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Showing posts from September, 2021

कमजोर वर्ग के साथ भेदभाव क्यों? प्रसिद्ध यादव।

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  ब्राह्मणवादी जानता है कि धर्म के नाम पर कमजोर वर्ग पागल हो जाएगा। आज जातीय जनगणना की मांग पर ज्ञानियों द्वारा ऐसे ऐसे कुतर्क दिए जा रहे हैं, मानो ब्रह्मांड के सर्वज्ञ हैं।अभी हाल ही में यूपीएससी के परिणाम और कटऑफ जारी हुए।टॉपर शुभम को साक्षात्कार में दो सौ से कम अंक दिया गया, जबकि लिखित में सबसे ज्यादा था, क्योंकि वे पिछड़े वर्ग के थे जबकि इससे कम अंक लाने वाले सामान्य वर्ग को 200 से अधिक अंक साक्षात्कार में दिया गया। यही हाल  एससी , एसटी, पिछड़े वर्गों के अभ्यर्थियों के साथ हुआ अधिकतर को 200 से कम साक्षात्कार में अंक दिया गया और सामान्य वर्ग को 200 अंको से अधिक।लिखित और साक्षात्कार के अंक जोड़कर मेधा सूची बनाई जाती है।साक्षात्कार मण्डल में कौन लोग हैं? इन बेईमानों का प्रयास होता है कि कमजोर वर्ग के लोगों को  साक्षात्कार में कम कम से कम अंक दें तक मेधा सूची से बाहर हो जाएं या सूची में आये भी तो आरक्षण कोटे से और निम्न पदों पर नियुक्ति हो। इसका सीधा फायदा सामान्य वर्ग  को हो। गरीब स्वर्ण और पिछड़े वर्ग के कटऑफ मार्क देखें तब पिछड़े से कम हैं।अगर कमजोर वर्ग को साक्षात्कार...

पंचायत समिति की विकास में अहम भूमिका! प्रसिद्ध यादव।

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  निकम्मे को बोझ न ढोये। पंचायत में कोई काम गिनती करवा लें 0 है। मैनपुर अंडा पंचायत में लगातार जीत रहे प्रतिनिधि उप प्रमुख बनने की बात छोड़ दें। किसी समिति के अध्यक्ष न होना दब्बूपन की पहचान और न कभी प्रखंड में पंचायत की समस्याओं के लिए मुखर रहे। हाँ दलाली खूब हुई मोटेशन का, जाति, आवासीय, ओबीसी, बीपीएल, राशनकार्ड, बैंक से लोन  आदि में। मुंह में आवाज़ ही नही है, फिर निर्जीव को ढोने से क्या फायदा? त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत पंचायत समिति मध्यवर्ती पंचायत के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ग्राम पंचायत एवं जिला परिषद के बीच कड़ी का कार्य करता है। जिस प्रकार केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के प्रशासनिक एवं विधायी सम्बन्धी सारे कार्य संविधान के नियमों के अनुकूल संचालित होता है, उसी प्रकार पंचायत समिति के सारे कार्य बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 के विभिन्न धाराओं एवं नियमों के अनुकूल संचालित होता है। बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा-34 से लेकर धारा-61 तक में पंचायत समिति के सारे कार्यो को सम्मिलित किया गया है । पंचायत समिति का गठन प्रखंड स्तर पर...

90 फीसदी जल नल से संबंधित लोगों को जेल में होना चाहिए। प्रसिद्ध यादव

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          मैनपुर अंडा पंचायत के मंझौली के स्टैंड  झुके हुए हैं। बाबुचक, अंडा के 20 फीसदी घरों में नल नही लगे। कनीय अभियंता से शिकायत किया, लेकिन सिर्फ  आश्वासन मिला।    आखिर इतनी लोकप्रिय योजना लूट योजना कैसे बन गई? इसे मोनेटरिंग करने वाले भी  अपनी हिस्सा लेकर जनता को अपने राहमोंकर्म पर छोड़ दिया।सरकार की महत्वपूर्ण नल-जल योजना के क्रियान्वयन में जिले में भारी गड़बड़ी की आशंका है। मानक को ताक पर रख कर योजना के क्रियान्वयन से घोटोले की आशंका जतायी जा रही है। यह स्थिति जिले के करीब 90 प्रतिशत पंचायतों में है। पंचायतों से जिला को इस योजना में लगातार मिल रही शिकायतों व गड़बड़ियों से विभाग के आला अधिकारियों का भी माथा चकरा रहा है। कार्य की मापी पुस्तिका अधूरी अधिकांश पंचायतों में योजना से संबंधित मापी पुस्तिका के कारण योजना अधूरी है। अभी तक जितने पंचायतों के चयनित वार्डों में कार्य हुए हैं उन्हें मापी पुस्तिका में बुक नहीं किया गया है। घोटाले में फंसने का डर इसका कारण बताया जा रहा है। जबकि योजना को तीन महीनों के अंदर पूरा कर देना था। 2017 में नवम्...

गांवों की शौचालयों की घोटाला! चौकीदारों जवाब दो!प्रसिद्ध यादव।

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               मैनपुर अंडा और रामपुर फरीदपुर घोटाले में अव्वल!    पटना जिला के कोई ऐसा पंचायत नही बचा होगा, जहां शौचालय का पैसा  गबन न हुआ हो ।  फुलवारी शरीफ प्रखंड के मैनपुर अंडा पंचायत और रामपुर फरीदपुर पंचायत के लाभुकों की सूची देखा तब हैरान रह गया।रामपुर फरीदपुर  अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के लोगों के नाम पर  शौचालय निर्माण के 12 हजार रुपए दो किस्तों में निकासी हो गयी, लेकिन न लाभुक को पता चला न निर्माण हुआ। यही हाल  मैनपुर अंडा के बाबुचक, अंडा पकोली का है यहाँ भी लोगों के नाम पर निकासी कर ली गयी।जब पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया जा रहा था तब मैं विरोध किया, लेकिन सरकारी डेटा में शौचालय निर्माण किया जा चुका था। धरातल पर कुछ नहीं केवल लूट हुई।साल 2013 में तय किया था कि शौचालय निर्माण का पैसा किसी एजेंसी के माध्यम से  लाभुकों को नहीं दिया जायेगा. इसके बावजूद पीएचईडी के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा और एकाउंटेंट बिटेश्वर प्रसाद सिंह ने वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 में पटना जिले के विभिन्न...

