होता है। बाबूचक के 15 वर्षीय अंशु मिस्त्री पूर्व वार्ड सदस्य रामानुज लोहार का भतीजा शाम में खगौल अपने दोस्त के साथ गया।मोतिचौक, सविता मेडिकल के पास एक मजदूर के रूप में आकर एक फोन करने के लिए गुहार लगाया ।अंशु गांव का भोला भाला लड़का उसे मोबाईल से बात करने के लिए दे दिया। इसके बाद एक हटा कट्ठा आदमी आया और कुछ कागज अंशु  को  फोट स्टेट करवाने के लिए भेज दिया। उसके बाद मोबाईल फोन लेकर दोनों फरार हो गया। अंशु काफी खोजबीन किया, नहीं मिला तब ठगी का एहसास हुआ।बाद में लोगों के सलाह पर थानां में तहरीर दिया। ठग मोबाईल के साथ 570 रुपये भी ठग लिया। अंशु एक मजदूर का बेटा है जो लोन पर मोबाईल लिया था। कैसे कोई किसी को मदद करेगा ? यह महज एक मोबाईल और कुछ रुपये की ठगी नही है बल्कि एक भरोसा,विश्वास की हत्या भी है।

देश के अब बोझ बन गए (कविता) प्रसिद्ध यादव।

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    बुजुर्ग, युवा,खिलाड़ी किसान, मजदूर  ,कर्मचारी।। न अब रियायत की सफ़र न बुढ़ापे की पेंशन की डगर न रोजी ,न रोजगार। लोकतंत्र बन गया  विशुद्ध व्यापार! राजनेताओं के न रहा विद्वान सलाहकार पूंजीपति बन गए इनके यार। मित्रहीत अब सर्वोपरि आमजन  से धोखाधड़ी। सांसद, विधायक ,मंत्री ये सब ही देश के संतरी इसकी सेवा सुविधा न हो कम खूब खिलाओ माखन मलाई मिश्री। आलीशान दो बंगला चाहे देश हो जाये कंगला  देश विदेश की सफ़र करवाओ मुफ़्त में ही पांच सितारा होटल में ठहराओ। जनता के जो ये सेवक ठहरे इनकी सेवा में न कोई कमी पड़े। सुरक्षा की रखो इसके पूरा ख्याल  दर्जनों पुलिस कर दो तैनात। कोई अपने  पॉकेट से पैसा थोड़े लगना है। देश की जनता सह लेगी घुट -घुट कर जो मरना है। क्या पक्ष क्या विपक्ष? सब इस मुद्दे पर है एकमत । राजनीति का एक घराना है दूसरों को मुश्किल  आना है। एक बार नुमाइंदे बन गए अनेक पीढियां तर गए। देश के अब बोझ बन गए।

जनप्रतिनिधियों के एशोआराम देश कैसे सहन करेगा?/प्रसिद्ध यादव।

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    जब देश की अर्थव्यवस्था रसातल में जा रहा है। रुपये गिड़ते लुढ़कते डॉलर के मुकाबले 80 के पार हो गया। देश में बुजुर्गों को ट्रेन में यात्रा के लिए रियायत खत्म हो गया, एलपीजी के दाम बढ़ते बढ़ते 11 सौ के पार हो गया, सब्सिडी नाम मात्र के रह गया।पुरानी पेंशन योजना बन्द हो गई। सार्वजनिक क्षेत्र को निजी क्षेत्र में बेचा गया, बीएसएनएल से जबरन कर्मचारियों को रिटायर्ड किया गया। लाखों पद रिक्त रखकर युवाओं को बेरोजगार बनाया गया।अब सेना की बहाली भी आई तो मात्र 4 साल के लिए।महंगाई सातवें आसमान पर है।सरकार की ये जनविरोधी नीतियां आमजन को कमर तोड़ने के लिए लाया गया है।अगर देश की हालत खस्ता है तो फिर मंत्री,राज्यपाल, सांसद, विधायक, बोर्ड के सदस्यों, अध्यक्षों की सुख सुविधाओं, वेतन में कटौती क्यों नहीं हो रही है? अगर आमजन की दाल रोटी से देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है तो जनप्रतिनिधियों के मेवा मिष्टान्न, हवाई यात्रा, आलीशान बंगले, सुरक्षा व्यवस्था, नॉकर चाकर के खर्च से भी देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ी हुई है। कहने के लिए तो अच्छे दिन के सपने दिखाकर  सरकार में आये,वादे तो भूल ही गये ।अब केवल नफरत फै...

