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Showing posts from July, 2025

स्थानीय विधायक गोपाल रविदास के नेतृत्व में जानीपुर में न्याय की गुहार: एक दर्दनाक घटना और बढ़ता आक्रोश !😢-प्रसिद्ध कुमार।

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    1 अगस्त 2025 को, जानीपुर बाजार में विधायक फुलवारीशरीफ गोपाल रविदास के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण और परिजनों ने एक दर्दनाक घटना के विरोध में धरना दिया। यह धरना जानीपुर नगवा नहर के पास हुई उस हृदय विदारक घटना के संबंध में था, जिसमें कल, 31 जुलाई 2025 को, ललन गुप्ता और शोभा गुप्ता के दो मासूम बच्चे – अंजली गुप्ता और अंश गुप्ता – की दुखद मृत्यु हो गई थी। घटना का विवरण कल दोपहर लगभग 2 बजे, जब अंजली और अंश के माता-पिता घर से बाहर थे, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। ग्रामीणों और परिजनों का आरोप है कि बच्ची के साथ बलात्कार किया गया और फिर सबूत मिटाने के लिए मिट्टी का तेल छिड़ककर जला दिया गया। इस आरोप ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और लोगों में गहरा आक्रोश है। प्रशासन पर सवाल घटना को 20 घंटे से ज़्यादा बीत चुके हैं, लेकिन अब तक न तो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है और न ही जिला प्रशासन ने घटना की कोई संतोषजनक जानकारी दी है। डॉग स्क्वॉड और FSL (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम घटनास्थल पर पहुंची तो है, लेकिन किसी भी ठोस कार्रवाई के अभाव ने लोगों के गुस्से को और बढ़ा दिया है। इस ला...

विधायक भाई वीरेंद्र , रीतलाल राय और चेतन आनंद की घटनाएं क्या दर्शाती हैं ! एक विश्लेषण-प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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        संयोग से तीनों आरजेडी के विधायक हैं और तीनों के मामले राजधानी पटना की ही है। चेतन आनंद का संबंध राजद से अलग एनडीए में  रहता है।  मनेर विधायक भाई वीरेंद्र, दानापुर विधायक रीतलाल राय और पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे से जुड़ी हालिया घटनाएं बिहार में जनप्रतिनिधियों, नौकरशाहों और कानून-व्यवस्था के बीच के जटिल संबंधों को उजागर करती हैं। ये घटनाएं कई सवाल खड़े करती हैं कि क्या नौकरशाही बेलगाम हो रही है, या फिर जनप्रतिनिधियों और सरकार की चुप्पी इन समस्याओं को बढ़ावा दे रही है। मनेर विधायक भाई वीरेंद्र और पंचायत सचिव का मामला: मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र से जुड़ा मामला तब सामने आया जब उन्होंने एक पंचायत सचिव को कथित तौर पर "जूते मारने" की धमकी दी। यह घटना तब हुई जब विधायक एक ग्रामीण के काम के सिलसिले में पंचायत सचिव से पैरवी कर रहे थे, लेकिन सचिव का रवैया कथित तौर पर अड़ियल था। इसके बाद पंचायत सचिव ने विधायक पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC/ST Act) के तहत मामला दर्ज करा दिया। तथ्य: इस घटना में विधायक द्वारा एक लोक सेवक क...

नगवा जानीपुर में दो बच्चों की मौत !😢😢

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       पटना के जानीपुर थाना क्षेत्र के नगवा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक घर के अंदर से दो बच्चों, 15 वर्षीय अंजलि और 10 वर्षीय अंश, के जले हुए शव बरामद हुए हैं। यह घटना गुरुवार, 31 जुलाई 2025 को दोपहर के समय हुई। यह घटना दुर्घटना है या हत्या है ,जांच के बाद ही मालूम होगा। घटना का समय: गुरुवार, 31 जुलाई 2025 को दोपहर 12:30 बजे से 2:00 बजे के बीच। स्थान: पटना के जानीपुर थाना क्षेत्र का नगवा गांव। मृतक: 15 वर्षीय अंजलि (लड़की) और 10 वर्षीय अंश (लड़का)। परिजनों का आरोप: बच्चों के माता-पिता का आरोप है कि किसी दबंग ने घर में घुसकर उनके बच्चों को जिंदा जला दिया। उनके अनुसार, बच्चे स्कूल से आकर घर में सो रहे थे जब यह घटना हुई। माता-पिता की स्थिति: बच्चों के पिता चुनाव आयोग में कार्यरत हैं और मां पटना एम्स में सिक्योरिटी गार्ड हैं। घटना के समय दोनों घर पर नहीं थे। शव की स्थिति: दोनों बच्चों के शव पलंग पर जली हुई अवस्था में मिले। उनके चेहरे सहित शरीर के कई हिस्से जल गए थे। ग्रामीणों का संदेह: ग्रामीणों ने इसे सामान्य हादसा मानने से इनकार करते हुए सा...