वार्ड सदस्य का विकास में अहम भूमिका! प्रसिद्ध यादव।

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  जल नल योजना में और अन्य कार्य करवाने में वार्ड सदस्य की ही भूमिका है। इनकी भी खूब चाँदी रही। इस पद के लिए भी मारामारी है।निवर्तमान सदस्य अपना काम बना लिया।इसमें भी वोट डालने के लिए बोली लगेगी, जिसका जितना ज्यादा वोट, उसको उतनी कीमत!तीन सप्ताह में वोटर कितना खाय पियेगा।अभी ऊपर वाले 4   प्रत्याशी और हैं।।    दुकान सज गयी है वोट की, जरूरत है खरीददार की, जो सौदा खरीद ले। तब विकास क्या होगा?    हम जानते हैं कि वार्ड सभा पंचायती राज व्यवस्था की सबसे छोटी प्रशासनिक इकाई है। पंचायत अनेक वार्डों में विभाजित होता है। प्रत्येक वार्ड का एक निर्धारित निर्वचान क्षेत्र होता है। वार्ड स्तरीय मतदाता निर्वाचन क्षेत्र के अंदर रहने वाले सभी मतदाता वार्ड सभा के सदस्य होते हैं। ग्राम सभा की तरह ही वार्ड सभा एक स्थायी निकाय है और पंचायती राज व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग। ओड़ीसा जैसे राज्य में यह किसी राजस्व ग्राम के सभी मतदाताओं से मिलकर बनती है और पल्ली सभा कहलाती है। वार्ड सभा ग्राम पंचायत के प्रत्येक सभा में गठित होना चाहिए। ग्राम पंचायत का निर्वा...

तस्वीरेँ देख आंखें भर आईं!निर्लज्ज कहता कि ऑक्सीजन से कोई मरा ही नहीं! प्रसिद्ध यादव।

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  हम मानव हैं और हमारी मानवीय संवेदना ही मानव बनाये हुए है। भले किसी से हमारा कोई संबंध न हो, लेकिन पीड़ा देखकर हृदय द्रविड़ हो जाता है। आज आंध्रप्रदेश के नंदलूर के एक मार्ट में गया। पहले भी जाता था, तब दुकान चलाने वाले कोई और होते थे, मेरी नजर उन्हीं को ढूंढ रही थी कि दुकान में पिता पुत्र दोनो की तस्वीरेँ टंगी हुई थी और उसपर फूलमाला चढ़े हुए थे और युवती अगरबत्ती दिखा रही थी। मैं समझ गया उस महिला से पूछा और फफक कर बोलने लगी- भैया! चार महीना पहले कोरोना से गुजर गए। एक महीना किम्स हैदराबाद में icu में इलाज करवाया 42 लाख खर्च हुए, लेकिन कोई फायदा नही हुआ।पति के देहांत के बाद श्वसुर भी एक महीने बाद हार्ट अटैक से चले गए।अब घर में कोई नही, कोई संतान भी नहीं है। खुद दुकान चलाती हैं और सहारा के लिये एक अपाहिज पिता। कहाँ सरकार थी और इसकी सिस्टम थी, बड़े बड़े दावे करने वाले मृतकों की संख्या सरकार की एक संख्या और आंकड़े भर हो सकती है, लेकिन जिसके जीवन में अंधेरा छा गया हो, उसे आत्मनिर्भर भारत क्या सम्बल दे सकती है? ये एक बानगी है कोरोना ने लाखों परिवारों को बर्बाद कर दिया और बेशर्मी सरकार कहती है क...

पंचायती राज की ताकत को समझें।प्रसिद्ध यादव

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           कुछ जुआ की तरह दांव लगाकर भाग्य आजमाएंगे और चुनाव बाद लापतागंज। ऐसे को कान पकड़के खींचिये।सवाल पुछिये।सरेराह बेइज्जत कीजिए तब नाश टूटेगा  सेवक बनने का। सेवक का मतलब गधे लोग मालिक समझते हैं और यही भावना से चुनाव लड़ते हैं।   संविधान के 73 वें संशोधन में इसकी शक्ति दी गयी है और सत्ता का विकेंद्रीकरण किया गया। पहले गांवों का विकास ऊपर से नीचे की ओर होता था, लेकिन अब पंचायत के प्रतिनिधि और जनता ग्रामसभा की बैठक कर योजना बना सकते हैं और कार्यन्वित कर सकते हैं, लेकिन अफसोस की सही प्रतिनिधि के चुनाव नहीं होने के कारण विकास भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है और पंचायत के लोग नींद में सोए हुए रहते हैं। नीद कब टूटती है जब चुनाव आता है अपनी किस्मत आजमाने लगता है। जनता पेशोपेश में पड़ जाती है किसे चुने और किसे नहीं। नतीजा भ्रष्ट लोग इसका फायदा लेकर चुनाव जीत जाते हैं। चुनाव लड़ने वाले अधिकांश प्रत्याशी को पंचायती राज के अधिकार, कार्य के बारे में मालूम भी नही होगा ना ही कभी प्रखंड मुख्यालय का दर्शन भी किया होगा, लेकिन जीत की सेहरा बांधने के लिए बेताब होंगे...

