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Showing posts from February, 2021

देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती को सार्वजनिक अवकाश घोषित करे केन्द्र सरकार : राजीव रंजन प्रसाद

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  अद्भूत और विलक्षण प्रतिभा के धनी थे डा. राजेंद्र बाबू : राजीव रंजन प्रसाद  रवि नंदन सहाय ने पूरा जीवन समाज कल्याण के प्रति समर्पित किया : राजीव रंजन प्रसाद  पटना, 28 फरवरी ग्लोबल कायस्थ ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जेकेसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जनता दल यूनाईटेड (जदयू) प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डा. राजेंद्र प्रसाद की जयंती 03 दिसंबर को मेघा दिवस के रूप में मनाये जाने और सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग केन्द्र सरकार से की है।        ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस के सौजन्य से देशरत्न डा.राजेन्द्र प्रसाद की पुण्यतिथि और अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि नंदन सहाय की श्रद्धांजली सभा नागेश्वर कॉलोनी स्थित जदयू प्रवक्ता श्री राजीव रंजन प्रसाद के आवास में मनाई गयी। समारोह की अध्यक्षता श्री राजीव रंजन प्रसाद ने की। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलन के साथ की गयी। इसके बाद डा. राजेन्द्र प्रसाद और रवि नंदन सहाय के तैलचित्र पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। श्री राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि देश...

लाखो " नाटक की समीक्षा - प्रसिद्ध यादव। स्त्री उत्पीड़न की दिखी कहानी

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  सूत्रधार के महासचिव नवाब आलम  ने किया निर्देशन लेखक - मधुकर सिंह, म्यूजिक-  दीपक कुमार, गायन-  आदित्य राज , प्रकाश-  नीरज कुमार ,सेट डिजाईन शशि भूषण कुमार मंच सामग्री रत्नेश कुमार कलाकार- तनु कुमारी लाखो ,बिसरा दीपक कुमार ,बटोही शशि भूषण कुमार ,रामलला रत्नेश कुमार ,लाखन सनी कुमार ,माखन आदित्य कुमार ,मौसी  निशा कुमारी ,भगत निशान्त कुमार ,बालेश्वर   छोटू कुमार ,कुछ ग्रमीण  हिमांशु राज ,राजा कुमार, हर्ष कुमार। एकजुट द्वारा खगोल  नाट्य महोत्सव 2021  में त्रिदिवसीय नाटक के  दूसरे दिन  28 फरवरी   रविवार को  ए बी निकेतन स्कूल ,खगोल में नारी शक्ति को दिखाती नाटक लाखो का मंचन हुआ। देश में महिलाओं पर हो रहा अत्याचार आखिर कब रुकेगा? कब तक महिलाएं पुरुषों की हवस का शिकार होती रहेंगी? स्त्रियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कब रुकेगा? कुछ इन्हीं सवालों को नवाब आलम  निर्देशित  सहायक नीरज कुमार  द्वारा इस नाटक में स्त्री उत्पीड़न की कहानी को दिखाया गया। नाटक कहता है कि समाज में स्त्रियों पर हो रहे अप...

पंचायतों में लूट है,बाप की संपत्ति की तरह छूट है।प्रसिद्ध यादव।

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 जांच हो पंचायतों की कार्य को। केंद्र व राज्य सरकार जिस प्रकार से पंचायतों में विकास के लिये अपनी खजाना खोली गई है,इसे जमीन पर जांच करने की जरूरत है।कोई ऐसा योजना नही है,जिसमें गड़बड़ी नही है।जल नल योजना, जल जीवन हरियाली, मनरेगा आदि योजनाओं में लूट हो रही है।आमजन को कैसे  मालूम होगा कि कौन सी योजनाओं की क्या प्राक्कलन है।जल नल योजनाओं में टंकी की वज़न क्या होनी चाहिए, टावर  लगाने की मानक क्या है? उसके मोटर कितनी हॉर्स पावर की है। नल आपूर्ति वाली पाईप कैसा हो,जमीन में कितनी गहरी हो आदि की सूचना पट्ट कहीं नही लगी हुई है? जनता कैसे समझेगी की कोई काम प्रकल्लन के हिसाब से हुई है।सरकार केवल अंकेक्षण कर के काम को इतिश्री कर देती है।यही कारण है की जनप्रतिनिधियों की रुतवा  करोड़ पति से कम नही है।यही कारण है की  चुनाव में  रुपये पानी की तरह बहाई जाती है।आखिर इसे कौन देखेगा?योजनाओं की प्रस्तावित राशि को सार्वजनिक क्षेत्र में क्यों नही बोर्ड लगाई जाती है।गांधी जी ने जो ग्राम स्वराज का सपना देखा था,शासन का विकेंद्रीकरण किया गया था आज  भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों व नॉकरशाह द्...

चप्पल तेरी याद में मजनू बना दिया।प्रसिद्ध यादव।

 चप्पल ! हाय चप्पल!जब पैरों में होते कितना सर ऊंचा होता था,लेकिन असमय किसी की कुदृष्टि  पर जाये तब चप्पल निर्जीव क्या करे ,वो शोरगुल भी नही कर सकती,जैसे किसी की पत्नी दूसरे के साथ भाग जाती।लेकिन चप्पल वफादार थी किसी के साथ भागी नही भगा के ले गयी। चप्पल एक्सपर्ट की राय है कि अगर चप्पल गायब हो जाये तब हल्ला मत करिए,चुपचाप दूसरे की चप्पल डालिये और खिसकिये।बिरह गायक बालेश्वर गाते थे।मंदिर में जब पूजा करने जाए तब  ध्यान लगाएं जूता पर।बिल्कुल सही।एकबार नही दोबारा गायब हो गई।दोनों पर धार्मिक स्थलों से।एकबार चार लोगों की गायब हुई चारों लोग इस खबर को ब्रोकस्ट कर दिया।बारी बारी से लोग खाली पांव घर गए,लेकिन चप्पल  एक्सपर्ट ने राय दी कि यही चारो एक दूसरे के चप्पल ले गए होंगे।दूसरी बार गायब होने पर बोला कि चप्पल गयी,गम नही,लेकिन ये मत कह देना की दूसरे के चप्पल ले कर जा रहे हैं।सब को दिखाकर नंगे पैर गए। प्रसिद्ध यादव।

