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Showing posts from February, 2023

बिहार बजट 10 लाख युवाओं को मिलेगी रोजगार !-प्रसिद्ध यादव

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      । तेजस्वी यादव की घोषणा सरजमीं पर ! बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने घोषणा पत्र में 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की घोषणा की थी,जो इस बजट में अमलीजामा पहनाया गया है। बिहार से पलायन का प्रमुख कारण बेरोजगारी है। इस बजट का आकार 2022-23 में 237651.19 करोड़ रुपये के विरुद्ध इस वर्ष 261885.4 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में वार्षिक स्कीम का कुल बजट अनुमान लगभग 1 लाख करोड़ रुपये हैं। स्थापना प्रतिबद्ध व्यय का बजट अनुमान भी लगभग एक लाख 61 हजार करोड़ रुपये है- विजय चौधरी। शहरी क्षेत्रों में विभिन्न स्तर के आयोजन के लिए बहु उद्देश्यीय नगर भवन के रुप में सभी नगर निकायों में सम्राट अशोक भवन का निर्माण कराए जाने की योजना है। बस स्टैंड बनाने की भी योजना है। व्यक्तिगत शौचालय से लेकर क्लस्टर शौचालय, शहरी गरीबों के बहुमंजिला मकान, सभी शहरों और महत्वपूर्ण नदी घाटों पर शव दाह गृह मोक्षधाम का निर्माण कराया जा रहा है।  मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य में एथेनॉल नीति बन गई है। राज्य में 17 एथेनॉल इकाइयां निर्माणाधीन है। बरौनी में 550 सौ करोड़ ...

*सेवानिवृत्त 36 रेलकर्मियों का किया गया "समापक भुगतान"

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*  पूर्व मध्य रेल, दानापुर रेल मंडल द्वारा आज दिनांक 28.2.2023 को फरवरी 2023 माह, में 36 सेवानिवृत्त हुए रेलकर्मियों को, दानापुर मंडल रेल प्रबंधक, कार्यालय के सभागार में, "समापक भुगतान एवं विदाई" दिया गया।  इसमें रेलसेवा से सेवानिवृत्त उपस्थित रेलकर्मचारियों को  मंडल रेल प्रबंधक / दानापुर, द्वारा अंगवस्त्र एवं बैग देकर सम्मानित करते हुए, भावभीनी विदाई दी गई। कार्यक्रम की शुरुआत वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी द्वारा किया गया; जिन्होंने आज के समापक भुगतान का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किये। वहीं मंडल रेल प्रबंधक / दानापुर ने अपने संबोधन में, उपस्थित सेवानिवृत्त होने वाले रेल कर्मचारियों के सुखद, स्वस्थ एवं समृद्ध भविष्य की कामना की ।  सेवानिवृत्त होने वाले रेल कर्मियों को एक्युप्रेशर, होमियो पैथ तथा  आयुर्वेदिक के डॉक्टरों द्वारा स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन जीने के तरीके को विस्तारपुर्वक बताया गया। इस मौके पर मंडल के अन्य अधिकारी एवं एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहें।

" त हम कुँवारे रहें ?" नाटक की नाट्य समीक्षा -प्रसिद्ध यादव।

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  दहेज प्रथा पर करारा प्रहार!   27 फरवरी को कालिदास रंगालय ,पटना में सूत्रधार खगौल द्वारा 57 वीं नवीनतम  नाट्य प्रस्तुति  महासचिव नवाब आलम की दूरदर्शिता, सतीश कुमार मिश्र लिखित ,नीरज कुमार द्वारा निर्देशित  ,प्रसिद्ध यादव द्वारा समन्वित " त हम कुँवारे रहें?" नाटक  दर्शकों को हास्य व्यंग्य के  हिंदी मगही भाषा में संवादों के साथ   भरपूर मनोरंजन के साथ सामाजिक बुराइयों पर करारा प्रहार किया गया ।बेटा के ब्याह कर रहे हैं कि बेटा के बेच रहे हैं जी ! कोई बेटा कलक्टर हो चाहे चपरासी ,दहेज काहे कम लेंगे।आखिर बेटा है त बेटे न रहेगा कि कौनो बेटी हो जाएगा। दहेजवे लेवे से न मालूम होता है कि किसका केतना औकाद है। जेतना ज्यादा दहेज मिलेगा, ओतने बड़का आदमी कहलायेंगे।ऐसे ही दहेज लेने वाले पर तीखी व्यंग के संवाद से चुभ रहा था .  दहेज लोभियों को।ज्ञान गुण सागर  अपने पिता से कहता है कि त हम कुंवारे  रहें लेकिन उसके पिता तीन लोक उजागर प्रसाद पर कोई फर्क नहीं पड़ता वह तो 1000000 दहेज के चक्कर में अपने अनपढ़ गवार और विकलांग बेटे की शादी नहीं करता है पित...