पंचायत में एक लाख में दो वोट मिलता है!प्रसिद्ध यादव।

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   फुलवारी के मैनपुर अंडा पंचायत के एक पर रिकॉर्ड है, लेकिन चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को नही मालूम होगा।धनवर्षा के मामले में अव्वल स्थान है इसका और भ्रष्टाचार में भी। इंदिरा आवास  इस पंचायत के पैसा से दूसरे प्रखंड में घर बन गया।सरकारी जमीन छोड़कर निजी जमीन में जबरन नाला बन गया।जल जीवन हरियाली मटखना अंडा में लाखों रुपए के लागत से उड़ाही छोड़िये घास भी नही उखड़ा।जब कम्प्लेन किये तब घास उखड़ा। सोलिंग ढलाई में बालू और सीमेंट कितना है जाकर देख लें।नल जल योजना बाबुचक, अंडा आदि गांवों के आधे घरों में नल नही पहुंचा, शौचालय निर्माण में 90 फीसदी पैसा लाभुक प्राप्ति बताता है, लेकिन 10 फीसदी को भी पैसा नही मिला। दारू  मुर्गा की बात अब ओछी है,2 महीने से लोगों के नशा नही टूट रहा है। सबसे दिलचस्प बात की पंचायत के अंतिम छोड़ में 1 लाख रुपए बांटा और मिला 2 वोट, बधाई उन वोटरों को। इसबार भी सबक सिखायें।परिवर्तन होगा।मेरा विश्वास है और परिणाम चौकाने वाला होगा।कोई उम्मीद नहीं किया होगा वो मुखिया, सरपंच और समिति बनेगा।हर सीट की बदलाव की उम्मीद है केवल सुधि वोटर को जागने की जरूरत है। शेष अगली कड़...

भाजपा की असली चाल चरित्र को नीतीश पहचानें! प्रसिद्ध यादव।

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                नीतीश कुमार भाजपा के खासकर मोदी के चाल चरित्र से पहले से ही वाकिफ थे, लेकिन कुछ मजबूरियों के चलते गलबहियां होते रहे। भाजपा भी लालू यादव को सत्ता से दूर रखने के लिए गोबर खा पी रहा है। बिहार में भाजपा कभी भी अपने बूते सत्ता की बात दूर सशक्त विपक्ष भी नही बन सकती है। भले ही कुछ समय के लिए धर्म के नाम पर अपनी गुप्त एजेंडा ब्राह्मणवाद को बढ़ावा देने में सफल रही, लेकिन इसकी करतूत और असली चेहरा लोग जान गए हैं। अब लड़ाई 99: 1 का हो गया है अर्थात पूंजीपतियों बनाम शेष भारतीय।जाति आधारित जनगणना (Caste Census) को लेकर जिस तरह की बातें सामने आ रहीं हैं, उससे यह लग रहा है कि बिहार अब अपने बूते इस दिशा में आगे बढ़ने की तैयारी में है। यह संभव है कि कर्नाटक की तर्ज पर बिहार सरकार भी अपने स्तर पर जाति आधारित जनगणना कराने का निर्णय ले। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) द्वारा न्यायालय में हलफनामा देकर जाति आधारित जनगणना से इनकार की बात पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने साफ कह दिया है कि वे इसे कतई सही नहीं मानते...

केंद्र की तानाशाही रवैया के खिलाफ भारत बंद! प्रसिद्ध यादव।

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          देश के अन्नदाता 10 महीनों से सरकार के तीन कृषि बिल वापस लेने के लिए आंदोलनरत हैं, लेकिन तानाशाह सरकार कान में तेल डाल कर सोई हुई है।उद्योगपतियों की चाकरी करने के लिए सरकार पलकें बिछाई रहती है। विपक्षी दलों के अलावे लेफ्ट और छोटे दल भी इस बन्दी में शामिल होंगे। आंदोलनकारी किसानों ने 27 सितंबर के भारत बंद की पूरी तैयारी कर ली है। सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक दिल्ली बॉर्डर के सभी रास्तों पर किसान धरने पर बैठेंगे। आंदोलन स्थल पर गांव से किसानों को नहीं बुलाया जाएगा। गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान ही एनएच-24 और एनएच-9 को ट्रैफिक के लिए बंद कर देंगे। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के यूपी प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह यादव ने बताया कि आंदोलन स्थल पर काफी बड़ी संख्या में किसान पहले से ही मौजूद हैं। वे किसान ही यहां भारत बंद की योजना के तहत कार्य करेंगे। यूपी के जनपदों से किसान उस दिन यहां नहीं आएंगे। वे अपने-अपने क्षेत्र में बंद का आयोजन करेंगे। भारत बंद : क्‍या-क्‍या खुला रहेगा, क्‍या बंद? संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि बंद का आयोजन सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक क...

जीर्ण शीर्ण काया में, जमींदार की माया! प्रसिद्ध यादव।

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  अलमुनियम की थाली, लोटा,शरीर पर फ़टे पुराने कुचैले कपड़े, बाल दाढ़ी बढ़े हुए, शरीर में केवल हड्डियों ही दिखाई देती और खण्डहर हवेली के बाहर बैठा रहता। गांव वाले कोई न कोई खाना दे देता। मेरा बाल मन उसे देखता, लेकिन उसके बाद उसके बारे में जानने की हिम्मत नही होती कि कौन है क्या है आदि। जब युवा हो गए और उस गांव में गये तब फिर उस खंडहर के पास उस आदमी के तलाश में गया, लेकिन वो नही मिले। बगल वाले से पूछा और बताया तब मैं दंग रह गया। वो आदमी उस गांव का जमींदार था। बचपन से ही ऐयासी प्रवृत्ति के था। सूरा और सुंदरी उसकी परछाई थी। समय पर उसकी शादी हुई, लेकिन उसकी बुरी लत के कारण पत्नी छोड़कर चली गई। धीरे धीरे उसकी संपत्ति बिकती चली गयी।गंभीर बीमारी हो गयी घर द्वार सब बिक गए। 50 वर्ष की अवस्था में 80 साल के बुजुर्ग जैसे लगता। धन के दुरुपयोग से तन धन मन तीनों क्षय हो गया था और एकदिन परलोक सिधार गए तब अंतिम संस्कार भी गांव के चंदा से ही हुआ था। मैं यह दास्तान सुनकर दंग रह गया। आज भी अपने पास जमींदारों को देखता हूँ, उनकी भी दशा कमोवेश यही है।सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक नशे में चूर और शरीर भी काँपते द...