देश के 15 वां राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ! /प्रसिद्ध यादव।

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  प्रधानमंत्री कब बनेगा अंतिम पायदान के लोग? पूछता है भारत। देश के 15 वां राष्ट्रपति का चुनाव सम्पन्न हुआ और परिणाम भी घोषित हुआ। देश की पहली अनुसूचित जनजाति की महिला,आजाद भारत में जन्म हुई और सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति निर्वाचित हुईं। अम्बेडकर का यही सपना था लेकिन राष्ट्रपति का अधिकार विशेष परिस्थितियों में मालूम होता है । सामान्य परिस्थितियों में प्रधानमंत्री ही देश को चलाते हैं। देश को जब अंतिम पायदान के लोग प्रधानमंत्री पद पर काबिज हो जाएगा,उस  दिन सचमुच लोकतंत्र अंगड़ाई लेगा। कमजोर वर्ग के भी राष्ट्रपति बने ।क्या अपनी मर्जी से एक भी राज्य का किसी को राज्यपाल बना पाए?नहीं।प्रधानमंत्री जिसकी नाम की सिफारिश करते हैं राष्ट्रपति उसी पर मुहर लगाते हैं। देश के चाहे पक्ष हो या विपक्ष किसी में यह ताकत नही है कि किसी भी अत्यंत कमजोर वर्ग को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार घोषित कर दे। आइए जानते हैं, राष्ट्रपति के कार्य, अधिकार और शक्तियों के बारे में. सर्वोच्च सेनापति होते हैं राष्ट्रपति देश के संविधान के मुताबिक, लोकतंत्र के तीन मजबूत स्तंभ होते हैं- कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपाल...

क्या मेरे साथ रह पाओगे ? (कविता)-प्रसिद्ध यादव।

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शर्त बड़ा है निभाओगे? न किसी की चापलूसी न किसी की चुगली न किसी के हां में हां करता हूँ क्या कर पाओगे ? न किसी के आगे पीछे न किसी के ऊपर नीचे  न भय है, न भाग्य को मानता हूं दोहरे चरित्र वाले को न फूटी नजरों से देखता हूँ सत्य पथ पर चलने के लिए अपनों के साथ भी छोड़ता हूँ। क्या साथ छोड़ पाओगे ? न कोई मेरा मित्र न कोई शत्रु है जो मानवता की सेवा करे उसे ही मानता हूँ। न झूठ न पाखण्ड न अंधविश्वास को मानता हूँ न कोई ऊंच न नीच न कोई छोटा न बड़ा समतामूलक समाज को मानता हूँ। न भ्रष्टाचारी, न व्यभिचारी न शोषक ,न अत्याचारी  बुद्ध की दया ,करुणा  मदर टेरेसा की मानव सेवा दशरथ मांझी के संघर्ष को मानता हूँ। क्या मान पाओगे ? न जाति, न धर्म,न क्षेत्र,न भाषा में भेदभाव करता हूँ वसुधैव कुटुंब को मानता हूँ। कबीर दास के सखी पड़ता हूँ। क्या पढ़ पाओगे? न आग लगता हूँ  न ऐसे के साथ रहता हूँ न मन में अहंकार न चित में विकार  पत्थर को नहीं पूजता न आडम्बर करता हूँ दीन हीन को गले लगता हूँ। लगा पाओगे? क्या मेरे साथ रह पाओगे?

