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Showing posts from February, 2024

फ़िल्म 'लापता लेडीज ' नई नवेली दुल्हन की अदला बदली की कहानी-प्रसिद्ध यादव।

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       जब हमारे यहां घूंघट प्र था थी और शादी से पूर्व दुल्हा दुल्हन की चेहरे तक नहीं देख पाता था।ऐसे में दुल्हन को पहचानने का सवाल ही कहाँ से होता। ये वास्तविक घटनाओं पर आधारित है।खासकर भोजपुर क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं घट चुकी थीं। यह घटना अक्सर भीड़भाड़ में ट्रेन में चढ़ने के क्रम में होती थी । दुल्हन की चादर प्रायः एक ही रंग की होती है लाल चादर,पहनावा ओढावा भी एक तरह के होते हैं। रंग रूप तो दिखाई ही नहीं पड़ता है।ऐसे में ऐसी घटनाएं होना लाज़मी है। उस वक्त महिलाओं में शिक्षा का भी घोर अभाव थी । इतना होने के बावजूद भी महिलाओं की पतिव्रता धर्म सुरक्षित रहती थी।   आमिर खान परफेक्शनिस्ट हैं ये हम सब जानते हैं, वो अपनी फिल्मों में जान लगा देते हैं, सालों देते हैं, और अब यही काम उनके प्रोडक्शन में भी हो रहा है, आमिर खान प्रोडक्शन की फिल्म लापता लेडीज में आमिर खान का टच साफ नजर आता है, डायरेक्टर किरण राव ने वैसा ही मैजिक क्रिएट किया है जिसके लिए आमिर जाने जातें हैं वो भी बिना बड़े सितारों, बड़े सेट, महंगे कॉस्ट्यूम के बिना किरण ने दिखा दिया है कि उन्होंने आमिर से परफेक...

सेवानिवृत्त 32 रेलकर्मियों का किया गया "समापक भुगतान"*

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  बड़े भाई इंटक के वरिष्ठ लीडर सह जोनल अध्यक्ष,मजदुर काॅग्रेंस, जफ़र हसन हुए सेवानिवृत्त,अब बची जिन्दगी समाज को समर्पित। पूर्व मध्य रेल, दानापुर रेल मंडल द्वारा आज दिनांक 29.2.2024 को फरवरी 2024 में सेवानिवृत्त हुए 32 रेलकर्मियों को दानापुर, सभागार में "समापक भुगतान एवं विदाई" दिया गया।  इसमें रेलसेवा से सेवानिवृत्त उपस्थित रेलकर्मचारियों को मंडल रेल प्रबंधक, दानापुर श्री जयंत कुमार चौधरी द्वारा अंगवस्त्र एवं डायरी देकर सम्मानित करते हुए भावभीनी विदाई दी गई। कार्यक्रम की शुरुआत वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी द्वारा किया गया; जिन्होंने आज के समापक भुगतान का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया।  मंडल रेल प्रबंधक, दानापुर ने अपने संबोधन में उपस्थित सेवानिवृत्त होने वाले रेल कर्मचारियों के सुखद, स्वस्थ एवं समृद्ध भविष्य की कामना करते हुए कहा कि अपने "समापक भुगतान" की राशि को असुरक्षित जगहों पर निवेश ना करें।   *जीवन में आनंदमय रहने के लिए  स्वस्थ रहना जरूरी है, साथ ही साथ सामाजिक रूप से भी सक्रिय रहना है।*  सेवानिवृत्त होने वाले रेल कर्मियों को एक्युप्रेशर,होमियोपैथ...

कौन है मौत का सौदागर ?

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      अरबों की नशीला पदार्थ हुआ ज़ब्त ! आखिर कौन है पूंजीपति! बापू की जन्मभूमि पर मौत का सौदा ,गुजरात मॉडल में सिर्फ तबाही की सामान। इससे पूर्व आंध्रप्रदेश के बंदरगाह पर भी अरबों की नशीला पदार्थ ज़ब्त हुआ था। आखिर इस कारोबार में पर्दे के पीछे कौन है जो पकड़ के बाहर है। अब तक न जानें कितना नशीला पदार्थ देश में आ गया होगा,जो पकड़ के बाहर है। यही कारण है कि आज सूखे नशा देश के शहरों से लेकर गांवों तक पहुंच गया है। देश के युवा नशे के गिरफ्त में आ रहे हैं। इस स्थिति को देखकर लगता है कि आने वाले समय युवा नशेड़ी का देश हो जायेगा। नौसेना के अनुसार  इस ऑपरेशन में 3089 किलोग्राम चरस, 158 किलोग्राम मेथम्फेटामाइन और 25 किलोग्राम मॉर्फीन ज़ब्त की गयी है. पैसों की भूख में  कुछ लोग मौत के सौदागर बन घूम रहे हैं और उसकी पहचान भी नहीं हो रही है।

जन विश्वास महारैली में आगन्तुकों के ठहरने की व्यवस्था।

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जन विश्वास महारैली में आगन्तुकों के लिए विभिन्न समितियों के माध्यम से तैयारी चल रही है और सभी के ठहरने के लिए व्यवस्था की जा रही है: एजाज अहमद आगामी 03 मार्च को आयोजित होने वाले ‘‘जन विश्वास महारैली’’ के संबंध में राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदानन्द सिंह वरिष्ठ नेताओं के साथ विभिन्न समितियों के सदस्यों के साथ बैठक कर तैयारियों की अद्यतन स्थिति और उसकी समीक्षा कर रहे हैं और इसके लिए दिशा-निर्देश दे रहे हैं। राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि राष्ट्रीय जनता दल की ओर से जन विश्वास महारैली के लिए जो समितियां बनाई गई है उसमें गांधी मैदान व्यवस्था समिति, मंच व्यवस्था समिति, मीडिया समिति, आवास समिति, भोजन समिति, प्रचार-प्रसार समिति, सूचना पे्रषण समिति, जल एवं प्रसाधन समिति, झंडा-बैनर समिति के द्वारा लगातार कार्य किये जा रहे हैं। इन्होंने आगे कहा कि राज्यभर से आने वाले लोगों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था विभिन्न स्थानों पर की गई है जो स्थान निर्धारित किये गये हैं उसमें 1 भेटनरी काॅलेज मैदान शिविर में पूर्वी चम्पारण, शिवहर, कटिहार, गोपालगंज, सीवान, वैशाली, समस्तीपुर, लख...

बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं चिंताजनक !

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          बढ़ती सुख सुविधा के दौड़ में लोगों  की व्यस्तम जिंदगी हो गई है। हर कोई समय को अपने मुट्ठी में रखने की कोशिश है।हर किसी को जल्दी है। युवाओं में फर्राटे भरने में मजा आता है। कान में ईयर फोन लागकर गीत संगीत की मस्ती में मौत को गले लगा रहे हैं। सड़क पर  दिये गए नर्देशों का पालन नहीं करना भी दुर्घटना के कारण है। सड़कों पर अतिक्रमण , ओ वर टेक ,क्षमता से अधिक सवारी आद भी जानलवा बन गया । जरूरत से अधिक बेवजह भी लोग चारपहिया वाहन सड़कों पर  निकालते रहते हैं। सबसे अधिक लोगों में ट्रैफिक सेंस की जरूरत है । शराब पीकर या नशे का सेवन कर लोग सड़कों पर गाड़ियां चलाते हैं।।देश भर में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती ही जा रही  है । सड़क दुर्घटनाओं में जानमाल की हानि मानवीय भूल का कारण है। देश में सड़क दुर्घटना में हर घंटे 25 लोगों की मौत होती हैै। बहुत कम दुर्घटनाएं वाहन की अचानक तकनीकी खराबी या अन्य कारणों से होती हैं। सतर्कता से सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों की जान बचाई जा सकती है। सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों की जान बचाने के लिए परिवहन, पुलिस, लोक निर्माण और सबंध...

