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Showing posts from June, 2023

*दानापुर रेल मंडल द्वारा सेवानिवृत्त 08 रेलकर्मियों का किया गया "समापक भुगतान"*

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  पूर्व मध्य रेल, दानापुर रेल मंडल द्वारा आज दिनांक 30.6.2023 को जून 2023 माह, में 08 सेवानिवृत्त हुए रेलकर्मियों को, दानापुर मंडल रेल प्रबंधक, कार्यालय के सभागार में, "समापक भुगतान एवं विदाई" दिया गया।  इसमें रेलसेवा से सेवानिवृत्त उपस्थित रेलकर्मचारियों को मंडल रेल प्रबंधक / दानापुर, द्वारा अंगवस्त्र एवं बैग देकर सम्मानित करते हुए, भावभीनी विदाई दी गई। कार्यक्रम की शुरुआत वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी द्वारा किया गया; जिन्होंने आज के समापक भुगतान का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किये। वहीं मंडल रेल प्रबंधक / दानापुर ने अपने संबोधन में, उपस्थित सेवानिवृत्त होने वाले रेल कर्मचारियों के सुखद, स्वस्थ एवं समृद्ध भविष्य की कामना की ।  सेवानिवृत्त होने वाले रेल कर्मियों को एक्युप्रेशर, होमियो पैथ तथा  आयुर्वेदिक के डॉक्टरों द्वारा स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन जीने के तरीके को विस्तारपुर्वक बताया गया। इस मौके पर मंडल के अन्य अधिकारी एवं एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहें।

हाय रे बेवफ़ा !- प्रसिद्ध कुमार।

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    तू मरद  बा कि माथा के दरद रे  ! -"  जोरू जमीन जोर के , नहीं तो कोई और के।" " लिख कर तेरा नाम जमीं पर पत्नी पत्नी करता हूँ, तेरी ही सज़दा करता हूँ !" यही अभी कर रहे है डेवोडेड हसबैंड ! हर मर्द के कामयाबी के पीछे पत्नी की हाथ होती है और पत्नी की कामयाबी के पीछे पति का हाथ हो तो बेचारे पति पत्नी विहीन हो जाते हैं। आलोक  की  साल  2010 में उसकी वाराणसी के चिरई गांव की रहने वाली ज्योति से शादी हुई। ज्योति ने शादी के बाद आगे की पढ़ाई करने की इच्छा जताई। उसके बाद आलोक ने अपनी छोटी सी तनख्वाह में से पैसे काटकर उसकी पढ़ाई के लिए रुपये जोड़े। उन्होंने उसका दाखिला प्रयागराज के एक अच्छे कोचिंग सेंटर में कराया था। साल 2015 में जिस दिन उसके घर दो जुड़वा बेटियां हुईं, उसी दिन पीसीएस का रिजल्ट आया और ज्योति का सेलेक्शन पीसीएस में हो गया। पूरे घर में खुशी छा गई। उस समय ज्योति ने इसका श्रेय अपने पति आलोक मौर्य और ससुर को दिया। मगर आज  पीसीएस पत्नी ज्योति ने अपने उसी पति और उसके परिवार वालों के खिलाफ दहेज मांगने, बदनाम करने और उत्पीड़न करने का आरोप लगाते ह...

Movie Review 1922 Pratikaar Chauri Chaura Movie Review - 1922 प्रतिकार चौरी चौरा ! - प्रसिद्ध यादव

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  कलाकार  - रवि किशन,अनिल नागरथ ,पवन पांडेय, अशोक बनथिए। पार्थ मिश्रा,विकल्प श्रीवास लेखक     - अभिक भानु निर्देशक   - अभिक भानु निर्माता    - अभिक भानु प्रचारक    - संजय भूषण पटियाला रिलीज़ डेट  -30 जून 2023 रेटिंग    - 3/5 जालियांवाला बाग हत्याकाण्ड का प्रतिशोध है फिल्म ''1922 प्रतिकार चौरी चौरा''   एक शानदार पीरियड ड्रामा फ़िल्म है 1922 प्रतिकार चौरी चौरा .!                              भारतीय सिनेमा में आज़ादी से लेकर अब तक सैकड़ों फिल्में बनी जिनमें आज़ादी की लड़ाई को विभिन्न प्रकार से दिखाया गया । वैसे ही एक घटना भारतीय आज़ादी की लड़ाई के लिए 1922 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद के चौरी चौरा में लड़ी गई । उसी घटना को केंद्र में रखकर फ़िल्म बनी है 1922 प्रतिकार चौरी चौरा । यह फ़िल्म एक सत्य घटना पर आधारित है और उस घटना ने देश के आज़ादी की लड़ाई को एक अलग ही रुख प्रदान कर दिया था । आज यह फ़िल्म रिलीज़ हुई है और रिलीज़ के साथ ही इस फ़िल्म ने इतिहास के ...

मैनपुर अंडा पंचायत कुकृत्यों से ही कुख्यात हो रहा ! - प्रसिद्ध यादव।

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     फुलवारी शरीफ प्रखंड के पहला पंचायत मैनपुर अंडा पंचायत यानी मेरा पंचायत अब कुकृत्यों के लिए कुख्यात हो रहा है।यह कुकृत्य आम आदमी नहीं , पंचायत के उम्मीदवार जनप्रतिनिधियों द्वारा हो रहा है। विगत चुनाव में इस पंचायत से मंझौली निवासी मिथलेश महतो मुखिया प्रत्याशी थे।5 वें स्थान पर रहे थे। गले में पीला पट्टी लिलार पर लम्बा लाल टिका और चुनाव के समय मंदिर पर भंडारा 24 घण्टे रामचरित मानस का पाठ।  ।मुँह में सीताराम .. । इलेक्ट्रॉनिक कार से बन्द शीशे में रईस की तरह घूमता था। मैंने कई बार देखा ।मुझे शक होता था कि कुछ गड़बड़ है इसके सहयोगी सरपंच के उम्मीदवार अच्छे खानदान ,संपति विरासत ,लेकिन काम ऐसा की निश्चर भी लजा जाए।मिथलेश महतो एक युवती को उसकी बीमार माँ के इलायज के लिए 20 हजार रुपये दिया।पैसे नही देने पर जबरन उसे इस धंधे में धकेल दिया और यही से इसकी पाप की नगरी लंका में आग लग गई। राजधानी पटना में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हो रहा है. एक बार फिर फुलवारी शरीफ के वृंदावन कॉलनी में पुलिस ने छापेमारी कर पुलिस ने सेक्स रैकेट का खुलासा किया है. जहां से कई लड़के-लड़कियों को आपत्तिजन...