खगौल में गूंजे सुर: "एक शाम रफी एवं लता जी के नाम" ने संगीत की विरासत को किया जीवंत! -प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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   खगौल, 31 जुलाई 2025 - आज खगौल की धरती पर एक ऐसा अविस्मरणीय दिन रहा, जब मोहम्मद रफी साहब की 45वीं पुण्यतिथि और लता मंगेशकर जी की तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित "एक शाम रफी एवं लता जी के नाम" कार्यक्रम ने संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शुभ आलय उत्सव पैलेस, बड़ी बदलपुरा में रंगोली म्युजिकल ग्रुप (खगौल) पटना द्वारा प्रस्तुत इस संगीतमय श्रद्धांजलि ने दर्शकों को सुरों के सागर में डुबो दिया। सुरों से सजी शाम की शुरुआत कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और महान कलाकारों, रफी साहब और लता मंगेशकर जी, के तैल चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इस पावन अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक आई पी गुप्ता, माध्यमिक विद्यालय पूर्व मध्य रेलवे दानापुर के प्राचार्य ज्ञानेश्वर प्रसाद, अतिथि रंगकर्मी विनोद शंकर मिश्रा, सूत्रधार नाट्य संस्था के महासचिव रंगकर्मी एवं अधिवक्ता नवाब आलम, प्रो प्रसिद्ध कुमार, बालिगा माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक मोहन पासवान और उनकी पत्नी समाजसेवी अनिता देवी, लक्ष्मी पासवान सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति से शाम को और भी विशेष बना दिया। महान विरासत ...

मोहम्मद रफ़ी साहब एवं लता मंगेशकर : आवाज़ जो अमर है।

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   अब  प्रतीक्षा क्यों ? खगौल में । संगीत प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय शाम आने वाली है! 31 जुलाई, 2025 को, खगौल की धरती, जो अपने आप में कला और संस्कृति का एक केंद्र है, मोहम्मद रफी साहब की 45वीं पुण्यतिथि और लता मंगेशकर जी की तीसरी पुण्यतिथि पर एक भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने जा रही है। यह सिर्फ एक संगीत कार्यक्रम नहीं, बल्कि दो किंवदंतियों को याद करने, उनके अमर संगीत का जश्न मनाने और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है।  आज, हम भारतीय संगीत के उस महान रत्न को याद कर रहे हैं, जिनकी आवाज़ ने न केवल लाखों दिलों पर राज किया, बल्कि उन्हें गहराई से छुआ भी। मोहम्मद रफ़ी साहब की पुण्यतिथि पर, हम उनके अद्भुत संगीत सफर को नमन करते हैं और उन गीतों को याद करते हैं जिन्होंने हमारी भावनाओं को जगाया, हमें भक्ति में लीन किया और देश प्रेम से ओत-प्रोत किया। रफ़ी साहब की आवाज़ में एक ऐसी जादू थी जो हर भावना को जीवंत कर देती थी। चाहे वह प्यार का इज़हार हो, दर्द की दास्तान हो, भक्ति की पुकार हो या देश के प्रति अटूट प्रेम, उनकी गायकी ने हर गीत को एक नया आयाम दिया। दिलों को छून...

मुंशी प्रेमचंद: व्यवस्था पर करारा प्रहार – भ्रष्टाचार, तानाशाही, छुआछूत और ऊंच-नीच के विरुद्ध उनकी आवाज़ !प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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    जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन ! मुंशी प्रेमचंद, जिन्हें 'उपन्यास सम्राट' के नाम से जाना जाता है, केवल एक लेखक नहीं थे, बल्कि समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपनी कहानियों और उपन्यासों के माध्यम से तत्कालीन समाज में व्याप्त बुराइयों, विशेषकर भ्रष्टाचार, तानाशाही, छुआछूत और ऊंच-नीच पर तीखा प्रहार किया। उनकी रचनाएं सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं थीं, बल्कि सामाजिक चेतना जगाने का एक सशक्त माध्यम थीं। भ्रष्टाचार पर प्रेमचंद का वार प्रेमचंद ने अपने साहित्य में सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार को बखूबी उजागर किया। उन्होंने दिखाया कि कैसे आम आदमी इस भ्रष्टाचार की चक्की में पिस रहा था। उनकी कई कहानियों में रिश्वतखोरी, भाई-भतीजावाद और पद का दुरुपयोग स्पष्ट रूप से चित्रित होता है। उनकी उक्ति: "जिस तरह बिल्ली चूहे को दबोच लेती है, उसी तरह धन भी मनुष्य को दबोच लेता है।" यह उक्ति बताती है कि कैसे धन का लोभ मनुष्य को भ्रष्ट कर देता है। उदाहरण: उनकी कहानी 'नमक का दरोगा' में ईमानदार दरोगा वंशीधर को रिश्वतखोर पंडित अलोपीदीन से संघर्ष करना पड़ता है। यह कहानी दर्शाती है कि कैसे ईमानदारी क...

बिहार सरकार का यू-टर्न: संबंध डिग्री कॉलेज शिक्षकों के UGC वेतन पर सुप्रीम कोर्ट में अपील, शिक्षाविदों में भारी रोष ! - प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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    पटना : एक ओर बिहार सरकार विभिन्न लोकलुभावन योजनाओं जैसे आशा और ममता कार्यकर्ताओं को सहायता, आंगनवाड़ी सेविका-सहायिकाओं को लाभ, सामाजिक पेंशन और मुफ्त बिजली के माध्यम से अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं दूसरी ओर निजी डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों के लिए पटना उच्च न्यायालय के UGC वेतन और पेंशन संबंधी ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ अंतिम क्षणों में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर हजारों कर्मचारियों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। यह कदम सरकार की कथनी और करनी के बीच के भारी विरोधाभास को उजागर करता है और शिक्षा क्षेत्र में घोर उपेक्षा का परिचायक है। पटना उच्च न्यायालय का तर्कसंगत और विधि-सम्मत फैसला पटना उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण और दूरगामी फैसले में स्पष्ट किया था कि राज्य के मान्यता प्राप्त निजी डिग्री कॉलेजों में 19 अप्रैल 2007 से पहले नियुक्त शिक्षकों को वेतन और पेंशन सहित सभी सेवा लाभ दिए जाएं, ठीक वैसे ही जैसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के मानकों के तहत मिलते हैं। खंडपीठ ने सरकार की दो अपीलों को खारिज करते हुए तीन महीने के भीतर इस आदेश का अनुपालन क...