जामताड़ा में एक दर्जन से अधिक यात्रियों को ट्रेन के चपेट में आने से हताहत !

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          भारत की लाइफ लाइन थोड़ी सी चूक के कारण  डेथ लाइन बन जाती है। लाइन किनारे गिट्टी काल बन गई। गाड़ी में आग की चिंगारी की अफवाह फैली।नतीजा, अंग ट्रेन के यात्री मजबूरन  ऑपोजिट साइड में  जान बचाने के लिए उतर गए और विपरीत दिशा से लोकल ट्रेन रौंदते यात्रियों को चली गई।  आगे कुंआ पीछे खाई वाली हालात हो गई।झारखंड के जामताड़ा जिला में विद्यासागर और कलाझरिया के बीच ट्रेन की चपेट में आने से दो यात्रियों की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक काला झरिया के पास भागलपुर से यशवंतपुर जा रही अंग एक्सप्रेस तकनीकी कारण से रुकी हुई थी. अनुमान लगाया जा रहा है कि अंग एक्सप्रेस के कई यात्री ट्रेन से उतर गए थे, इसी दौरान दूसरे ट्रैक पर आसनसोल से बैद्यनाथधाम जानेवाली पैसेंजर ट्रेन की चपेट में कई लोग आ गए. अब तक दो लाशें बरामद हो चुकीं हैं. स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम पहुंच गई है. अंधेरा होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना मुश्किल हो रहा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतकों की दो से अधिक हो सकती है. पूरे इलाके में चीख पुकार मची हुई है. अंग एक्सप्रेस को काशीटांड़ ...

रामराज्य में छापाखाने से ही पर्ची लीक !

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          बुलडोजर  राज, रामराज्य जितना उपमा देना है दे दें लेकिन जब युवाओं की रोजी रोटी की बारी आती है तो बुलडोजर ,रामराज्य सब ध्वस्त हो जाता है ।युवाओं के सपने मलिन हो जाते हैं। पुलिस की भर्ती में मध्यम, व निम्न वर्ग के लोग अधिक होते हैं ।दिन रात कड़ी मेहनत कर युवा तैयारी करते हैं और सेटर उनके अरमानों पर पानी फेर देता है। इसमें सरकार की लापरवाही से इंकार नहीं किया जा सकता है।पुलिस अधिकारियों की मानें तो परीक्षा को लेकर किसी जिले से गड़बड़ी के सुराग नहीं मिले हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि इसकी साजिश प्रश्न पत्रों की छपाई करने वाली प्रिंटिंग प्रेस में रची गयी थी। वहां के कुछ कर्मचारियों ने पेपर की सेटिंग के दौरान प्रश्नों को नोट किया, जिसे बाद में अपने संपर्क में आए कुछ कोचिंग संस्थानों से लाखों रुपये लेकर सौंप दिया। अब एसटीएफ इसी दिशा में अपनी जांच आगे बढ़ाने की तैयारी में है। बता दें कि परीक्षा के लिए भर्ती बोर्ड ने 48,17,442 एडमिट कार्ड जारी किए थे। इनमें से 43,13,611 अभ्यर्थियों (89.54 प्रतिशत) परीक्षा में शामिल हुए थे। बिहार निवासी अभ्यर्थी सत्य...

गांधी परिवार की शहादत भूल गालियां देते हैं बड़बोले !

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  कोई अधम व्यक्ति ही मृतकों को गाली दे सकता है! इस देश का दुर्भाग्य ही कहें कि गांधी परिवार से दो -दो  देश के पीएम इंदिरा गांधी व इनके पुत्र राजीव गांधी की निर्मम हत्या कर दी गई। देश इस अपूर्णीय क्षति को झेला है। 40 वर्षों से गांधी परिवार का कोई न देश का पीएम हुआ और ना ही किसी राज्यों में सीएम ना ही केंद्रीय मंत्री भी बने। सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी कभी कोई मंत्री नहीं बनी। देश के लिए शहादत देने वाले को गालियां देना उचित है? कॉंग्रेस नेता खड़गे ने मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि मोदी द्वारा गांधी परिवार को गाली देना ठीक नहीं है। इंदिरा गांधी के हत्या के बाद देशवासी पूरी तरह से गांधी परिवार के साथ खड़े थे और 400 से अधिक सीटों पर कॉंग्रेस को विजयी दिलाकर अपार बहुमत दिया था। उस वक्त के अधिकांश कोंग्रेसी आज भाजपा के नेता बने हुए हैं और मतदाता भी भाजपा में चले गए।इसके बावजूद भी कहते हैं कि 70 सालों में कोई काम नहीं हुआ है। जो आज भाजपा में बने हुए हैं वे अपने पुरखों से पूछें कि कल कॉंग्रेस को क्यों वोट दिए थे और आज उनके ही सन्तान कॉंग्रेस को क्यों कोस रहे हैं। चीत...

दलबदल! निर्लज्जता व जनता के साथ धोखा !

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   जिस तरह से नेताओं के चाल चलन बदल रहे हैं और अवसर देखकर पाला बदल रहे हैं तो क्या ऐसे लोग जनता के विश्वासी कभी होंगें? जनता किसी को जनप्रतिनिधि दलगत विचारों के आधार पर चुनती है लेकिन दलबदल करने से विचारों को ठेस पहुंचती है। अब चुनाव में दलबदल कर रहे कुकुरमुत्ते को देखते हुए चुनाव आयोग को शपथ पत्र लेना चाहिए कि वो दलबदल करेगा या नहीं ताकि जनता यह सब सोच समझकर वोट देगी। कोई भी उम्मीदवार अगर दलबदल करने की घोषणा करेंगे तो सम्भवतः उनकी जीत की संभावना कम होगी ।चाहे वो किसी भी दल के क्यों न हो! कुछ भय से, कुछ विधानसभा से लोकसभा जाने के जुगाड़ में तो कुछ धन प्रलोभन के कारण अपनी ज़मीर बेच रहे हैं. जनता की भावनाओं से क्या लेना देना है. अब जन आकांक्षा की नही अपने नफा नुकसान की राजनीति हो रहा है।  

ईडी फर्जी ईडी का खेल हो रहा है।

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      इस देश में ईडी का भय साक्षात यमराज की तरह है। जरा सी ईडी की भनक लगी लोगों का बीपी बढ़ जा रहा है।राजनेताओं का आत्मा बदल जाता है और सीधे सत्ता में घुस जा रहा है।यही भय के माहौल में फर्जी ईडी अब बन रहे हैं। हालाँकि सत्ता शरणम में ईडी का भय नहीं है।देश के 85 फ़ीसदी ईडी की नजर विपक्ष पर ही है और 15 फ़ीसदी की जांच या तो बन्द हो गई या कछुए की चाल से है।  मुंबई में स्पेशल-26 की तर्ज पर हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की यूनिट 9 कुल 6 आरोपियों को फर्जी ED अधिकारी बनकर ओमकार डेवलपर से 164 करोड़ वसूल करने की कोशिश करने के मामले में गिरफ़्तार किया है। इसी मामले की जाँच अब असली ED ने शुरू कर दी है, सूत्रों ने बताया की ED ने इस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच से जानकारी ली है और अब इस मामले में ECIR दर्ज कर इसकी जाँच शुरू कर रही है।  क्राइम ब्रांच की यूनिट 9 के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दया नायक के अनुसार इस मामले में कुल 6 आरोपी गिरफ़्तार किए गए हैं। अभी और लोगों गिरफ़्तारी संभव है। इस मामले में हीरेन रमेश भगत उर्फ़ रोमी भगत नाम के शख़्स को मुंब...