समलैंगिक पत्नी पति की हत्या करवाई !- प्रसिद्ध यादव।

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  ननद भौजाई में भी हुआ है प्यार! दोनों ने रचाई थी शादी। ये न कोई काल्पनिक कहानी है और न ही कोई दूर दराज की घटना है। ये समलैंगिक की कहानी पटना जिला के फुलवारी शरीफ थाना की है। मैं इसी थाना के 41 में रहता हूँ और भुसौला दानापुर थाना संख्या 42 में है। हत्या की वारदात पड़ोसी थाना शाहपुर के सरारी गाँव के पास की है।इन घटनाओं की जिक्र करने के पहले एक बात जानना जरूरी है कि जहां राम की हत्या हुई है ठीक करीब 8 माह पहले बड़ी खगौल के डेकोरेटर पप्पू पंडित की उसी जगह के आसपास दिन में हत्या हुई थी। कही हत्यारों  के लिए यह सेफ जोन तो नही है। मुफ्त का मिला चीज बहुत हानिकारक और कभी कभी जानलेवा भी होता है। पवन राम को लगा कि मुफ्त में एक पर एक फ्री  मिल गई, लेकिन समलैंगिकता की बीमारी ने जो थी उसे भी छीन ली। पत्नी अपने सहेली के साथ खुश रहने लगी थी, उसे पति की जरूरत खत्म हो गई थी लेकिन पति को पत्नी की जरूरत थी और यही कारण है कि दूसरी युवति के साथ पत्नी के समलैंगिक संबंध का विरोध करना पति का महंगा पड़ गया..और पत्नी ने अपनी समलैंगिक साथी के साथ मिलकर साजिश कर हत्या करवा दी..इसका खुलासा पुलिस की...

मेरी यादों की झरोखे से !- प्रसिद्ध यादव।

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  खुशी के आंसुओं के साथ मेरे पौत्र पौत्री नंदलूर आंध्रप्रदेश सेअपने दोस्तों से जुदा होने का गम भी। अपनी माटी दानापुर बिहार में आगमन।साढ़े 11 वर्षों के बनवास काट कर। यात्रा हमें सीख देती है। अब व्यक्ति पर निर्भर करता है कि किसने क्या सीखा? यादों में क्या संजोया ?हर आदमी को यादों के पल को कलमबद्ध करना चाहिए। इससे यादें ताजा हो जाती है और उसकी सीख दूसरे के साथ शेयर करने में आनन्द भी आता है। आइये मेरी संक्षिप्त यात्रा के साथ आपको ले चलते हैं। पहली बार ट्रेन पर चढ़ा जब मैं अपने नानी गांव पुनपुन के नीमा बैसा गया। पुनपुन से लंबी दूरी पैदल ही होता था लेकिन मुझे हर बार जाने में  पैर में कांटे या शीशे जरूर गड़ जाता था।बगल के गांव चनेडीह में इलायज होता था। नाना के  रहट चलाना मजा आता था। इसके बाद विद्यार्थी जीवन में ट्रेन से बोधगया विश्वविद्यालय में जाकर धरणा प्रदर्शन करना। 1989 से लगातार लालू जी के आह्वान पर पटना रैलियों में जाना। राजगीर,सारनाथ का भी यात्रा हुआ। रैली के कारण वीपी सिंह, चौधरी चरण सिंह, करुणानिधि, ज्योति बसु ,नायडू,ममता से लेकर अन्य विभूतियों के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त ...

यूपी के निर्दयी बुलडोजर राज !गरीबों की लाश पर विकास !- प्रसिद्ध यादव।

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  बुलडोजर राज को रामराज्य की संज्ञा दी गई है। माना कि विकास के लिए अतिक्रमण हटाना जरूरी हैं लेकिन गरीबों के लाश पर कैसा विकास है? किसी को फॉर्म हाउस चाहिये और किसी को दो गज जमीन भी मयस्सर न हो । ये कैसा रामराज है? उन मंदिरों को बनकर क्या होगा ? जहां पत्थरों की मूर्तियां के लिए करोड़ों अरबों लुटाए जा रहे हैं और जितेजगते क लिये आग की चिता सजा दी जाए। अयोध्या में जितने दीप जलाने में खर्च होते है, उतने में कितनी जिंदगियां आबाद हो सकती थी। अंधविश्वास का आलम यहाँ इतना है कियहां पत्थरों के आगे  मानवीय मूल्य शून्य है। कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में कब्जा हटाने राजस्व व पुलिस विभाग के अफसर पहुंचे तो कृष्ण गोपाल का पूरा परिवार गिड़गिड़ाते हुए बोला, साहब टाइम तो आप दे सकते हो, कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के सामने ही झोपड़ी के अंदर मां-बेटी जिंदा जल गई। हालांकि दोनों को बचाने के प्रयास में गृहस्वामी व रुरा इंस्पेक्टर झुलस गए।...