युथ आइकॉन भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमला ! -प्रसिद्ध यादव।

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        गरीबों के लिए संघर्ष करना आसान नहीं है। गरीबों के हक हकूक के बातें करने वाले समन्तियों के निशाने पर आ जाते हैं। यही कारण है कि कुछ कायर  चापलूसी समन्तियों के तलवे चाटकर खुद को बेशर्मी से राजनेता कहता है। यूथ आइकॉन चंद्रशेखर संघर्ष के रास्ते को चुना और मनुवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते रहे हैं। उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के देवबंद इलाके में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमला हुआ है. वह दिल्ली से अपने घर सहारनपुर के छुटमलपुर कस्बे जा रहे थे. हरियाणा नंबर की कार से आए हमलावरों ने चंद्रशेखर पर 4 राउंड फायरिंग की. गोली उनके पेट को छूते हुए निकल गई. फायरिंग में आजाद की कार के शीशे भी टूट गए हैं. सीसीटीवी फुटेज में गाड़ी का नंबर एचआर70डी-0278 दिख रहा है. चंद्रशेखर को देवबंद के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. यहां से शुरुआती इलाज के बाद सहारनपुर के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है. अस्पताल के बाहर समर्थकों की भीड़ लगी हुई है. पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए दबिश देना शुरू कर दिया है. भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद देवबंद में संगठन के ...

हरी झंडी दिखाने से फुर्सत मिले तो मणिपुर पर भी मुंह खोलें पीएम ! -प्रसिद्ध यादव।

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       रेल डिरेल तो हो ही रही है।अब गृह मंत्रालय भी नहीं संभल रहा है।मणिपुर के हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गए, लेकिन हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रहा है।पीएम के विदेश से वापसी पर लगा कि मणिपुर की हिंसा पर अपनी चुप्पी तोड़ेंगे, लेकिन इन्हें इससे जरूरी काम एक दिन में 5 वन्दे भारत ट्रेन की हरी झंडी दिखाना था। हालांकि यह काम रेलमंत्री भी कर सकते थे लेकिन फिर मोदी मोदी ... का शोर कैसे होता ?  मणिपुर में जारी हिंसा पर पीएम नरेंद्र मोदी के रुख़ को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. उनके आलोचक आरोप लगा रहे हैं कि नरेंद्र मोदी राज्य में हिंसा के बीच अमेरिका चले गए. उन्होंने अब तक कोई बयान नहीं दिया है. हालांकि अमित शाह का कहना है कि नरेंद्र मोदी को राज्य के हालात के बारे में हर दिन जानकारी दी जा रही है. वो राज्य के हालात से बख़ूबी वाकिफ हैं. जब हमने श्रीमा से पीएम मोदी के मौजूदा की कथित चुप्पी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ये सवाल सिर्फ़ राज्य के बाहर ही नहीं अंदर भी उठ रहे हैं. उन्होंने कहा, "यहां महिलाओं के काफ़ी बड़े-बड़े संगठन है. हर दिन मैं ख़बरों में सुन रही हूं कि ये ...

जब रग - रग में भेद है ! तब कहो ! कैसे हम एक हैं ? ( कविता ) -प्रसिद्ध यादव।

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  जब रग - रग में भेद है ! तब कहो  ! कैसे हम एक हैं ? न साथ बैठ सकते ,न खा सकते  न नज़र उठाकर देख सकते । खुद को समझ बैठे स्वयम्भू । शेष क्या अवशेष है ? जब रग - रग में भेद है ! तब कहो  ! कैसे हम एक हैं ? चमड़ी की रंग से है भेदभाव   वर्ग ,जाति, गोत्र से है मनमुटाव । कहो ! कैसे हम अनेक हैं ? जब रग - रग में भेद है ! तब कहो  ! कैसे हम एक हैं ? तेरे जैसे ना हम पाखंड करते हैं प्रभु के नाम बेचकर धंधे चलाते हैं। निर्जीव से आस्था  के ढोंग  रचाते हो  सजीव से घृणा करते हो । क्यों इतना मनभेद है? जब रग - रग में भेद है ! तब कहो  ! कैसे हम एक हैं ? गैर - बराबरी जितनी है यहाँ दुनिया में और है कहाँ ? कहते हो महान हैं  ऐसे तुच्छ है कहाँ ? तेरे रग -रग में गुरुर है! जब रग - रग में भेद है ! तब कहो  ! कैसे हम एक हैं ? मेरा बोलना -लिखना हंसना - खेलना  भी  नहीं तुझे भाता  सवाल करूँ तो शामत ! सवालों का जवाब दूँ तो आफ़त ! कहो ! क्यों हमसे खेद है? जब रग - रग में भेद है ! तब कहो  ! कैसे हम एक हैं ? देश के प्रथम नागरिक का भी मंदिर में प...