तेरी औकात क्या है? भाजपा नेता उवाच @दानापुर @शव वाहन लोकार्पण !

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     @दानापुर सचमुच शव वाहन का उद्घाटन ही हो जाता। खून अपनी गर्मी दिखाती है, चाहे वो किसी दल में हो।  लोकार्पण का लक्षण मंच पर ही दिखाई देने लगा। दो भाजपा नेताओं में बात इतनी बढ़ गई कि लगा सचमुच शव वाहन का कहीं साक्षात लोकार्पण के साथ उद्घाटन न हो जाये। बात नेताजी की मान सम्मान की थी ,देखते देखते एक दूसरे के औकात देख लेने तक आ गई। संस्कारी पार्टी यूपी वाली घटना की पुनरावृत्ति होते होते बच गई।यूपी भाजपा बैठक में ऐसे ही एक विधायक ने सांसद को जूता मारने की बात कह दिये।सांसद ने याद आते ही 7 सेकेंड में विधायक के सर पर 15 जूते मारकर  वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। एक समय लगा कि यूपी का रिकॉर्ड बिहार में टूटेगा लेकिन कोई जूते मारने का डायलॉग कहना भूल गए थे। मंच पर निवर्तमान से लेकर कई भावी विधायक मौजूद थे।सांसद अपने चुनाव के फेर में थे और इधर 4 -5 प्रत्याशी अपना प्रभाव दिखाने में लगे हुए थे। कई प्रत्याशी राजद से ट्रेनिंग लिए हुए हैं तो अंदाज कुछ अलग तो होगा ही।  भला हो सांसद को की किसी तरह झगड़े को सुलझाये ,नही तो  अस्पताल ही आश्रय बन जाता। डॉक्टर व सिविल सर्जन देखकर हक...

चाँदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल..पंकज उधास

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  इनके द्वारा रचित व दिल को छू लेने वाली आवाज़ आज सदा के लिए बन्द हो गई।  उधास चिठी आई है सहित अनेक गजल देश दुनिया के लोग सुनकर मन बहलाते थे। सात समंदर पार गया तू, हमको जिंदा मार गया तू ..आज वाकई में अपने चाहने वाले को यही हाल में छोड़ गए।  चाँदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल एक तूही धनवान है गोरी बाकी सब कंगाल चाँदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल एक तूही धनवान है गोरी बाकी सब कंगाल एक तूही धनवान है गोरी बाकी सब कंगाल जिस रस्ते से तू गुज़रे वो फूलों से भर जाये जिस रस्ते से तू गुज़रे वो फूलों से भर जाये तेरे पैर की कोमल आहट सोते भाग जगाये जो पत्थर छू ले गोरी तू वो हीरा बन जाये तू जिसको मिल जाए वो तू जिसको मिल जाए वो, हो जाये मालामाल एक तूही धनवान है गोरी, बाकी सब कंगाल चाँदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल एक तूही धनवान है गोरी बाकी सब कंगाल जो बे-रंग हो उस पर क्या क्या रंग जमाते लोग जो बे-रंग हो उस पर क्या क्या रंग जमाते लोग तू नादान ना जाने कैसे रूप चुराते लोग नज़रें भर भर देखें तुझको आते जाते लोग छैल छबीली रानी थोड़ा छैल छबीली रानी थोड़ा घूँघट और निकाल एक तूही धनवान है गो...

लेजेंडरी सिंगर पंकज उधास का निधन!

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       चांदी जैसा रंग है तेरा.. गीत बहुत याद आएंगे।न उधास अनी गायकी से हर किसी के दिल पर राज करते थे।ग़ज़ल हो फिल्मी गीत जिस भाव से गाते थे कि सुनने वाले खो जाते थे।    लेजेंडरी सिंगर पंकज उधास का निधन हो गया है. 72 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. पंकज की बेटी नायाब उधास ने सिंगर की मौत की खबर शेयर की है. पोस्ट में उन्होंने लिखा- बहुत दुख के साथ हमें ये आपको बताना पड़ रहा है कि पद्मश्री पंकज उधास का 26 फरवरी 2024 को निधन हो गया है. वो लंबे समय से बीमार थे. वो उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे. 10 दिन पहले अस्पताल में भर्ती हुए थे. उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा. पंकज उधास के पीआर ने बताया कि सिंगर का निधन 26 फरवरी की सुबह करीबन 11 बजे ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ था. लंबे समय से वो बीमार थे. बीते कई दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी. सिंगर के निधन की न्यूज पता चलने के बाद म्यूजिक जगत में मातम पसरा हुआ है. पंकज जैसे गजल गायक का यूं दुनिया छोड़ जाना फैंस को गमगीन कर गया है. हर कोई नम आंखों से सिंगर को आखिरी श्रद्धांजलि दे रहा है. 

अवैध जमीन कब्जा व फर्जी जमाबंदी कायम करने वाले होंगे सलाखों में !

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   कुछ लोग पैसे व पावर के बदौलत राजस्व कर्मचारियों व अंचलाधिकारी को अपने जेब में लेकर घूमते हैं, उनके गुरुर जल्द टूटने वाले हैं। कुछ तो पैसे के बल पर जमीन के फर्जी जमाबंदी कायम कर लिया है, जो उसके जल्द ही गले की हड्डी बनने वाली है। ऐसे कुकृत्य करने के मतलब अपने गुनाहों का साक्ष्य छोड़ देना।  अभी दानापुर अंचल में दबंगों द्वारा यही कुकृत्य किया गया था जो अभी सलाखों के अंदर गये।अभी कई सलाखों के दरवाजे पर खड़े हैं जो जल्द ही कारागार में जाएंगे। दबंग जितनी होशियारी दिखाता है, नित्य नए तिकड़म करता है, उतना ही दलदल में फंसता है। फर्जीवाड़े के चक्कर में कई राजस्व कर्मचारी व अंचलाधिकारी फंसे हुए हैं और इसमें बिहटा,दानापुर, फुलवारी शरीफ सबसे आगे है। जल्द ही फर्जीवाड़े की चेहरे से नक़ाब उतरेंगे।

काश !मोदी कभी मंहगाई व बेरोजगारी पर भी मन की बात करते

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   मुँह से महंगाई के ' म ' शब्द भी मनमोहन जी के मुंह से कभी नहीं निकलता है ,ऐसा आरोप मोदी जी लगाते थे।मोदी जी की मन की बात की सौ से अधिक एपिसोड हो गया लेकिन देशवासी कभी महंगाई की म शब्द नहीं सुने और बेरोजगारी दूर करने के लिए पकोड़े तालने से ज्यादा कुछ ट्रिप नहीं बता सके । मौजूद बेरोजगारी दर 8.7 फ़ीसदी है जो चिंताजनक है।महंगाई 7.44 फीसदी तक पहुंच गई है।महंगाई व बेरोजगारी से आमजन सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।बढ़ती महंगाई लोगों का बजट बिगाड़ दिया है तो बढ़ती बेरोजगारी युवाओं को अपराध में धकेल रहा है। मोदी के मनमोहन सिंह पर किया गया तंज याद होगा।वे कहते थे जितनी उम्र मनमोहन सिंह की हो गई है, उतनी ही रुपये की मूल्य गिर रही है।आज मोदी जी को बताना चाहिए कि रुपये की मूल्य किसके उम्र के बराबर गिर गई है। ऐसे मणिपुर सहित अन्य मुद्दे पर मोदी जी का मौन व्रत जारी है।

किसानों के लगानों पर भी 75 फ़ीसदी से अधिक सेस वसूल रही है मोदी सरकार !