सरकार पूंजीवादियों की गोद में है! प्रसिद्ध यादव

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           जतीय जनगणना नहीं करवाने के पीछे सरकार की मंशा स्पष्ट है कि ये चाहती है कि देश में असमानता बढ़ती रहे। अभी हाल ही में यूपीएससी की अंतिम परिणाम में कोई खैनी बेचने वाले के, फेरी करने वाले, मजदूरी, खेती करने वाले कि बच्चे इस मुकाम को हासिल किया है। अभी देश में ऐसे लाखों करोड़ों मेधावी छात्र गरीबी में संघर्षरत होंगे। सदियों से इस देश में  गरीबों को आर्थिक, सामाजिक और मानसिक रूप से पिछड़ा रखने की साजिश है।बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान में गरीबों की ताकत दी, जिसे मनुवादी दिनदहाड़े जला रहे हैं, और मनस्मृति थोपने की कुचक्र चल रहे हैं।अब जो बहुजन, पिछड़ा, एससी एसटी आरएसएस और भाजपा की चाकरी कर रहे हैं वो अपने  पैरों पर कुल्हाड़ी ही मार रहे हैं। अभी हाल में   61 फीसदी हिस्सा सबसे अमीर एक फीसदी आबादी की झोली में गया है जबकि शीर्ष दस फीसदी संपन्न वर्ग के लिए यह आंकड़ा 81 फीदी है. साफ है कि बाकी 90 फीसदी को जूठन मिली है. अमीर-गरीब के बीच की खाई के मामले में भारत अमेरिका से भी आगे है जहां के एक फीसदी सबसे संपन्न वर्ग के पास देश की 37.3 फीसदी द...

पंचायत चुनाव में शिक्षित, चरित्रवान, निष्ठावान को प्राथमिकता दें। प्रसिद्ध यादव

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  पंचायत के जनप्रतिनिधि चुनने से पहले एकबार ठंढे दिमाग से सोचे, तब मतदान करें। प्रत्याशियों के साथ समर्थन में कई दलाल भी घूमेंगे, वैसे दलालों को भी चिन्हित करें।ये लोग भाड़े के टटू हैं जो 20 दिन के दिहाड़ी, मजदूरी पर जनता को दिग्भ्रमित करेंगे। चुनाव में जिसका कोई चरित्र, जनसरोकार नहीं होता है वो जाति, धर्म का सहारा लेता है। इससे भी बात नहीं बनती है तब दारू,मुर्गा और पैसों का खेल होता है, दबंगई दिखाई जाती है और दबंगों को घुमाया जाता है। ऐसे किसी भी प्रत्याशी को आसपास फटकने नहीं दें। कौन कितना रईस और बड़ा खानदान का है कोई मायने नहीं रखता। मायने रखता है उसकी जनता के प्रति समर्पण और निष्ठा। जो इस पर खड़ा उतरे उसे ही दिल में बसाये और जो  जालसाज, धोखेबाज, लुटेरा, जनता को अपमानित करने वाला है उसकी जमानत जब्त करें। यह ताकत अभी आपके पास है, इसका सदुपयोग करें।

मानव से छूत और पत्थरों से प्यार! प्रसिद्ध यादव।

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             अपने आप को सभ्य ,बुद्धिजीवी, हिन्दू धर्म के ठेकेदार को आंखें खुल जानी चाहिए। स्कूल, विद्या को महत्व नहीं देने वाले, मन्दिरों के चौखट पर सर पटकने से क्या मिलेगा? बल्कि ऐसा कर के खुद रसातल में जा रहे हो और आनेवाले पीढ़ियों को भी धकेल रहे हो। मन्दिरों में भजन कीर्तन के नाम पर गांजा , भांग, चरस चल रहा है, कुछ जमात बनाकर अपनी मनमर्जी थोप रहा है। ऐसे ढोंगियों को विरोध करें। कर्नाटक के कोप्पल गांव में एक दलित बालक के मंदिर में घुसने के बाद उसके परिवार पर 35 हजार रुपए जुर्माना लगाने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोप्पल के मियापुरा गांव में रहने वाले एक दलित परिवार का 4 वर्षीय बच्चा अपने जन्मदिन पर मंदिर चला गया था। इस मंदिर में दलितों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई हुई है तथा बालक के परिजन मंदिर के बाहर से ही दर्शन करते हैं। इस बात से नाराज गांव की उच्च जाति के लोगों ने बालक के पिता से 25 हजार रुपए जुर्माना तथा दस हजार रुपए मंदिर की सफाई के लिए मांगे। बताया जा रहा है कि बच्चे के मंदिर में प्रवेश करने पर उच्च जाति के लोगों ने मंदिर को ...

पीएम नाम का दुरुपयोग किया मोदी! प्रसिद्ध यादव।

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  आत्मनिर्भर भारत या आत्मनिर्भर मोदी के चहेते हुए। आज भारत पूछ रहा है। कोई संविधानिक पद के , राष्ट्रीय संस्थाओं को निजी स्वरूप में कैसे उपयोग कर सकता है? भारत सरकार का मतलब निजी क्षेत्र से है क्या? प्रधानमंत्री में आपातकालीन स्थितियों फंड नागरिक सहायता और राहत (  प्रधानमंत्री परवाह फंड  ) 27 मार्च 2020 पर बनाया गया था, तो निम्न  भारत में COVID -19 महामारी  । फंड का घोषित उद्देश्य भविष्य में कोरोनावायरस के प्रकोप और इसी तरह की महामारी जैसी स्थितियों से निपटने और रोकथाम और राहत प्रयासों के लिए है। हालांकि निधि के गठन के लिए दस्तावेज़ को सार्वजनिक नहीं किया गया है,  भारत सरकार  ने कहा है कि  भारत के प्रधानमंत्री  ,  नरेंद्र मोदी  , निधि के अध्यक्ष है, और कहा कि न्यासियों में शामिल  रक्षा मंत्री  ,  राजनाथ सिंह  ,  गृह मंत्री ,  अमित शाह  , और  वित्त मंत्री  ,  निर्मला सीतारमन  , भारत सरकार में।  पीएम केयर्स फंड प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात स्थिति में राहत कोष गठन ...