नीतीश की तीर क्या भाजपा को चुभेगी !- प्रसिद्ध यादव।

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           पटना में महागठबंधन की बैठक को भाजपा ने ' ठग्स ऑफ हिंदुस्तान " ," फोटो सेशन " ," भ्रष्टाचारियों का मिलन " , " ठगबंधन " आदि  न जाने किस  - किस संज्ञाओं से नामकरण किया। यह भाजपा की हताश, निराशा का परिचायक है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बिहार में 22 सीटें मिली थी और इनके सहयोगियों को 7 थी  ।  बीजेपी ने केवल 31.0% वोट जीते, जो आजादी के बाद से भारत में बहुमत वाली सरकार बनाने के लिए पार्टी का सबसे कम हिस्सा है, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का संयुक्त वोट हिस्सा 38.5% था।  साल 2019 के लोकसभा चुनाव की ही चर्चा करें तो बीजेपी ने महज 43 फीसदी वोट पाकर लोकसभा की 300 से ज्यादा सीटों पर कब्जा जमा लिया। वहीं 57 प्रतिशत वोट उसके खिलाफ पड़े थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी वोट बैंक यानी 57 प्रतिशत पर निशाना साधा है।   नीतीश कुमार की 16 सीटें हैं और इसी 57 फ़ीसदी में जदयू की वोट मिलकर करीब 59 फ़ीसदी हो गई है।अब एनडीए और महागठबंधन के अनुपात 41 -59 हो गया है। अब ऐसे में 2024 के चुनाव में भाजपा की स्थिति क्या होगी...

मैं तो हूँ तेरे पास में ! संत कबीर।

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  कबीर साहेब ने बहुत अच्छी बात  कही थी  - मोको कहां ढूंढे रे बंदे, मैं तो तेरे पास में । ना तीरथ में ना मूरत में, ना एकांत निवास में । ना मंदिर में, ना मस्जिद में, ना काबे कैलाश में । कबीर इतना यथार्थवादी, तार्किक थे कि  हर पहलुओं को  करीब से देखें हैं। आज हम न घर में माँ -बाप, भाई- बहन , पासपड़ोस को भी नही देखते हैं। अभावग्रस्त लोगों से दूर भागते हैं और तीर्थधाम पर जाकर पंडों, पुजारियों से लात खाकर भगवान को ढूंढते हैं। मस्जिदों में 5 -5 टाईम जाकर उठक बैठक लगाते हैं ।सिर्फ शांति और बरकत के लिए।क्या वहां सब मिल जाता है? जीता - जागता आदमी पत्थर नज़र आता है और पत्थर भगवान , अल्लाह नज़र आता है। यह कैसी विडंबना है? कभी धार्मिक स्थलों के जाने के बजाय अपने माता-  पिता  परिजनों ,कुटुम्बों के सान्निध्य में बैठकर देखें,उनकी तकलीफों को महसूस करें, सकूं मिलेगा।

बढ़ती रेल दुर्घटनाएं , चिंताजनक ! -प्रसिद्ध यादव।

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    भारत में बढ़ती रेल दुर्घटनाएं चिंता का बिषय है। एक तरफ हम वन्दे मातरम जैसे दूरगामी ट्रेनों के परिचालन कर रहे हैं, बुलेट ट्रेन की ओर अग्रसर हैं तो दूसरी तरफ ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो रही हैं। ओडिशा बालासोर में जहाँ करीब 300 लोग हताहत हुए वही बंगाल में दो मालगाड़ी की टक्कर हो गई। बांकुड़ा के ओंडा स्टेशन की लूप लाइन पर बिष्णुपुर की ओर एक मालगाड़ी खड़ी थी. इसी दौरान बांकुड़ा से विष्णुपुर जा रही एक और मालगाड़ी लूप लाइन में घुस गई. चलती मालगाड़ी खड़ी मालवाहक ट्रेन के पिछले हिस्से से टकरा गई. इसकी गति तेज होने के कारण उसका इंजन दूसरी मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया. साथ ही कई डिब्बे मुड़े हुए भी हैं.   हालांकि इस मे जानमाल की क्षति नही हुई है, लेकिन घटना भयावह है। दुर्घटनाओं की वजह क्या है? कहीं निजीकरण या  परिचालन के स्टाफ में कमी तो नहीं है ? स्टाफ की कमी से निर्धारित घंटे से अधिक चालक, गार्ड, स्टेशनमास्टर, कंट्रोलर  काम करने से  प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं पड़ रहा है? अगर ऐसा है तो यह सरकार की नीतियों में दोष है । सरकार को  क्षमता के अनुरूप कर्मचारियों को बहाल...

यहाँ है कुछ भूखा ! ( कविता ) -प्रसिद्ध यादव।

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  यहाँ है  कुछ  भूखा ! कोई धन का  कोई निरोग तन का  कोई जागीर  कोई शांति मन का  यहाँ है   कुछ टूटा। यहाँ  है   कुछ  भूखा । कोई बल का  कोई छल  कपट का  कोई प्रसिद्धि  कोई ऐश्वर्य का  यहाँ है   कुछ रूठा। यहाँ है   कुछ  भूखा । न चैन किसी को  न रहने दे चैन किसी को  कोई आगे किसी के  कोई पीछे किसी के कोई बेवजह है  बीच किसी  का  करता अपने मन का  खूब है गुथम - गुथा। यहाँ है  कुछ  भूखा। कोई पावर का  कोई पद का  कोई सत्ता  कोई सत्ता के गलियारे का  चाटता है   कुछ जूठा । यहां है    कुछ भूखा! यहाँ चलता है झूठा का जालसाज का  फरेबी ,पाखंड ,अंधविश्वास का  आंखें दिखाता कुलटा । यहां है  कुछ  भूखा! दूसरों को दुख देकर  चाह है सुख का  लूट खसोट कर  धनवान होने का ब्यभिचारी होकर  संत होने का भ्रष्ट होकर  समाज सुधारक का  कुछ  माथे पर लेकर  घूमता है  पाप ...