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               किसी भी  जमीन के प्लाट मे  से  मालगुजारी 50 रुपये लगता है तो उसमें 20 भू राजस्व और 29 रुपये सेस लग रहा है । स्वच्छता सेस,स्वास्थ्य सेस, कृषि सेस भी किसानों से लिया जा रहा है, जबकि यह सेस विशेष परिस्थितियों में कुछ समय के लिए विलासिता   व आरामदायक वस्तुओं पर लगता था । सेस यानी उपकर टैक्स के ऊपर लगाया जाने वाला एक विशेष कर होता है. आमतौर पर सेस विशिष्ट उद्देश्य के लिए लगाया जाता है और जब इस कर को लगाने का उद्देश्य पूरा हो जाता है, तो सरकार इसे वसूलना बंद कर देती है. इस कर की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे जो भी सरकार लगाती है, उसे इस कर को किसी के साथ साझा नहीं करना पड़ता. उदाहरण के तौर पर यदि सरकार ने किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए सेस लगाया है, तो वह इसे अन्य राज्यों के साथ साझा नहीं करती है.      भारत में अंग्रेजी शासन के दौरान इसे किसी खास उद्देश्य के लिए वसूले जाने वाले टैक्स के लिए, इस्तेमाल होता था। जैसे कि सिंचाई कर ,शिक्षा कर  वगैरह। इसके बाद भी अलग-अलग समय पर, कई तरह के...

सेस लगाकर मोदी सरकार जनता की खून चूस ली।

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       कैग ने किया खुलासा !पीएम मोदी ने कहा था कि मैं बनिया हूँ। मेरे खून में व्यापार है। कैग के रिपोर्ट से यह साबित हो गया कि मोदी सरकार ने कैसे सेस लगाकर जनता की खून चूस ली। वर्ष 2021-22 के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल टैक्स संग्रह जहां 27 लाख 9 हजार, 315 करोड़ रुपये था, उसमें अकेले सेस से आम लोगों से 4,78,680 करोड़ रुपये की वसूली की गई थी, अर्थात कुल टैक्स कलेक्शन में अकेले 17.67% सेस वसूली से आया था। लेकिन इसमें भी एक्साइज और जीएसटी पर जितने बड़े पैमाने पर सेस वसूला गया है, वह बताता है कि किस प्रकार लोकतंत्र में सजग नागरिकों और विपक्ष के अभाव में सरकार निरंकुश हो जाया करती हैं, और आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा बहाए गये खून को पूंजीवादी लोकतंत्र पूरी तरह से बेमानी बना देता है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान मोदी सरकार ने एक्साइज टैक्स के मद में 3,90,808 करोड़ रुपये की वसूली की थी। लेकिन जानते हैं, इसमें सेस कितना था? पूरे 67.41% अर्थात 3.90 लाख करोड़ में से 2 लाख 63 हजार 432 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने सेस लगाकर ही वसूला है। इसी प्रकार जीएसटी में भी कु...

बेरोजगार व किसान जाग गए तो मोदी मैजिक खत्म !

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    धरातल छोड़ आसमान पर उड़ने वाले, बड़ी बड़ी बातें करने वाली मोदी सरकार को सिर्फ देश के बेरोजगार व किसान जागरूक हो गए तो पानी पिला कर छोड़ देंगें। सरकार की मिशन है कि अबकी बार मोदी सरकार 400 के पार। किसानों का आय लागत से भी कम और बेरोजगार केंद्र में लाखों की खाली पड़े पद के बावजूद सड़कों पर भटकते रहे।  मोदी सरकार आईटी की वाहवाही लूट रही है।स्मरण होगा कि 1987 में जब राजीव गांधी देश में पहला एटीएम चालू किया था तो भाजपा पूरे देश में भारत बन्द किया था।   भारत में आईटी के क्षेत्र में क्रांति राजीव गांधी की देन है और इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। आज निजीकरण के कारण जिस तरह सरकारी नौकरी खत्म हो रही है आने वाले समय में यहां के बेरोजगार युवकों की लंबी फ़ौज तैयार हो जाएगी। धनाढ्य लोग अपने बच्चों को निजी क्षेत्र में पैसों के बल पर मेडिकल, इंजीनियरिंग की सर्टिफिकेट खरीदकर लाइफ सेट कर देते हैं लेकिन मध्यम वर्गीय व निम्न वर्गीय लोग गुलामी की ओर बढ़ रहे हैं और इसी का रामराज्य नाम दिया जा रहा है। शिक्षा का वर्गीकरण इतना हो गया है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाने के लिए लाखों की जरूरत है।...

पाठक ईश्वर तुल्य गुरुजी को भी सरेआम दीं गालियां !

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     नीतीश कुमार के एक बिता की गाली का उदाहरण लोगों ने सुना। जैसे गायक किसी शब्दों को तान में लम्बी अवधि तक गाते रहता है, उसी तरह गाली में प्रयुक्त शब्द लम्बी अवधि तक खींची जाती है जो एक बिता की गाली होती है। गुड गवर्नेंस का नमूना इससे बड़ा क्या हो सकता है ? पाठक के नित्य नए तुगलकी फरमान से गुरुजन ऐसे ही माथा पकड़े हुए थे।अब बाकी कसर गालियां देकर पूरी कर दी। शिक्षकों को प्रशिक्षण में संस्कार,नैतिकता की पाठ पढ़ाई जाती है ताकि वो गुण बच्चों में दे सके ,लेकिन यहां पाठक ने गुरुजनों के ऐसा मनोबल तोड़ दिया कि बेचारे कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। किसी पर रौब जमाने के लिए, भयादोहन करने के लिए गाली देने से अच्छा कोई विकल्प नहीं है।जैसे अपराधी हिंसा से लोगों को भयभीत करता है वैसे ही अब अधिकारी अपने अधीनस्थ को। गाली गलौज करने की परम्परा अन्य विभागों में खूब थी,लेकिन शिक्षा विभाग में खुलेआम पहली बार गुड गवर्नेंस में देखने को मिला । पेट आदमी को जो न करवा दे, गालियां खाकर भी पेट भरते रहे तो ऊपर वाले को धन्यवाद। गालियां का समाजशास्त्र से गहरा संबंध है। गालियां कोई किसी को दे ,लेकिन अंग व...

पांडेय जी नाल बजाते ^ बजाते सो जाते हैं। - प्रसिद्ध यादव।

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  रसगुल्ला खाकर शुरुआत और रसगुल्ला से ही अंत। पांडेय जी बड़ी दिल खुश मिजाज के आदमी हैं। इन्हें कई वर्षों से जनता ही नहीं अपने सूत्रधार के कार्यक्रम में नाल पर संगत करते देखा है।बहुत अच्छा नाल ,ढोलक बजाते हैं। ये परम् संतोषी भी हैं और मल्टीपर्पस भी । किसी श्राद्ध में पंडित जी की जरूरत पड़ी तो वहां भी हाजिर हो जाते हैं।एक श्राद्ध में बिल्कुल पंडित जी की भूमिका में मैं देखा तो मैं कन्फ्यूज हो गया कि वही है कि दूसरा कोई, तब  पंडित जी टोक  दिए तब हम समझ गए कि वही नाल वादक हैं। जब मैं पूछा कि - यहु सब में चलते हैं क्या ? बेचारे सहमते हुए बोले - जहां ब्राह्मण के पेट भर जाये ! यह वाकया सुनकर मधुबनी के कई पत्रकार पंडित जी की याद आ गई। पटना के एक होटल में एक मेरे मित्र पार्टी दिए उसमें तीन पंडित जी पत्रकार आये ।बड़े पत्रकार टीवी चैनल के हैं ,उन्होंने मटन खाने की फरमाइश की ,उस मटन विधि का नाम पहली बार सुना था।जितना अकेले एक पंडित जी मटन खाये उतना हम सात दिन में खाते। चंदन झा बोले कि- कथि के यादव जी है कि एके पीस खाकर हाथ बार दिए । खैर, मित्र बिल मांगे तब घर के लिए भी पत्नी की शौक पूरा ...

