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Showing posts from October, 2021

घोड़ा दूल्हे को दुल्हन के घर जाने के बजाय कुआँ में लेकर कूदा।प्रसिद्ध यादव।

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     पटाखे छोड़ने का दुष्परिणाम ! आप भी दीवाली में पटाखे न छोड़े। उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक अलग ही घटना देखने को मिली है। गोंडा के एक गांव में बारात दुल्हन को लाने के लिए तैयार थी। सजाधजा दूल्हा घोड़ी पर चढ़ चुका था। गाजे-बाजों का शोर सुनाई दे रहा था। सभी बाराती तैयार होकर नाचने के लिए तैयार थे। अब रस्मों के अनुसार दूल्हे को घोड़ी पर बैठकर कुएं की परिक्रमा करनी थी।  रिवाजों के अनुसार रस्म शुरू हुई। तभी बारात में किसी ने पटाखा दाग दिया। पटाखे की आवाज से दूल्हे की घोडी बिदक गई। ऐसे में वहां अफरा-तफरी मच गई। बिदकी घोड़ी को घोड़ी वाला संभाल पाता उससे पहले ही घोड़ी ने दूल्हे सहित कुएं में छलांग लगा दी। इस घटना के बाद गांव में हड़कंप मच गया। हंसी-खुशी के माहौल में एकदम से परेशानी का साया छा गया। दरअसल, घुड़चढ़ी की रस्म के बाद दूल्हे को घोड़ी पर बैठकर कुएं के फेर लगाने थे। लेकिन बिदकी घोड़ी ने रंग में भंग कर दिया। किसी तरह जेसीबी मशीन के जरिए घोड़े और दूल्हें को रस्सी के जरिए कुएं सेेेे बाहर निकाला गया। 

भ्रष्टाचार पर कड़ाई से अंकुश लगे। प्रसिद्ध यादव।

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   भ्रष्टाचारियों की संपत्ति को अब आम आदमी को लूट लेना चाहिए। देश में भ्रष्टाचार किस तरह फलफूल रहा है, सर्वविदित है। आज थानेदार, ठेकेदार से लेकर पुलिस तक करोड़पति बन बैठे हैं। पटना में जाक्कनपुर थाना प्रभारी कमलेश शर्मा के पास से करोड़ों की संपत्ति मिली तो बिहटा के  अमहारा में एक ठेकेदार के यहां चार करोड़ नकदी मिली। इससे पूर्व भी भू माफिया से लेकर बालू माफिया ने अकूत सम्पति बनाई है। संतोषजनक बात है कि सरकार इसपर नकेल कस रही है, फिर भी यह नाकाफी है।अभी भी भ्रष्ट लोग अपने सर उठाये हुए हैं और इसके सर तभी कुचले जाएंगे, जब जनभागीदारी होगी। आम आदमी में भ्रष्टाचारियों के लेकर गुस्सा बढ़ता जा रहा है।ऐसा न हो कि अभावग्रस्त जनता इनकी सम्पतियों को हथियाना शुरू न कर दे, इससे पहले भ्रष्ट लोग सुधर जाये और अपना छदम चोला पहनकर समाजसेवी का नाटक कर रहे हैं, सरकार इसके नाटकों को पटाक्षेप कर दे। बिहार के 90 फीसदी थानेदार भ्रष्ट है और सभी थानेदारों की संपत्ति की कुंडली खंगालने की जरूरत है।जनता का सबसे ज्यादा शोषण और दुर्व्यवहार थानों में ही होती है। भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता के लिए स...

भारत को एकीकरण करने वाले लौह पुरुष पटेल! प्रसिद्ध यादव

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   31 अक्टूबर को इनके जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन!  बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहां की महिलाओं ने 'सरदार' की उपाधि प्रदान की। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को 'भारत का बिस्मार्क' और 'लौहपुरुष' भी कहा जाता है। सरदार पटेल वर्णभेद तथा वर्गभेद के कट्टर विरोधी थे।. इंग्‍लैंड में वकालत पढ़ने के बाद भी उनका रुख पैसा कमाने की तरफ नहीं था। सरदार पटेल 1913 में भारत लौटे और अहमदाबाद में अपनी वकालत शुरू की। जल्द ही वे लोकप्रिय हो गए। अपने मित्रों के कहने पर पटेल ने 1917 में अहमदाबाद के सैनिटेशन कमिश्नर का चुनाव लड़ा और उसमें उन्हें जीत भी हासिल हुई।. सरदार पटेल गांधीजी के चंपारण सत्याग्रह की सफलता से काफी प्रभावित थे। 1918 में गुजरात के खेड़ा खंड में सूखा पड़ा। किसानों ने करों से राहत की मांग की, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने मना कर दिया। गांधीजी ने किसानों का मुद्दा उठाया, पर वो अपना पूरा समय खेड़ा में अर्पित नहीं कर सकते थे इसलिए एक ऐसे व्यक्ति की तलाश कर रहे थे, जो उनकी ...

चंदन कुमार पासवान को ही जिला पार्षद के लिए वोट क्यों? प्रसिद्ध यादव।

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         किसी भी प्रत्याशी को परखने के लिए उसके चाल चलन, छवि, कुशल व्यवहार, चरित्र, शिक्षा, संगति आदि की कसौटी पर कसा जाना चाहिए। मैं पहली बार विगत चुनाव में चंदन कुमार से काफी पूछताछ और जांच पड़ताल किया। नतीजा सामने आया कि चंदन कुमार सबसे अच्छे व्यक्तित्व के आदमी हैं, लेकिन कुछ मेरे मित्रों ने  नही समझ पाए। हमलोगअथक प्रयास किया और चुनाव में सम्मान जनक स्थिति में चंदन पहुंच गए, बहुत कम वोटों से सफलता दूर रह गई, लेकिन इनके चेहरे पर कोई किसी के प्रति कोई शिकायत नहीं रही और सभी के साथ मित्रवत व्यवहार रहा।  जीतने वाले इतने मगरूर की साथ देने वाले को भी साथ छोड़ दिया और क्या क्या किया ये बताने की जरूरत नहीं है, जगजाहिर है। आज मेरे अनुपस्थिति में भी देख रहा हूँ कि हर समाज के लोग चंदन को सर आंखों पर बैठाए हुए हैं।  कुछ  चंदन के साथ देने वाले साथियों ने मुझसे शर्त लगा ली कि आपके पंचायत से ज्यादा वोट हम अपने पंचायत से दिलवाएंगे।मुझे शर्त मंजूर है कि मैनपुर अंदा पंचायत चंदन को वोट देने में अव्वल रहेगा। अब हमारे पंचायत के लोग इस दावे को कितना मजबूत करते है...