शक्तिमान शरणम गच्छामि।कहानी।प्रसिद्ध यादव।

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  नारद उवाच-अभी ट्रेलर है।पूरा पिक्चर बाकी है।जब तक नाक तक पानी न पहुंचा दिया तब तक चैन कहाँ?  मार्केंडेय मुनि - लेकिन कल तक  वो कहता था की चुल्लू भर पानी नही है,नहीं तो डूब मरते। नारद जी हंसते हुए बोले -ये हिंदी की लोकप्रिय कहावत है  और  इसे लोग हकीकत समझ बैठा।  विस्मित मार्केंडेय जी बोले-ये बता दें की और आगे क्या दुर्गति होने वाली है।नारद उवाच- कलियुग है,जो जितना बड़ा झूठा, फरेब,420,कसाई, पापी वो उतना बड़ा नाम वाला सोहरत ,पैसा,पावर वाला होगा।दुनिया उसके पीछे चलेगी।मार्केंडेय मुनि- अगर कोई विरोध किया तब? नारद जी- सीधे जेल,टाडा,रासुका,उग्रवादी, आतंकी,टुकड़े टुकड़े गैंग आदि नामों से पुकारे जाएंगे। जेल में रहेंगे ,चक्की चलाईंग,आटा पीसिंग ।मार्केंडेय मुनि- इससे मुक्ति के उपाय  सर्वशक्तिमान शरणम गच्छामि। अगर कोई ऐसा किया, क्षण भर में सारे पाप धुल जाएँगे,बड़े ओहदे मिलेंगे,पावर सबकुछ।मार्केंडेय - ये बड़ी भयावह स्थिति है।प्रभु कुछ कर रहे हैं की नही।नारद जी- प्रभु को खूब रिझाये हुए है,ये भक्त खूब चमचागिरी कर रहे हैं,लेकिन अभी सब्र रखे हुए हैं और समय पर अपना सुद...

महंगाई की मनमानी हद कर दी हुजूर! प्रसिद्ध यादव।

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 ये मनमानी की पराकाष्ठा नही तो और क्या है?हुजूर देश चला रहे हैं की एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं की जनता कितनी बर्दास्त करती है।लोकलाज के मारे आपके समर्थक नही बोल रहे हैं ,लेकिन हवा उनकी भी निकली हुई है।क्या मज़ाक है डीजल ,पेट्रोल,एलपीजी गैस की कीमत कितना बढ़ाओगे एक बार बता दें, ताकि जनता वैकल्पिक व्यवस्था करे।रोज़ रोज के हलाल होने से अच्छा है की एक ही बार खत्म कर दो।अब सरकार के खिलाफ बोलना भी देशद्रोही, टुकड़े टुकड़े गैंग की संज्ञा दी जाती है।आखिर ऐसे सम्राज्य कब तक चलेगा।सुधार कीजिए, नही तो ताश की पते की तरह ढेर होते देर नही लगेगी।मनमानी की भी हद होती है यार। प्रसिद्ध यादव।

शराबबंदी में शहीद होती पुलिस! प्रसिद्ध यादव।

 शराबबंदी में  को सफल बनाने में अवैध शराब कारोबारी को रोकने पर पुलिसकर्मियों पर हमला आम बात हो गयी है,लेकिन सीतामढ़ी के कुंवारी मदन गांव में छापेमारी करने गयी पुलिस टीम पर गोलियां बरसाई गयी।।मुठभेड़ में मेजरगंज थाना के एस आई दिनेश राम शहीद हो गए।इनकी सर्विस रिवाल्वर भी लूट ली गयी,चौकीदार लालबाबू पासवान को हाथ में चार गोलियां लगी हैं, जो अस्पताल में भर्ती है।आखिर इन कारोबारियों को इतना मनोबल कहाँ से आया? कैसे शराब मुक्त होगा बिहार? जब बन्द कराने वालों पर कारोबारी ही भारी पड़ जाए। ये कोई आतंकी हमला नही थी,जिसकी गतिविधि और पहचान मुश्किल है।ये दिनरात आमजन जैसे शक्ल में रहने और घूमने वाले भेड़िये है,लेकिन इनके खिलाफ कोई आमजन मुंह खोला तब उसका हश्र क्या हो सकता है? सीतामढ़ी की घटना से समझा जा सकता है।अवैध धंधे वाज परोक्ष से समानांतर राज चला रहे हैं,जिसमे सफेदपोश से लेकर प्रशासन तक की मिलीभगत है।आज बिहार का कोई ऐसा थाना नही है,जहां अवैध शराब एवम अन्य चीजों के कारोबार नही हो रहे हैं।जबतक इनके  रसूखों पर कार्यवाई नही होगी,तबतक छोटे मोटे धंधेबाज बाज नही आएंगे।सरकार को शराबबंदी को चुनौती...

रवि नंदन सहाय की भरपाई असम्भव।प्रसिद्ध यादव।

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 रवि नंदन सहाय का निधन कायस्थ समाज के लिए अपूरणीय क्षति :राजीव रंजन प्रसाद पटना , 24 फरवरी ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद तथा राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल आनंद सन्नू ने अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं  कायस्थ रत्न स्वर्गीय कृष्ण नंदन सहाय के सुपुत्र रवि नंदन सहाय के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक जताया है।    अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद एवं प्रवक्ता अतुल  आनंद ने कहा कि स्वर्गीय रवि नंदन सहाय के निधन से समाज एवं संगठन को अपूरणीय क्षति हुई है तथा  समाज में  शून्यता सी आई है जिसे कभी नहीं भरा जा सकता । स्व० सहाय एक  मृदुभाषी एवं सहनशील प्रवृत्ति के व्यक्ति थे ।स्वर्गीय सहाय के निधन पर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य  मधुप मणि पिक्कू ,युवा संभाग के राष्ट्रीय महामंत्री कुमार आर्यन, मीडिया सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार , मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष निखिल कुमार दत्त वर्मा, कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देव...