कलियुग में कमल के कवच भ्रष्टाचारी को भी बचा सकता है।

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       कितनी ताकत है कमल में वो इसके कवच पहने लोग ही बता सकते हैं। कोई बाल बांका भी नहीं कर सकता है। मोदी सरकार के खिलाफ बोलना मना है !   मोदी सरकार से पंगा लेना, तीनों लोक से जाना है । लोकतंत्र की दुहाई देना है तो मोदी मॉडल से दीजिए।अगर इसके इतर कुछ भी कोई बोला तो खैर नहीं।  मोदी के खिलाफ बोलने का मतलब लोकतंत्र, रामराज्य, विश्वगुरु के खिलाफ बोलना। देश के 1 अरब 40 करोड़ लोगों में से आधे को यही सब पसंद है तो फिर बाधा किस बात की ?   लाख भ्रष्टाचार की  दलदल में कोई फंसा हो ,हाथ में कमल ले ले तो उसका उद्धार तय है।यही कारण है अनेक भ्रष्टाचारियों की सद्बुद्धि समय पर आ गई और भाजपा के दामन थाम कर धन्य हो गए।  राजनीति में कलंक न हो ऐसा हो ही नहीं सकता है और इसी बीमारी को पकड़कर विरोधी को होश ठंढे हो रहे हैं। अनगिनत नाम है जिस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा,लेकिन कमल की कवच ने सबको बचा लिया। सीबीआई ने गुरुवार 22 फरवरी को 30 से अधिक ठिकानों पर रेड की है, जिनमें जम्मू और कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का घर भी शामिल है. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रो...

वसुधैव कुटुंबकम सूत्रधार द्वारा नुक्कड़ नाटक की हुई प्रस्तुति !

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          खगौल। वसुधैव कुटुंबकम, विकसित भारत और पंचप्रण पर आधारित नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति सांस्कृतिक संस्था "सूत्रधार" ने खग़ौल स्थित आर्यभट निकेतन के परिसर में किया l राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली द्वारा भारत रंग महोत्सव के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर देश भर में आयोजित इस महोत्सव के अंतर्गत सूत्रधार ने खगौल में इसका भव्य आयोजन किया l लोक गायक गुलशन पांडे एवं राजेश कुमार ने हिदुस्तान की महिमा का बखान करते हुए मधुर गीत के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की l नाट्य प्रस्तुति रंगकर्मी नवाब आलम के निर्देशन में हुई l सोने की चिड़िया कहलाने वाले भारत का गौरव बढ़ाना है, विकसित भारत के सपनों को साकार करना है l पूरा विश्व एक परिवार, वसुधैव कुटुंबकम के संदेश को अपनाने का आह्वान नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से किया गया लो आ गई सोने की चिड़िया.. गाने की मधुर ध्वनि ने सबका मन मोह लिया l दर्शकों के मांग पर होली गीत पांडेय द्वारा गाया गया।  कलाकारों के साथ दर्शकों ने बी भी संकल्प दोहराया lकलाकारों में प्रेम राज गुप्ता(राकेश कुमार), जीशान आलम, तेजस रॉय,आदित्य कुमार,अभिषेक रा...

विधायक पिताश्री मुखिया जी पंचतत्व में हुए विलीन ..छोड़ गए संघर्ष गाथा !

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  अतिसय रगड़ी करै सो कोय, अनल प्रकट चंदन ते होय ! यह कहावत दिवंगत मुखिया रामाशीष राय और कोथवा ग्रामीणों के साथ शत प्रतिशत सत्य साबित होता है।  इस गांव में धुपलाल यादव मुखिया व एक दो यादवों के छोड़ सभी गरीब और दैनिक मजदूरी करने वाले, भैंस पाल कर ,बैलगाड़ी चलाकर, पालदारी कर के अपने जीवन शांतिपूर्ण बिना किसी शिकवा शिकायत के जीते थे। शिक्षा के नाम पर यादव में कुछ के छोड़कर बाकी न के बराबर थी।धुपलाल यादव इनके बृजनंदन यादव काफी धनाढ्य व शिक्षित थे,जो अभी पूरा परिवार अमेरिका में बसे हुए हैं।  इस गांव में कुर्मी का वर्चस्व था,सभी जमीन जायदाद ,व्यापार ,रेलवे के बड़े बड़े ठेकेदार थे लेकिन सभी लोग आपस में भाईचारे के साथ सुख दुख में साथ रहते थे। कोथवा कि पहली घटना सुर्खियों में अस्सी के दशक में आया जब खगौल के डॉन राजकुमार पांडेय की रेलवे स्टेशन दानापुर पड़ाव पर दिनदहाड़े हत्या हो गई थी। पत्थरों से पूरा चेहरा कुचल दिया गया था। पांडेय का दहशत ऐसा था कि इसके डर से रेलवे क्वार्टर की बहू बेटी  नही निकलती थी, जिसे जब चाहा, उसे उठा लिया ।एक दिन कोथवा के खगौल में ही बृजनंदन यादव मुखिया जी को अप...

आवाज़ के जादूगर अमीन सयानी का जाना दुखद !

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     ' बहनों एवम भाइयों ' से रेडियो पर मखमली ,दमदार आवाज़ अमीन सयानी जी की पहचान थी। जब सिबाका गीत माला पेश करते थे तो लोग रेडियो पर इनकी आवाज सुनने के लिए बेसब्री से इंतजार करते थे। गीतों से ज्यादा इनकी आवाज़ सुनने में मजा आता था। गीतों को जब पायदान नम्बर से बताते थे तब सुनने वाले को सम्मोहन होता था। अपनी जादुई आवाज और मस्त अंदाज से बरसों दुनिया के कई देशों के श्रोताओं के दिलों पर राज करने वाले अमीन सयानी का निधन हो गया है। 91 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। रेडियो की दुनिया में आवाज के जादूगर कहे जाने वाले दिग्गज के निधन से लोग मर्माहत हैं।

विधायक रीतलाल राय के पिताश्री मुखिया रामाशीष राय नहीं रहे 😢- प्रसिद्ध यादव।

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   गरीबी ,संघर्ष में  जीवन गुजारने व आत्मसम्मान ,स्वाभिमान के साथ जीने वाले दानापुर के विधायक रीतलाल राय के पिताश्री  रामाशीष राय जी के आज अचानक मृत्यु की ख़बर से हर कोई स्तब्ध रह गए। वे अभी कोथवा पंचायत के मुखिया थे और लगातार कई बार से मुखिया थे । वे बड़ी सरल स्वभाव व मिलनसार थे। विधायक जी से ज्यादा मुझे इनके पिता जी जानते थे।जब रीतलाल विधायक भी नहीं थे उस वक्त से मुखिया जी से लगाव रहता था।कई बार इनके पास जाने का मौका मिला ,उस वक्त रीतलाल जी सामने भी नहीं बैठते थे। विधायक होने के बाद भी मुखिया जी से ही ज्यादा मेरा लगाव रहता था। मुखिया जी के जीवन में भी अनेक झंझावात आये लेकिन मुस्कुरा कर जी लिए। बहुत पहले इनके बड़े पुत्र विजय यादव की हत्या हो गई थी, उस वक्त काफी असहाय महसूस करते थे लेकिन धीरे धीरे समय जीना सीखा दिया था ।लम्बा ,छरहरा सांवला शरीर ,लम्बी सफेद  रौबीला मूंछ ,सफेद बाल ,धोती कुर्ता ,पैर में सफेद जूते बरबस किसी को आकर्षित कर लेता था। विधायक जी आवास पर नहीं होते तो मुखिया जी ही अतिथियों का खयाल रखते थे। अब मुखिया जी के नहीं रहने से मुखिया जी का चौपाल तो सुन...