शराबबंदी में शराब पीकर 5 मरे! जनप्रतिनिधियों की करतूत!प्रसिद्ध यादव

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  शराब के बढ़ावा देने वाले जनप्रतिनिधियों को सरेआम हो ठुकाई!तब भागे भूत जनसेवक बनने की, ऐसी दें दवाई! मुजफ्फरपुर में पंचायत में वार्ड सदस्य की जीत की खुशी में भोज के साथ शराब की पार्टी हुई, नतीजा 5 लोगों की मौत हो गई। कहीं न कही शराब बंदी में प्रशासन की लचर व्यवस्था का ही दुष्परिणाम है। जो जनप्रतिनिधि शराब  को बढ़ावा दे रहे हैं, उनकी सदस्यता खत्म कर देना चाहिए और जो शराब की तस्करी में या सेवन में जेल गए हैं, जिसके विरुद्ध मुकदमा चल रहा है, उसे चुनाव के शपथ पत्र में और प्रचार प्रसार में शराब की जिक्र होना चाहिए।ऐसे जनप्रतिनिधियों से कोई विकास का उम्मीद क्या कर सकता है?  जनता को ही ऐसे दारूबाज प्रत्याशियों को सबक सिखाना चाहिए, सामुहिक बहिष्कार करना चाहिए और जो इसकी वकालत करे, उसे भी तिरस्कार करना चाहिए। शराबबंदी बिहार सरकार की जनकल्याणकारी और लोकप्रिय नीति है इसमें जनता, जनप्रतिनिधि, प्रशासन आदि के सहयोग से ही सफलता मिलेगी, लेकिन स्थिति यहां ठीक उल्टा है और नतीजा शराब पीने से मौत की लंबी लिस्ट बन गई है। अभी भी पंचायत चुनाव में हर रोज शराब की पार्टी चल रही है, लेकिन परवाह किसी...

मेरा ब्लॉग के 788 पोस्ट पर आज 25000 all times वियूर हुए।प्रसिद्ध यादव

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  आप सभी मेरे  fb, व्हाट्सएप, ट्विटर मेल id के साथियों को दिल से शुक्रिया! ब्लॉग का मेरा 10 महीने के सफर में 788 ब्लॉक भिन्न भिन्न मुद्दे पर लिखा, जो लोकल से ग्लोबल होते करीब दुनिया के 9 देशों के लोग पढ़ते हैं। करीब 1.22k लोग देखे। भारत के बाद अमेरिका के लोग पढ़ते हैं। ये है ताकत अपनी विचारों को पहुंचाने की। मेरे लिखे हुए ब्लॉग की संग्रह एक लाइब्रेरी के रूप लेता जा रहा है। मेरे ब्लॉग से आप कितने प्रभावित हुए और कितना ज्ञानवर्धक रहा। जरूर बताएंगे।अगर किसी को जाने अनजाने में तकलीफ हुई है तब क्षमाप्रार्थी हूँ। प्रसिद्ध यादव।

जीत के लिए बेचैनी के दर्द को समझें। प्रसिद्ध यादव।

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    मैनपुर अंदा पंचायत के धर्मपुर में विद्यालय के लिए निजी जमीन स्व राजाराम चौहान से सरकार को साथियों के साथ मिलकर दान करवाया था, जहाँ आज स्कूल है बूथ no 15 और अ है। महम्मदपुर में कब्जे मुक्त करवाकर हरिजन टोली में सामुदायिक भवन बनवाया था बूथ no 12 , 13, 14 है। पकौली बूथ no 8 , 9 , 10 बदलवा कर अंदा किया। अफसोस कि जमीन के दान कर्ता को हत्या करवा दी गई।बहुत संघर्ष के साथियों को हमने खोया है। रामपुर फरीदपुर के टिलहवाँ गाँव के अनिरुद्ध यादव साथ पढ़ते थे हत्या कर दी गई थी।दिलों में अनगिनत जख्मों के निशान हैं, गरीबी की परत पड़ने पर धूमिल जरूर हुआ है, लेकिन हमारे संघर्ष अभी लोगों के दिलों में कायम है। छोटन चौहान, विशेश्वर रजक आज भी गवाह हैं। आज चारो तरफ प्रत्याशियों की भीड़ हैं। नये नये स्लोगन, गीत, पोस्टर से इंटरनेट से लेकर दीवारों तक पट गया है।ये सारे अथक प्रयास जनप्रतिनिधि बनने के लिए है। स्वस्थ लोकतंत्र में निष्पक्ष चुनाव हो तब मजबूत लोकतंत्र होता है। चकाचौंध में सही प्रत्याशी के गुण ओझल होने लगते हैं और धन बल, जाति, धर्म, परिवार हावी होने लगता है। अगर वास्तव मे सेवक होना चाहते हैं त...