ऐसी सनक की अपने ही परिवार के 6 लोगों को मौत के घाट उतार दिया !😢 प्रसिद्ध यादव।

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        परिवार स्नेह,ममता ,त्याग, न्याय ,समभाव, आदर भाव से चलता है।भले ही आज के आर्थिक दौड़ में लोग इसे महत्ता न देकर सिर्फ पैसों के पीछे भागे ,लेकिन कहीं न कहीं संवेदनाएं शून्य हो रही हैं और नतीजा खून का रिश्ता खून खराबा में बदल जाता है।ऐसे ही हृदयविदारक घटना  उत्‍तर प्रदेश में मैनपुरी जनपद के थाना किशनी क्षेत्र में  घटी , जहां एक ही परिवार के 6 लोगों की निर्मम हत्या हुई है. परिवार के ही बड़े भाई ने पूरी घटना को अंजाम दिया है. घटना को अंजाम देने के बाद शख्‍स ने खुद को भी गोली मार ली. वही, दो लोग हुए घायल हुए हैं. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक ने पूरी घटना का बारीकी से जायजा लिया. हत्‍या का ये पूरा मामला थाना किशनी क्षेत्र के ग्राम गोकुलपुर अरसरा का है. यहां के निवासी सोनू उर्फ अरुण, की बीती कल शाम को बारात जनपद इटावा के गंगापुर से लौट कर आई थी. सभी लोग शादी के जश्न में डूबे हुए थे और खाना खाकर सो गए थे. तभी रात्रि में लगभग 2:00 बजे सोनू के बड़े भाई शिववीर ने फरसे से हमल...

अकाल के लक्षण! पटना आसपास के मौसम पूर्वानुमान ।- प्रसिद्ध यादव।

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     आदि न बरसे अद्रा, हस्त न बरसे निदान। कहै घाघ सुनु घाघिनी, भये किसान-पिसान।। अर्थात आर्द्रा नक्षत्र के आरंभ और हस्त नक्षत्र के अंत में वर्षा न हुई तो घाघ कवि अपनी स्त्री को संबोधित करते हुए कहते हैं कि ऐसी दशा में किसान पिस जाता है अर्थात बर्बाद हो जाता है।  आसाढ़ी पूनो दिना, गाज, बीज बरसन्त। नासै लक्षण काल का, आनन्द माने सन्त।।  अर्थात आषाढ़ माह की पूर्णमासी को यदि आकाश में बादल गरजे और बिजली चमके तो वर्षा अधिक होगी और अकाल समाप्त हो जाएगा तथा का बरखा जब कृषि सुखाने कहावत चरितार्थ हो रहा है। आधा आषाढ़ महीना बीत जाने पर बारिश का नहीं होना किसानों के लिए चिंता का बिषय है। खेतों में हरी सब्जियां सुख गईं तो धान के बीज किसी तरह किसान पटवन कर बचा रहे हैं। बोगहा धान रोपने वाले खेती खत्म होने के कगार पर है। भारी गर्मी गिरने से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।लू लगने से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। 25 जून से हल्की बारिश की संभावना है और 1 जुलाई से भारी बारिश हो सकती है। आसमान में बादल छाए रहेंगे। आसमानी बिजली गिरने की संभावना है। जुलाई के प्रथम सप्ताह अच्छी...

रेलवे को सरारी गेट रेलवे क्रॉसिंग का कोई विकल्प नहीं है क्या ? -प्रसिद्ध यादव।

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     सरारी गेट रेलवे क्रॉसिंग पर फ़्लाईओवर के बिना जाम से त्रस्त लोग लेकिन भारतीय रेलवे के पास शायद इसका कोई विकल्प नहीं है या फ्लाईओवर ब्रिज बनाना नहीं चाहती है।  पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर स्टेशन से करीब 3 किमी पश्चिम सरारी गेट रेलवे क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर    के निर्माण नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी होती है। सरारी गुमटी रेल क्रॉसिंग दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग के व्यस्तम रेल खंड पर अवस्थित है। यहां से प्रतिदिन करीब 100 जोड़ी से अधिक ट्रैनों का आवागमन  होता है। एक ट्रेन को गुजरने में करीब 10 मिनट तक गेट बंद रहती है। इस तरह लगभग  24 घण्टे में करीब  औसतन 8 -10 घंटे गेट बंद रहती है। यहां जाम से  लोगअक्सर  परेशान रहते हैं। यह सही है कि रेल की पटरियों पर सबसे पहले चलने का अधिकार रेल को है,लेकिन आमजन के भी ख्याल रखने की जरूरत है। इसके बगल में पश्चिम शिवाला रेल क्रॉसिंग गुमटी कम बन्द रहती है फिर भी ओवरब्रिज बन रहा है तो सरारी गुमटी पर भेदभाव क्यों? चाहे जोखिम में जान हो या फिर आपातकाल में जल्दी निकलने की जरूरत, लेकिन   क्रॉसिंग पर ...

बीस सूत्री अध्यक्ष पद संगठन अध्यक्ष को नहीं मिलना चाहिए। - प्रसिद्ध यादव।

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  The words of a man's mouth are deep waters ;  बीस सूत्री अध्यक्ष पद के लिए संगठन के अध्यक्ष के लिए मारामारी है। अगर किसी राजनीतिक दल के अध्यक्ष प्रखंड स्तर पर बीस सूत्री के अध्यक्ष होते हैं तो संगठन के प्रदेश अध्यक्ष को मुख्यमंत्री होना चाहिए, लेकिन राज्य स्तर पर इसके अध्यक्ष सीएम होते हैं। जिला बीस सूत्री के अध्यक्ष कोई न कोई मंत्री होते हैं। एक व्यक्ति एक पद के नियम का घोर उल्लंघन होता है और राजनीति दल के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा भी होता है। जदयू का प्रचलन था कि जो अध्यक्ष होता था वही प्रखंड में बीस सूत्री के अध्यक्ष होता था लेकिन राजद में यह बात नहीं थी।अब महागठबंधन की सरकार है और गठबंधन के साथी प्रखंड स्तर पर बीस सूत्री अध्यक्ष के लिए मारामारी करेंगे। राजनीति में कौन आदमी कब क्या बन जायेगा ? कोई मापदंड नहीं होता है, जो ज्यादा गणेश परिक्रमा किया वो सफल रहा।हालाँकि तेजस्वी यादव ने कई बार तेजस्वी यादव ने बताया है कि गणेश परिक्रमा करने वाले कि नहीं चलेगी।ये समय पर मालूम हुआ कि कितना इम्प्लीमेंट हुआ। अध्यक्ष को बीस सूत्री अध्यक्ष बनने की शोर में मैं बुरी तरह फंस गया हूँ। हमा...