हरिप्रसाद का चौथा सूर्योदय: जब ज़िद ने किस्मत को झुकाया।

     चौथे प्रयास में बने थे आईएएस ! धनवार गाँव, बिहार की सरहद पर एक ऐसा कोना था, जहाँ मिट्टी की गंध जीवन से भी ज़्यादा गहरी थी, और जहाँ रेल की पटरियाँ भले ही न बिछी हों, पर सपनों की उड़ान दूर क्षितिज तक जाती थी. इसी माटी का बेटा था रामचेल यादव का हरिप्रसाद, जिसे गाँव वाले प्यार से "हरुआ" कहते थे – एक नाम, एक पहचान, एक उम्मीद. हरुआ का बचपन हल की रेखाओं, खेतों की खुशबू और मदरसे की काली स्लेट पर उकेरे अक्षरों के बीच बीता. उसका पहला खिलौना मिट्टी की गाड़ी थी, और ज्ञान का पहला दीपक उसने खलीफा मियाँ की मस्जिद की दीवार पर कोयले से जलाया था, ठीक वैसे ही जैसे एक नन्हा पौधा सूरज की पहली किरण से जीवन पाता है. छह लोगों का परिवार, जहाँ खाना भी गिनकर मिलता था, माँ की आँखों में एक सपना चमकता था – "बेटा, पढ़-लिख के बाबू बन जा, ताकि हम भी एक दिन तेरे हाथ की चाय पी सकें." यह चाय की प्याली नहीं, बल्कि एक माँ के आशीर्वाद की गर्माहट थी, जो हरिप्रसाद की रगों में लहू बन कर दौड़ रही थी. आँखों में "एक दिन बड़ा अफसर बनूँगा" का सपना लिए, हरिप्रसाद ने 2004 में दिल्ली की ओर रुख किया. ...

खगौल के जगतनारायण लाल कॉलेज: सावन की सरस यात्रा ! प्रसिद्ध यादव।

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    सावन की फुहारों से भीगता, मनमोहक हरियाली से सराबोर जगतनारायण लाल कॉलेज, खगौल - आज इस कॉलेज में कदम रखते ही ऐसा लगा, मानो मैं साक्षात प्रकृति के आलिंगन में समा गया हूँ। हल्की बूंदाबांदी ने पहले ही मन को भिगो दिया था, और फिर कॉलेज प्रांगण के छायादार वृक्षों और हरे-भरे घास के मैदान ने सहज ही अपनी ओर खींच लिया। यह अनुभव किसी हरी-भरी चादर में लिपटे एक शांत गाँव में घूमने जैसा था, जहाँ हरियाली आँखों को सुकून और मन को शांति देती है। एक विशाल गेट से अंदर प्रवेश करते ही, गार्ड रूम के बाद गर्ल्स हॉस्टल और फिर विभिन्न विभागों के कार्यालयों से लेकर प्राचार्य का भव्य कक्ष तक, सब कुछ एक सुव्यवस्थित क्रम में था। प्राचार्य महोदया के कक्ष में प्रवेश करते ही, मुझे लगा जैसे मैं इतिहास के पन्नों में गोते लगा रहा हूँ। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, देशरत्न राजेंद्र बाबू, महात्मा बुद्ध, डॉ. कलाम, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसे महापुरुषों की बड़ी-बड़ी तस्वीरें दीवार पर टंगी थीं, जो उनके विराट व्यक्तित्व और अमर स्मृतियों में ले जा रही थीं। यह किसी ज्ञान के मंदिर में प्रवेश करने जैसा था, जहाँ हर तस्वीर...

विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीतिक बिसात पर कई और चालें देखी जा सकती हैं।

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      क्या नीतीश लालू साथ आ सकते हैं? पढ़ें संभावित पूरी रिपोर्ट।     बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की चालें हमेशा अप्रत्याशित रही हैं, और निकट भविष्य में उनके फिर से लालू यादव से हाथ मिलाने की संभावना को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता, हालांकि फिलहाल इसके आसार कम दिख रहे हैं। यहाँ कुछ बातें हैं जो इस संभावना को प्रभावित कर सकती हैं: नीतीश कुमार का लालू यादव के साथ गठबंधन की संभावना हाल के बयानों में नीतीश कुमार ने कई बार कहा है कि लालू प्रसाद यादव के साथ जाना उनकी एक बड़ी गलती थी और भाजपा उनका "स्वाभाविक मित्र" है। वह बार-बार 2005 से पहले के "जंगल राज" और अपने "सुशासन" के नैरेटिव को दोहराते हैं। इससे लगता है कि वह फिलहाल एनडीए के साथ बने रहना चाहते हैं। हालांकि, नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक रणनीति बदलने के लिए जाने जाते हैं। अतीत में वह कई बार लालू यादव के साथ गठबंधन कर चुके हैं और फिर उसे तोड़ चुके हैं। उनकी प्राथमिकता हमेशा अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाए रखना और मुख्यमंत्री पद पर बने रहना रही है। पुत्र को राजनीति में लाने और तेजस्वी को सीएम बनाने की बात ...