देश की एकता- अखण्डता के लिए इंदिरा गांधी की हुई शहादत !प्रसिद्ध यादव

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   मैं इसी साल मैट्रिक पास किया था।रेडियो पर ख़बर सुनकर होश उड़ गए थे।दानापुर रेलवे क्लब के टीवी में इनकी अंतिम यात्रा व संस्कार को लाईव देखा था। 31 अक्टूबर 1984 बुधवार के दिन भारत के इतिहास में काला धब्बा है। आयरन लेडी के नाम से मशहूर इंदिरा गांधी की निर्णय क्षमता बहुत ही मजबूत थी।यही कारण है कि इनकी विदेश नीति, अर्थ नीति हो,सफल रहीं। मौत से एक दिन पूर्व कालाहांडी उड़ीसा में अपने भाषण में बोली थीं कि मेरा खून का एक एक कतरा देश को काम आएगा। मानो उनकी मुंह से कल घटने वाली घटनाओं की पूर्वानुमान था।जनसंख्या को नियंत्रण करने के लिए इनकी नीति दूरदर्शी थी, लेकिन देश में आपातकाल घोषित होने से इन्हें तानाशाह कहा जाने लगा, लेकिन आज जनसंख्या कितना विस्फोटक हो गया है, सहज ही समझा जा सकता है।देश की धर्मनिरपेक्षता और अखण्डता के लिये हमेशा लड़ती रही, गरीबों के लिए अनेक कल्याणकारी, लाभकारी योजनायें शुरू की थी। सड़क, रेल, दूरसंचार, स्वास्थ्य, शिक्षा की इनकी योगदान को देश कभी नही भूल सकता है, लेकिन दुर्भग्यवश आज धीरे धीरे सब निजीकरण हो रहे हैं या पूंजीपतियों के हाथों बिक रहे हैं।अब राष्ट्रीय संपदा ...

मत चल पीछे पीछे भेड़ियों की तरह! प्रसिद्ध यादव।

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  मत चल   पीछे पीछे  भेड़ियों की तरह कभी इधर, कभी उधर।  मृग तृष्णा से कभी किसी की प्यास बुझी है क्या?  पहचान अपनी वजूद अपनी  अस्तित्व को बन भविष्यदृष्टा रखो दूरदृष्टि मिटाओ दृष्टिदोष पशु पंक्षी भी पहचानते अपने हित अनहित तू तो मानव श्रेष्ठ हो। जो समझा है अपनी जागीर हस्ती मिटा दे उसकी छोड़ के इधर उधर पकड़ अपनी डगर। कभी इधर , कभी उधर। चंद रुपयों की लालच में ज़मीर बेच देते हैं लोग यहां मत कर उम्मीद उससे नैतिकता की मन की पवित्रता की अपनी स्वतंत्रता की स्वच्छन्दता की। जो घर से बेघर किया कतरे कतरे खून का चूस लिया चंद पैसों के लिए जलील किया अपमान का घूंट दिया दहशत, ख़ौफ़ का मंज़र दिया। कभी इधर, कभी उधर।

भारतीय संविधान के प्रमुख भाग को जानें।प्रसिद्ध यादव।

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      भारतीय संविधान के प्रमुख भाग इस प्रकार हैं- भाग-1 संघ एवं उसका राज्य क्षेत्र: अनुच्छेद 1 से 4 भाग-2 नागरिकता: अनुच्छेद 5 से 11 भाग-3 मौलिक अधिकार: अनुच्छेद 12 से 35 भाग-4 नीति-निर्देशक तत्‍व: अनुच्छेद 36 से 51 भाग-4 (क) मूल कर्तव्‍य: अनुच्छेद 51 (क) भाग-5 संघ: अनुच्छेद 52 से 151 भाग-6 राज्य: अनुच्छेद 152 से 237 भाग-8 संघ राज्य क्षेत्र: अनुच्छेद 239 से 242 भाग-11 संघ और राज्यों के बीच संबंध: अनुच्छेद 245 से 263 भाग-14 संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं: अनुच्छेद 308 से 323 भाग-15 निर्वाचन: अनुच्छेद 324 से 329 भाग-17 राजभाषा: अनुच्छेद 343 से 351 भाग-18 आपात उपबंध: अनुच्छेद 352 से 360 भाग-20 संविधान संशोधन: अनुच्छेद 368

पैसा नाच नाचता है! मुद्रविहीन ,राजनीति विहीन! प्रसिद्ध यादव

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     लोकतंत्र  में धनतंत्र  हावी ! कदम -कदम पर पैसा है।नेता से ज्यादा पैसा बोलता है।  चुनाव  लड़ने  के लिये पैसा,जीतने के लिये  पैसा।पैसा ही पैसा।अब सरजमीं पर कितना काम होगा?जनता से कितना भावनात्मक लगाव होगा?पैसों से वोट खरीदे जाते हैं,लोग बिकते हैं।कुछ बिकने के लिये मंडी सजा के बैठे हैं।बोलियां लगती है ,जितना लम्बा भकाभक कुर्ता पायजामा उतना कीमत ।जितने बड़े जानकर,उतनी पूछ।ये सब ड्रामा चुनाव तक।जीतने के बाद फिर कहाँ?भर चुनाव सरदार जी के लंगड़ भी फेल है।कुछ नेता बड़े बड़े होटल बुक करवाये हुए हैं,नेता जी से मिलिये, कूपन लीजिये और होटल के आतिथ्य स्वीकार कीजिये। खुलयाम शराब बन्द है नही तो अजब गजब ब्रांड की फरमाइश होती कि नाम सुनकर चकरा जाते।चवनि अठनी टाइप के लोग की खूब चलती है।कौन जीतेगा, कौन हारेगा,यह भी पैसा ही पूर्वानुमान करेगा।जिसका खाओ,उसका गाओ।हाथ सुख जाए,तब दूसरे दरवाजे पर जाओ।दबा के खाओ,नही हो तब घर के लिये छन्ना भी ले जाओ।चुनाव में टकसाल के मुंह खुल जाता है,जिसकी जितनी बड़ी झोली,उतनी आमद।एटीएम बाबा,टकसाल बाबा, आदि नाम चुनाव में ऐसे ही पड़ता है...