23 जून भारतीय राजनीति का ऐतिहासिक दिन होगा। -प्रसिद्ध यादव।

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   बिहार परिवर्तन की भूमि रही है। देश की राजनीति की धुरी रही है और जब यहां से बिगुल बजती है तो दिल्ली की कुर्सी हिलती है। 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन हो या 1974 की आपातकाल। देश साक्षी है कि परिवर्तन को कोई रोक नहीं सका है।23 जून को महागठबंधन की बैठक में भाजपा विरोधी नेताओं की जुटान कश्मीर से कन्याकुमारी तक और पूरब से पश्चिम तक होने वाला है। कॉंग्रेस के राहुल गांधी, प बंगाल से ममता बनर्जी, तमिलनाडु से स्टॅलिन ,आंध्रप्रदेश से हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली  से  केजरीवाल, यूपी से अखिलेश   दिग्गज बैठेंगे। नीतीश कुमार और तेजस्वी की इस एकता में अहम भूमिका है।  लालू यादव अपने अनुभव को साझा करेंगे । एक के खिलाफ एक चुनाव लड़ने की तैयारी है ।अगर सचमुच ऐसा हो गया तो भाजपा की गुरुर टूट जाएगी। भाजपा 9 साल में केवल नफरत ,दहशत, पाखंड,झूठ की राजनीति की है। भाजपा संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग विरोधियों पर खूब किया है। चरम पर महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के फसलों के दामों को उचित मूल्य नहीं देना ,पुरानी पेंशन योजना , पूंजीपतियों द्वारा देश की संपत्ति लेकर फरारी ,महिला...

अपने ही जमीन में आने जाने के लिए तरस रहे हैं रेलवे के इंजीनियर अनिल ! - प्रसिद्ध यादव।

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   दानापुर मंडल में पीडब्लूआई इंजीनियर अनिल कुमार अपने ही जमीन में रास्ते के लिए अपने छोटे भाई मणिशंकर से तरस रहे हैं। फुलवारी थाना में अपने प्लाट के लॉक होने पर 18 जून को  एक आवेदन दिया ।इससे पूर्व भी फुलवारी अंचलाधिकारी को अनिल ने  पारिवारिक बटवारा पर आपत्ति जताई थी कि उनके अनापत्ति पत्र के बिना बटवारा कर दिया गया, लेकिन फुलवारी अंचल का ट्रैक रिकॉर्ड इतना गंदा है कि  यहां के सीओ पर आरोप तक गठित हो गया है।फुलवारी के थाना अध्यक्ष भी निलंबित हो चुके हैं। फुलवारी में सिर्फ पैसा बोलता है, साक्ष्य ,तथ्य नहीं। रेलवे के ट्रैक को देखभाल करने वाले इंजीनियर अनिल सुलभ और सुरक्षित रेल चले इसकी भरपूर ध्यान रखते हैं।अभी दानापुर मंडल कार्यालय में सेफ़्टी को देखते हैं।यह दुर्भाग्य ही कहे कि देश की लाइफलाइन को सुरक्षित व सेफ्टी रखने वाले अपने ही छोटे भाई से अपनी लाइफलाइन और सेफ्टी के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं।  मामला इस तरह है - फुलवारी अंचल के बोधगवां मौजा के बसन्तचक निवासी स्व शियाशरण सिंह के 5 पुत्र हैं।ज्येष्ठ पुत्र इंजीनियर अनिल कुमार हैं और इसके बाद मणिशंकर।अनिल ...

गुमनाम वीर की जीवनसंगिनी की गुमनाम अंतिम यात्रा !- प्रसिद्ध यादव।

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           फुलवारी प्रखंड के बाबूचक मेरी जन्मभूमि से  देश के लिए लड़ने वाले की विधवा की लू लगने से मौत हो गई। कल गर्मी से तबीयत बिगड़ी, अस्पताल जाती ,उससे पहले ही दम तोड़ दी। इस विधवा की जीवन की कहानी में सिर्फ विपदा ही विपदा रही। इनके पति  श्यामबिहारी यादव देश सेवा में एक सैनिक की तरह बहादुरी से पाकिस्तान के खिलाफ लड़े थे। पहले थोड़ा इस विधवा की अनंन्त पीड़ा को जानें।  शादी होकर आई थी ।घर में घुसने से पहले गठबंधन पति पत्नी में हुआ और इसके बाद दाउरा में पैर रखकर घर में घुसने की रस्म अदा कर ही रहे थे कि बगल में परिवार से ही दरवाजा खोलने के लिए विवाद हो गया। श्यामबिहारी यादव रस्म अदा पूरा किये ही विवादित स्थल पर  पीला धोती पहने ,आँखों में काजल किये  पहुंच गए । दूसरे तरफ  विरोधी पक्ष से भी परिवार के सदस्य और इनके मित्र हाथ में बंदूक लिए खड़ा था। मित्र ने मित्र को समझाया कि तुम चले जाओ ! विवाद तुम्हारे चाचा से है।मित्र की बात मानकर श्यामबिहारी लौटने लगे तो चाचा बसवारी में से छुपकर भतीजे को ललकारा, कसम दिला दिया।फिर क्या था वे लौट पड़े। मित...