*रेल कर्मचारियो के आश्रितों के लिए प्रशिक्षण हेतु MOU पर किया गया साइन*

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  आज मंडल रेल प्रबंधक की उपस्थिति में दानापुर रेल मंडल में कार्यरत,  रेलवे कर्मचारियों  के आश्रितों के लिए रोजगारोन्मुखी कौशल विकास हेतु आई.सी.आई.सी.आई. फाउंडेशन फॉर इंक्लुसिव ग्रोथ के साथ मुफ्त प्रशिक्षण हेतु, MOU पर हस्ताक्षर  किया गया।  इससे रेलवे कर्मचारियों के आश्रितों, जो बेरोजगार हैं; उन्हें रोजगारोन्मुखी बनाने में मदद मिलेगा। कौशल के लिए आईसीआईसीआई अकादमी विभिन्न तकनीकी और गैर-तकनीकी पाठ्यक्रमों में अत्याधुनिक विशेषज्ञता और उद्योग प्रासंगिक प्रशिक्षण प्रदान करने पर ध्यान देने के साथ व्यावसायिक कौशल निर्माण कार्यक्रम प्रदान करती है, जिससे स्थायी रोजगार के अवसर मिलते हैं।

शहीदों के एक-एक खून के क़तरे ( कविता)- प्रसिद्ध यादव।

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  शहीदों के एक-एक खून के क़तरे गिरे जन्नत की भूमि पर सूनी  हुई माँ की गोद मिट गई माथे की सिंदूर अनाथ हुए औलाद बूढ़े बाप की टूटी लाठी  जली चिताओं की आग। रोते-विलखते हिंदुस्तानी वीरान  हुआ घर-आंगन, गांव-चौपाल सूना-सुना  दहाड़ मारती मईया खूंटा पे खड़ी आंसू बहाते    रम्भति गईया।  अनाथ हुऐ खिलखिलाते बच्चे सर धुनते,फफकते भाई दहलीज़ पर खड़े-खड़े शहीदों के एक-एक खून के क़तरे। कहाँ,क्यों,कैसे हो गई  भूल ? कैसे फूल बन गये धूल? किससे पूछूँ?थी किसकी लापरवाही?  हर्जाना चुकता करना है  क्या काफ़ी? एयर लिफ़्ट भी हो सकता था होनी तो कुछ और मंजूर थी। चिता की राख ठंढी भी न हुई थी चुनाव भाषण शुरू था  तालियां बज रही थी ठहाके लग रहे थे एसी में बैठकर दुश्मनों को ललकारते कभी सीमा पर जाकर दुश्मन को दहाड़ते। कुछ ऐसा कर दिखा खत्म हो जाये ख़तरे शहीदों के एक-खून के क़तरे । नोट - 4 साल पूर्व पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि सभा मेरे गांव बाबूचक में हुई थी, जिसमे फुलवारी से ध्रुव यादव, दिनेश रजक, कौशर खान, दिनेश पासवान सहित मेरे गांव के सैंकड़ों लोग श्रद्धांजलि ...

"खुदी को कर बुलंद इतना के हर तकदीर से पहले खुदा बन्दे से खुद पूछे के बता तेरी रज़ा क्या है"

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  आज महत्वाकांक्षी लोग इतने हो गए हैं कि उन्हें लगता है कि बड़े बड़े पद उन्हीं को मिल जाये। महत्वाकांक्षी होना ठीक है लेकिन योग्यता के पैमाने को भी देखना चाहिए कि हम कितने योग्य और संघर्षरत हैं। कोई जाति के नाम पर तो कोई धर्म के नाम पर रोना रोते हैं। राजनीति रूप से जुड़े लोगों को लगता है कि मैं कुछ बना ही नहीं है। इसलिए वे सीधे सीधे खुद के लिए न बोलकर जाति धर्म का ठीकरा फोड़कर दल विरोधी काम करते हैं। अगर किसी दल के लिए कितना समर्पण है, उसे बताना चाहिए। फलां जाति, धर्म के लोग अमुक दल में हाशिया पर जा रहे हैं। शीर्ष नेतृत्व की नज़र रहती है, आकलन रहता है कि किस लोकसभा ,विधानसभा, वार्ड से किसको कितना वोट मिला? कहाँ पराजित हुआ, कहाँ जीता? कौन सोशल मीडिया पर दल के समर्थन और विरोध में लिखता है।कुछ को भ्रम हो गया है कि वे ही सत्य व स्पष्टवादी लिखते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। सत्य और स्पष्ट शब्द जितना आसान लगता है, उतना अर्थ गूढ़ है।  राजनीति के न सब भगवतिया देवी बन सकती है न मुन्नी रजक । संघर्ष में न दशरथ मांझी बन सकते हैं, न कर्पूरी ठाकुर। जुझारू में न सब लालू यादव बन सकते हैं न कुर्बानी में...