वीर शहीद जय गोविंद यादव अमर रहें। (कविता) प्रसिद्ध यादव।

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   आओ तिलक लगाओ उस मिट्टी की।  मिश्री यादव नाम पिता के  वीर सपूत जय गोविंद यादव शौर्य  वीर की गाथा है भाई तारकेश्वर यादव फिर सीमा पर तैनात हुए जान हथेली पर लेकर दुश्मनों से हाथ दो चार किये। पटना फुलवारी अंचल के बाबुचक्  के धरा है।  शौर्य वीर की गाथा है।  सन् 1965 को 27 सितम्बर था दुश्मनों से लोहा लेते सीने पर गोली खाई थी।  जान हथेली पर लेकर दुश्मन का  चीर सीना दिया । देश को ये कर्ज़ देकर  गहरी नींद सो गए वीर भारत माँ के शहीद हो गए । बलिदान  ये देश कभी न भूल पायेगा याद करेगा आपको  और वंदे मातरम् गायेगा । देश में  एक नई ऊर्जा का बीज बो गए  वीर भारत माँ के शहीद हो गए ।  ऐसे वीर बांकुरा थे।  बाबुचक् का लाल  काम आया वतन का एक एक खून के  कतरा से जय हिन्द लिखा रहा था उस खून में इतनी गर्मी थी पाकिस्तान का चूल हिला  रहा था वन्दे मातरम् की जय घोष से आसमां गूंज रहा था फ़क्र से छाती चौडी थी।   सुनी हो गयी गाँव की मिट्टी रोम रोम में उदासी थी लाल बहादुर शास्त्री की   सांत्वना की...

अच्छे व्यक्ति का चयन!बेहतरी के लिए! प्रसिद्ध यादव।

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     यह काम आसान नहीं है, लेकिन किसी भी व्यक्ति/ प्रत्याशी के बैक ग्राउंड में जाएंगे, तब उसके वर्तमान भी नजर आने लगेगा। संगति से पहचाने- किसी को पहचानने का सबसे आसान तरीका है। चोर के साथ रहता कि हेराफेरी करने वाले के साथ। चरित्र से पहचाने- किसी का चरित्र एक दिन में नही बदल जायेगा। बेईमान है , नशाखोर है, दूसरों के घर में तांकझांक ज्यादा करने वाला है।  आस्तीन के सांप तो नही है,झगड़ालू,नमक हराम आदि। विचारों से- अच्छे लोगों का विचार भी उत्तम होगा।ऐसे लोग शत्रु को भी मित्रवत सम्मान देते हैं।कभी भी किसी को मान मर्दन से बचेंगे। निंदा से दूर रहेंगे, सकारात्मक सोच रखेंगे।जाति ,धर्म से ऊपर उठकर सभी के लिए सोचेगें। कुशल व्यवहार- अच्छे लोग कुशल व्यवहार के धनी होते हैं।बडों के अभिवादन करना नही भूलते। मातृभक्त, पितृभक्त होते हैं। मुसीबत में भी डटे रहते हैं- विपरीत परिस्थितियों में किसी के साथ नही छोड़ते। घमंडी नही होते- अच्छे लोग मिलनसार होते हैं। भयादोहन किसी को नही करते और झुठ नही बोलते हैं। संघर्षशील होते हैं, निकम्मे या अलसी नही होते। जनसरोकार में रुचि रखते हैं।प्रायः ऐसे लोग सभ...

पंचायत चुनाव के संबंध में कुछ प्रश्नावली। प्रसिद्ध यादव

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  जवाब देंगे हाँ या ना। 1 मुखिया का बदलाव हो रहा है? 2 सरपंच का बदलाव हो रहा है? 3 पंचायत समिति का बदलाव हो रहा है? 4 जिला पार्षद का बदलाव हो रहा है? 5 वार्ड पार्षद का बदलाव हो रहा है? 6 पंच का बदलाव हो रहा है? पंचायत का नाम बताएं और बदलाव या बदलाव नही होने के कारण बतायें। आप अपने निवर्तमान जनप्रतिनिधियों से कितना संतुष्ट हैं? 10 अंकों में कितना अंक देंगे। यह एक मेरा ओपिनियन जानने के लिए है। अगली कड़ी में फिर..

पटना जिला परिषद अध्यक्ष भी हार गईं।प्रसिद्ध यादव

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         95 फ़ीसदी मुखिया कोपभवन में। अन्य पीट रहे हैं कपार! निवर्तमान प्रतिनिधियों की दिल की धड़कन हुई तेज। कई लोग मतगणना केंद्र के बाहर एम्बुलेंस की व्यवस्था कर रखें हैं।    मलाई खाने का रस जनता नीचे से निकाल रही है। जनता पाई पाई का हिसाब ले रही है। नाक रगड़ने के बाद भी जनता बदला लेने से नही चूक रही। इस बार  पंचायत चुनाव  में पंचायत प्रतिनिधियों को अपनी सीट बचाना मुश्किल हो गया है। ज्यादातर पंचायत प्रतिनिधि चुनाव हार गए हैं। सोमवार को जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष अंजू देवी भी संपतचक से चुनाव हार गईं। इससे पहले 22 अक्टूबर को बिहटा प्रखंड से भी पूर्व अध्यक्ष ज्योति सोनी को हार का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं पटना जिले में अब तक आठ प्रखंडों में पंचायत चुनाव संपन्न हो गया है। इनमें 95 प्रतिशत मुखिया चुनाव हार चुके हैं। यही स्थिति पंचायत समिति, वार्ड सदस्य और जिला परिषद के चुनाव में भी हुआ है। ज्यादातर पंचायत प्रतिनिधि चुनाव हार चुके हैं। जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष अंजू देवी को कुल 5415 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी प्रत्याशी इंजीनिय...