धर्म, जाति, क्षेत्र और भाषा: मानव निर्मित दीवारें और बदलता समाज !- प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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    मनुष्य ने अपनी सहूलियत, पहचान और कार्य विभाजन के लिए धर्म, जाति, क्षेत्र और भाषा जैसी संरचनाएं गढ़ीं। लेकिन समय के साथ, ये अवधारणाएं मानव-निर्मित पहचानों से कहीं आगे बढ़कर, नफरत, द्वेष, ईर्ष्या और शोषण का हथियार बन गईं। यहां तक कि त्वचा का रंग, जो कि विशुद्ध रूप से भौगोलिक कारणों से निर्धारित होता है, भी भेदभाव का एक बड़ा कारण बन गया, जिसका दंश दुनिया भर के लोगों ने झेला है। रंगभेद का कड़वा सच दक्षिण अफ्रीका इसका एक जीता-जागता उदाहरण है, जहां काले और गोरे लोगों के बीच आसमान-ज़मीन का फर्क था। इस भयावह रंगभेद ने महात्मा गांधी को अन्याय के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा दी, और नेल्सन मंडेला ने दशकों तक इसके खिलाफ संघर्ष किया, जेल गए, लेकिन अंततः विजय प्राप्त की। भारत में भी, यह "कोढ़" सदियों से मौजूद है और आज भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। आज भी, जब कोई अजनबी मिलता है या सहकर्मी के रूप में साथ काम करता है, तो उसके धर्म और जाति को जानने की उत्सुकता लोगों के मन में बनी रहती है। अक्सर अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष सवालों के माध्यम से ये जानकारी हासिल की जाती है, और फिर उसी के आधार पर व्यवह...

पटना का हाल: विकास की बाढ़ में डूबा शहर

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   बीस सालों का इतिहास यही, पटना डूबे हर बार सही. न समुचित जल का निकास, थोड़ी बारिश में टूटे हर आस. पटना स्टेशन की पटरी डूबी, साहेब, मंत्री का बंगला भी डूबी. राजेंद्र नगर से एम्स तक, पानी ही पानी, क्या कहूं अब तक! पीएमसीएच हो या एनएमसीएच, छात्रों का हॉस्टल, क्या है रे बेच! अगर सावन-भादो बरसेगा फिर, क्या होगा हाल, बेहाल ये शहर? डबल डेकर, मेट्रो की बात, पर ड्रेन की योजना क्यों न साथ? विकास केवल अखबारों में, टीवी के झूठे विचारों में. सात हज़ार करोड़ का हिसाब नहीं, क्या पानी में बह गया जवाब नहीं? कैग करे गुहार, "दो प्रमाण पत्र!" बिहार सरकार, सुन लो ये मंत्र. सरकार अभी है पानी में, मत करो पानी-पानी, नादानी में. चुनाव निकट है, कैग चुप रहो, पटना में पानी ही पानी, बस यही कहो!  

सम्राट चौधरी वंचितों के नेता लालू यादव को सदन में भाजपा के इशारे पर अपराधी कहने का दुस्साहस किया।

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    स्मार्ट चौधरी पर गंभीर आरोप: उम्र और डिग्री में फर्जीवाड़ा, आपराधिक मामले और राजनीतिक दुर्भावना का संदेह बिहार की राजनीति में इन दिनों स्मार्ट चौधरी के इर्द-गिर्द आरोपों का बवंडर खड़ा हो गया है। उन पर अपनी उम्र और डिग्री में फर्जीवाड़ा करने के साथ-साथ आपराधिक मामलों में संलिप्तता के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। मामला उस वक्त और गरमा गया, जब उन्होंने एक वंचितों के नेता को सदन में अपराधी कहने का दुस्साहस किया। इन गंभीर आरोपों के बीच, यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर एक वंचितों के नेता को नीचा दिखाने की सोची-समझी साजिश है? आरोपों का चक्रव्यूह: फर्जीवाड़ा और आपराधिक मामले स्मार्ट चौधरी पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, यह आवश्यक है कि इनकी गहन जांच हो। उम्र और डिग्री में फर्जीवाड़ा एक गंभीर अपराध है, जो न केवल उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि पर सवाल खड़े करता है, बल्कि उनकी सार्वजनिक विश्वसनीयता को भी कमजोर करता है। इसके अतिरिक्त, यदि उन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, तो यह और भी चिंताजनक है, खासकर तब जब वे एक सार्वजनिक पद पर आसीन होने की आकांक्षा रख...