बातों से भरते पेट !- प्रसिद्ध यादव।

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   पेट भरने के लिए भोजन की जरूरत होती है लेकिन  कुछ होशियार लोग भोजन के बदले बातों से पेट भरते रहते हैं।अमूनन गप्पी लोग ये ज्यादा करते हैं लेकिन परिस्थिति वश कुछ लोग भी ऐसा कर सम्बन्धियों को जल्द भागने का फिट नुक्शा मानते हैं। आज सुबह मेरे मित्र के एक साला को सुबह से ही पूरे खेतों के दिव्य दर्शान कराने लगे। पराधीन सपनेहु सुख नाहीं वाली बात हो गई। अब चाय पीने का मन करे या कुछ खाने का तो दूसरों के ही मन से। खेतों के दर्शन हुए।यहां तक तो बर्दास्त योग्य था,लेकिन उसके बाद बोरिंग पर चार पांच लोगों के साथ बैठाकर चौपाल लगा दिया। अब सब्र कहाँ? बेचारे साले बार बार घर चलने की मनुहार करने लगे,लेकिन चौपाल में कहानियां शुरू हो गई।बेचारे मन मारकर भूखे भजन न होहि गोपाला की तरह सुनते रहे। मुझसे यह त्रासदी देखी नही गई। मैं यह दृश्य करीब दो घण्टे से अपने घर से देख रहा था।रहा नही गया मुझसे। परूपकार के चलते मैं गया और उनके साले को बोला - बस ! यही दिन याद रखियेगा।ऐसे ही इनको खेतों में घूमते6 रहिएगा। अतिथि देवो भव का मतलब समझ में आ जायेगा। साले बोले कि मेरे घर से तो ये बाहर निकलते नहीं है और सा...

बुरी चीजों की अनेक पैरोकार ! -प्रसिद्ध यादव।

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  बुरी चीजों की अनेक पैरोकार !  हर जगह, हर समय मुफ्त में मिलते हैं ये उपहार ! न बिना शीशा के मकान  न बिना नशा के जवान ! महादेव की बुटी है जो पी लें तो जन्मघुट्टी है। मर्दों के लिए है जेल  जो नही गया एक बार  वो क्या जाने खेल! बुद्धि वर्धक चूर्ण  जो इसे खाता है वही है सम्पूर्ण ! सिगरेड की धुँए की छल्ले  उड़ाओ तो जीवन बल्ले बल्ले!   आदमी कहीं से लुटता है ।  क्योंकि  पैसा बोलता है ! अच्छी आदतों से क्यों है बैर ? इससे क्या नहीं मिलती ठौर ? सदाचार, सद्विचार, शिष्टाचार ,उत्तम व्यवहार खुद सुखी, दूसरे भी खुश। नशामुक्त, तनावमुक्त, भयमुक्त  क्या कम है? न दोहण, न शोषण ,न छीनाझपटी किसी से जितना है पास ,संतोष उसी से। संगति हो अच्छे की तब  बुरा कहाँ से होय! बुरे संगति में पड़ गए तो चैन कहाँ से होय।

पैसे बनाने वाली पुलिस जनता के प्रति कितनी समर्पित!- प्रसिद्ध यादव।

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   मद्यनिषेध पुलिस सिर्फ पैसा बना रही है। बिहार में शराबबंदी से पुलिस महकमे की चांदी हो गई है। मद्यनिषेध विभाग के पुलिस आय दिन शराब वाले अड्डे के पास जाती है जो शराबी मिलता है, उसे पकड़कर मोटी रकम वसूल कर छोड़ देती है। न कोई चालान काटती है न कहीं रिकॉर्ड मेंशन करती है। एक -एक शराबी से 15 -20 हजार रुपये वसूल कर पुलिस अपनी जेब गर्म कर रही है। जब पुलिस पर शराबियों या इसके धंधेवाजों पर हमला करती है  तब पुलिस विभाग के आला अधिकारियों की नींद टूटती है। अभी आमजन को समर्पित पुलिस सप्ताह मना रही है लेकिन पुलिस आमजन के प्रति क्या समर्पित रहेगी?खुद विभाग की परवाह नहीं है। 20 फरवरी के शाम में मद्यनिषेध विभाग की तीन गाड़ियां फुलवारी शरीफ के बाबूचक गाँव में आई और 4 लोगों को शराब पीने के जुर्म में पकड़ कर ले गयी। कुछ घंटों में सभी पकड़े गए लोगों से 15 हजार रुपये लेकर छोड़ दी।ये सिलसिला कई महीनों से चल रहा है और अबतक 100 ज्यादा क्षेत्र के लोग पकड़े गए और पुलिस मोटी रकम लेकर छोड़ दी।बिना चलाना के रुपये लेकर छोड़ देना उचित है। क्या पुलिस यही जनता के प्रति समर्पित है? पुलिस अगर जनता से अपनी क्रियाकला...