शिक्षा की ज्योति झोपड़ी में भी जलती है और यह महलों से भी ज्यादा रौनक होती है।प्रसिद्ध यादव।

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     गोबिल्ला विद्याधारी सिविल्स 211, रैंक वाले को बधाई! ये आंधप्रदेश के कड़पा जिला के नंदलूरु की रहने वाली यादव परिवार की गरीब लड़की हैं, जो सफल हुई। जहाँ हम ठहरे हुए हैं छोटा कस्बा करीब 20 हजार की आबादी वाला है, इनके पिता कुछ साल पहले गुजर गए थे, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी चेन्नई में जाकर तैयारी की और सफलता मिली।इसकी बधाई की तस्वीरेँ नंदलूरु में हर जगह लगी हुई है, लेकिन तेलगु में लिखे होने के कारण मैं नही समझ पाया।एक मुस्लिम से इसकी जानकारी ली तब बताया और पोस्टर को गूगल से हिन्दी में अनुवाद किया तब मालूम हुआ।यहां अबतक 7 लोग यह परीक्षा कंप्लीट किये। शिक्षा की ज्योती झोपड़ी में भी जल जाये तो महल से ज्यादा रौनक देती है।

नशा कर देती है नाश!(कविता)प्रसिद्ध यादव।

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    नशा कर देती है नाश! फिर भी क्यों है इसकी प्यास! धन भी जाता, तन भी जाता मन विक्षिप्त हो जाता भरी जवानी में चेहरे पर झुर्रियां हो जाता खुद ही अपनों के शत्रु हो जाते टूट जाती जीवन की आस! नशा कर देती है नाश! रोज कोलाहल होते घर में बच्चों के जीवन लटका अधर में नंगे पांव, नंगे बदन सर में बांध ली कफ़न हुआ व्यर्थ जीवन  सबको किया निराश! नशा कर देती है नाश! कहीं चिलम से धुएँ निकाले बम भोले के जयकार करे भांग , अफीम ,चरस हजम कर प्रभु का ध्यान करे। शादी हो या श्राद्ध जन्मदिन  और गम खुशी पर छलके जाम पर जाम। पीने वाले को हो बहाना चाहे सुबह हो या शाम पीते पीते ना रुके चाहे थम जाये सांस! नशा कर देती है नाश! जब चढ़  जाता नशा  दिमाग पर तब प्रखर ज्ञानी , वक्ता हो  जाता जब हिलते डोलते राह चले  तब कोई न आये इसके पास नशा कर देती है नाश! कितने उजड़ गये घर कितने हुए वीरान कितने बसन्त में पतझड़ हुए पहुंच गए शमशान ये बुरी लत है बला इससे नही है किसी को भला आत्मबल और दृढनिश्चय हो तब ये क्यों न छूटे भला! प्रसिद्ध का है विश्वास जीवन में होगा प्रकाश नही रहेगा किसी की आस खुशियां ह...

उड़ता भारत! नशे के गिरफ्त में युवा।प्रसिद्ध यादव

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  कई पंचायत प्रतिनिधि और इनके परिजन शराब की तस्करी और सेवन में जेल की हवा खाये, अखबारों में फ़ोटो भी छापे।फिर भी बेशर्म की तरह इस बार भी हाथ जोड़े खड़ा है। सैलूट महान जनता को ऐसे को सिर्फ नकार ही नही रहे, बल्कि दरवाजे पर ठहरने भी नही देते हैं। नशाखोर प्रत्याशियों को जूते मारिये, वोट देने की कल्पना भी नहीं करें। पेट्रोलियम, हथियारों की तस्करी के बाद नशीली पदार्थों से आय का साधन बन गया है। पहले नशे का लत निम्न, मध्य लोगों के बीच प्रचलित थी, लेकिन अब यह हाई सोसाइटी  के बीच अपना घर कर गया है।अभी हाल ही में बॉलीवुड से लेकर, उद्योगपति और राजनेता तक इसमें शामिल हैं।बिहार में शराबबंदी सराहनीय कदम है, लेकिन यहां भी अवैध शराब के कारोबार चरम पर है।पुलिस रोकने की प्रयास करती है, तब उसी पर धंधेवाजों द्वारा हमला किया जाता है।कई पंचायत प्रतिनिधि और उनके परिजन जेल की हवा भी खा चुके हैं। ड्रग वार डिस्टॉर्सन और वर्डोमीटर की रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में मादक पदार्थों का अवैध व्यापार सालाना लगभग 30 लाख करोड़ रुपए का है। वहीं नेशनल ड्रग डिपेंडेंट ट्रीटमेंट (एनडीडीटी), एम्स की वर्ष 2019 की रि...

महंगाई नहीं आपदा है। सारी खोलकर नाचने वाली कहाँ लापता है।प्रसिद्ध यादव।

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       दिल्ली में महंगाई पर खूब होती थी लहंगा डांस।अब महंगाई से हुआ रोमांस।   महंगाई पर छाती पीटकर सत्ता में आनेवाली सरकार को अब बढ़ती  कीमत अब दिखाई नहीं दे रही है।रोजी रोजगार की हालत खस्ता है। बढ़ती डीजल , पेट्रोल, गैस सिलेंडर , खाद्य पदार्थों से आमजन को कितना मुश्किल हो गया है, वो निम्न और मध्य वर्गीय परिवार जानते हैं। तन पर कपड़े पहने की, बच्चों को स्कूल भेजे,दाल रोटी खाये की बीमारी से इलाज में अस्पतालों की मोटी फीस दे। जब चारो तरफ से दरवाजे बंद हो जाते हैं, तब श्रीधाम सिधार जाते हैं, लेकिन इसके पहले कोई आवाज भी उठाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।राजनीति दल जरूर शोर मचा रहे हैं, लेकिन इसे राजनीति रंग देकर  दबा दिया जा रहा है। भूख से और घुटघुट के मरने से अच्छा है अपने अधिकार के लिए लड़ते हुए मर जाये। महंगाई पर आठ आठ आंसू  बहाने वाले अन्ना हजारे, रामदेव  को कहीं अतापता नही है। देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें जहां लगातार उच्च स्तर पर बनी हुईं है. वहीं मार्च में थोक महंगाई पिछले 8 साल की ऊंचाई पर पहुंच गई है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार क...