केंद्र की मंशा साफ हुई, नीतीश एनडीए से अलग हों! प्रसिद्ध यादव

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  जातीय जनगणना नहीं, तब करें बहिष्कार!     भाजपा की चाल चरित्र किसी से छुपी हुई नही है।ये बहुजन, किसान विरोधी सरकार है और इससे कोई उम्मीद पाले बैठा है तो वो अवल्ल दर्जे का बेवकूफ ही हो सकता है। बहुजनों और किसानों, नवजवानों ने उछल उछल कर भाजपा को वोट दिया था    । नतीजा सामने है।नीतीश कुमार को अविलंब बिना भय के भाजपा से अलग हो जाना चाहिए। साथ रहकर और मोदी को आका मानकर बहुजनों के लिये संघर्ष नही हो सकता है। धर्म के नाम पर राष्ट्रीय सम्पति बेचने से मन नही भरा तब  ड्रग्स के कारोबार होने लगा और पूरा देश शांत है। मानो अपनी बर्बादी की मातम मना रहा है। इतना बुझदिल होना भी ठीक नही है। अब सभी को प्रण लेना होगा कि अगर जातीय जनगणना नही हुआ तब हमलोग बहिष्कार करेंगे। ये कागजी जनगणना हमारे लिए कोई काम का नही है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा है कि पिछड़े वर्ग की जाति जनगणना एडमिनिस्ट्रेटिव तौर पर कठिन और बोझिल कार्य है। सोच समझकर एक नीतिगत फैसले के तहत इस तरह की जानकारी को जनगणना के दायरे से अलग रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से इस मामले ...

मित्रों! काला धन न सही, सफेद पावडर आ गया न! प्रसिद्ध यादव

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        उड़ता भारत! अफगानिस्तान जहां अफीम उत्पाद के लिए जाना जाता है  और इसकी तस्करी आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए होती है। देश लाफ़जजी से नही चलता है। देश के शीर्ष आसान पर बैठे नेता हो या कोई मंत्री हो, गोपनीयता हर हालत में जरूरी है, लेकिन अभी देश में शीर्ष नेतृत्व चंद उद्योगपति के सामने नतमस्तक है।  गौतम अडानी के पोर्ट पर 900 करोड़ के ड्रग्स पकड़ाये। क्या यह विचलित कर देने वाली खबर नही है? जैसे मोदी के चाहने वालों अपने आप को चौकीदार कहना शुरू कर दिया था और देश में 300 किलो आरडीएक्स लेकर घुमा जा रहा था। नतीजा पुलवामा में हमारे 44 जीवन शहीद हो गए थे और चौकीदार सो रहे थे। ठीक आज वैसे ही जब 3000 किलो  मादक पदार्थ पकड़ाया और सब चौकीदार सो रहे हैं। पंजाब में ऐसे ही पाकिस्तान से ड्रग आते थे और पूरा यहां के युवा नशे के गिरफ्त में आ गया था, तब उड़ता पंजाब के नाम से जाना जाता है। अब आत्मनिर्भर भारत बनाने के मुहिम में उड़ता भारत नजर आ रहा है। आखिर सार्वजनिक क्षेत्र को निजीकरण इसी के लिए किया गया था? अडानी से अबतक पूछताछ नहीं होना और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आना...

मौत के सौदागरों को मौत की सजा मिले! प्रसिद्ध यादव@A P

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     मोदी की अडानी से मित्रता देश के लिए कितना घातक है! ड्रग्स की सबसे बड़ी खेप मोदी के मित्र  गौतम अडानी  के मुन्द्रा पोर्ट से बरामद होने पर भी गोदी मीडिया इस मामले को जरा भी तवज्जो नहीं दे रही है और अभी तक अडानी के खिलाफ कोई कारवाई करने की भी सूचना नहीं मिली है। इस देश में किसी के घर से गांजे की छोटी पुड़िया बरामद होने पर भी उस घर के मालिक को गिरफ्तार कर लिया जाता है।  भाजपा   शासित राज्य असम में तो ऐसी पुड़िया बेचने वाले छोटे वितरकों को पिछले दो महीने से पैर में गोली मारने का अभियान पुलिस चला रही है।  सुशांत सिंह राजपूत   आत्महत्या मामले पर तमाशा करते वक़्त देश देख चुका है किस तरह गोदी मीडिया के एक एंकर ने गांजे की पुड़िया बरामद होने पर 'मुझे ड्रग्स दो' कहते हुए वीभत्स मंजर पेश किया था। लेकिन जैसे ही  मोदी सरकार के आका अडानी का नाम सामने आता है गोदी मीडिया और प्रशासन को सांप सूंघ जाता है। दुनिया की सबसे बड़ी ड्रग्स तस्करी का मामला सामने आने और इसके तार अडानी के निजी पोर्ट से जुड़े होने के बावजूद न तो अडानी की भूमिका की जांच करने की हिम्मत ...