पूर्व मध्य रेलवे स्कूल,खगौल के "पूर्ववर्ती छात्र मिलन समारोह" आयोजन समिति के संयोजक बने,मनीष चन्द्रा(आई.आर.पी.एस.) - प्रसिद्ध यादव ।

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  एक अक्टूबर को -2023 को होगा, भव्य मिलन समारोह,पुरे देश से लोग होगें शामिल। पहली बार हो रही है,शुरूआत। आगामी 1/10/23 को दुर्गापूजा के पूर्व ही,स्थानीय रेलवे स्कूल खगौल में, रेल प्रशासन एवं  पूर्ववर्ती छात्रों  के आपसी सहयोग से भव्य एवं रंगारंग कार्यक्रम में "पूर्ववर्ती छात्र मिलन समारोह" का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम प्रातः 10 बजे से शुरू होकर रात्री के भोजन होनेतक चलेगा। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए इस स्कूल में शिक्षित हुए लोगों का आयोजन समिति का गठन किया गया है,जिसमें संयोजक की भूमिका में  मनीष चन्द्रा,जो कि दानापुर रेल मंडल में  Sr.DPO एवम  आरआरसी दीघा के चेयरमैन  भी रह चुके हैं। सहसंयोजक-नगर अध्यक्ष,सुजीत कुमार एवं पशुपतिनाथ, अध्यक्ष-मुस्तफापुर निवासी सुशील कुमार/समाजसेवी, सचिव-फनीश चंद 'अकेला', सलाहकार- डाॅ.बिजय कुमार सिंह,तापस कुमार बनर्जी,गजेन्द्र चौधरी  एवं अन्य, उपदेशक-मिथिलेश राय एवं एम.के.मधुकर, कोषाध्यक्ष- मोहन पासवान एवं अन्य। साँस्कृतिक प्रकोष्ठ में नवाब आलम एवं अन्य, मिडिया प्रभारी-तनबीरूल हक,चन्द्रशेखर भगत रजत एवं पंकज। वाईस प्र...

कटते पेंड़, उजड़ते वन , विनाश की ओर ! - प्रसिद्ध यादव।

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        भारत में प्रति व्यक्ति वन क्षेत्र (औसत हेक्टेयर में)(2019) 0.29 है। देश के भौगोलिक क्षेत्र का कुल वन और वृक्ष क्षेत्र  24.56%  है।कुल वन क्षेत्र  7,12,249 वर्ग किमी है जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 21.67%  है।वृक्ष क्षेत्र  देश के भौगोलिक क्षेत्र का 2.89%  है। क्षेत्रफल की दृष्टि से:  मध्य प्रदेश में देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है, इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र हैं। कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में वन आवरण के मामले में  शीर्ष पाँच राज्य  मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर और नगालैंड  हैं। शब्द  'वन क्षेत्र' '(Forest Area)  सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार भूमि की कानूनी स्थिति को दर्शाता है, जबकि  'वन आवरण'   (Forest Cover)  शब्द किसी भी भूमि पर पेड़ों की उपस्थिति को दर्शाता है।  शहरीकरण की अंधी दौड़ में आदमी पिंजड़े में बन्द तोते की तरह हो गया है। सारी सुविधाएं एक छत के नीचे ढूंढ रहे हैं। शहरीकरण में सबसे पहले पेड़ों को बिना  मोह माया क...

फुलवारी के पूर्व सीओ पर आरोप गठित। -प्रसिद्ध यादव।

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    वर्तमान भी  इसी राह पर। दलाल जनप्रतिनिधियों को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। नीतीश राज में बीयूरोक्रेसी का मन इतना बढ़ गया है कि उसे  रिश्वत मांगने में थोड़ी भी शर्म नहीं आती है, निर्लज्जता की पराकाष्ठा है। पहले अधिकारी हम समाजसेवी के चेहरे देख लेता था तो अफसर कांपने लगता था।आज छूटा भैंसा बनकर जनता को रौंद रहा है। फुलवारी के पूर्व इतना भ्रष्ट था कि न वो कानून से डरता था न किसी प्रभावशाली व्यक्ति से। वो डरता था तो सिर्फ लात जूता से। मेरे एक दो मामलों में ऐसा बखेड़ा खड़ा कर दिया कि उसे मुझे चैंबर में ही बेइज्जत करना पड़ा। मेरे एक प्लाट के दो बराबर-  बराबर स्वामी हैं , उसमें तीसरा का नाम से मोटेशन कर दिया और रकवा तिगुना कर दिया। किस आधार पर क्या डोकेमेंट्स है?ये कोई बताने वाला कोई नहीं है और झंझट लगा दिया है।इसकी शिकायत ऊपर किया कर्मचारी के पास आवेदन आया लेकिन सम्बंधित व्यक्ति को अभी नोटिस करने का शुभ महूर्त अंचल को नही हुआ है। एक मामले में और नोटिस करवाया,लेकिन अंचल सो गया। कोई कुछ बताने वाले नही है।वैसे भ्रष्ट को मैं कुर्सी पर से उठा दिया था, तब एक मामला को...

आदिपुरुष फ़िल्म में कितना संस्कार ? - प्रसिद्ध यादव।

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       रवि वर्मा ने देवी देवताओं के काल्पनिक चित्र बनाये थे, जो मानस पटल पर आज भी विराजमान है। इस फ़िल्म में राम सीता ,हनुमान के शक्ल बदल दिया है और फ़िल्म की दृश्य भी रोमांटिक बना दिया है।फ़िल्म के संवाद टपोरी टाइप के सड़क छाप जैसे बोलकर धर्म की धज्जि उड़ा दिया है। इस फ़िल्म की तस्वीरे ही सबकुछ बयान कर दिया है। प्रभास और कृति सेनन की मोस्ट अवेटेड फिल्म आदिपुरुष  विरोधाभास है । फिल्म अपने ट्रेलर रिलीज से ही दर्शकों के विरोध का सामना कर रही है। पहली बार रिलीज किए गए टीजर में हनुमान जी को चमड़ा पहनाने से लेकर नए ट्रेलर में सीताहरण के सीन्स को गलत तरीके से दिखाने तक फिल्म को विरोध का सामना करना पड़ा है।  फ़िल्म के संवाद के कुछ उदाहरण देखें -  कपड़ा तेरे बाप का! तेल तेरे बाप का! जलेगी भी तेरे बाप की।  तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया।  जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे उनकी लंका लगा देंगे।  आप अपने काल के लिए कालीन बिछा रहे हैं।  मेरे एक सपोले ने तुम्हारे शेषनाग को लंबा कर दिया अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है। फ़िल्म में गीत सार्थक है ल...