कुशवाहा अभी 8 बार ही गुलेटिया मारे हैं!- प्रसिद्ध यादव।

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       ठहरे हुए पानी में कंकर ना मार साँवरी मन में हलचल सी मच जायेगी बावरी हो। बिना हलचल मचाये कुशवाहा रह नही सकते हैं। अब बिहार के सीएम बनने की सपना भाजपा के साथ देखेंगे ,लेकिन भाजपा अब वो गलती कभी नही दोहराएगी ,क्योंकि 8 बार गुलेटिया मारना कम नही है।    उपेंद्र कुशवाहा   ने एक बार फिर अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल  के गठन की घोषणा कर दी है. वे इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी मनोनीत किए गए हैं. उन्हें नई पार्टी के सभी बड़े फैसले लेने के लिए अधिकृत किया गया है. हालांकि, इससे साथ ही एक तथ्य भी फिर सामने आ गया है कि नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा दोनों ही अचानक अपना मन परिवर्तन करते हैं और राजनीतिक रूप से चौंका देते हैं. इस बार जदयू छोड़ने और नई पार्टी बनाने की घोषणा करने के बाद वर्ष 2002 से अब तक उपेंद्र कुशवाहा 8वीं बार राजनीतिक पाला बदल चुके हैं.   आजादी के बाद भारत में कई सारी राजनीतिक पार्टियां जन्म ली। जिसमे से कुछ ही पार्टियों को राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा प्राप्त हुआ। आपको बता हैं की 7 फ़रवरी, 2020 तक भारत म...

आँखों की गहराई को समझ नहीं सकते, होंठों से हम कुछ कह नहीं सकते,! आई लव..!-प्रसिद्ध यादव।

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    बस देरी है तो सिर्फ इतनी की कौन पहले आई लव यू  कहता है?पहले आप पहले आप मे कहीं ट्रेन न छूट जाए।मुझ पर लोग बेकार की तोहमत लगाते हैं कि मैं किसी का नहीं हूं। अरे भाई! मैं तो सबका हूँ, जो मुझे दिल से चाहा मैं उसी का हो गया। अब इसमें मेरी गलती क्या है? मेरी आशिकी की दीवाने दुश्मन भी और दोस्त भी। मैं बड़ी नाजुक हूँ।मुझे संभाल कर रखना सबकी वश की बात नहीं है।मेरे तेवर, नखरे के लोग कायल हैं।गाना सुना है- तू चीज बड़ी है मस्त --..।इसके बाद भी आई लव यू कहने में शर्मा रहे हैं तो जानिएगा आप।कल फिर न ये कह दे कि मैं पलट गया। पहले से ही लोग पालतू - सलटू न जाने क्या क्या नाम दे दिया है।मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। जबतक कमल और लाल में 36 का सम्बंध है और जबतक यह रहेगा।मेरा जलवा कायम रहेगा। एक दिन मिट जाएंगे माटी के मोल .. मिट्टी में मिल जाएंगे ,मरते दम तक किसी के पल्लू में बंध जाऊं, लेकिन मेरे नखरे कम न होंगे। कैसे बयाँ करें हम यह हाल-ए-दिल आपको, कि तुम्हीं हो जिसके बगैर हम रह नहीं सकते। राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर, कितनी खामोश मोहब्बत की जुबान होती है। अपनी मोहब्बत पे इतना भर...

विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर जाने अन्याय की कथा!- प्रसिद्ध यादव।

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   सामाजिक  अन्याय की कथा, प्रवचन, चर्चा कहीं धार्मिक अनुष्ठान, उत्सवों में सुनाई नही पड़ी होगी, क्योंकि जब दमित, क्रूरता, छुआछूत, भेदभाव की कहानी लोग जान जाएंगे तो पाखंडियों की दुकानें बंद हो जाएगी।इसी अन्याय के जाल में यह दुकान चलती है।  सामाजिक अन्याय की कहानी  सामाजिक न्याय के योद्धा ही बता सकते हैं, क्योंकि उन्होंने इसे झेला है।सामाजिक न्याय योद्धाओं की बात करें तो भारत में बहुत लंबी सूची है। भारत के जर्रे जर्रे में सामाजिक अन्याय होता रहा। ज्योति बा फुले,सावित्री बाई,पेरियार, बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर ,शाहू जी महाराज,, शहीद जगदेव प्रसाद,कर्पूरी  ठाकुर,लालू यादव,  मुलायम सिंह यादव, शरद यादव से लेकर अनगिनत योद्धा हुए तब आज नीचे  के लोग स्वाभिमान से सर उठाकर जी रहे हैं। लोगों को सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 20 फरवरी सामाजिक न्याय का विश्व दिवस मनाया जाता है. ताकि युवाओं को सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने और लिंग, आयु, नस्ल, जातीयता, धर्म, संस्कृति या अक्षमता के संबंध में बाधाओं को दूर करने के लिए जागरूक ...