भगोड़े ब्रहांड सुंदरी के साथ गाल में गाल सटाये!देशवासी महंगाई से आंसू बहाये! /प्रसिद्ध यादव।

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   ढलती उम्र में देश के धन संपदा लेकर भागने वाले को ब्रह्मांड सुंदरी के गाल में गाल सटाने का अवसर मिला हुआ है। देशवासी महंगाई से जूझ रहे हैं, नित्य नया टैक्स दे रहे हैं। ललित मोदी ब्रह्मांड सुंदरी को आलिंगन करते हुए "माल महाराज के मिर्जा खेले होली " कहावत को चरितार्थ कर रहा है। ये भगोड़े सब देश के अरबों खरबों लेकर भाग गए, लेकिन इसकी जिम्मेवारी किसी ने नहीं लीकी आखिर किसकी चूक से ये भाग गए? देश के लोग मेहनत कर उत्पादन कर रहे हैं, टैक्स भर रहे हैं, हर सितम सह रहे हैं और मजा मार रहा है भगोड़े। सावन दोनो के तन मन में आग लगाई है।बूढ़े ललित मोदी कम से कम इतना तो बता दें कि कैसे ब्रह्मांड सुंदरी को अपने आगोश में लिए हुए हैं?इसका राज तो बता दें। क्या सचमुच यही रामराज है?

इस दुनिया में आदमी की जान से बड़ा कुछ भी नहीं है /कवि सर्वेश्वर।

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       इस कविता को मनोयोग से पढ़ें। आपको जवाब मिल जायेगा। यदि तुम्हारे घर के एक कमरे में आग लगी हो तो क्या तुम दूसरे कमरे में सो सकते हो? यदि तुम्हारे घर के एक कमरे में लाशें सड़ रहीं हों तो क्या तुम दूसरे कमरे में प्रार्थना कर सकते हो? यदि हाँ तो मुझे तुम से कुछ नहीं कहना है। देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता कि एक हिस्से के फट जाने पर बाकी हिस्से उसी तरह साबुत बने रहें और नदियां, पर्वत, शहर, गांव वैसे ही अपनी-अपनी जगह दिखें अनमने रहें। यदि तुम यह नहीं मानते तो मुझे तुम्हारे साथ नहीं रहना है। इस दुनिया में आदमी की जान से बड़ा कुछ भी नहीं है न ईश्वर न ज्ञान न चुनाव कागज पर लिखी कोई भी इबारत फाड़ी जा सकती है और जमीन की सात परतों के भीतर गाड़ी जा सकती है। जो विवेक खड़ा हो लाशों को टेक वह अंधा है जो शासन चल रहा हो बंदूक की नली से हत्यारों का धंधा है यदि तुम यह नहीं मानते तो मुझे अब एक क्षण भी तुम्हें नहीं सहना है। याद रखो एक बच्चे की हत्या एक औरत की मौत एक आदमी का गोलियों से चिथड़ा तन किसी शासन का ही नहीं सम्पूर्ण राष्ट्र का है पतन। ऐसा खून बहकर धरती में जज्ब नहीं होता आका...

मृत्यु शैय्या से मुक्तिधाम तक टैक्स !प्रसिद्ध यादव।

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      देश में अभी अमृत काल महोत्सव चल रहा है, जो काम आजादी के बाद नहीं हुआ अब वो हो रहा है। जीवन की  परमावश्यक बस्तुओं खाद्य पदार्थों, पेय पदार्थों से लेकर अस्पताल शमशान घाट तक जीएसटी के दायरे में आ गया। डीजल ,पेट्रोल, एलपीजी गैस की महंगाई से लोग समझौता कर लिया है।अब देश हित में जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी सरकार को टैक्स देना है।  सरकार के 8 वर्षों के कार्यकाल में रुपये डॉलर के मुकाबले  काफी नीचे गिर गया, रोजगार के अवसर कम गया लेकिन इससे न सरकार की सेहत पर कोई असर पड़ी,न लोकप्रियता में कमी आई।इसका मतलब है कि पूर्ण बहुमत की सरकार को अभी और जनविरोधी नीतियों को लागू करने की इजाजत है।मेंअब तक जो प्रोडक्ट GST के दायरे में नहीं थे, इस बार उन तमाम खाद्य पदार्थों पर भी 5% का जीएसटी लगाया गया है. जो आम आदमी की जेब पर सीधा असर डालेगा. इसके साथ एक आम इंसान की किचन का बजट भी बिगड़ने वाला है. दूध ,दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं, मुरमुरे पर अब 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. कमला नगर में रहने वाली मधु गोयल का हर महीने किचन के लिए 5 हज...