पेट्रोल का साइड इफेक्ट।लतम जूतम।प्रसिद्ध यादव।

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 पेट्रोल की कीमत की खीज दूसरों पर क्यों उतार रहे हो।आज पटना जेडी वीमेंस कॉलेज के नियोजन भवन के  पास एक युवक गाड़ी में पेट्रोल भरा कर निकल उधर से ऑटो आ गयी।दोनों में टक्कर नही हुई,लेकिन युवक गाड़ी से उतरा और ऑटो वाले को पीटने लगा।ट्रैफिक जाम हो गयी।लोगों ने पूछा हुआ क्या? एक तो पेट्रोल के दाम आसमान पर दूसरा ई ऑटो वाले रफ्तार में ब्रेकर बन जाता है।लोग बोले इसके लिये सरकार को कोसना चाहिए न कि सड़क पर चल रहे लोगों को।युवा बोला- आज घर से ही जतरा खराब है।बाप तेल के पैसा देने में आनाकानी कर रहा था।दो चार भजन सुनाए तब पॉकेट ढीला किया।ऑटो वाले बोला की बेटा से किसी तरह पैसा मांगकर तेल लिया और ये अपनी खीस हम पर उतार दिया।इतना कहते युवा हेलमेट से फिर सर पर मार दिया।इसके बाद जनता युवा पर टूट पड़ी तब वो भागा।तेल  की कीमत  बढ़ाये  कोई लात खाये कोई। प्रसिद्ध यादव।

ग्लोबल कायस्थ संस्था को मिला महादेवी वर्मा पुरस्कार।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

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 [24/02, 2:35 pm] Patna Prem Kr: ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस का महादेवी वर्मा सम्मान 26 मार्च को  पटना, ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि राजनीतिक,आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तीकरण के लिए ग्लोबल  कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) का गठन किया गया है।      राजधानी पटना में ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेस जुड़े पदाधिकारियों एवं सदस्यों की प्रदेश समिति की महत्वपूर्ण बैठक आज जनता दल यूनाईटेड (जदयू)  प्रवक्ता और कायस्थ रत्न राजीव रंजन प्रसाद की अध्यक्षता में उनके आवास पर हुयी। श्री राजीव रंजन ने अपने संबोधन में कहा कि राजनीतिक,आर्थिक  एवं सामाजिक सशक्तीकरण के लिए ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेस का गठन किया गया है। ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस का उद्देश्य सम्पूर्ण कायस्थ समाज को  संगठित, उन्नत एवं सशक्त करना है। उन्होंने कहा कि कायस्थों का देश के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ.राजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री, जय प्रकाश नारायण, बाला साहब ठाकरे , मुंशी प्रेमचंद्र, हरिवंश राय बच्चन, महादेवी वर्मा, खुदी राम ब...

दुनिया के सबसे बड़ा स्टेडियम"नरेंद्र मोदी स्टेडियम"।राम से बड़ा राम का नाम।प्रसिद्ध यादव के साथ।

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 दुनिया के सबसे बड़ा स्टेडियम भारत में हो तब खुशी होना लाजमी है।वो भी गुजरात में  पटेल जी के प्रतिमा के नजदीक।वो भी लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नाम पर।कितना गौरान्वित हुआ भारत? आत्मनिर्भर भारत!जीते जी अपने नाम स्टेडियम बना कर एक मिसाल पेश कर दिया।कलयुग है यहां कौन किसको याद करता है।एक बार डॉ राजेन्द्र बाबू के नाम से एक स्मारक का निर्माण कोलकाता में हुआ ,इनके नाम पर नामकरण लोगों की करने की ख्वाहिश हुई और इन्ही के हाथों उद्घाटन तब,राजेन्द्र बाबू बोले कि पहले हमको मरना होगा,तब न नामकरण होगा।अंत में इनके नाम पर नामकरण नही हुआ।लेकिन तब समय कुछ और अब समय कुछ और है।जो काम करेगा,उसका नाम,नामकरण तो होना ही चाहिए, इसमें किसी को बुरा लगे तब आडवाणी जी क्या करेंगे।प्रसिद्ध यादव।

कुर्सी पकड़ की बजट कथा ।प्रसिद्ध यादव के साथ।

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 बिहार बजट में सरकार की उपलब्धि, दूरदर्शिता और आंकड़े देखकर लगा की  कितना विकसित हो गया बिहार! रोजगार, भ्रष्टाचार, अफसरशाही, शौचालय, सृजन घोटाले  आदि  के जांच की प्रगति विधानसभा पटल पर रखे जाते ,तब सरकार की नीति और नियत समझ में आती।शेल्टर होम की दुर्गति की चर्चा हो जानी चाहिए थी।शराबबंदी कितनी सफल है,इसकी चर्चा होनी चाहिए थी।शेरो शायरी हुई,शराब पीकर मरने वाले पर भी मातम मनाना चाहिए था।कृषि क्षेत्र की उत्पादकता, विकास के लम्बी कहानी सीएम द्वारा बताई गई।फिर ये कृषि बिल क्यों? बिहार मॉडल,कृषि रोड मैप क्यों नही अपनाई जाती? जैविक खेती, खाद पर लम्बी लम्बी  बातें,फिर खाद की कालाबजारी क्यों? महंगाई पर तो सांप सूंघ गया।अब बजट को दबे कुचले वालों के लिये बता रहे हैं,जो सदियों से कुचलने के प्रयास किया।क्या हास्यास्पद नही लगता? हाँ, इसे बिहार बजट न कहकर नालंदा बजट कहते तो युक्तिसंगत होता।अपने आप को महामानव घोषित करने में कोई चूक नही कर रहे,लेकिन जनता समझती नही और बेचारे को गिरते पड़ते कुर्सी पकड़ने के लिये तड़पते दृश्य दिखाते रहती है। महामानवों को कद्र होनी चाहिए।