सुप्रीम कोर्ट चंडीगढ़ में लोकतंत्र को बचाया !

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         कलंक की टीका भाजपा को लगी यह जगजाहिर हो गया । ईवीएम की कौन कहे बैलेट पेपर पर ही डाका डाल दिया था । यही है रामराज्य ?  लोकसभा चुनाव में भाजपा की यह करतूत जरूर गूंजेगी ।  भाजपा के पास कोई जवाब नहीं है। खुद दूध के धुले तथा दूसरों पर आरोप प्रत्यारोप लगाने वाले कि घिघ्घी बन्द हो गई है।चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। मेयर चुनाव में हुए धांधली मामले की सुनवाई करने के बाद शीर्ष अदालत ने फिर से वोटों की गिनती कराने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि जिन 8 वोटों को अमान्य किया गया था, उन्हें भी मान्य माना जाएगा।अब आप के मेयर होंगे। यह लोकतंत्र की बहुत बड़ी जीत है।

सुदामा के चावल इतना इलेक्ट्रोल बॉन्ड नहीं है !

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         न खाएंगे ,न खाने देंगे  कहने वाले  सुदामा के चावल खाने की बात क्यों करने लगे ? ये सुदामा के चावल भर नहीं है ।इसके नाम पर करोड़ों ,अरबों रुपये का दान मिलता है और इसी दान से लोकतंत्र पर कब्जा कर सत्ता हथियाया जाता है।  खुद करे तो रासलीला ,दूसरा करे तो कैरेक्टर ढीला ।   देने वाले सुदामा और लेने वाले खुद श्री कृष्ण कह रहे हैं।  सुदामा अभावग्रस्त थे ,जो मित्र कृष्ण के यहाँ मिठाई के बदले लेकर आये थे।चुनावी चंदा देने वाले अभावग्रस्त हैं क्या ? किसी की उपमा किसी से दे देना न्यायसंगत नहीं है।  समय ऐसा बदल गया है कि आज के समय में अगर सुदामा ने कृष्ण को कुछ चावल दिए होते, तो उसका वीडियो सामने आते कि सुदामा ने कृष्ण को कुछ दिया है, एक जनहित याचिका दायर की जाती. जिस पर फैसला आता कि भगवान कृष्ण इस भ्रष्टाचार के मामले में में शामिल थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के संभल में यह टिप्पणी की और इसे चुनावी बांड पर हालिया फैसले से जुड़ा माना जा रहा है. पीएम मोदी पूर्व कांग्रेस सदस्य आचार्य प्रमोद कृष्णम द्वारा स्थाप...

रिश्तों में अपनापन ! - प्रसिद्ध यादव।

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    ' का  भौजी ? बड़का भईया, मंझला ,छोटका भईया ,पाहून , काका ,चाचा ,चाची ,काकी ,मौसी ,मामा, मामी ,दीदी ,फुआ, फूफा ,मेहमान जी ,भावज,जउत,साली ,बौआ के माय, बुनी के बाबू  जेठ ,जेठानी ,देवर,देवरानी,बहु,सासू, ससुर ,नाना ,नानी ... 'ऐसे अनेक रिश्ते हैं, जिसे आज भी गांवों में नाम से नहीं इन रिश्तों से पुकारते हैं।इन रिश्तों में कितना अपनापन होता है। कितना मिठास लगता था लेकिन अब आधुनिक युग में पति पत्नी की और पत्नी पति के नाम से पुकारती है।यही हाल रिश्तों में भी हो गया है। कुछ रिश्ते का अर्थ भी नहीं मालूम होता है अब जैसे -संवासिन  ,कुटुंबतारो , हिताई ,बहांजवाई ..आदि ।   शायद रिश्ते में कहने से शर्म महसूस होता है। यही से सम्बन्धों में रूखापन आने लगा है।आदमी की पहचान नाम से होने लगा, रिश्तों से नहीं। लोगों को पूछना पड़ता है कि ये रिश्ते में कौन लगते हैं। अब जीजा न कहकर लड़की बहन के नाम बोलकर उनके हसबैंड बोलती हैं।  यही हाल लड़के का है वो भी भाभी भूलकर फलाने की वाईफ हैं ,बोलकर काम चलाती हैं।  राजनीति के चापलूसी में अब नए नए रिश्ते आने लगे हैं ' गार्जियन ,हजूर...

सामाजिक न्याय छोड़ सनातन में उलझे बहुजन !- प्रसिद्ध यादव।

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       नेपथ्य में रहने वाले को देश की मुख्य धारा में जोड़ने का दुरूह व साहसी कदम था सामाजिक न्याय। मनुवादियों ने सनातन धर्म का ऐसा पाखंड चलाया कि वंचित व बहुजन समाज सामाजिक न्याय की लड़ाई भूलकर सनातन के जाल में फंस गए हैं।यही कारण है कि मनुवादी विचारधारा के लोग तीसरी बार सत्ता में आने की गारंटी कर रहे हैं।कहीं न कहीं  उनकी चाल सफल हो रही हैं।  भीमराव आम्बेडकर  और उत्पीड़ित जातियों और समुदायों के कई नेता समाज के हाशिये पर पड़ी जातियों को शिक्षित और संगठित होकर संघर्ष करते हुए अपने न्यायपूर्ण हक को हासिल करने की विरासत रच चुके थे। इसी तरह पचास और साठ के दशक में राममनोहर लोहिया ने इस बात पर जोर दिया कि पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और स्त्रियों को एकजुट होकर सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करना चाहिए। लोहिया चाहते थे कि ये समूह एकजुट होकर सत्ता और नौकरियों में ऊँची जातियों के वर्चस्व को चुनौती दें। इस पृष्ठभूमि के साथ नब्बे के दशक के बाद सामाजिक न्याय भारतीय राजनीति का एक प्रमुख नारा बनता चला गया। इसके कारण अभी तक सत्ता से दूर रहे समूहों को सत्ता की राजनीति के...

तमिलनाडु की आदिवासी महिला श्रीपति सिविल जज बनीं !

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        अवसर मिले और संघर्ष हो तो पहाड़ के कंदराओं में रहने वाले भी सफलता की झंडे गाड़ सकते हैं। यह कोई दैवी शक्ति के चमत्कार से नहीं शिक्षा की ज्योति से सम्भव हुआ है।  आदिवासी समाज कितनी गरीबी, झंझावातों में जीते हैं यह किसी से छुपी हुई नहीं है ,इसके बावजूद श्रीपति जज बन गई जो काबिले तारीफ़ व प्रेरणास्रोत हैं। श्रीपति जब जज की परीक्षा देने जा रही थी तब वो दो दिन पहले एक बच्चा को जन्म दी थी। प्रसव काल में डॉक्टर ऐसे लोगों को आराम करने की सलाह देते हैं लेकिन जब मन में जुनून हो तो कोई बाधा नहीं होता है ,इनकी माँ दूसरों के घर बर्तन साफ कर बेटी को जंगल से लाकर शहर के अच्छे स्कूल में दाखिला दिलवाई थी। पति एम्बुलेंस चलाकर पत्नी को पढ़ने में मदद करते थे। तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले के पुलियूर गांव की 23 वर्षीय आदिवासी महिला श्रीपति के सिविल जज  के रूप में चयन ने कई लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। सिर्फ इसलिए नहीं कि वह राज्य के सबसे पिछड़े पहाड़ी इलाकों में से एक से आती है, बल्कि इसलिए कि उसने बच्चे को जन्म देने के कुछ ही दिन बाद परीक्षा दी थी। मुख्यमंत्री एमके स...