*फुलवारीशरीफ को आतंकवाद का सेंटर बताकर पूरे मुस्लिम समुदाय को किया जा रहा टारगेट.* भाकपा-माले,/प्रसिद्ध यादव।

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   भाकपा माले इंसाफ मंच व एआइपीएफ की जांच टीम की रिपोर्ट. *आतंकवाद व देशविरोधी कार्रवाइयों में गिरफ्तार आरोपितों के खिलाफ प्रशासन एक भी ठोस सबूत नहीं दे सका.* *जांच टीम ने गिरफ्तार आरोपितों के घरों का किया दौरा, परिजनों व स्थानीय लोगों से की बातचीत* *एएसपी फुलवारीशरीफ से भी जांच टीम ने की मुलाकात, इमारत-ए-शरिया का किया दौरा.* *पूरा मामला राजनीति से प्रेरित, भाजपा के मिशन 2024 प्लान का हिस्सा, नीतीश कुमार की चुपी खतरनाक.* *फुलवारीशरीफ को आतंकवाद का सेंटर बताकर पूरे मुस्लिम समुदाय को किया जा रहा टारगेट.* *21-23 जुलाई को राज्य व्यापी नागरिक प्रतिवाद की घोषणा. भाकपा-माले, एआइपीएफ और इंसाफ मंच की एक संयुक्त राज्यस्तरीय टीम ने आज फुलवारीशरीफ का दौरा किया और पुलिस द्वारा आतंकवाद व देशविरोधी कार्रवाइयों के आरोप में मुस्लिम समुदाय के गिरफ्तार पांच में चार मामले की गहन जांच पड़ताल की. जांच टीम में भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो के सदस्य काॅ. अमर, भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, फुलवारी से पार्टी विधायक गोपाल रविदास, पालीगंज से पार्टी विधायक संदीप सौरभ, एआइपीएफ के गा...

कट्टरपंथ के खिलाफ सभी धर्म के उदारवादी लोग एकजुट हो -श्याम रजक /प्रसिद्ध यादव।

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  तेजस्वी जी ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मान प्रधानमंत्री जी के सामने कर ऐतिहासिक एवं सराहनीय कार्य किया है- आजाद गांधी     आज पटना में जननायक कर्पूरी ठाकुर विचार मंच  स्मारक न्यास के प्रांगण मे विशेष महत्वपूर्ण बैठक पूर्व विधान पार्षद श्री आजाद गांधी के अध्यक्षता में हुई, जिसका संचालन राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने की ।    इस अवसर पर अपने संबोधन में राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्री श्याम रजक ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के विचारों के अनुरूप समाज के निर्माण के लिए हम सभी को संघर्ष और उनके बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।  साथ ही स्मारक न्यास समिति के द्वारा भवन निर्माण होना है, उसमें उनकी छाया और झलक दिखनी चाहिए। उनके जीवन पर आधारित जीवनी और विचारों को भी इस भवन में रखने की आवश्यकता है ।  इन्होंने  ने कहा कि उदारवादी समाज से ही लोकतंत्र की रक्षा हो सकती है । सभी धर्म के उदारवादी लोग एकजुट होकर सभी कट्टरपंथी तत्वों का मुकाबला करें, क्योंकि देश  आज विकट परिस्थितियों का सामना कर रहा है। इसके लिए कर्पूरी जी के...

काश !आर्यभट्ट की नगरी खगौल को कोई पर्यटक स्थल व मॉडल शहर बना देता!/प्रसिद्ध यादव।