आओ आंदोलन करें।प्रसिद्ध यादव के साथ।

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 अगर कोई नही सुने तेरी बातें तब आंदोलन करो  रुके नही भ्रष्टाचार तब,हाथ पकड़ के तोड़ो करे कोई व्यभिचार, तब  गर्दन को मरोड़ो करे न जो जनहित के काम,तब कुर्सी से फेंको बोले झूठ पर झूठ तब,जीभ पकड़ के खींचो सो जाएं शासन तब,तख्ता पलट करो तानाशाही बन जाये तब,तूफान खड़ा कर दो लूट की जब छूट दे तब,पकड़ -पकड़ के कूटो जो करे बर्बाद गरीबों के तब,उसको बर्बाद करो रखो सीने फौलादी के,नही किसी से डरो। डरे होते पूर्वज,तब नही मिलती आजादी इस आजादी को किसी कीमत पर मत होने दो बर्बादी। ज़मीर बेचकर, कभी नही कोई सौदा करो भले ही कांटो पर चलना हो,फूलों की मत चाह करो रहो खड़े सड़क पर भले ही,पिछले दरवाजे से मत आना नाक काट गयी एकबार तब फिर क्यों पछताना  सज्दा  मत करना कुर्सी के लिये किसी की कुर्सी करेगी सज्दा मान-सम्मान ,स्वाभिमान बेचकर किसी के घर न जाना रहो बुलन्द सदा खुद ही औरों को करते रहना न झुक कर जीना है,न झुक कर मरना। प्रसिद्ध यादव।

महंगाई मार गयी,बाकी जो कुछ बची वो वेवफाई मार गयी।प्रसिद्ध यादव।

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 बढ़ती महंगाई  से जनता कितनी परेशान है? यह दर्द सरकार क्यों नही समझ रही है?  मात्र दो साल पहले का मूल्य स्तर को देखें तब वस्तुओं के मूल्यों में कितनी बढ़ोतरी हुई है।पेट्रोल, डीजल,एलजीपी गैस की कीमतों में महीने में कितनी बार बढ़ती है और क्यों बढ़ रही है?कोई जवाब देने वाला नही है? आमजन की आय महंगाई के मुकाबले बढ़ रही है क्या? अगर नही बढ़ रही है तब निश्चित रूप से लोगों की क्रयशक्ति घट रही है।लोकलुभावन वादों से मन खुश हो सकता है,पेट नहीं भर सकते हैं।आत्मनिर्भर भारत,किसानों की आय दुगनी,रोजगार गारंटी योजना, ओडीएफ ,मनरेगा, जल जीवन हरियाली, जल नल योजना आदि पर अरबों रुपये खर्च हुए,लेकिन कितनी खामियां हैं इन योजनाओं में कोई देखने वाला नही है। आखिर महंगाई क्यों बढ़ रही है? क्या आपूर्ति कम है और मांग बढ़ गयी? अर्थशास्त्र के सारे नियम यहाँ उल्टा हो गया है।आपूर्ति है,मांग भी है,महंगाई भी है,मुद्रा के मूल्यों में कमी भी है,देश आत्मनिर्भर भी हो रहा है,लेकिन यहां की जनता परेशान है।अपार बहुमत का मतलब किसी की सुनना नही होता है।लोकतंत्र की खूबसूरती विपक्ष, जनता को विश्वास में लेकर सरकार चलाना। प्रस...

भ्रष्टाचार पर लगायें लगाम।प्रसिद्ध यादव के साथ।

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 जनहित में जारी- प्रसिद्ध यादव। 18603455555 टोल फ्री no जल नल योजना में किसी तरह की शिकायत कर सकते हैं।बस जिला,प्रखंड,पंचायत, और वार्ड के डिटेल बताना होगा।काम अधूरा है,घटिया सामग्री का उपयोग हुआ है आदि। 1800345628/15545 पर बिहार मद्य निषेद्ध विभाग को करें और अवैध शराब बनने वाली जगह  की जानकारी दें।सम्बन्धित थाना को 1 से डेढ़ घण्टे में छापेमारी होती है। जल नल योजना की गड़बड़ी में मुखिया /वार्ड चुनाव से वंचित होंगे और उनपर करवाई होगी।मेरे पंचायत मैनपुर अंडा इसमें अव्वल है।दो महीने पहले ही उक्त no से शिकायत हो गया है।शिकायत अभी दूर नही हुई है,लेकिन ये लोग चक्कड़ लगा रहे हैं।भ्रष्टाचार के खिलाफ हर व्यक्ति को लड़ना चाहिये।आइये इस मुहिम में मेरे साथ शामिल हों।

आज़ादी की मूल्यों के लिए लड़ना होगा।नुक्कड़ नाटकों के भाव प्रसिद्ध यादव के साथ।

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 आज  संत जेवियर कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी दीघा में दो दिवसीय  नुक्कड़ नाटक का समापन हुआ।मुख्य अतिथि इप्टा के महान रंगकर्मी, निदेशक मो समी अहमद थे।आज कुल 7 नाटक हुए औऱ कल 6 नाटक हुए थे।प्रमुख नाटक और प्रस्तुतकर्ता निम्नलिखित थे। खोजत भये अंधेर - प्रेरणा, पटना। चंदा पुकारे - सूत्रधार ,खगोल। फर्क कहाँ है-इप्टा  ,पटना सिटी। भ्रष्टाचार -पुण्यार्क,पंडारक। कुत्ते- निर्माण, हाजीपुर और मैडम ऑफ कमाठीपुरा, जेवियर थियेटर। जश्न- ए- नुक्कड़  में कलाकारों ने व्यवस्था पर खूब चोट किया।बेरोजगारी, महंगाई,बाल विवाह, अशिक्षा, धार्मिक उन्माद,निजीकरण, भ्रष्टाचार पर जीवन्त  प्रहार कर समाज को नई रोशनी देने का प्रयास हुआ। सभी नाट्य टीम को मेमेंटो व प्रमाण पत्र मुख्य अतिथि, कॉलेज के प्राचार्य आदि के हाथों दिया गया।सूत्रधार के महासचिव एव प्रस्तु नाटक के निदेशक जनाब नवाब आलम को भी पुरष्कृत किया गया एवम भिखारी ठाकुर सम्मान से नवाजे गए इसके लिए  चर्चित रंगकर्मी बिरेन्द्र कुमार ने  उद्घोषणा कर बधाई दिया। दर्शकों ने तालियों से स्वागत किया। गीत गए गए और कविता पाठ भी हुए।अन्त...