उपेंद्र कुशवाहा न घर के, न घाट के रहेंगे !- प्रसिद्ध यादव।

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   उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश एकबार सदन के विपक्ष के नेता बन दिया, खुद को बिहार के सीएम होने का ख्वाब देखने लगे।यह अच्छी बात है, देखना चाहिए। इतना अस्थिरता वाले नेता हैं कि केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण मंत्री के पद पर रहते हुए .घोंच दिखाते रहे। राजद के साथ गठबंधन बनाये ।खुद तो गये सनम दूसरों को भी लेते गये।इनका कोइरी, कुशवाहा के नेता होने का भ्रम टूट गया। अपनी पार्टी आरएलएसपी को जदयू में विलय कर लिया और बन गए संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष। इसके बाद बिहार दौरा शुरू किया तभी लगा कि ये डागरा पर के बैगन है। फिर कुछ करेंगे। अब भाई के बटवाड़ा में आधा हिस्सा मांग रहे हैं। अपनी डील, कभी राजद की डील की बात करते हैं।खुद नीतीश के उत्तराधिकारी चाहते हैं। जदयू अकेले सत्ता में आये तो बनिये कौन मना कर दिया है। इससे पहले जगदेव बाबू के उत्तराधिकारी बनने के रेस में थे और उनके पुत्र नागमणि के साथ अपनी चेहरा चमका रहे थे। नागमणि समझ गए कि ये आस्तीन के सांप है और बोले कि ये एक वार्ड के चुनाव जीतकर दिखाए। उपेंद्र कुशवाहा न जाने कितनों कुशवाहा नेताओं के दुरुपयोग किया, धन,बल से अपनी राजनीति चमकाते रहे। स्व सत्य...

Gi Tag को जानें! बिहार के मखाना, जर्दालु आम,मगही पान, शाही लीची ,कतरनी चावल को मिला है !- प्रसिद्ध यादव।

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  साल 2003 में  जीआई टैग  को शुरू किया गया था। यह वस्तुओं के उत्पादन और उनको पहचान और विशेषता दिलाने के लिए दिया जाता है। भारत में  जी आई टैग  ऐसी सभी वस्तुओं को दिया जाता है जिनकी अपनी एक विशेष खासियत होती है। यह टैग विभिन्न राज्यों या क्षेत्रों में पैदा होने वाली फसलों या वहां पर तैयार किए जाने वाले उत्पादों को विश्व में अपनी विशेष पहचान दिलाने के लिए प्रदान किया जाता है। ऐसा नहीं है की एक वस्तु के लिए केवल एक ही क्षेत्र या राज्य को जीआई टैग दिया जाए। कई बार जी आई टैग को एक ही वस्तु के लिए दो या तीन राज्यों के लिए दिया जाता है क्यूंकि उन दोनों ही राज्यों में 1 ही प्रकार के उत्पाद या वस्तु का प्रोडक्शन किया जाता है। उदहारण के लिए पंजाब और हरियाणा दोनों ही राज्यों को चावल के उत्पादन के लिए जीआई टैग दिया गया है। उत्पाद के पंजीकरण और उसके संरक्षण के लिए दिसंबर 1999 में एक एक्ट पारित किया गया था। इस एक्ट को  Geographical Indications of Goods (Registration and Protection) Act, 1999  कहा गया। इस अधिनियम को साल 2003 में लागू किया जाने लगा जिसके तहत...

आमजन को समर्पित !2023 का बिहार पुलिस दिवस ._ डीजीपी बिहार।

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           कल से हर वार्ड और गांव में पहुंचेगी बिहार पुलिस। 27 फरवरी को बिहार पुलिस दिवस है। इस कारण सोमवार से ही पुलिस सप्ताह की शुरुआत हो रही है। कई तरह की तैयारियां इस बार बिहार पुलिस की तरफ से की गई है। इसे बताने के लिए रविवार को बिहार पुलिस की तरफ से  डीजीपी  राजविंदर सिंह भट्टी ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। अपने संदेश में  डीजीपी  ने कहा कि प्रत्येक साल 27 फरवरी को हम बिहार पुलिस दिवस मनाते हैं। लेकिन, 2023 का बिहार पुलिस दिवस आमजन को समर्पित किया गया है। इस कारण हमने इसे 'जन-जन की ओर बढ़ते कदम' का नाम दिया है। इस अभियान के तहत जन सहभागिता के लिए पुलिस की तरफ से बाइक रैली निकाली जाएगी और पुलिस कर्मी सीधे पब्लिक से मुखातिब होगी। पुलिस से जुड़ी समस्याओं और सुझावों के बारे में जानेगी। पुलिस की 'जन सहभागिता बाइक रैली' 20 फरवरी से शुरू होगी और 26 फरवरी तक चलेगी। इसके तहत शहरी क्षेत्र के हर वार्ड के साथ ही राज्य के 46 हजार गांव में पुलिसकर्मी पहुंचेंगे।  डीजीपी  ने कहा कि इस दरम्यान पुलिस कर्मी आप से बात करेंगे। आपकी समस्याओं ...