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     खगौल दानापुर विद्वानों की नगरी से दुनिया वाकिफ़ है।आर्यभट्ट की धशाला, चाणक्य की तपोभूमि,गुरुकुल के संस्थापक पंडित हरिनारायण शर्मा अनेक विभूतियों के चरण रज से यह पावन भूमि धन्य हुआ है लेकिन बदलते परिस्थितियों में जहाँ इसे ऊंचाइयों पर होना चाहिए था, आज तंग गलियों, सड़कों से  बदहाल है।ईशा पूर्व यह बसा शहर कभी यहां बड़े बड़े तालाब, नदियां थी,लेकिन सब लुप्त के कागार पर है।नदियों, तालाबों में बड़ी बड़ी इमारतें और नये नये नगर बस गए हैं।I आर्यभट्ट का वेधशाला और चाणक्य के तपोभूमि कहीं चिन्हित नही है कि जाकर लोग वहां देखें।पुरातत्व विभाग को यहां आकर खुदाई कर के चिन्हित कर स्मारक बनाना चाहिए था लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण किसी को कोई दिलचस्पी नहीं है।क्षेत्रीय विधायक और सांसद को अपने अपने सदन में प्रमुखता से इसके लिए आवाज उठाना चाहिए।  सरकार की उदासीनता के कारण खगौल एक पर्यटक स्थल नहीं बन पाया। क्षेत्रीय अधिकारी को भी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।खगौल में जितना तालाब ,सरकारी जमीन , धोबी घाट ,बड़ी खगौल से उत्तर दानापुर सोन सोती से  लेकर दक्षिण तरफगांधी उच्च विद्यालय नेशनल हाईवे 9...

केंद्र सरकार ने अनाजों पर जीएसटी टैक्स लगाकर खाने -पीने पर आफत कर दिया है- एजाज अहमद

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              बिहार प्रदेश राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद  ने आटा,  दाल, गेहूं, चावल, छाछ, पैक खाद्य पदार्थ,  अनाज,  बीज, दही ,पनीर ,लस्सी,  सहित अन्य समानो पर  5  प्रतिशत जीएसटी लगाये  जाने को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आजादी के 70 सालो के बाद पहली बार   अनाज पर टैक्स  लगाकर सरकार ने आम लोगो के खाने-पीने पर भी आफत कर दिया है। पूरे देश के अंदर मंहगाई की मार है। मंहगाई की मार को गरीब ही समझ सकता है,यह अमीर को महसूस नही होती है। गरीब और मध्यम वर्ग के लोगो की हालत  बेहद खराब हो रही है ।             इन्होंने ने कहा कि बेरोजगारी तो पहले से ही है अब सरकार के स्तर से मंहगाई  बढाने वाली नीति  जो जीएसटी के नाम पर केंद्र सरकार  हर दिन फैसले बदल रही है, ऐसा नही होना चाहिए । जिस तरह से लोगों में प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है सरकार को चाहिए कि अविलंब  आम जनों के हित में खाने के समान तथा अनाज पर  लगाये गये जीएसटी को वापस लिया जाए, क्य...

खगौल नो वेंडर जोन में वेंडर ही वेंडर!/प्रसिद्ध यादव।

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          खगौल लॉक से बड़ी खगौल तक लोगों को आने जाने में पसीना छूट जाता है। गाड़ियों के आने जाने की बात छोड़ दें।पैदल पैर रखने की जगह नहीं होता है। इस रास्ते में नगर परिषद के नव निर्मित कार्यालय ,पीएचसी ,थानां हैं।इसकी चौड़ाई करीब 90 फिट है,लेकिन यह सिकुड़ते सिकुड़ते 20 फिट रह गया और उस पर भी वेंडरों का कब्जा। फुटपाथ दुकानों को छोड़ दें, दर्जनों स्थाई  दुकान बने हुए हैं ।मोतिचौक स्थाई रूप से ऑटो स्टैंड बना हुआ है। यहां से बालिगा स्कूल होते रेलवे स्टेशन जाना एक साहसिक कार्य है, कमजोर लोगों को पीसने का डर बना रहता है।थाना के मुख्य द्वार पर भी वेंडरों का निर्भीकता से दुकान चल रहा है। अगर इमरजेंसी में पुलिस की गाड़ी को कहीं जाना पड़ा तो मस्कत करनी पड़ेगी। जगह जगह पर नगर परिषद का नो वेंडर जोन का बोर्ड लगा हुआ है लेकिन इस पर इम्प्लीमेंट करने की सुध किसी को नहीं है।  पहले इस सड़क पर वेंडर नहीं थे।कोरोना काल में डिस्टेंस का पालन करने में वेंडर आये तब से इन्हें यहां के फुटपाथों से प्यार हो गया और वे इसी के हो कर रह गए। इससे पूर्व वेंडरों का बसेरा दानापुर रेलवे स्टेशन के द...