होली में महंगाई से हार्ड टेम्पर ।-प्रसिद्ध यादव।लघु कथा पढ़ें।

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 "   होली में इतना टेम्पर  काहे है  भौजी "! ऐसे कैसे होली  होगी "?  मंगरु के इतना कहते ही मुंहबोली भौजी तपाक से बोली,""जाइयेगा की दिमाग खराब कीजिएगा।महंगाई में होली लउक रहा है,पेट भरना मुश्किल है और ऊपर से मजाके सूझ रहा है।" , ""महंगाई! अरे पहले ई डायन थी,लेकिन अब भौजाई हो गयी।सुने हैं की विकास की लुगाई हो गयी है।अब आदत बन गयी है,लोग हँस हँस के स्वागत कर रहे है और एक आप हैं की भड़कले हैं""।, ""भड़के नही जी।कोई समान ढंग से खरीदा रहा है।फिर होली में सामान कैसे किनायेगा।कभी सोचे हैं" । , "लेकिन भाई साहब तो सरकार की गुणगान करते रहते हैं।",  "आप झूठ बोल रहे हैं।" ,  "देखा दें फब ।देखिए।सरकार है तब मुमकिन है।फिर से एक बार वही सरकार। "  , " आने दो घर आज।अब गैस चूल्हा को भूसा में रख दिया,मोटरसाइकिल  भी।महंगाई पर काहे नही मुँह खोलते हो।बच्चों के स्कूल के फीस देखके दिमाग चकरा गयी  है।कोरोना में पढ़ाई लिखाई सुथनी औऱ पैसा नगद नारायण चाहिए।गोइठा से खाना बनाने में आंख फुट जाती है।बाजार में जाओ तब समान के...

जुगाड़ इंजन " बदलिए।प्रसिद्ध यादव।

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 शब्दों से खेलना सीखिए।शब्द में इतनी ताकत है कि देवता को दानव और दानव को देवता बनाने में देर नही लगती।उपमा अलंकार का उपयोग कीजिये, फिर देखिए -कैसी कहानी बनती है।अगर असत्य का मिश्रण करना ठीक से जानते हैं तब उच्च पद भी हासिल हो सकता है।शब्द ब्रह्म है,इसका असर मन मस्तिष्क पर पड़ता है फिर व्यवहार भी वैसा ही हो जाता है।आप रोज अखबार पढ़ते हैं।गौर से देखियेगा।कौन सी खबर की प्रथमिकता रहती है? दस दिनों का संग्रह कीजिए, उत्तर मिल जायेगा।टीवी देखिए एंकर की आवाज,हेड लाइन ।बहुत कुछ कह देता है।सरकार की उपलब्धि को दिन रात परोसे जाते हैं।देख सुन कर यही छवि बनाई जाती है।और तो और चौक चौराहों पर वोकल रहते है,सोशल मीडिया में भी ठेका ले रखा है।शब्दों की माया जाल में न पड़े,जो महसूस करते हैं,वही व्यान कीजिए, किसी की देखादेखी नही।किसी की वाहवाही के लिए जमीर मत बेचो यारों।जो मेरे दिल में आग सुलग रही है,वो अपने सीने में भी सुलगाओ।यकीन  कीजिए!  " जुगाड़ इंजन"  नही रहेंगे। प्रसिद्ध यादव।

डबल स्टैंड की दुनिया देखो।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

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 आओ ! पलकें बिछा कर बैठे हैं। जन जन के प्यारे,राजदुलारे  अब और सब्र मत लो। नरभक्षी, दुष्कर्मी,वहसी भेड़िये,निशाचर, कुत्ते,काग यहां घूम रहे छूटा बंध गया सिँहासन के खूंटा कैसे गरीबों  की आवाज़ बन्द की जाती है कोई मनुवादियों से सीखो। यहां सीखे कौन? अब तो इसकी चाकरी शुरू है। कैसे शेल्टर होम कांड पर  सनाटा छा गया। दुनिया मे इस दाग पर  हाहाकार मच गया। बेशर्म!ठहाके लगाते रहा ठाकुर के पुत्र के जन्मदिन पर सुप्रीमो मिठाई खा रहा था। लुटवा दी संपदा बिहार की उस भेड़िये की अखबार में समाज सेवा के दिया ठेका दुनिया कुकृत्य को देखा मानो कुछ हुआ ही नही दुनिया के दुर्दांत कांड पर  सबकी मुँह में दही जम गई पीड़िता !बेटी गरीब की थी। काश!आप बाहर होते भूचाल ला देते। नरभक्षियों को मिट्टी में मिला देते। प्रसिद्ध यादव।

सूत्रधार पत्रकारों व अतिथियों को सम्मानित कर गौरान्वित हुआ।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

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 सूत्रधार अपने 42 वें आयोजन के समापन पर पत्रकारों, अतिथियों, बुद्धिजीवियों को सम्मानित किया।निष्ठावान पत्रकारों ने तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव को  समुचित ढंग से संकलन कर अपने अपने कॉलम में स्पेस दिया। पत्रकार मित्रों, आपने कस्बों के उभरते कलाकारों को देश दुनिया से परिचित करवाया,पहचान दिलवाई ।आज के बदलते परिवेश, अर्थ युग में आपकी उपस्थिति के मूल्यांकन सूत्रधार बखूबी करती है।आपलोगों को सम्मानित कर हमें कितनी प्रसन्नता हुई ,उसे हम बयां नही कर सकते हैं।वास्तव में,आपलोग इसके हक़दार हैं।पत्रकार जीवन कितना जोख़िम और व्यस्तम जीवन होता है,हमें पता है।किसी की कोई ख़बर प्रबन्धन के कारण नही छपी तब जिम्मेवारी पत्रकारों पर आ जाती है,और छपी तब कोई भाव देने वाला नही।माना की पत्रकारों के यह कर्तव्य हैं। काश!हर कोई अपना अपना कर्तव्य निर्वाह करता। प्रसिद्ध यादव।

सुशासन की चोला कब तक ?।जवाब मांग रहा भारत।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

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 सीबीआई  सुप्रीम कोर्ट को भी झूठी रिपोर्ट शेल्टर होम मुजफ्फरपुर की रिपोर्ट।संवैधानिक संस्थाओं की यह हालत रहेगी तब नागरिक के अधिकार कितने सुरक्षित रहेंगी? नीतीश सरकार इतनी बड़ी दुर्दांत अपराध पर सोई थी और पटना के प्रबुद्ध लोगों को लग रहा था कि कुछ हुआ ही नही है।बधाई निवेदिता झा को जिसने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर कर नीतीश सरकार की पोल खोल कर रख दी।शर्म करो सुशासन के दम्भ भरने वालों। प्रसिद्ध यादव।