गटर में सहानुभूति !(कहानी ) - प्रसिद्ध यादव।

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    गटर का ढक्कन खुला था, जो उस रास्ते जाता उसी में गिर जाता। गटर में गिरने वालों की संख्या  बहुत हो गई।कुछ उसी में अपना घेरा बनाकर रहने लगे और दूसरों से सुपर दिखने लगे। नेता जी को मालूम हुआ कि इस गटर में बहुत लोग हैं।नेता जी मिलने की इच्छा जाहिर किया और इसकी खबर मीडिया में प्रमुखता से छपी। नेता जी ढक्कन के ऊपर से हाथ हिलाए।नीचे से जयजयकार होने लगी। फोटो शूट हुआ, अखबारों के हेड लाइन बना " नेता जी का दरिया दिल !", गटर के लोगों की ली सुध !" ,  " अंतिम पंक्तियों के लोगों के लिए आया दिल !".  पत्रकारों ने यह नहीं पूछा कि आखिर इनलोगों के दुर्दशा के लिए जिम्मेवार कौन है? प्रेस कांफ्रेंस खत्म होने के बाद पत्रकारों को अच्छे होटल के खाना खिलाया गया और लिफाफा भी थमाया गया।   गटर में रहने वाले भी खुश थे कि इतने बड़े नेता जी हालचाल लेने आये । ऐसे नेता कहाँ मिलेगा? दुख में दर्द में कम से कम आंसू पोछने तो आ जाते हैं। इस नरक से निकलने का उपाय क्या है?यह कभी सोचा ही नहीं और ना ही नेता जी इस पर कोई जिक्र किया।जैसे भारत में गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम दशकों से चल रहा है, छुआछ...

कठिनाई एक सबक है संघर्ष की प्रेरक है । ( कविता ) -प्रसिद्ध यादव।

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   कठिनाई एक सबक है संघर्ष की प्रेरक  है । उतार _चढ़ाव ,धूप _छाया  सब  है  मोह  - माया  न मिला , उसकी न परवाह संघर्ष में रहें नहीं किसी की चाह। अवसाद -विषाद क्या ? उत्साह,निराश क्या ? न पाकर इतराओ न खोकर पश्चताओ यहां क्या है अपना सब है सपना सब संग हंसिए प्रेम से रहिए यही है जीने की कला खुद को धन्य हो औरों को भी हो भला। जीवन को प्रवासी जानकर मत कर ज्यादा मोह कहीं  रह गया अकेला तब होगा बड़ा छोह ।

भाजपा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू करने की वादा भूल गई!-प्रसिद्ध यादव।

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        भाजपा के लिए यह अमृतकाल नहीं,मित्रकाल है। केंद्र सरकार स्वामीनाथन आयोग लागू न कर कृषि तीन बिल लागू कर दी थी, जो किसानों के उग्र आंदोलन के बाद सरकार को यह बिल वापस लेनी पड़ी थी।  प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन को अपने देश में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है. स्वामीनाथन जेनेटिक वैज्ञानिक हैं. तमिलनाडु के रहने वाले इस वैज्ञानिक ने 1966 में मेक्सिको के बीजों को पंजाब की घरेलू किस्मों के साथ मिश्रित करके उच्च उत्पादकता वाले गेहूं के संकर बीज विकिसित किए. यूपीए सरकार ने किसानों की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक आयोग का गठन किया जिसे स्वामीनाथन आयोग कहा गया. यह सवाल आता है कि आखिरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें क्या थीं जिसे लागू करने की मांग की जाती है. दरअसल, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को आज तक लागू नहीं किया जा सका. कहा जाता है कि अगर इस रिपोर्ट को लागू कर दिया जाए तो किसानों की तकदीर बदल जाएगी. अनाज की आपूर्ति को भरोसेमंद बनाने और किसानों की आर्थिक हालत को बेहतर करने के मकसद से 18 नवंबर 2004 को केंद्र सरकार ने एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय किसान आयोग...

फुलवारी में हुआ केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ महागठबंधन का धरणा।- प्रसिद्ध यादव।

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     आज बिहार के सभी प्रखंड मुख्यालय पर  केंद्र सरकार के जनविरोधी  नीतियों व वादाखिलाफी के विरुद्ध फुलवारी शरीफ प्रखंड कार्यालय पर धरणा दिया।  प्रधानमंत्री के नाम सात सूत्री मांगों को महागठबंधन के नेताओं ने फुलवारी प्रखंड विकास पदाधिकारी को स्मार पत्र सौंपे। धरणा को फुलवारी के माले विधायक कॉम गोपाल रविदास , राजद प्रवक्ता एजाज अहमद  राजद प्रखंड अध्यक्ष ध्रुव यादव, जदयू अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह, माले अध्यक्ष गुरुदेव दास , भाकपा अध्यक्ष राजकुमार कॉंग्रेस नेता भी शामिल थे। राजद के वरिष्ठ नेता डॉ उर्मिला ठाकुर, अफरोज आलम,  सुरेंद्र यादव, हरिनारायण यादव, अशोक कुमार, मोहन यादव ,कौशर खान,दिनेश रजक, सुन्दरवासो देवी,फुडेन रविदास, भाकपा नेता विनोद कुमार, नवल यादव ,माले नेता, साधु शरण,देवी पासवान , मो इसराइल ,अरविंद यादव ने भी सभा को संबोधित किया और केंद्र की जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।

बिहार के लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोटर भाजपा को करेगा भारी नुकसान !- प्रसिद्ध यादव।