किसानों से होम करते हाथ जली भाजपा की !

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   तू डाल -डाल ,मैं पात -पात वाली कहावत भाजपा और किसान आंदोलन में हो गया है। बड़ी मौके पर किसान नेता चौधरी चरण सिंह व किसानों के लिए नीतियां बनाने वाले स्वामीनाथन को मोदी सरकार ने भारत रत्न देकर किसानों को सम्मान व खुश करने की कोशिश थी लेकिन हो गया ठीक उल्टा ? किसानों ने मोदी सरकार द्वारा किसानों से किये गए वादे को लागू करने के लिए आंदोलन कर दिए। सरकार की किसानों के हितैषी होने का नाटक  तब दिखाई देने लगा जब इनके रास्ते में कील कांटे ठोकने लगे,ड्रोन से आंसू गैस से हमले होने लगे। मोदी  इन झंझावातों से दूर अबू धाबी में स्वामीनारायण की मंदिर का उद्घाटन किये और विदेशों में हिन्दू धर्म के झंडे लहराए। इसके बाद किसानों ने कहा कि स्वामीनारायण को मानते हैं लेकिन स्वामीनाथन की रिपोर्ट मानने में मोदी को परेशानी क्यों हो रही है? इसे कहते हैं कि होम करते हाथ जलना।

बेटी के घर बसाने में पिता , पुत्र व बेटी की हत्या !

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   ऐसी घटनाएं मन को झकझोर देती है । अच्छे घर में शादी करने के चक्कर में खुद की बर्बादी। अच्छा घर का मतलब  धन संपदा से नहीं ,अच्छे लोगों से होना चाहिए। दहेज दानव ने न जाने कितनी जिंदगी बर्बाद कर दी है।बिहार के बेगूसराय  में 25 वर्षीय एक महिला, उसके पिता और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस वारदात को महिला के ससुर ने अंजाम दिया.  घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी है. गांव के मुखिया का कहना है कि यह पकड़ौआ विवाह का मामला है. इसी वजह से महिला के ससुराल वाले उसे नहीं रख रहे थे. यह घटना साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के विष्णुपुर आहुक गांव की है. मृतकों की पहचान 25 वर्षीय नीलू कुमारी, नीलू के पिता उमेश यादव और भाई राजेश यादव के रूप में की गई है. ये लोग बेगूसराय जिले में श्रीनगर इलाके के रहने वाले थे. यह वारदात शनिवार शाम की है. उमेश यादव अपने बेटे और बेटी नीलू को लेकर नीलू की ससुराल गए थे. ग्रामीणों का कहना है कि जब उमेश बेटी की ससुराल पहुंचे तो ससुराल वाले भड़क गए और हाथापाई होने लगी.अपने सामर्थ्य से ह...

डॉ. अरविंद प्रसाद गुप्ता पटना के प्रसिद्ध आर्थोपेडिक सर्जन !

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           डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है । चिकित्सीय सेवा मानवीय सेवा से सीधा जुड़ा हुआ है ।  देखने में साधारण लेकिन आर्थोपेडिक में गजब की हाथों की सफाई । गुप्ता देश विदेश में कॉन्फ्रेंस व प्रशिक्षण प्राप्त कर वर्तमान में पटना पारस हॉस्पिटल में  आर्थोपेडिक सर्जन  हैं।  डॉ. अरविंद प्रसाद गुप्ता पटना स्थित एक प्रसिद्ध आर्थोपेडिक सर्जन  हैं। उन्होंने IMS, BHU, वाराणसी से MBBS की डिग्री प्राप्त की। आठ वर्षों के व्यापक अनुभव के साथ, डॉ. अरविंद विभिन्न आर्थोपेडिक आघात मामलों का इलाज करने में माहिर हैं। उनके अभ्यास का मार्गदर्शक सिद्धांत शीर्ष पायदान, समावेशी और लागत प्रभावी आर्थोपेडिक देखभाल प्रदान करना है। उनकी विशेषज्ञता घुटने में ACL/PCL/PLC/MCL के आर्थोस्कोपिक पुनर्निर्माण में निहित है। एक अग्रणी आर्थोपेडिक सलाहकार के रूप में, डॉ. अरविंद प्रसाद गुप्ता को आर्थोपेडिक्स, आर्थ्रोस्कोपी, घुटना रिप्लेसमेंट और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट में असाधारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए जाना जाता है। वह देखभाल की गुणवत्ता बढ़ाने, प्रणालियों ...

रिश्वत के बदले सेक्स ! गिफ्ट में मिला 13 को एड्स !

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  किसी असहाय को इतना भी मजबूर मत कर दो कि खुद तिल - तिल मरना पड़े। असहाय विधवा को रिश्वत में देने के लिए कुछ नहीं था तो रिश्वतखोरों ने उस विधवा की जवानी ही रिश्वत में मांग लिया।मरता क्या नहीं करता के तर्ज पर वही हुआ जिसकी अंदेशा पढ़े लिखे को भी नहीं होता है।एड्स से बचाव के लिए सरकार के द्वारा करोड़ों का विज्ञापन दिखाया जाता है, जागरूकता के कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं लेकिन रिश्वतखोरी की अंधापन जो न आदमी को करवा दे ! विधवा से हवस की ‘रिश्वत’ खाना महंगा पड़ा। अब ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी सहित कुल 13 लोग एड्स जैसी घातक बीमारी भुगत रहे। यह घटना उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की है।  थोक के भाव में डेढ़ दर्जन लोगों के एड्स रोगी होने की खबर मिलते ही स्वास्थ्य महकमे में जहां हड़कंप मचा है, वहीं पूरे जिले में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल गोरखपुर के भटहट ब्लॉक की 28 वर्षीय महिला की छह साल पहले शादी हुई थी। शादी के तीन साल बाद ही पति की बीमारी के कारण मौत हो गई। मायके वालों से भी महिला को सहारा नहीं मिला। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुजर-बसर करने के लिए गरीब महिला ने राशन कार्...

अबू धाबीमें मंदिर निर्माण से धर्म के ठेकेदारों को आंखें खुलनी चाहिए !

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        धर्म का मर्म क्या है ?यह अबु धाबी में देखने को मिला ।जहां सभी धर्म के लोग साथ मिलकर हिन्दू मंदिर के निर्माण में सहयोग किया। धर्म के नाम पर घृणा करने  नफरत फैलाने वाले को आंखें खुल गई होगी।  धर्म हमें सहिष्णुता, प्रेम,सद्भाव, भाईचारा का संदेश देता है लेकिन कुछ लोग दूसरे धर्म के लोगों को चिढ़ाने के लिए, उकसाने के लिए ही धार्मिक होने का भ्रम पाल लेता है।   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाड़ी देश की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। मंदिर का निर्माण बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) द्वारा किया गया है जो, जो हिंदू धर्म के वैष्णव  और स्वामीनारायण संप्रदाय का ही एक संप्रदाय है। पीएम मोदी ने बुधवार 14 फरवरी  को UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की मौजूदगी में भव्य मंदिर का उद्घाटन किया। यह मंदिर सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक है, जिसका लक्ष्य भारत और संयुक्त अरब अमीरात दोनों ने कल्पना की है। मंदिर का निर्माण 27 एकड़ भूमि पर किया गया है, जिसमे...