शराब की अवैध कारोबार बनी आय की जरिया।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।रिया

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 बदल गयी विकास की परिभाषा! पहले विकास का मतलब आमजन की रोजी रोटी रोजगार, जीवन स्तर,क्रय शक्ति,प्रति व्यक्ति आय, उपभोग, स्वास्थ्य, शिक्षा,शांति,सद्भाव, आगे बढ़ने का सभी को समान अवसर आदि थे,लेकिन बदलते समय में विकास के आंकड़े,घोषणाएं आदि रह गयी हैं। महंगाई की हालत क्या है?कोई नियंत्रण नही है,रोजगार के लिये आवेदन देने के एवज में बेरोजगारों से अरबों ऐंठे गए।सार्वजनिक क्षेत्र को निजी क्षेत्र में कर के रोजगार के अवसर कम हुए और तो और  आईएसआई लेवल की बहाली बिना परीक्षा के कर के संयुक्त सचिव के पद पर बैठना, राजनीति फायदा से ज्यादा कुछ नही है। कोविड के जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा, जीवन बचाने और सुधारने के नाम पर हर साल 1 करोड़ रुपये पानी में बहाना और उल्टे शोषण,अत्याचार, हत्या की  तांडव होना कैसा विकास और सुशासन है? मनरेगा,जल नल योजना, जल जीवन हरियाली से लेकर प्रखंड में दाखिल खारिज़ के लिए मोटी रकम ऐंठना कैसा गुड गवर्नेंस है? शराब बंदी के बाद अवैध शराब के कारोबार एक नया रोजगार सृजन हो गया है। कैसे फील गुड करें।धरातल पर क्या हो रहा है?इसे देखें तब मालूम होगा कि कितना विकास और कितना लूट हो र...

मुजफ्फरपुर का पाप का घर।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

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 जीवन की नही,यौन शोषण की ठेका मिलती है हिफ़ाजत  नही ,इज्जत तार तार होती है। मासूमों की दफ़न कर दी जाती है चीख आवाज बन्द कर दी जाती है बन्द कमरों में गुनाह  छुपाती है फ़ाइलों में दिनकर,खुदीराम बोस की कर्मभूमि बेनीपुरी, जुब्बा साहनी की जन्मभूमि महाबीर की धरती  पाप का घर बना दिया मुजफ्फरपुर शेल्टर होम्स हड्डियों की पोटली मिलती है मुर्दों पर सिंहासन है। प्रसिद्ध यादव।

यौन शोषण के ठेका देने वाले बेच दिया कर्पूरी जी के विचारों को।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

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 अधिकार चाहो तो लड़ना सीखो "" - देवमुनि सिंह यादव। फुलवारी शरीफ में आज जननायक  कर्पूरी ठाकुर की 33 वीं पुण्यतिथि मनाई गई।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष राजद  ध्रुव यादव ने की।इस अवसर पर राजद जिला अध्यक्ष देवमुनि सिंह यादव ने कर्पूरी जी की संस्मरणों और उनकी उक्ति को सुनाया। कर्पूरी जी कहते थे कि "" अधिकार चाहो तो लड़ना सीखो पग पग पर अड़ना सीखो जीना है तो मरना सीखो। प्रदेश राजद नेता देवकीसुन ठाकुर ने कहा की कर्पूरी जी सहज जीवन शैली के धनी थे,वे आडम्बर,दिखावा के सख्त विरोधी थे। दिनेश रजक ने कहा की आज यौन शोषण के ठेका देने वाले लोग भी कर्पूरी को याद करने लगे हैं,लेकिन इनके विचारों को कट्टपंथियों के हाथों गिरवी रख दिया है।इस अवसर पर कौशर खान ,दिनेश रजक,मोहन राय आदि वक्ताओं ने कर्पूरी जी को याद किया और संकल्प लिया की इनकी विचारों को जन जन तक पहुंचाएंगे।  राजद नेताओं ने सबसे पहले कर्पूरी जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि  और नमन किया। प्रसिद्ध यादव।

सार्वजनिक जीवन अनमोल।गुमनाम क्यों? प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

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 जीवन के पल कुछ यादगार बन जाती हैं।मैं यह नही कहता की पैसों की अहमियत जीवन मे नही है,लेकिन सार्वजनिक रूप से सम्मानित होना गर्व की बात है।ये पैसों से नही खरीदी जा सकती है,बल्कि आपकी निष्ठा, लग्न,ईमानदारी का मूल्यांकन है पुरस्कार।सूत्रधार द्वारा कार्यक्रम की सफल आयोजन के लिये मुझे यह मेमेंटो नवाब आलम और दानापुर के विधायक मा रीतलाल राय द्वारा हजारों दर्शकों के बीच मंच पर दिया गया।मेरे लिये कोई रोमांच से कम नही था।इतने कम समय मे इतना बड़ा आयोजन कैसे सफल हो गया,आश्चर्य होता है।इसमें मित्रों ,सहयोगियों के बड़ा हाथ रहा।नवाब साहब सूत्रधार के सूत्रधार तो है ही,लेकिन दिन रात तन मन धन से लगे इनके दोनों पुत्र का काफी योगदान रहा। जीशान आलम  के बिना कार्यक्रम की कल्पना ही नही की जा सकती। सभी को आभार।

निजी विद्यालय की मनमानी कौन रोकेगा? जवाब दे सरकार! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

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 बिहार में निजी  विद्यालय की मनमानियों से विद्यार्थियों के अविभावक एवम विद्यार्थी  काफी परेशानी में हैं।सरकार की इस पर कोई  नियंत्रण नही है।इनपर नियंत्रण के कई कानून बने हुए है,लेकिन इससे स्कूल प्रबंधन पर कोई फर्क नही पड़ता।शिक्षा का पूर्णरूपेण व्यवसायीकरण हो गया है।पुश्त दर पुश्त आय का जरिया बनकर रह गया है।कोविड के बन्दी में भी शुल्क वसूल किया जा रहा है।ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर पैसों की उगाही की जा रही है,जबकि विद्यालय के स्टाफ और शिक्षकों को वेतन नही दिए गए और कई को बाहर के रास्ते दिखा दिए गए।हर साल नामांकन के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है।यही नही खेल,कम्प्यूटर, ड्रेस,कॉपी,किताब,टूर के नाम पर कमीशनखोरी होती है। स्कूल प्रबंधन का राजनीति से सीधा लगाव है ।ये चुनाव में नेता को मोटी रकम मुहैया करवाते हैं और नेता के चुनाव जीतने के बाद  उनके फंड से स्कूल के पास सड़क  बनवाते हैं।अब ऐसे में जनप्रतिनिधि भी स्कूलों के खिलाफ कुछ बोलने से परहेज करते हैं।बड़े बड़े विज्ञापन देकर चौथे स्तम्भ को भी तटस्थ रहने को विवश रहने को मजबूर करते हैं ।आखिर,  कौन सुनेगा जनता की पीड़ा को...