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         बिहार के 13 लोकसभा व 40 विधानसभा में मुस्लिम वोटर हैं निर्णायक !- बिहार में  मुस्लिम वोटर का अच्छा वजूद है, इसके बावजूद  भाजपा का लोकसभा चुनाव में अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड रहा।वजह जदयू के साथ रहना। 2023 में जदयू महागठबंधन के साथ आने पर भाजपा सहमी हुई है।इसलिए दलित ,पिछड़े वोटर पर नजर  रख रही है। ओबैसी इस चुनाव में कोई करिश्मा नही कर सकते हैं। इस तरह 40 में से 13 सीधे घट जाएगा।बाकी नालंदा, सीमांचल , मगध, शाहबाद के क्षेत्र में भी भाजपा को मस्कत करनी  पड़ सकती है।2011 की जनगणना के अनुसार बिहार की कुल आबादी 10,40,99,452 है। इसमें पुरुषों की संख्या 5,42,78,686 और महिलाओं की तादाद 4,98,21,295 है। कुल आबादी में मुसलमानों का प्रतिशत महज 16.9 है। वर्तमान बिहार में मुसलमानों की कुल आबादी 1,75,5,78,09 है। जिसमें पुरूष 90,44,086 और महिलाएं 85, 13,723 है। सर्वाधिक मुस्लिम वोटर  वाला क्षेत्र किशनगंज राज्य की मुस्लिम आबादी 16.9 फीसदी के करीब है। 13 लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां मुसलमान मतदाताओं की संख्या 12 से 67 फीसदी के बीच है। बिहार में सर्वाध...

भाजपा को शिकस्त देना इतना आसान नहीं होगा।- प्रसिद्ध यादव।

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         भाजपा 2024 के चुनाव के जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसकी नजर विशेष रूप से अनुसूचित जाति -जनजाति के मतदाताओं पर है। अनुसूचित जनजाति के वोटर को लुभाने के लिए राष्ट्रपति पद ही काफी है, बाकी अनुसूचित जाति के अधिकांश राजनीति दल भाजपा खेमे में है।बिहार में मांझी महागठबंधन में थे, वे भी इसके हिस्सा बन गए हैं। लोजपा, बसपा आदि दल पहले से ही साथ है। बाकी कसर ओबैसी पूरा कर देते हैं। ओबैसी की पार्टी को महागठबंधन भाजपा की बी टीम मानती है। इसके लिए पार्टी घर-घर जोड़ो चुनावी अभियान शुरू करने जा रही है. इस अभियान के तहत बीजेपी दलितों और अनसूचित जातियों पर फोकस करेगी. देश में 17 प्रतिशत वोटर इस आबादी से आते हैं और पार्टी इस पर नजर बनाए हुए है. पार्टी 14 अप्रैल से 5 मई तक देश में इस अभियान को चलाएगी जिसके तहत बीजेपी नेता दलितों की बस्तियों में प्रवास करेंगे. दरअसल, 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती है और 5 मई को बुद्ध जयंती है. इसे अपना हथियार बनाई है। देश में लोकसभा की 131 सीटें रिजर्व हैं. जिसमें 84 अनसूचित जाति और 47 अनसूचित जनजाति के लिए हैं. एक समय में इन ...

केवल आंखों से देखो महसूस करो। (कविता ) -प्रसिद्ध यादव।

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   केवल आंखों से देखो महसूस करो। ज़ुबान पर लगा के ताले दिल को तसल्ली दो सब ठीक हो जायेगा छोड़ दो ऊपर वाले के हवाले। यहाँ चेहरे पर चेहरा है। पहचान बड़ी मुश्किल है।   केवल आंखें बंद कर के विश्वास करो न्याय के देवता पर मुंह में मिश्री घोल के  मीठी-मीठी  बातें करो  सब के दिल में बस जाओगे  सब करेंगे जयकारा उत्तम हो जाएगा चरित्र सब देंगे दुआएं उम्र होगी लम्बी न कमी होगी धन-धान्य की। अगर गलती से  मुंह खोले,गये तीनों लोकों से अपने क्या पराये सब नज़रों पर लेंगे चढ़ाएं क्या मिलेगा? अपमान,घृणा,क्लेश बोलो सबकी जय! हत्यारा,दुष्कर्मी चोर,चुहार की  करो चाकरी। धन-बल सब बना रहेगा भांड में जाये दुनियादारी। केवल आंखों से देखो महसूस करो।

भाग्य भरोसे किसान ! -प्रसिद्ध यादव।

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     भारत में अजीब विडम्बना है की हम हर क्षेत्र में विकास कर रहे है कृषि उत्पादकता बढ़ी है लेकिन किसान भूखे मरने को बेवस है। हर 41 मिनट पर एक किसान आत्महत्या करता है फिर भी कृषि प्रधान देश कहलाता है ।कहने को तो ये अन्नदत्ता है ।इनकी औसत आय मासिक 2115 रुपये है।1 एकड़ खेती  करने की लागत 4400 रुपए होते है।देश में अब 11 करोड़ 89 लाख किसान औसतन 5 एकड़ खेत में खेती करते है।फसल अच्छी हुई तब 10500 कमाई होती है।122 लाख हेक्टेयर में ही जमीन में खेती होती है।52% किसान मानसून पर निर्भर होते है।दुनिया में सबसे बड़ा ट्रेक्टर का मार्केट भारत है।अब 55%लोग खेती करते है।खेती घाटे का सौदा होने के कारण लोग इससे पलायन कर शहरों में दिहाड़ी करना पसंद कर रहे है। केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी लेकिन ये भी ढाक के तीन पात साबित हुआ।1960 से हरित क्रांति आने पर कृषि उत्पादकता बढ़ी है लेकिन फसलों की कीमत में वृद्धि अब तक मात्र 19% हुई है। नॉकरी  व् अन्य क्षेत्र में वेतन वृद्धि 150% से अधिक हुई है।इसके अलावे 196 तरह के भत्ते भी मिलते है।किसान 2115 रुपये महीना में कैस...