चंदा के धंधा में भाजपा को 90 फ़ीसदी मिली !

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        केंद्र सरकार चंदे की धंधे को काला धन रोकने का उपाय बता रही है और इसे सूचना के अधिकार से दूर करने की षड्यंत्र रच रही थी। साधारण व्यक्ति भी समझ सकते हैं कि यह भ्रष्टाचार की आकंठ में डुबकी लगाने से ज्यादा कुछ नहीं है। सरकार के प्रभाव में आकर अधिकतर काले धन वाले सरकार के दल को चढ़ बढ़ कर चंदा देती है । सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के चुनावी बॉन्ड को बड़ी झटका दिया है।भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को कुल 720 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिला था। इसमें वैसे दानदाताओं के नाम शुमार हैं जो 20 हजार से ज्यादा रुपये चंदा के रूप में दिए हैं। बीजेपी को 2021-22 की तुलना में 22-23 में 17.1% ज्यादा चंदा मिला। कांग्रेस को 2022-23 में कुल 79.9 करोड़ रुपये चंदा मिला था। 21-22 की तुलना में उसे 16.3 फीसदी कम चंदा मिला। 21-22 में कांग्रेस को 95.4 करोड़ रुपये चंदा मिला था। 2021-2022 में राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा कुल घोषित चंदा राष्ट्रीय पार्टी   चंदों की संख्या. कुल चंदा.  औसत चंदा बीजेपी 4957.      614.626 करोड़.    12.39 लाख  क...

चुनावी बांड योजना सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है - सुप्रीम कोर्ट .

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       सुप्रीम कोर्ट  ने चुनावी बॉन्‍ड योजना (Electoral Bonds) की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्‍ड योजना को रद्द कर दिया है. चुनावी बॉन्‍ड योजना को सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी साल में अंसवैधानिक करार देना, केंद्र सरकार को बड़ा झटका है. कोर्ट ने कहा, "काले धन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सूचना के अधिकार का उल्लंघन उचित नहीं है. चुनावी बांड योजना सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है. राजनीतिक दलों के द्वारा फंडिंग की जानकारी उजागर न करना उद्देश्य के विपरीत है." प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पिछले साल दो नवंबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने चुनावी बॉन्‍ड तुरंत रोकने के आदेश दिये हैं. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी कर कहा, "स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) चुनावी बांड के माध्यम से अब तक किए गए योगदान के सभी विवरण 06 मार्च तक चुनाव आयोग को दे." साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह 13 मार्च तक अपनी...

कितना बेवस ,लाचार है किसान ! ( कविता ) -प्रसिद्ध यादव )

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   कहने को तो देश के आन - बान -शान है । जय जवान !जय किसान !  कितना बेवस ,लाचार है किसान ! अपनी मेहनत का हक मांगता  नहीं किसी से भीख मांगता । सरकारी  वादे को  याद दिलाता । क्यों निष्ठुर सरकार इसके राहों में  कांटे कील ठोकता  ड्रोन से आंसू गैस छोड़ता ?  कितना बेवस ,लाचार है किसान ! जब डालते हो मुँह में निवाला  उस वक्त याद करना अन्नदाता  दशा देखकर उनकी कांप उठेगी रूह ! कितना बेवस ,लाचार है किसान ! जिसकी बीमारियों में, बिटिया की ब्याह  में  बिक जाती है जमीन -जायदाद ! न ठीक से कपड़े तन पर , रूखा सूखा खानपान  अभावग्रस्त जीवन यही है पहचान ! कितना बेवस ,लाचार है किसान ! किसानों का हाय मत लो ! ये प्रकृति के साधु हैं   इनकी भृकुटि टेढ़ी हुई तो  सत्ता क्या है ? सत्तासीन रसातल में चले जाते हैं । यारों के लिए सब सम्भव है  किसानों के लिए सम्भव भी असम्भव लगता है?  इसकी ताकत से कोई पार न पाया है  फिर जुमले वाले क्या डराएंगे? इनके लिए जीना क्या ?मरना क्या ? सब है एक समान ! कितना बेवस ,लाचार है किसान ! -प्रसि...

तू ड्रोन उड़ाएगा ,हम पतंग से काट देंगे!

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    एक निवाला मुँह में डालते समय किसानों के चेहरे को देख याद करना चाहिए। सभ्यता के सबसे सभ्य मानव किसान हैं। इनके पास ज्ञान का असीम भंडार है ,सिवाय बेईमानी को छोड़कर। इसे जो छलता है, उसे वे नहीं छोड़ते हैं। सबसे अधिक कठिन परिश्रम करने वाले किसान ही होते हैं ,जाड़ा ,गर्मी बरसात में भी वे खेतों में ही रहते हैं। यही कारण है कि वे सभी आपदाओं को सह लेते हैं। शारीरिक बल में कोई जोर नहीं है, इसके अलावा कुश्ती,लाठी चलाने में भी कोई मुकाबला नहीं कर सकता है। किसानों के जुगाड़ के भी कोई तोड़ नहीं है।   आसमान देखकर मौसम को मालूम कर लेते हैं । हस्तकला का कोई जोर नहीं है ।रस्सी ,पगहा , बीज भंडारण ,बीज रोपण ,पशुपालन करना ,हर तरह की खेती,सब्जी ,फल,बाग ,बगीचा  ,कपड़े के लिए कपास, ईख से गुड़ ,दूध,दही,घी ,मिठाई सब किसानों से आते हैं। जब थाली में खाते हैं वो सब किसानों के खून पसीने हैं। किसानों पर मारी गई एक एक लाठी का हिसाब ब्याज सहित वसूल हो जाएगा।सरकार किसानों के विरोध से बचने के लिए क्या क्या तरकीब नहीं अपना रही है? ड्रोन किसानों के खेतों में नैनों खाद छिड़काव के लिए बढ़ावा दे रही ...

रेलवे अधिकारी के पुत्र आरुष आर्य ने JEE Mains 2024 में परचम लहराया-

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  पटना के आरुष आर्य ने JEE Main 2024 में बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है। इसका परसेंटाइल स्कोर 99.9847 है। केमिस्ट्री में इसे 100 परसेंटाइल प्राप्त हुआ है। आरुष अभी कोटा में रहकर टेन प्लस टू एवं JEE एडवांस का तैयारी कर रहा है। आरुष ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई संत माइकल स्कूल पटना से किया है। 2022 में इसने क्लास 10 बहुत ही अच्छे नंबर (95.6%) के साथ पास हुआ है। इसके बाद आरुष आगे की पढ़ाई के लिए कोटा चला गया है।वहां वह अभी Reliable Institute कोटा से तैयारी कर रहा है।आरुष के माता-पिता ने बताया है कि आरुष शुरू से ही पढ़ने में मेधावी रहा है। आरुष ने बचपन से ही ओलंपियाड एग्जामिनेशन में बहुत सारे मेडल पाया है। पढ़ने के अलावा इसकी अभिरुचि क्रिकेट खेलना भी है। आरुष की अभिरुचि संगीत से भी है। आरुष ने प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से तबला में सीनियर डिप्लोमा भी किया है।  संत माइकल स्कूल में प्रत्येक क्लास में यह क्लास टॉपर रहा है। हर साल इसे संत माइकल स्कूल में एकेडमिक एक्सीलेंस अवार्ड ट्राफी एवं सर्टिफिकेट मिला है। आरुष के पिता श्री आशीष कुमार  आर्य जो की रेलवे में ग्रुप ए के अधिकारी हैं ...