रामलखन सीताराम उच्च विधालय,सदीसोपुर के पुर्ववर्ती छात्रों का " मिलन समारोह" पाँच मार्च को होग।

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आज समसारा गाँव में रामलखन सिह सीताराम उच्च विधालय के पुर्ववर्ती छात्रों द्वारा, बिहार प्रशासनिक सेवा-2004 बैच के अधिकारी,श्री मनोज कुमार की अध्यक्षता में  एक  बैठक आयोजित हुई,जिसमें सर्वसम्मति से आगामी पाँच मार्च को पुर्ववर्ती छात्रों "मिलन समारोह" कराने का  निर्णय लिया गया। इस बैठक में श्री काशी नाथ वर्मा,श्री मथुरा प्रसाद, श्री कामेश्वर वर्मा, श्री सचिन्द्र कुमार, डाॅ.शशि कुमार,  भाजपा नेता सत्येन्द्र वर्मा,समाज सेवी कवि कुशवाहा, हक सहामुल,सतीश कुमार,दिलीप कुमार,संजय कुमार,रितुरंजन कुमार कंचन,संतोष कुमार, कृष्णा कुमार राॅकी  महेन्द्र कुमार निराला,एन.के. वर्मा  "गुल्लु",दयानन्द वर्मा  सहित कुल छब्बीस लोग उपस्थित हुए। कार्यक्रम का संचालन तनबीरूल हक"चाँद" तथा धन्यवाद ज्ञापन अखिलेश उपाध्याय ने किया।

पेट की आग बुझाने में बूझ जाती है जिंदगी ! ( कहानी )- प्रसिद्ध यादव।

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  गरीबों की जीवन संघर्षों, अभावों,दर्द व पीड़ा में होती है।ये इनके साथी होते हैं या यूं कहें साया की तरह साथ -साथ होते हैं।  बात 1976 की है।मेरी उम्र करीब 9 साल की रही होगी। दीपावली आने वाली थी। लोग घरों की साफ सफाई कर रहे थे।गांव के अधिकांश घर मिट्टी खपरैल के थे। हर कोई दिवाली में अपने परिवार के लिए मिठाई, खिलौने खरीदने की जुगाड़ में थे। उन दिनों गांवों में बिजली नही थी ,ना ही मोमबत्ती की उतनी चलन थी। लोग मिट्टी के दीप जलाते थे। मिट्टी की दीप, खिलौने, कुल्हिया चुकिया का बहुत डिमांड थी।मेरे गांव में अनेक घर कुम्हार( प्रजापति ) रहते हैं।उन दिनों इनलोगों के पुश्तैनी काम यही था। इसे बेचकर अच्छी आमदनी कर लेते थे। संत पंडित बहुत अच्छे कारीगर थे।ये भी  दिया पकाने के लिए आम की बगीचे में कुल्हाड़ी लेकर गए। शाम होने वाला था, लकड़ियां काट काट कर इकट्ठा कर लिए थे। थोड़ी सी लकड़ी के लिए फिर पेंड़ पर चढ़ गए। हमलोग कौतूहल वश नीचे से देख रहे थे। लकड़ी काटते काटते  धड़ाम से जमीन पर गिर पड़े और छटपटाने लगे।हम लोग छोटे थे हल्ला करना शुरू किया। गांव के जवान लोग टांग कर ले जाने लगे,लेकिन वे अपने घ...

खगौल के तालाब - धर्मशाला पर कब्जा !प्रसिद्ध यादव।

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   दानापुर प्रखंड में 35 तालाब चिन्हित किया गया है, इसमें अधिकांश अतिक्रमित है या अपनी पहचान खो चुका है। खगौल की बात करें तो पेठिया बाजार का विशाल तालाब धीरे धीरे भरा जा रहा है, इसके बगल के दादा धर्मशाला आलू प्याज का गोदाम बना हुआ है,बनारसी दास गुप्ता का बोर्ड लगा हुआ है।बनारसी दास गुप्ता कौन थे?उनका खगौल के विकास में क्या योगदान था ?ये बताने वाले भी कोई नही है। इनके परमार्थ में  दान में दिए गए  संपदाओं पर भू माफिया का कब्जा जरूर है।बगल में ही राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय है, जहाँ माननीय सांसद रामकृपाल यादव अपने  संसदीय कोष से 150000 रुपये के लागत से समसेबल और टंकी लगवाए हैं लेकिन तालाब की दुर्दशा और अतिक्रमित धर्मशाला किसी उद्धार करने वाले कि बाट जोह रहे हैं। जोड़ा तालाब, कच्ची तालाब ढूंढने से भी नही मिलेगा। बड़ी खगौल के पास धोबी घाट और बड़े बड़े तालाब  बिल्डिंग अपार्टमेंट में बदल गई। गांधी विद्यालय की जमीन बिक गई, गांधी आश्रम निजी आश्रम बनकर रह गया है। बादल हाऊस बिकने की बारी है। जगतनारायण लाल कॉलेज चाहरदीवारी होने से बची हुई है। खगौल थाना से लेकर मोतिचौक स...