सम्राट चौधरी के अजीबोगरीब दस्तावेज़: क्या उम्र और शिक्षा में है कोई रहस्य? जनता को जवाब दें ।

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    बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जिन्हें राकेश कुमार के नाम से भी जाना जाता है, हाल ही में कुछ ऐसे दस्तावेज़ों को लेकर चर्चा में हैं जो उनकी उम्र और शैक्षणिक योग्यता को लेकर सवाल खड़े करते हैं। इन दस्तावेज़ों की पड़ताल करने पर कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आते हैं, जो न केवल उनकी प्रोफाइल पर संदेह पैदा करते हैं, बल्कि एक आम नागरिक के मन में कई सवाल भी उठाते हैं। उम्र का गणित: 10 साल में 23 साल कैसे बढ़े? दस्तावेज़ों के अनुसार, अक्टूबर 2010 में सम्राट चौधरी की उम्र 28 साल बताई गई है। अगर यह जानकारी सही है, तो गणित के हिसाब से 10 साल बाद यानी जून 2020 में उनकी उम्र 38 साल होनी चाहिए थी। लेकिन, जून 2020 के एक दस्तावेज़ में उनकी उम्र 51 साल दर्ज है। यह एक बड़ा विरोधाभास है। क्या 10 साल की अवधि में किसी व्यक्ति की उम्र 23 साल बढ़ सकती है? मानवजाति में यह संभव नहीं है। यह विसंगति कई संदेहों को जन्म देती है। क्या यह किसी प्रकार की त्रुटि है, या फिर कुछ और? शैक्षणिक योग्यता में 'क्वांटम लीप': 7वीं से सीधे डी. लिट? उम्र के साथ-साथ, सम्राट चौधरी की शैक्षणिक योग्यता में भी एक उल्ले...

स्मार्ट सिटी का 'जल-समाधि' महोत्सव: पटना डूबा, नेताजी बोले- ' 2005 से पहले कुछ था जी !"

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     ई त हम आये हैं तब से लोग बरसात में पानी का आनंद ले रहा है।  अब वाटर मेट्रो चलेगा सब जगह। पिछले 10-12 घंटों से देवराज इंद्र की 'असीम कृपा' ने बिहार की राजधानी पटना को सचमुच 'धो' डाला है. शहर के स्मार्ट सिटी बनने के सपनों को धोते हुए, गली-मोहल्ले, मुख्य सड़कें और यहाँ तक कि लोगों के घर भी पानी में तैरते नजर आ रहे हैं. पटना जंक्शन से लेकर डाकबंगला चौराहा, जीपीओ गोलंबर और कंकड़बाग तक, हर तरफ 'जल ही जीवन' का अद्भुत नज़ारा है – बस थोड़ा ज्यादा ही 'जीवन' हो गया है! पटना जंक्शन और पाटलिपुत्र स्टेशन का तो हाल ऐसा है कि पूछिए मत! लग रहा है, किसी ने रेलवे ट्रैक को तालाब में बदल दिया हो, ताकि यात्रीगण ट्रेन का इंतजार करने की बजाय, नाव खेने का अभ्यास कर सकें. अब इसे विकास न कहें तो क्या कहें? हमारे 'दूरदर्शी' नेताओं और 'सक्षम' अधिकारियों ने शायद सोचा था कि 'स्मार्ट सिटी' का मतलब होगा, शहर को इतना आधुनिक बना देना कि उसे ड्रेनेज की ज़रूरत ही न पड़े. या शायद उनका प्लान यह था कि बरसात में पटना को वेनिस का भारतीय संस्करण बना दिया जाए, ताकि टूर...

दफ्तरों की महिमा अपरंपार, और बिहार तो जैसे इसका सिरमौर! -प्रो प्रसिद्ध कुमार।😊😊

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     हम सबने सुना है, देखा है, और शायद भुगता भी है कि बिहार में एक सुई भी बिना 'तेल' के नहीं हिलती. हर काम के लिए 'अंदर की बात' का जुगाड़ होना चाहिए, नहीं तो फाइलें धूल फांकती रह जाती हैं. लेकिन भैया, ये तो सरासर अन्याय है उन ईमानदार सरकारी बाबूओं के साथ! जो बेचारे बिना किसी लालच के, सिर्फ अपनी कर्त्तव्यनिष्ठा से काम करते हैं, उनका नाम क्यों खराब किया जाए? आजकल की दुनिया में जहां हर बात पर सोशल मीडिया पर बवाल मच जाता है, वहां एक ऐसा वाकया सामने आया है जिसने 'रिश्वतखोरी' के सारे मिथकों को तोड़ दिया है. किसी ने कहा था कि बिहार में बिना रिश्वत दिए तो आम आदमी का काम भी नहीं होता. लेकिन इस तस्वीर को देखिए, जिसमें एक कुत्ते (Dog Babu) के नाम पर बिहार सरकार का निवास प्रमाण पत्र (Residence Certificate) जारी हुआ है! और ये कोई मामूली कुत्ता नहीं, बल्कि इसका पूरा बायोडाटा है - पिता का नाम 'कुत्ता बाबू' (Kyutta Babu), माता का नाम 'कुतिया देवी' (Kutiya Devi), ग्राम/मोहल्ला - 'काउजलीचक', वार्ड संख्या -15, डाकघर - मसौढ़ी, पिनकोड - 804452, थाना - मसौढ़ी,...