मुर्दों पर सिँहासन! कविता- प्रसिद्ध यादव अवश्य पढ़ें।

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 मुर्दों पर सिंहासन !  थोड़ी सी चीख पर चौकन्ने हो जाता हूँ। कहीं कोई अप्रिय घटना तो नही घटी। मुजफ्फरपुर की आश्रय गृह 11 बच्चीयों को दुष्कर्म कर उसी में दफना दी गयी। कोई कैसे न चीख सुना?   सेवा के बदले   हैवानियत के लिये  करोड़ों के खजाने लुटाये गये कोई नही था देखने वाला? अंधा युग का अंधेरा था। सिर्फ दम्भ भरे जा रहे थे सुशासन की दुशासन का चीर हरण जारी था। साहू गली में सब को पता था केवल अनभिज्ञ  मुर्दों पर बैठा मूर्ख था या उसकी बेवसी थी! कैसे चीखती,गिड़गिड़ाती होगी बेटियां! किसी को भनक तक नही लगी। यह दुनिया की सबसे बड़ी  झूठ और कलंक है जो कभी न मिटेगी प्रसिद्ध यादव।

लुटेरों को भी पीछे छोड़ा धरती के भगवान! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

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 कोविड - 19 की काली साया दुनिया पर पड़ी तब दुनिया घरों में कैद हो गयी थी,उथल पुथल हो गया थ,मानवता खतरे में पड़ गयी थी।आर्थिक नुकसान किसे कितना हो रहा है,इसकी भी परवाह नही रही।सभी को बस यही लग रहा था की ये बला के चंगुल में न आये।चोरी,डकैती, लूट,पॉकेटमनी करने वाले भी थम गए थे।शायद उन्हें भी एहसास हो गया था की जब जीवन ही नही रहेगी तब ये धन दौलत किस काम के होंगे? लेकिन ये बात बिहार के धरती के भगवान डॉ को समझ नही आई और फर्जी कोविड जांच के नाम पर पैसा जोड़ रहे थे।इतनी भी शर्म नही आई की इन्हें फ्रंट लाईन वारियर की संज्ञा दी गयी और ये लुटेरों को पीछे छोड़ लूट के फ्रंट लाइन  भ्रष्ट बने हुए थे। मामला केवल बिहार के जमुई जिला के नही है,कमोबेश हर जिले में यही हाल है।दुर्भाग्य यह है की इस पर सरकार की नजर नही गयी और भी बात विपक्ष को संसद में उठानी पड़ी।भ्रष्टाचारी लोग एक बात समझ लें की भ्रष्टाचार को अपनी काबलियत,हुनर समझते हैं कि आज जो भी संसाधन मिले हैं वो जनता की खून पसीने से बनी है,चाहे वो मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, प्राइवेट, पब्लिक सेक्टर, इमारत या अन्य सभी।इनपर देश की जनता की अधिकार है...

आंसुओं की भी ब्रांडिंग होती है,क्रेज है।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

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 आँसुओं की अपनी -अपनी स्टेटस है,ब्रांडिंग है।दिन रात किनके आंसू बह रहे हैं ?कौन कितना आंसू बहा रहा है,महत्व नही है।महत्वपूर्ण है आंसू बहाने वाले कौन हैं? और कहां आंसू बहा रहे हैं।कोई  प्रेमी छुप छुप कर आंसू बहा रहे हैं तब ये जालिम जमाना क्या जाने? दीनदुखियों की आंसू तो दिखाई ही नही पड़ती।हाँ, अगर गलती से किसी नेता के आंसू निकल गए तब अखबारों की सुर्खियों में आ जाती है,टीवी चैनल की टीआरपी ही बढ़ जाती है।भले ही नेता आंखों में भेसलिन ही क्यों न लगा रखा है।संसद या विधानसभा में नेता के एक आंसू बह गए तब यारों सैलाब आ जाती है,कयामत आ जाती है।राजनीति में इसे मगरमच्छ की आंसू कहते हैं,लेकिन इसे हम संवेदना की आंसू कहते हैं,भले ही सौ चूहे ख गए हों।आँसुओं की अपनी क्रेज है,इस पर कितने मुहावरें और फिल्मी गीत हैं,कविताएं और कहानियां है।कुछ के शीर्षक हैं.... के आंसू,शाहजहां के आंसू आपने पढ़ा होगा।दिल की अरमान आंसुओं में बह गए..,छुप छुप कर आंसू बहाना क्या,जब प्यार किया तो डरना क्या ? आंसू बहने से दिल हल्का हो जाता है,इसे बहने दें। प्रसिद्ध यादव।

बिहार में कोरोना जांच घोटाला ।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

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 कितना नीचे गिरेंगे लोग! बिहार में,सृजन घोटाला, शौचालय घोटाला, मेधा घोटाला, जल नल योजना घोटाला, जल जीवन हरियाली,मनरेगा,इंदिरा आवास, स्कॉलरशिप आदि से मन नही भरा तो जीवन से खिलवाड़ कर कोरोना जांच घोटाला हो गया।जमुई जिला एक बानगी मात्र है,हर जिले में परायः यही हाल है।आखिर सरकार और इनके तिरमदर केवल वेतन लेने के लिये है।अगर नियंत्रक ही अनियंत्रित हो जाये,लूट मचा दे तब समझिये पूरी व्यवस्था चौपट है,पंगु हो गयी है।कोरोना में जहां दुनिया दहशत में थी,लोगों की जान की लाले पड़ी थी,भी भ्रष्ट लोग पैसा बनाने में लगे हुए थे,फर्जी जांच के आंकड़े सेंसेक्स की तरह बढ़ा रहे थे और सरकार पीठ थपथपा रही थी। लोकलाज का भी डर खत्म हो गया।आखिर डॉक्टरों से भरोसा क्यों उठने लगा?जब संवेदना खत्म हो जाये तब कोई भी निश्चर हो जाता है।इसलिए संवेदना और नैतिकता जरूरी है।सरकार  हर जिले में जांच करवाकर दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जरूरत है और निरंतर निगरानी करने की जरूरत है। प्रसिद्ध यादव।