देश में निजीकरण की जय बोलो ! प्रसिद्ध यादव

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  नशा खाकर और अंधभक्त बन जाओ। राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने  गुजरात  के कच्छ जिले के मुंद्रा बंदरगाह (Mundra port) पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के मादक पदार्थों के दो कंटेनर जब्त किए हैं। इन कंटेनर के बारे में माना जाता है कि यह अफगानिस्तान (Afganistan) से आया हुआ था। मुंद्रा पोर्ट मशहूर औद्योगिक घराने अडानी समूह से जुड़ा हुआ बताया जाता है।  अडाणी ग्रुप  द्वारा संचालित मुंदड़ा बंदरगाह देश के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक है। डीआरआई के सूत्रों के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 38 बैग में हेरोइन ले जाने वाले कंटेनरों (Containers) को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा (Vijaywada) स्थित एक फर्म द्वारा आयात किया गया था। फर्म ने खेप को "टैल्कम पाउडर" घोषित किया था। निर्यातक फर्म की पहचान  अफगानिस्तान के  कंधार (Kandhar) में स्थित हसन हुसैन लिमिटेड के रूप में की गई है। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "खेप अफगानिस्तान से आई है और उन्हें ईरान (Iran) के बंदर अब्बास में लाद दिया गया था।" उन्होंने कहा, ''नशीले पदार्थों की कुल राशि करीब 2,...

देशभक्ति की भावना जगायें! प्रसिद्ध यादव@सिकन्दराबाद।

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    मात्र एक तिरंगा पर 9 लाख खर्च होने से देशवासी हुए देशभक्ति से ओतप्रोत! 6.75 करोड़ रुपये में भारत के 75 रेलवे स्टेशन पर तिरंगा फहराया!   लोगों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से और इंडियन रेलवे की तरफ से एक बड़ा ऐलान हुआ था। सरकार ने रेलवे को निर्देश दिए  थे कि देश के सभी ए-1 कैटेगिरी वाले रेलवे स्टेशनों पर 100 फीट ऊंचा तिरंगा लगाया जाए। इसके लिए 75 रेलवे स्टेशनों का चयन कर भी लिया गया है। आपको बता दें कि सरकार ने इससे पहले सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान के गायन को अनिवार्य कर दिया था, जिसके बाद उस पर खूब बहस हुई थी। आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अनिवार्यता को खत्म कर दिया था। ए-1 कैटेगिरी वाले 75 स्टेशनों पर लगेगा 100 फीट लंबा तिरंगा जानकारी के मुताबिक, रेलवे बोर्ड ने पिछले महीने ही ये सर्कुलर जारी  किया था कि देश के 75 रेलवे स्टेशनों पर 100 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया जाएगा। बताया जा रहा है कि जिन 75 रेलवे स्टेशनों को इसके लिए चुना गया और लगाया भी गया। उनकी सालाना आमदनी 50 करोड़ के करीब है और सभी को ए-1 कैटेगिरी में रखा जाता है। ...

संविधान की मूल भावना के खिलाफ है निजीकरण! प्रसिद्ध यादव@सिकन्दराबाद।

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         देश के विशेषज्ञों ने इसपर अपनी अपनी राय स्पष्ट रूप से दिए हैं।लोकतंत्र में लोककल्याण की भावना, लक्ष्य प्रमुख हैं , न कि व्यापार।  सार्वजनिक संस्थाओं का निजीकरण संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है। निजीकरण से सामाजिक और आर्थिक न्याय की प्राप्ति नहीं हो सकती। इससे केवल बड़े उद्योगपतियों को लाभ होगा और पूंजी के केन्द्रीकरण से वर्गभेद को बढ़ावा मिलेगा। निजीकरण की व्यवस्था अधिकाधिक लाभ कमाने की प्रवृत्ति पर आधारित है, जिसमें सार्वजनिक और सामाजिक हितों की उपेक्षा होती है। इस व्यवस्था में मजदूरों के श्रम का शोषण होता है और कर्मचारियों की छंटनी कर बेरोजगारी में वृद्धि की जाती है। जनहित में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की कार्यकुशलता में सुधार करके निजीकरण की प्रवृत्ति से बचना चाहिए । घातक सिद्ध होगा सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण भारत एक विकासशील देश है। अत: यहां सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण बहुत ही घातक सिद्ध होगा। भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की बड़ी आबादी दो समय का भोजन भी बड़ी मुश्किल से जुटा पाती हैं। अत: यहां सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण कर...

भारतीय रेल- देश की धड़कन से सेल तक! प्रसिद्ध यादव@A P

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  कोई सोच भी नहीं सकता था एक दिन भारतीय रेलवे अडानी रेलवे के नाम से भी जाना जाएगा।रेल बजट खत्म हो जाएगा।यह सब मोदी सरकार में मुमकिन हो गया।देश के सबसे बड़ी नियोक्ता विभाग में निजीकरण हो जाएगा और देश के युवा बेरोजगारी के दंश झेलेंगे। पूर्व रेल मंत्री लालू यादव इसे जर्सी गाय कहते थे और इनके समय में रेलवे खूब तरक्की की, लेकिन आज ये जर्सी गाय किसी और की हो गई। भारत में 1853 में बम्बई से थाने 1853 से शुरू हुआ 34 किलोमीटर का सफर. 1875 में 9100 किलोमीटर का हो गया. उसके बाद 1900 में रेलवे का विस्तार 38,640 किलोमीटर तक का हो गया और आजादी तक आते-आते विस्तार का दायरा बढ़कर 49,323 किलोमीटर तक जा पहुंचा.।    हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि रेलवे एक जीवनशैली है, और देश की प्राणदायी रेखा है. यदि रेलवे की धड़कन एक दिन के लिए भी रुकती है तो एक तरह से भारत की धड़कन ही रुक जाएगी. भारतीय रेलवे ने आजादी के बाद भी विकास किया. लेकिन विस्तार का दायरा उतना नहीं रहा. वर्तमान समय में भारत में रेलमार्गों की लंबाई 63 हजार किलोमीटर से कुछ ज्यादा की है. आजादी के बाद रेलमार्गों की लंबाई में मामूली तौर पर विस्त...