खगौल में बहुजन एवं अल्पसंख्यक सामाजिक जागृति मंच द्वारा ऐतिहासिक प्रशिक्षण शिविर: शिक्षा, प्रतिनिधित्व और सामाजिक न्याय पर गहन चिंतन _ प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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       दिनांक 27 जुलाई, 2025 को खगौल, पटना में "बहुजन एवं अल्पसंख्यक सामाजिक जागृति मंच" द्वारा एक महत्वपूर्ण एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर 25 जुलाई, 1902 को साहू जी महाराज द्वारा आरक्षण लागू करने की स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य 'संविधान बचाओ एवं बहुजन व्यवस्था बचाओ' था। इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल से आए प्रशिक्षक, श्री अब्दुल मन्नान ने शिक्षा के वास्तविक अर्थ और सामाजिक परिवर्तन में उसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने समझाया कि किसी जानकारी को प्रयोग में लाना ही ज्ञान है, और जब यह जानकारी समाज हित में उपयोग की जाती है, तो वह 'शिक्षा' कहलाती है। जानकारी होना और शिक्षित होना, इन दोनों में यही मौलिक अंतर है। श्री मन्नान ने भारत के इतिहास पर एक गहरा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने आर्यों के आक्रमण और मूलनिवासियों के विभाजन, वर्ण व्यवस्था से जाति व्यवस्था तक के संक्रमण, और नालंदा तथा तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों के माध्यम से बहुजन विचारधारा के उदय पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस प...

संघर्ष से सफलता की ओर: अर्जुन यादव की प्रेरणादायक कहानी -प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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   मुझे हाल ही में मित्रों के साथ इसमें खाने का अवसर मिला था। छपरा के 32 वर्षीय अर्जुन यादव की कहानी सिर्फ़ एक उद्यमी की नहीं, बल्कि अदम्य इच्छाशक्ति, अथक परिश्रम और कभी हार न मानने वाले जज़्बे की मिसाल है। यह कहानी बताती है कि कैसे एक छोटे से गाँव का लड़का, जिसने पाँचवीं कक्षा से ही घर का खर्च उठाने के लिए आलू बेचा, आज बिहार में शांतिलाल्स जैसे सफल रेस्टोरेंट चेन का मालिक बन गया है, जिसने तीन साल में ₹25 करोड़ का कारोबार खड़ा किया है और 600 से अधिक लोगों को रोज़गार दिया है। बचपन की चुनौतियाँ और शुरुआती संघर्ष अर्जुन का बचपन आम बच्चों जैसा नहीं था। परिवार की आर्थिक तंगी ने उसे कम उम्र में ही ज़िंदगी की कठोर सच्चाई से रूबरू करा दिया। जब उसके हम उम्र बच्चे स्कूल के बाद खेलते थे, तब अर्जुन अपनी पढ़ाई के साथ-साथ बाज़ार में आलू बेचने का काम करता था। यह सिर्फ़ एक छोटे बच्चे द्वारा किया गया काम नहीं था, बल्कि परिवार को सहारा देने की उसकी पहली कोशिश थी। इन शुरुआती अनुभवों ने उसे न केवल मेहनत का महत्व सिखाया, बल्कि व्यापार की बारीकियाँ भी समझाईं। सपनों की उड़ान: नोएडा से पटना तक का सफ़...

अभावों के आकाश में चमका एक नया सितारा: एकता यादव !-प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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    जीवन की पगडंडियां अक्सर कांटों भरी होती हैं, विशेषकर उनके लिए जो समाज के हाशिये पर खड़े हैं, जहाँ सुविधाओं का सूर्य अस्त होता दिखाई देता है। लेकिन कभी-कभी, इन्हीं अंधेरे कोनों से ऐसी लौ प्रज्वलित होती है जो सिर्फ अपना मार्ग ही नहीं रोशन करती, बल्कि दूसरों के लिए भी मशाल बन जाती है। गोरखपुर की धरती से उपजी एकता यादव ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी हैं, जो अभावों और संघर्षों को चीरकर सफलता के शिखर पर पहुँची हैं। उनकी यह उपलब्धि मात्र एक व्यक्तिगत विजय नहीं, बल्कि वंचित समाज और नारी शक्ति के लिए एक उद्घोषणा है – 'हम भी कम नहीं!' एकता यादव, जिन्होंने UGC-NET 2025 में सफलता का परचम लहराया है, उन लाखों बेटियों के लिए एक जीवंत उदाहरण हैं जो परिस्थितियों के बोझ तले दबकर अपने सपनों को दफन कर देती हैं। उनका जीवन मानो उस छोटे से पौधे के समान है, जो पत्थरों और चट्टानों के बीच से रास्ता बनाकर, सूर्य की एक किरण की तलाश में, अपनी जड़ों को मजबूत करता है और अंततः खिल उठता है। गोरखपुर के जैसे छोटे शहर से निकलकर, जहाँ उच्च शिक्षा के संसाधनों की कमी अक्सर एक कटु सत्य होती है, राष्ट्रीय स्तर पर अप...