क्राइम जॉन बाबूचक में लाश मिलने से सनसनी।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

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 क्राइम जॉन बाबूचक  -मोहम्मद पुर  में एक लाश मिलने से सनसनी फैल गयी।हालांकि लोग पानी में जूते और हेलमेट देखकर लाश होने की आशंका जाहिर की है।नवरत्न पुर के रविदास 3 दिन से घर से लापता है।सम्भवतः मुशहरी में  शराब पीने आया होगा।ऐसे भी शाम में  शराबियों की भीड़ लगी रहती है।दो थाना के बॉर्डर फुलवारी और शाहपुर  थाना चक्कर लगाती रहती है,लेकिन शराबी नही मिलते हैं।एक दशक पूर्व 4 लोगों की हत्या हुई थी दो की महम्मदपुर मोड़ पर और दो की महम्मदपुर गांव में ,लेकिन अपराधी के नाम पर  मुशहर पर सीसीईए लगाकर कांड का पटाक्षेप कर दिया।जबतक शराब पर नियंत्रण नही होगा,लाश मिलती रहेगी। प्रसिद्ध यादव।

दनारा ,बिक्रम की मंदिर की 50- 60 करोड़ की कलश हाथ लगी चोरों की।पुलिस सुशासन राग में मस्त।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।

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 आज जैसे ही सुबह दनारा के इस मंदिर पर नजर पड़ी,तब लगा की कुछ नही दिखाई दी तब याद आई की चोरों की हाथ लगी है।1902 में निर्मित मन्दिर बहुत बुरे हाल में थी,लेकिन इस साल इसका उद्धार ऐसा हुआ की बिना कलश के हो गयी।शायद नव निर्माण में कलश को उतार कर सफाई हुआ,उसी में किसी ने उस सोने और धातु को डिवाइस से परख कर उसका मूल्य मालूम कर लिया और फिर एक रात 10 x7  का 70 फिट के सीधी से हाथ साफ कर लिया।सीढ़ी मिल गयी जो करीब 70 हजार के स्टील का है,लेकिन कीमती कलश अभी तक अदृश्य है।ताजुब है कि मंदिर के बगल में घर है,पीछे राइस मिल है,फिर भी गायब।अब देखना है कि दाल में काला है कि पूरा दाल ही काला है।

नाटक बिदेसिया में पलायन के दर्द और पति की बेवफाई।- प्रसिद्ध यादव की समीक्षा पढें

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  नाटक बिदेसिया में पलायन के दर्द और पति की बेवफाई।- प्रसिद्ध यादव द्वारा समीक्षा।  बिहार से रोजगार के लिए होने वाला पलायन लंबे समय से जारी है। जब देश आजाद नहीं हुआ था तब भी और आजादी के बाद भी यह समस्या जस की तस बनी हुई है। इस पलायन की समस्या के पीछे समाज की एक बड़ी त्रासदी की दास्तान होती है। एक तरफ रोजी रोजगार की तलाश में बाहर जाने वालों का दर्द होता है तो दूसरी ओर गांव-घर में रह गए उनके परिजनों की अपनी अलग ही पीड़ा होती है। गरीबी से मुक्ति की आशा होती तो शायद ही कोई अपनों से दूर अनजाने शहर में जाता। बिहार की इस समस्या को ही भोजपुरी के शेक्सपीयर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर ने अपने नाटकों में उठाया है। पलायन की समस्या पर लिखे गए उनके मशहूर नाटक बिदेसिया का सोमवार को  सूत्रधार खगोल द्वारा मंचन हुआ। यहां चल रहे  खगोल विरासत नाट्य महोत्सव -2021 के दूसरे दिन रेल सेकेंडरी स्कूल खगोल में मंचन हुआ।  उदय कुमार निर्देशित इस नाटक में बड़ी खूबसूरती से  ,एक नए अंदाज में भिखारी के बिदेसिया को मंच पर कलाकारों ने जीवंत बना दिया। नाटक में एक ओर जहां पलायन दिखाया गया वहीं पति ...

"कायर" नाटक की समीक्षा -प्रसिद्ध यादव द्वारा अवश्य पढ़ें।

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  न्यू जयशिका  की ओर से  सूत्रधार खगोल विरासत नाट्य महोत्सव - 2021 में मुंशी प्रेमचंद के  नाटक 'कायर' का मंचन किया गया। मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित ,नाट्य रूपांतरण मृतुन्जय शर्मा और  नीरज कुमार द्वारा निर्देशित  इस नाटक में वर्तमान में समाज में प्रेम के नाम पर हो रहे खेल पर कटाक्ष किए गए हैं। नाटक में दिखाया गया कि रिटायर्ड शिक्षक गिरधारी लाल की बेटी प्रेमा कॉलेज में ही पढ़ती है और पढ़ाई को ही सब कुछ मानती है। उसकी कक्षा में ही पढ़ने वाला केशव नाम का युवक प्रेमा को अपने प्रेम के जाल में फंसा लेता है। गिरधारी लाल शादी का प्रस्ताव लेकर केशव के पिता से मिलते हैं तो वे उन्हें अपमानित करके भगा देते हैं। केशव भी प्रेमा से शादी करने से मना कर देता है। इससे परेशान होकर प्रेमा कमरा बंद कर के आत्महत्या करने का प्रयास करती है, तभी सुरेश नाम का अनाथ युवक आता है जिसको गिरधारी लाल ने पढ़ाया था और वह आज बड़े पद पर कार्यरत था। वह प्रेमा से कहता है कि 20 दिन के प्रेम में उसने अपने मां-बाप को भुला दिया। क्या उसका अपने मां-बाप के प्रति कोई कर्तव्य नहीं है। इस पर प्रेमा आ...