मेसकौर पंचायत के मुखिया प्रत्याशी रविशंकर उर्फ भोली यादव सबके चहेते। प्रसिद्ध यादव

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     नवादा जिला के मेसकौर पंचायत से पूर्व मुखिया स्व सरयू राय के पौत्र और स्व उमाशंकर (दारोगा ) के पुत्र अभियंता रविशंकर उर्फ भोली यादव एक  संघर्षशील, शिक्षित, समाजसेवी है। 3 नवंबर को होने वाले चुनाव में क्षेत्र की जनता ने इनके चुनाव चिन्ह बैगन छाप क्रम संख्या 6 पर नीला बटन दबाने का मन बना लिया है। इनके पूर्वजों की उपलब्धि और इनकी कर्मठता  इनकी जीत की मुकाम तक जरूर पहुंचाएगी। अपरमित शुभकामनाओं के साथ पटना से प्रसिद्ध यादव।

लालू जी के धमक से विरोधियों की दिल की धड़कन बढ़ जाती है!प्रसिद्ध यादव।

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     समर्थकों की बात कौन कहे, विरोधी भी दबी जुबान से लालू जी के व्यक्तित्व और नेतृत्व क्षमता को पहचानती है। करीब साढ़े तीन साल के बाद लालू जी के पटना आगमन पर पटना एयरपोर्ट ही नही, पुरी पटना लालटेन के झंडे से पट गया और इनके चाहनेवाले की इतनी तायदाद की कास्मोकसम की स्थिति हो गई। हर कोई एक झलक पाने की उम्मीद में थे। ऐसे भाजपा तेज़ ऐश्वर्या प्रकरण पर चुटकी लेने से बाज नही आ रही, लेकिन अपने आका के प्रकरण पर मुंह बंद हो जाती है। लालू जी की डाइनेमिक व्यक्तित्व के दुनिया कायल है।ये स्वस्थ्य रहें, प्रसन्न रहें और दीर्घायु हों!

कितना सहज और शुशील हैं बबन राय- प्रसिद्ध यादव

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     आलमपुर गोनपुरा पंचायत से मुखिया प्रत्याशी बबन राय काफी लोकप्रिय, शुशील, सौम्य, सहयोगी और व्यक्तित्व के धनी हैं। अपनी जीवन गरीबी में बिताते हुए, दूसरे के यहां काम करते हुए बिताए, लेकिन इस पंचायत की महान जनता ने इन्हें दो बार पंचायत समिति पद से निर्वाचित कर लोकतंत्र में मिसाल कायम किया।इस पंचायत को ऐसे जुझारू व्यक्ति को जनप्रतिनिधि बनाने के लिए मेरे तरफ से सैल्यूट है। इस बार इस पंचायत की जनता ने मुखिया पद पर बबन राय को समर्थन दे रही है। प्रखंड कार्यालय में मौजूद रहने वाले क्षेत्र के बाहरी लोगों को भी बिना भेदभाव के काम निस्वार्थ और निःशुल्क करते थे। मैं इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हूँ। बबन राय जिस मुकाम पर निकले हैं आलमपुर गोनपुरा की महान जनता मुखिया बनाकर ही दम लेगी। अनंत शुभकामनाओं के साथ प्रसिद्ध कुमार।

भुसौला दानापुर पंचायत से आशा देवी पुनः जीत की दावेदारी की ओर।प्रसिद्ध यादव।

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     स्वतंत्रता सेनानी परिवार की बहू और परविन्द्र की धर्मपत्नी आशा देवी अपने 5 साल के मुखिया के कार्यकाल काफी सराहनीय रहा। जाति, धर्म से ऊपर उठकर सभी के लिए काम किये। कुशल व्यवहार के धनी  आशा देवी और इनके पति के कायल क्षेत्र की जनता है।इनका प्रेम हर वर्ग के लोगों के साथ है। आशा है भुसौला दानापुर की महान जनता आशा देवी को पुनः मुखिया चुनकर क्षेत्र की मान सम्मान रखेगी। अनंत शुभकामनाओं के साथ प्रसिद्ध कुमार एवं चर्चित रंगकर्मी नवाब आलम।

जिला परिषद उपाध्यक्ष ज्योती को चारोखाने चित की समधिन।

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 बिहटा उतरी जिला पार्षद ज्योती को हमारी चचेरी समधन आनंदपुर के चारोखाने चित्त कर दी।ये काम इतना आसान नहीं था, क्योंकि वो काफी पैसे वाली थी।इस बार की विजेता विगत चुनाव में रनर थीं।समीकरण यादव भूमिहार का ईमानदारी से बना । मुखिया भूमिहार से तो जिला पार्षद यादव से और दोनों सफल हुए।  ऐसे आनंदपुर के शर्मा जी जो संत हैं, उनसे हमारी काफी मित्रता है , बिहटा में उनकी मेडिकल हॉल है और यह तार दिल से जुटता चला गया।परिणाम सुखद रहा।राजनीति एक प्रयोग शाला है, जो समय समय पर होना चाहिए।  सफलता की सारी जानकारी संत जी ने  दी।

सिंहासन खाली करो कि जनता आती है। कवि रामधारी सिंह दिनकर

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   पंचायत के चुनाव में भी कवि की भविष्यवाणी सत्य हो रही है।अब जनता सभी को हाँ कहती है, नतीजा सभी लोग मैदान में डटे रहते हैं और अपनी जमा पूंजी लुटाते रहते हैं। रात दिन की मेहनत अलग है।परिणाम इतना करीबी होता है कि किसी को भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी। असली काम वोट गिरते समय होता है। समीकरण बनते बिगड़ते हैं। देखें  कविता।   मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है;  दो राह,समय के रथ का घर्घर-नाद सुनो,  सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।  जनता?हां,मिट्टी की अबोध मूरतें वही,  जाडे-पाले की कसक सदा सहनेवाली,  जब अंग-अंग में लगे सांप हो चुस रहे  तब भी न कभी मुंह खोल दर्द कहनेवाली।   जनता? हां,लंबी - बडी जीभ की वही कसम,  "जनता,सचमुच ही, बडी वेदना सहती है।"  "सो ठीक,मगर,आखिर,इस पर जनमत क्या है?"  'है प्रश्न गूढ़ जनता इस पर क्या कहती है?"   मानो,जनता ही फूल जिसे अहसास नहीं,  जब चाहो तभी उतार सजा लो दोनों में;  अथवा कोई दूधमुंही जिसे बहलाने के  जन्तर-मन्तर सीमित हों चार खिलौनों में। लेकिन होता भूडोल, बवंडर उठते हैं,...