मानसिक गुलामी से आजादी: लालू यादव और 1789 की क्रांति !- प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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    लालू प्रसाद यादव - यह नाम सिर्फ एक राजनेता का नहीं, बल्कि एक ऐसे जननायक का है जिसने बिहार की धरती पर सदियों से चली आ रही मानसिक गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने का बीड़ा उठाया. उनका संघर्ष 1977 से ही शुरू हो गया था और 1990 के दशक में यह एक ऐसे विराट स्वरूप में सामने आया, जिसे स्थापित व्यवस्था ने भले ही "जंगलराज" का तमगा दिया हो, लेकिन करोड़ों वंचितों के लिए यह स्वतंत्रता का प्रभात था. उनकी यह यात्रा, फ्रांस की 1789 की महान क्रांति के समान थी, जहाँ सदियों से दबे-कुचले लोगों ने अपनी आवाज़ उठाई और परिवर्तन की लौ जलाई. फ्रांस की क्रांति और लालू का उदय: एक तुलनात्मक दृष्टि 1789 की फ्रांसीसी क्रांति केवल राजशाही के विरुद्ध विद्रोह नहीं थी, बल्कि यह अधिकारहीनता, असमानता और मानसिक दासता के विरुद्ध एक प्रचंड विस्फोट था. वहाँ कुलीन वर्ग और पादरी समाज पर हावी थे, और आम जनता, जिसे "तीसरा एस्टेट" कहा जाता था, केवल कर चुकाने और सेवा करने के लिए थी. उनके मन में बिठा दिया गया था कि वे इसी स्थिति के लिए बने हैं. ठीक इसी प्रकार, बिहार में भी आजादी के दशकों बाद तक, एक खास वर्ग का वर्च...

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपनी नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर लिया है!

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     23 जुलाई 2025 से प्रभावी यह नई टीम, पार्टी को नई दिशा देने और 2025 के आगामी चुनावों के लिए रणनीति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। नया नेतृत्व, नया जोश! इस नई कार्यकारिणी में अनुभवी नेताओं के साथ-साथ कुछ नए चेहरों को भी शामिल किया गया है, जो पार्टी के भविष्य के लिए एक संतुलित और मजबूत नेतृत्व का संकेत देता है। अध्यक्ष: श्री लालू प्रसाद यादव - पार्टी के मुखिया के रूप में लालू प्रसाद यादव फिर से नेतृत्व कर रहे हैं। उपाध्यक्ष: श्रीमती राबड़ी देवी - राबड़ी देवी उपाध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालेंगी। महासचिव: श्री अब्दुल बारी सिद्दीकी - संगठन के महत्वपूर्ण कार्यभार को श्री अब्दुल बारी सिद्दीकी संभालेंगे। कोषाध्यक्ष: श्री सुनील कुमार सिंह - पार्टी के वित्तीय मामलों की जिम्मेदारी श्री सुनील कुमार सिंह के पास होगी। महासचिव (सामान्य): श्री जय प्रकाश नारायण यादव और डॉ. नीलोहितदास (पूर्व एमएलए) - ये दोनों महासचिव के रूप में पार्टी को मजबूत करेंगे। इसके अलावा, विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कई अन्य अनुभवी नेताओं को भी नियुक्त किया गया है, जैसे: श्री जगदानंद सिंह श्री...

बिहार में 70,877.61 करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाणपत्रों का बकाया: CAG रिपोर्ट ने बढ़ाई चिंता

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    बिहार सरकार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की हालिया रिपोर्ट में कड़ी फटकार झेलनी पड़ी है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि राज्य सरकार अब तक 70,877.61 करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाणपत्र (UC) जमा करने में विफल रही है. यह एक बड़ी राशि है, जो विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के लिए जारी की गई थी, लेकिन इसके उपयोग का प्रमाण निर्धारित समय सीमा तक नहीं दिया गया है. 31 मार्च तक 49,649 यूसी नहीं मिले CAG की रिपोर्ट, जो गुरुवार को राज्य विधानसभा में पेश की गई, बताती है कि 31 मार्च, 2024 तक महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), बिहार को कुल 49,649 बकाया यूसी नहीं मिले हैं. यह नियमों का सीधा उल्लंघन है, क्योंकि किसी भी योजना की राशि जारी होने के बाद समय पर यूसी देना अनिवार्य होता है. धन के दुरुपयोग का खतरा रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यूसी के अभाव में यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता कि धन का उपयोग वास्तव में तयशुदा उद्देश्य के लिए हुआ है या नहीं. इससे गबन, दुरुपयोग और वित्तीय अनियमितताओं की आशंका बढ़ जाती है, जो राज्य के संसाधनों के लिए एक गंभीर खतरा है. सबसे ज्यादा लापरवाह विभाग रिपोर्ट ...

## बोधगया की दहला देने वाली घटना: जब रक्षक ही बन गए भक्षक !😢😢- प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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  नीतीश जी !अब तो नींद से जागें !😢 बोधगया से आई एक ख़बर ने पूरे बिहार को स्तब्ध कर दिया है, एक ऐसी ख़बर जिसने हम सभी को भीतर तक हिला दिया है। होमगार्ड भर्ती के दौरान एक युवती के साथ एंबुलेंस में हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना सिर्फ़ एक आपराधिक वारदात नहीं, बल्कि हमारे **शासन-प्रशासन के मुंह पर एक करारा तमाचा है।** यह घटना केवल विस्मयकारी ही नहीं, बल्कि दिल को आहत करने वाली और झकझोर देने वाली है। जब हम कल्पना करते हैं कि सुरक्षा का प्रतीक मानी जाने वाली एक एंबुलेंस में, जहां जीवन बचाने की उम्मीद की जाती है, वहीं एक युवती की गरिमा को तार-तार किया गया, तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह वारदात चीख-चीखकर कह रही है कि **कानून का इकबाल पूरी तरह ख़त्म हो चुका है।** मुख्यमंत्री, जो अक्सर 2005 से पहले की कानून-व्यवस्था का हवाला देते नहीं थकते, उन्हें इस घटना से अपनी अंतरात्मा में झांकना चाहिए। यह सच है कि 2005 से पहले की स्थितियां अलग थीं, लेकिन क्या आज की स्थिति को 'सुशासन' कहा जा सकता है, जब जनता के रक्षक ही भक्षक बन जाएं? जब सुरक्षा देने वाली वर्दी ही दरिंदगी का पर्याय बन जाए, तो आम आदमी ...

उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका सरोज यादव ने संभाला कार्यभार !

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    राम लखन सिंह यादव कॉलेज, अनीसाबाद के राजनीति शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. महेंद्र सिंह की गरिमामयी उपस्थिति व  इनके व्याख्यान से गौरान्वित हुआ स्कूल। भगवानपुर राजाौली, नवादा: भगवानपुर राजाौली, नवादा स्थित उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय में आज बीपीएससी द्वारा चयनित प्रधानाध्यापिका श्रीमती सरोज यादव ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। विद्यालय परिवार ने शिक्षकों और बच्चों के साथ मिलकर उनका पूरे उत्साह के साथ स्वागत किया। भव्य स्वागत समारोह एक शानदार और उल्लासपूर्ण स्वागत समारोह का आयोजन डॉ. आनंद यादव और जितेंद्र यादव के कुशल नेतृत्व में किया गया। इस आयोजन को पूर्व प्रभारी अमित आशुतोष, मुकेश दास और सुबोध कुमार ने भी मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यक्रम की शुरुआत कक्षा 11 की छात्राओं - डॉली, अनीसा, रानी, शिवानी और प्रिया द्वारा प्रस्तुत एक मधुर स्वागत गीत से हुई। गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति इस अवसर पर कई शिक्षकगण उपस्थित थे, जिनमें प्रिंस कुमार, सुनील कुमार, विकास पांडेय, रावत परमार सिंह, सौरव कुमार, शगुफ्ता, अजिजा बानो, प्रियंका और मनीता कुमारी शामिल थीं। इस विश...

पालीगंज में होटल ' खाना खजाना ': जहां स्वाद से ज्यादा 'मसाला' मिलता है !

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   पालीगंज के पास एक ऐसा होटल है, जिसके नाम में 'खाना' भी है और 'खजाना' भी. नाम सुनकर लगता है कि यहां लजीज पकवानों का भंडार होगा, जहां पेट पूजा के साथ-साथ आत्मा को भी शांति मिलेगी. लेकिन जनाब, यहां तो कुछ और ही 'पक रहा' था, और वो भी ऐसा कि आत्मा तो क्या, बेचारे पुलिस वालों की भी रूह काँप उठी! पुलिस को गुप्त सूचना मिली, जैसे कोई शैफ सीक्रेट रेसिपी की खबर दे गया हो. खबर मिलते ही हमारी जांबाज टीम, जिसमें महिला और पुरुष जवान शामिल थे, तुरंत एक्टिव हो गई. उन्होंने सोचा, "चलो आज 'खाना खजाना' में छापा मारकर देखते हैं कि कौन सा 'बिरयानी' पक रही है." लेकिन जब अंदर का नजारा देखा, तो आंखें फटी की फटी रह गईं. अरे बाप रे! यहां तो खाने की खुशबू से ज्यादा 'मसाले' की गंध आ रही थी! 'खाना खजाना' में पकड़े गए लड़के-लड़कियां आपत्तिजनक हालत में थे, जैसे किसी फाइव-स्टार होटल के मेन्यू में "विशेष व्यंजन: गुप्त मसाला" लिखा हो और लोग उसी का स्वाद लेने आए हों. डीएसपी-1 राजीव चंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस को कई दिनों से सूचना मिल रही थी क...

भारत और अमेरिका की संघीय ढांचे को जानें ! क्या है दोनों में अंतर ? -प्रो प्रसिद्ध कुमार।

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   भारत और अमेरिका, दोनों ही संघीय (federal) व्यवस्था वाले देश हैं, लेकिन उनके "यूनियन" की प्रकृति और कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण अंतर हैं। इसे उदाहरणों के साथ समझने के लिए, हमें दोनों देशों के संवैधानिक ढांचे और संघीय विशेषताओं को देखना होगा। भारत का यूनियन: भारत को "राज्यों का संघ" कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि राज्य संघ से अलग होने का अधिकार नहीं रखते हैं। भारतीय संघवाद की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं: सशक्त केंद्र: भारतीय संविधान ने केंद्र सरकार को राज्यों की तुलना में अधिक शक्तियां प्रदान की हैं। उदाहरण: केंद्र के पास अवशिष्ट शक्तियां (जो विषय संघ और राज्य सूची में शामिल नहीं हैं) होती हैं। आपातकाल के दौरान, केंद्र सरकार की शक्तियां बहुत बढ़ जाती हैं, और राज्य लगभग केंद्र के अधीन हो जाते हैं। एकल नागरिकता: भारत में सभी नागरिक केवल भारतीय नागरिकता धारण करते हैं, राज्यों की कोई अलग नागरिकता नहीं होती है। उदाहरण: आप उत्तर प्रदेश के निवासी हों या तमिलनाडु के, आपकी नागरिकता भारतीय ही रहेगी। अविनाशी संघ, विनाशी राज्य: भारत एक अविनाशी संघ है, यानी कोई भी राज्य स...