अहंकार से जन्मा क्रोध समूल्य नाश कर देता है।-प्रसिद्ध यादव।

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  जब ताकत हो रक्षक बने,धन हो तो दानी,ज्ञानी तो विनम्र बने । आज ठीक विपरीत हो रहा है और ऐसा कर खुद बर्बाद करते हैं।। मानव ही है जो हर रस का सदुपयोग कर सकता है, श्रृंगार रस, काव्य रस से लेकर वीर रस तक। अब लोग अपने अपने मन से इसका उपयोग करते हैं। जब अहंकार की यह भावना घर कर जाए कि मैं चाहे व्यक्तिगत हो या सामूहिक, किसी भी रूप में सर्वश्रेष्ठ, सर्वगुण संपन्न, शक्तिशाली और कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हूं तब जो सात गुण जीवन की डोर थामने के लिए बनाए गए हैं उनका अस्तित्व समाप्त होने लगता है। पवित्रता, शांति, स्नेह, प्रसन्नता, ज्ञान, शक्ति और गंभीरता के रूप में कहे गए ये सभी गुण समाप्त हो जाते हैं और अहंकार से जन्मा क्रोध जंगल की आग की भांति सब कुछ नष्ट करने हेतु अपने विकराल रूप में दिखाई देता है। क्रोध की आयु पानी में खींची गई एक लकीर से अधिक नहीं होती लेकिन इससे उत्पन्न हठ या जिद इतनी ताकतवर होती है कि एक क्षण में हमसे हिंसा, हत्या, आत्महत्या जैसे भयानक अपराधों से लेकर वह सब कुछ करा देती है जिसका परिणाम जीवन भर भुगतना पड़ सकता है।  अचानक जैसे आंधी तूफान जैसा कुछ हो जाए, सब कुछ बिखरता...

नाथों के नाथ आशुतोष भोलेनाथ!। प्रसिद्ध यादव।

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     आशु का अर्थ होता है शीघ्र और तोश का अर्थ होता है तुष्ट होने वाला, प्रसन्न होने वाला। भगवान अपने भक्तों की प्रार्थना से तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं, इसलिए उन्हें आशुतोष कहा जाता है। वे मात्र जल से अभिषेक कर देने से ही तुष्ट हो जाते हैं, अधिक कुछ करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। प्रकृति में सहज पाए जाने वाले बेल पत्र, धतूरा चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं। जिसका कोई नहीं, उसके भोलेनाथ होते हैं। भूत प्रेत, पिचाश, किन्नर, साँप, बिच्छु सभी भोलेनाथ नाथ के साथी हैं अर्थात संम्भाव, समतामूलक दृष्टि रखते हैं। यही कारण है कि बिना भेदभाव के सभी इनके शादी में बाराती बन कर गये थे। लोकहिकारी हैं, तभी तो अमृत छोड़ हलाल विष को पीकर नीलकंठ महादेव हो गये। शमशान की राख को अपने बदन में लगाते हैं ताकि लोग समझें कि मृत्यु सारभौम सत्य है और कभी अनैतिक कार्य नहीं करे।ये बाघ की छाला पहनते हैं इसका मतलब है कि मजबूत से मजबूत को भी उसके छल उधेर कर शरीर पर धारण करते हैं। इसलिए कोई अपने बल का दुरुपयोग न करे। भगवान शिव ने जिस तरह से सृष्‍ट‍ि में सामंजस्‍य बनाए रखने के लिए असर, तेज और तम गुण को त्रिशूल रूप...

खगौल में पत्रकार के पुत्र के साथ हिट एंड रन का असफल प्रयास ! - प्रसिद्ध यादव।

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    चोरी भी सीनाजोरी भी। खगौल एक दबंग व्यवसाई और उनके पुत्र का मन इतना बढ़ गया है कि आम लोगों के साथ आए दिन चोरी और सीनाजोरी के तर्ज पर गाली गलौज,मारपीट, धमकी व  रंगदारी करने पर उतारू होता है। वहीं उसका विरोध करने पर उल्टे व्यवसाय के ढाल पर आमजन को जुर्मी बताकर अपना गोरखधंधा कर रहा है। दबंगई और नगर में हनक ऐसी की खगौल थाना के सामने गिट्टी, बालू,बांस रखकर अवैध तरीके से अतिक्रमण कर   दशकों  से व्यवसाय कर रहा है। इसकी दबंगता की वजह दिग्भ्रमित युवाओं को किसी धार्मिक अवसर पर विशाल जुलूस निकाला कर अपनी शक्ति प्रदर्शन करना ताकि आमजन से लेकर पुलिस प्रशासन ने इसकी ख़ौफ़ बनी रहे। इसकी आर में ही ये अतिक्रमण का गोरखधंधा बना हुआ है। आमजन के सामने एक चरित्रवान, ईमानदार होने की छवि बनाने की ढोंग करता है। बात बात पर बाजार बंद करने की एकाधिकार को हथियार बना लिया है। और किसी की नजर से किसी धुरताई, बेईमानी बच सकती है लेकिन एक सच्चा पत्रकार की नजरों से कोई अपना कुकृत्य नही बचा सकता है।एक ताकतवर कोई हरा सकता है लेकिन एक कलम चलाने वाले से पंगा लेना कितना मुश्किल हो सकता है, कोई सोच...