आग्रह,निवेदन,शालीनता, कर्मठता, समाजसेवी चुनाव के बाद भी रहे।प्रसिद्ध यादव।

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   बदलाव प्रकृति की नियम है। रंजिश न रखें।बिना पद के भी सेवा करें। अभी  जहाँ पंचायत में चुनाव हैं वहाँ  के उम्मीदवारों की वेशभूषा, भाषा, व्यवहार सब बदला हुआ है। अपने से छोटे को भी पैर छूने में कोई हिचकिचाहट नही है, बाबू, भैया, चाचा, चाची तो सपनें में मुँह से निकल रहे हैं। जो कभी मन्दिर, मस्जिद में मत्था नही टेका, वो भी चढ़ावा चढ़ा रहे हैं। जब भी जनता से भेंट हो जाये कुशलक्षेम पूछना नही भूलते।दरवाजे पर कुर्सियां, दरी ,सफेदा बिछे हैं, चाय की कौन पूछे? कुछ लोगों को एक महीना घर के खाना खाये हो गए।कल तक जो ठर्रा के लिए तरसते थे, आज ब्रांडेड सुलभ है।अभी दीवाली छठ पर्व आने वाले हैं, पंडालों में उम्मीदवारों के पोस्टल टंगने के फ़ीस खुशी खुशी दे देंगे।एक एक आदमी समीकरण जोड़ने घटाने में लगा हुआ है, गणितज्ञ भी फेल हैं।यह लोक व्यवहार परिणाम के पहले तक रहता है।चुनाव बाद उसी उमीदवारों में प्रेत आत्मा घुस जाती है और कल तक जो हाथ से हाथ मिलकर अभिवादन किया करता था, वही हाथ पीटने के लिए उठने लगते हैं, जो दुःखद है। इसका शिकार कमजोर लोग होते हैं, लेकिन ये लोग भी मुफ्त की रोटी तोड़ने में नही च...

29 साल के उम्र में 10 वें साल में देश की हिफाज़त में।

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 आज पूरे 3 साल कश्मीर में अपनी सेवा देते हुए, बाकी समय पूर्वोत्तर राज्यों में।इतने उम्र में लोग खेलते कूदते हैं, लेकिन चुनौती आगे की रास्ता दिखाता है। जिसके जीवन में चुनौती ही नही उसके जीवन तालाब की पानी की तरह रुक जाता है और उसमें काई लग जाती है, इसी तरह जीवन है, निरंतर चलते रहने का नाम है।ये हैं मेरे द्वितीय सुपुत्र सोमनाथ! घर से दूर रहना कितना  कठिन है, हम समझते हैं।मैं कहीं भी रहता मेरी आत्मा चाहे तिरुपति में बड़े पुत्र के पास, कश्मीर और घर पर रहता है।ये हाल सिर्फ मेरा ही नही सभी के जिनके अपने प्रवास में रहते हैं, रहता है।लेखनी की ताकत मुझे ताकत देती रहती है वरना इस दुनिया में ठोकरें ज़्यादा मिलती है। अगर हम भी दबंग प्रवृत्ति के होते तब ऐसा नहीं होता, लेकिन शालीनता को कमजोरी समझ लेते हैं। मेरा कोई शत्रु नही है, इसके लिए कुछ मेरे मित्र ही काफ़ी है। लड़ाई सामने से हो, आस्तीन के सांप बनकर नहीं। जिसे चलने के लिए कभी सिखाया, आज वही मेरे रास्ते रोकने के लिए खड़ा है।हवा के झोंके न रुका है, न रुकेगा।

कुमारी सिमरन कोरियावां से पुनः मुखिया बनने की प्रबल दावेदार।प्रसिद्ध यादव

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 स्व अभियंता हरिनंदन यादव की पुत्र बहू सिमरन विगत 5 साल अपने क्षेत्र के विकास के लिए काफी ततपर रहीं और विकास हर जगह नजर आई।मृदुभाषी, सरल स्वभाव, शिक्षित, कुशल व्यवहार के धनी सिमरन को भला कौन नही चाहेगा कि मुखिया नही बने। कला संस्कृति से लगाव रखने वाले हैं।यही कारण है कि भोजपुरी स्टार पवन सिंह, आनंद मोहन सिंह, बिल्डरवा के पाप जैसे कलाकारों ने इनकी तारीफ ही नही करते, बल्कि वोटरों से वोट देने की अपील भी करते हैं। सिमरन को  पंचायत के हर गाँव में हर वर्ग के लोगों में लोकप्रिय हैं। राजद सुप्रीमो लालू यादव भी चुनाव भर्मन में सिमरन के यहां रुकना कभी नही भूले। आशा है कुमारी सिमरन को कोरियावां पंचायत की  जनता अपना भरपूर प्यार ,आशीर्वाद देगी। अनन्त शुभकामनाओं सहित प्रसिद्ध कुमार।

वंचितों को राष्ट्रीय दल बनाने की जरूरत है। प्रसिद्ध यादव

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      जब सोनिया गांधी को विदेशी कहकर बेइज्जत किया जा रहा था, तब लालू यादव बचाव किया था।जब नीतीश को छाती तोड़ने की बात बिगड़ैल ने किया था, तब लालू यादव ही आगे आये थे, लेकिन मिला क्या? केवल धोखा! कोंग्रेस भाजपा कभी भी राजद सपा के भरोसेमंद नहीं। अगर कॉंग्रेस राजद से अलग होती है तो कोई आश्चर्य नहीं है। अगर ये गठबंधन विधानसभा चुनाव से पहले  टूट जाता तो आज राजद की सरकार रहती।जैसे जदयू भाजपा से असहज महसूस करती है, वैसे ही राजद  कोंग्रेस से असहज ही नहीं रहती , बल्कि ब्रेकर भी थी। बसपा भी भाजपा से दोस्ती कर के देख ली है ।सपा भी कोंग्रेस से दोस्ती कर के देख ली है। यह भारतीय राजनीति की विडंबना ही कहे कि देश में 80 फीसदी गरीबों की आबादी है, लेकिन अबतक कोई भी इसकी कारगर राष्ट्रीय पार्टी नही बन पाई। पक्ष या विपक्ष में कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस और यही दोनो दलों के छोटे छोटे दल चाकरी करते रहते हैं। 1977 और 1989 में गैर कांग्रेस की सरकार बनी, लेकिन असमय दोनों सरकारें पूंजीपतियों की भेंट चढ़ गई।2014  से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी हुई है, जो पूंजीपतियों की कठपुतली बनी हुई है।...