सेल लगा है मोदी मैजिक का खेल लगा है- प्रसिद्ध यादव@A P

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  सेल लगा है। कौड़ी के भाव रेल बिका है इंडियन एयर लाइन्स का प्लेन बिका है मोदी  मैजिक  का खेल लगा है बैंक बिका है जमीन बिकी है भारत सरकार की टेलीफोन बिका है मोदी   मैजिक का खेल लगा है। अडानी रेलवे, अम्बानी रेलवे  पूंजीपतियों  के  एयरपोर्ट रनवे । मोदी मैजिक का खेल लगा है मोदी मदारी खेल दिखाता अंधभक्त खूब ताली बजता बाकी जनता आंसू बहाते मोदी मैजिक का खेल लगा है देश बेचता देशभक्त शर्मशार किया देश का तख्त। मोदी मैजिक का खेल लगा है सेल लगा है। प्रसिद्ध यादव अध्यक्ष, ओबीसी पटना। जय मूलनिवासी!

मध्यवर्गीय का स्टेटस! प्रसिद्ध यादव@A P

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  अक्सर अपने पड़ोसियों, मोहल्ले, गांवों के लोगों से तुलना कर के खुश और आत्मसंतुष्टि हो जाती।  हमारी ताकत क्या है? पड़ोसियों को डरा धमका दिया। बस हम बलवान बन जाते।  हमारा रहन सहन, खान पान  साधारण होता, कोई रिश्तेदार घर पर मिठाई लेकर आ जाते  मुँह का स्वाद बदल जाता था। कभी किसी के यहाँ भोज होता, सुबह से ही शाम होने का इंतजार करते।  बीच पंगत में बैठ गए तब बीच में पुरी सब्जी आते आते खत्म हो जाता, तबतक उंगली चाट कर तृप्त होते।  बेवजह किसी से गाली सुनना होता तब किसी बुजुर्ग को कुछ कह देते। गाँव घर की भौजाई की गाली, हँसी मजाक सिनेमा से ज्यादा मजेदार होता। पर्व त्योहारों का बेसब्री से इंतजार रहता। करुआ तेल बाल से लेकर पूरे शरीर में पोत कर बन ठन जाते। समय बदला अब शादी के बाद  रिशेप्शन शुरू हुआ,  दूल्हा- दुल्हन डर से सहमे रहते, क्योंकि जीवन इतना कभी सम्मान मिला नहीं। हनीमून  पर जाने का कसर सबेरे हलवाई, टेंट वाला, बाजा वाला कपड़े वाले कि तगादा से चक्कर आने लगता है। शादी के बाद कभी होटल में पत्नी के साथ गए तब मेनू कार्ड में यही देखते की सबसे सस्ता कौन ह...

गोनपुरा ब्रांड बैंड मशीन चोर लेकर चम्पत- प्रसिद्ध यादव।

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 गोनपुरा पंचायत सरकार भवन में लगा हुआ wi fi ब्रॉडबैंड मशीन को चोरों ने दिन में 3 बजे के करीब चोरी कर लिया इधर कल ही पूर्व आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद गोनपुरा पंचायत में ही उपस्थित थे  मशीन चोरी होने से पूरे पंचायत के इलाके में net कनेक्शन बंद हो गया पंचायत सरकार भवन से दिन दहाड़े चोरी होने से आसपास के लोगो में दहशत का माहौल है।

मदद की कीमत चुकाये सोनू सूद- प्रसिद्ध यादव

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                सरकार लोगों के लिए मरने जीने के लिए खुद के भरोसे छोड़ दिया और सोनू सूद जरूरत मन्द को मदद करने लगे तब निठल्ले, निक्कमी सरकार को आंखों में खटकने लगे। अगर कानून निष्पक्ष अपना काम करती है तब यह  बताना चाहता कि मंदी में अमित शाह के बेटे कम समय में हीं 16 हजार गुणा मुनाफा कैसे कमा लिया। भाजपा अपने चंदा के स्रोत नही बता रही है। कहाँ गयी इडकी पारदर्शिता? सवाल तो उठेंगे ही। लॉकडाउन के दौरान मुश्किल में फंसे लोगों की मदद कर एक फरिश्‍ता बनकर उभरने वाले बॉलीवुड एक्‍टर सोनू सूद के मुंबई स्थित घर पर इनकम टैक्‍स ने छापा डाला है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ में उनसे जुड़ी एक कंपनी पर भी आयकर विभाग ने छापेमारी की है।  एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इनकम टैक्‍स अधिकारी सोनू सूद से जुड़े छह जगहों की जांच कर रहे हैं, जिसमें उनका मुंबई में घर और कार्यालय भी शामिल है। आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है,  "सोनू सूद की कंपनी और लखनऊ की एक रियल एस्टेट फर्म के बीच हालिया सौदा जांच के दायरे में है। इस दौरान टैक्‍स चोरी का शक है। इसी क...

व्यंग के हस्ताक्षर काका हाथरसी- प्रसिद्ध यादव@A P

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          रिश्वतरानी धन्य तू, तेरे अगणित नाम हक, पानी, उपहार औ’ बख्शिश, घूस, इनाम बख्शिश, घूस, इनाम, भेंट, नजराना, पगड़ी तेरे कारण ‘खाऊमल’ की इनकम तगड़ी कहँ काका कविराय, दौर-दौरा दिन दूना जहाँ नहीं तू देवि, महकमा है वह सूना इसके महत्त्व और लाभ का प्रतिपादन इन शब्दों में किया गया है : जिनको नहीं नसीब थी, टूटी-फूटी छान आज वहाँ भन्ना रही, कोठी आलीशान कोठी आलीशान, भिनकती मुँह पर मक्खी उनके घर में घूम रही चाँदी की चक्की कहँ काका कवि, जो रिश्वत का हलवा खाते सूखे-चिपके गाल, कचौड़ी-से हो जाते।            18 सितम्बर सन 1906में हाथरस में जन्मे  काका हाथरसी  (असली नाम: प्रभुलाल गर्ग) हिंदी हास्य कवि थे। उनकी शैली की छाप उनकी पीढ़ी के अन्य कवियों पर तो पड़ी ही, आज भी अनेक लेखक और व्यंग्य कवि काका की रचनाओं की शैली अपनाकर लाखों श्रोताओं और पाठकों का मनोरंजन कर रहे हैं। काका आडम्बर, अंधविश्वास, भ्रष्टाचार आदि पर अनेक व्यंग रचना किये थे।

17 सितम्बर 1879 को जन्मे महान क्रांतिकारी विचारक पेरियार को नमन! प्रसिद्ध यादव।

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  पेरियार के नाम से विख्यात, ई. वी. रामास्वामी का तमिलनाडु के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्यों पर असर इतना गहरा है कि कम्युनिस्ट से लेकर दलित आंदोलन विचारधारा, तमिल राष्ट्रभक्त से तर्कवादियों और नारीवाद की ओर झुकाव वाले सभी उनका सम्मान करते हैं, उनका हवाला देते हैं और उन्हें मार्गदर्शक के रूप में देखते हैं। जय मूलनिवासी!  प्रसिद्ध यादव अध्यक्ष ओबीसी, पटना।

डकैतों को भी पीछे छोड़ा भ्रष्टाचारी! दूबे भ्रष्टाचार की मन्त्र से 21 साल चलाया धौंस।प्रसिद्ध यादव@ A P Gtl

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            डकैतों, कुख्यातों, अपराधियों, हत्यारों के नाम सुनकर लोग डर जाते थे। मन में एक डरावनी  तस्वीर बन जाती थी। चम्बल के डाकू, डाकू मलखान सिंह आदि अनेक डाकू बने जिन्हें नाटकों और फिल्मों के द्वारा देखा जाता था। अभिनय देखकर, कर्कश आवाज, रौबीले मूंछे,  भीमकाय शरीर और हाथों में हथियार होते थे। अब इनसे भी खतरनाक दस्यु हमारे बीच भ्रष्टाचारी के रूप में है। फर्क बस इतना है कि ये  चॉकलेटी चेहरा , फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने लिखने वाले, वर्दी पर स्टार, अशोक स्तम्भ, सारी सरकारी सुविधा प्राप्त होता है। कोई इंजीनियर, आईएस, आईपीएस, डॉक्टर, बीडीओ, सीओ, थानेदार से लेकर चौकीदार तक हैं। अब ऐसे जिम्मेवार लोगों को देखने पर चम्बल के डाकू जैसा इमेज बन जाता है। लोग डर के मारे बोलते नही और कोई समाज सुधारक की सनक लिये ऐसे लोगों से भिड़ गए तो उनकी खैर नहीं।  भ्रष्टाचारी को समझ आ गई है कि पावर मिलने का मतलब जनता की कार्यों को निष्पादन करना नहीं, बल्कि लूटने की आजादी है। अब इनके चरित्र इतने गंदे हो गए तो  जीवन यापन करने के लिए लूटने वाले को  नफरत नहीं ...

108 डायल करें! सांसद ने किया दारू सर्वसुलभ !प्रसिद्ध यादव@A P

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    मंगल का अमंगल, दवा से दारू! एम्बुलेंस का108 डायल करें।दारू उपलब्ध! स्वास्थ्य और दारू बन्दी की खुल गई पोल।   अब क्यों नही कहते कि एम्बुलेंस से बालू ही नही दारू भी ढोये जा रहे हैं। स्कूटर से सांढ़ ढोने वाले जो कहते थे, अब मुंह भी बंद और कलम भी। चौक चौराहे पर चर्चा भी नहीं। हो भी क्यों बुद्धिजीवी, देशभक्त  पार्टी के सांसद के एम्बुलेंस से यह काला कारनामा हुआ और इसके काबिल मंत्री अमंगल पांडेय जो है । अभी बिहार में बच्चे बुखार से पीड़ित हैं, सुविधा नदारद, लेकिन दारू..इससे दारू की बन्दी और स्वास्थ्य विभाग दोनों की पोल खुल गई। बिहार में पंचायत चुनाव के नजदीक आते ही  शराब की तस्करी बढ़ गई है। शराब माफिया नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। आए दिन राज्य के कई जिलों से शराब की बरामदगी हो रही है। बुधवार को छपरा जिले में एंबुलेंस से शराब बरामद की गई। बताया जाता है कि भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी ने सांसद निधि से मरीजों के लिए एंबुलेंस दिया था। सांसद ने तो मरीजों की सुविधा के लिए एंबुलेंस दिया था। लेकिन, शराब माफिया मरीज ढोने के बजाय एंबुलेंस से शराब की तस्करी करने लग गए। छप...

करो वोट से चोट! -प्रसिद्ध यादव@गुंतकल A P

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  खा गया जो पैसा पैखाना का इंदिरा आवास जल नल योजना का जल जीवन हरियाली का मनरेगा के कबीर अंत्योष्टि में कफन चोर  कफ़न का गली का, नली का सात निश्चय योजना का बृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन विकलांग पेंशन, सुकन्या योजना का। करो वोट से चोट। खा गया गरीबों के निवाला फर्जी राशन कार्ड बनाकर अंत्योदय का, अन्नपूर्णा का हेल्थ कार्ड, कालाबाजारी खाद की पाइन उड़ाही, कुंआं उड़ाही तालाब उड़ाही,बच्चों के पोषाहार का मिले तो करें सवाल पांच साल में बनाया कितना अपना माल? कितना बेचैन है जनसेवा के लिए कभी जोड़ता हाथ कभी पकड़ता पांव अबकी बार पार लगा दो बदल देंगे गांव करो वोट से चोट।  जागो वोटर! जागो!