पूर्व जिला पार्षद उपाध्यक्ष ज्योती सोनी की करारी शिकस्त हुई ।प्रसिद्ध यादव।।

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   ज्योती सोनी पटना जिला पार्षद की उपाध्यक्ष से अध्यक्ष की कुर्सी पर ड्रामे कर के पहुंची थी। जब भी बैठक होती अपने जमूरे के साथ हंगामा मचा देती। अब हार की बारी है इसके जमूरों की। इसकी हार से इसके शागिर्द जिला पार्षदों के रूह कांपने लगे हैं। कुछ तो चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। पैसों के बल पर लोकतंत्र को बपौती समझने वाले को जनता जमीन में नाक रगड़ देती है। सब पांच साल की चर्बी झड़ जाएगी।    पटना जिले के दुल्हिन बाजार प्रखंड की धाना निसरपुरा पंचायत में धर्मेंद्र कुमार उर्फ राहुल, सदावह डोरवा में प्रभात यादव की पत्‍नी रेखा कुमारी, राजीपुर से गुड़‍िया देवी, काब में खुर्शीदा परवीन मुखिया का चुनाव जीत गई हैं। इस प्रखंड में मुमताज अंसारी जिला परिषद का चुनाव जीत गए हैं। बिहटा प्रखंड की आनंदपुर पंचायत से किरण देवी, सिकंदरपुर में अर्धानंद पासवान, कटेसर पंचायत से सुमन कुमारी मुखिया पद पर चुनी गई हैं। आनंदपुर पंचायत में छोटी कुमारी पंचायत समिति सदस्य पद के लिए चुनाव जीत गई हैं। बिहटा में जिला परिषद उत्‍तरी भाग की सीट से आशा देवी ने पूर्व जिला परिषद ज्‍योति सोनी को चुनाव...

मोहन मंडल ने करवाया पंचायत समिति के लिए नामांकन। प्रसिद्ध यादव

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  आज फुलवारी प्रखंड कार्यालय में समर्थकों के साथ मैनपुर अंडा पंचायत के पूर्वी भाग से मोहन मंडल ने नामांकन करवाया। गांवों के युवाओं के साथ क्षेत्र के लोगों ने भी बड़ी उत्साह के साथ नामांकन में शामिल हुए।मंडल बेदाग छवि के, सभी नशा से मुक्त, दिन रात जन समस्याओं के लेकर समाधान के लिए प्रयासरत रहते हैं।यही कारण है कि बाबुचक, अंडा, महम्मदपुर, धर्मपुर आदि गांवों के लगभग सभी पात्र लोगों को वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, इंदिरा आवास सहित जाति, आवासीय, आय,  मोटेशन, किसान योजना ओबीसी प्रमाण पत्र इनके ही घर पर  सुविधाएं मुहैया करवाते हैं। किसी के आपात सेवा में पीएमसीएच आदि जगहों पर तत्परता से लगे रहते हैं।यही कारण है कि आज हर वर्ग के लोग मंडल को सर आंखों पर बिठाये हुए थे।मेरा छोटा सहोदर भाई हैं, लेकिन अपनी उपलब्धियों को लोगों के बीच नही रखे।  मैं फुलवारी प्रखंड में बीस सूत्री का कई वर्षों तक सदस्य रहा और बसंचक से लेकर महम्मदपुर तक साथियों के साथ   सोलिंग करवाया। बाबुचक में 10  प्लस 2 तक विद्यालय बना ।क्षेत्र के लोग मेरी उपलब्धियों को रखे हुए हैं यही मेरे लिए सौभाग्य की...

संविधान के आधारभूत ढांचे को जानें।

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  अब देखना है की देश या राज्यों की सरकारें इसकी पालन कितनी करती है?     विधि शासन। समता का अधिकार। शक्ति के पृथक्करण का सिद्धांत। संविधान की सर्वोच्चता। परिसंघवाद। पंथनिरपेक्षता। देश का संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतांत्रिक और गणतंत्र का ढांचा। संसदीय प्रणाली की सरकार। न्यायपालिका की स्वतंत्रता। उच्चतम न्यायालय की अनुच्छेद 32, 136, 141, 142 के अधीन शक्ति। संविधान संशोधन की सीमित शक्ति। अर्थात इस बात से निर्धारित होता है कि संसद की संविधान करने की सीमित शक्ति भी भारत के संविधान का आधारभूत ढांचा अर्थात संसद के संशोधन करने की शक्ति असीमित नहीं की जा सकती क्योंकि संशोधन की शक्ति को भी असीमित नहीं माना गया है।

मैनपुर अंडा पंचायत के कुछ कार्यों पर नज़र डालें।प्रसिद्ध यादव।

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 मेरी नज़र से आप भी देखें।  चुनाव के मैदान में प्रत्याशियों की कमी नही है, लेकिन लोग अंधेरे में तीर चला रहे हैं। अगर वास्तव में क्षेत्र में घूम रहे हैं तब जरा एक नजर विकास योजनाओं पर डालियेगा और कार्यों को जमीन पर खोजियेगा।अगर आपलोगों से नही हुआ तब मुझे आने की देर है। कौन कहाँ निजी जमीन में पेंड़ लगा, सरकारी जमीन में भी।वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में भी बहुत खर्च हुआ है। फिर चाहे कोई प्रतिनिधि हो, अधिकारी हो मेरी नजर से बच नही सकता है।एक एक काम पर मेरी दृष्टि है।आगे आगे देखिये अभी होता है क्या?